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Raigarh Chhattisgarh news

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए सरकारी कर्मचारियों के शेयर, प्रतिभूतियों, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर्स में निवेश पर प्रतिबंध (Share trading ban) लगा दिया है। इस संबंध में 30 जून को राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन भी कर दिया गया है। यदि अब सरकारी कर्मचारी उपरोक्त में किसी में भी निवेश करते हैं तो इसे अवचार माना जाएगा। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सरकार ने यह फैसला तब लिया है जब पिछले दिनों कई सरकारी अधिकारी-कम्रचारियों द्वारा बड़े पैमाने पर शेयर व क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग (Share trading ban) की जा रही थी। इसकी शिकायत मिलने पर जांच कराई गई थी। जांच में मामले की पुष्टि होने पर कई के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी। अब इस पर सरकार की ओर से रोक लगा दी गई है।

राजपत्र में लिखी ये बातें

नवा रायपुर अटलनगर द्वारा राजपत्र में जारी अधिसूचना में लिखा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के परंतुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, एतद द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 में निम्नलिखित और संशोधन करते हैं, अर्थात-

Share trading ban
Chhattisgarh Rajpatra

संशोधन…

उक्त नियमों में- नियम 19 में उपनियम (5) के उपखंड (1) के उपखंड (ड) के पश्चात निम्नलिखित उपखंड जोड़ा जाए। अर्थात (च) शेयर, प्रतिभूतियों, डिबेंचर्स और म्यूचुअल फंड में (Share trading ban) निवेश स्पष्टीकरण- शेयरों, प्रतिभूतियों एवं अन्य निवेशों की बार-बार खरीदी-बिक्री (इंट्रा डे, बीटीएसटी, प्यूचर एंड ऑप्शंस एवं क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग/निवेश) को इस उपखंड के अंतर्गत अवचार (Share trading ban) के रूप में माना जाएगा।

सूरजपुर| सूरजपुर जिले के पुलिसकर्मियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब जन्मदिन पर पुलिस जवानों को छुट्टी मिलेगी। इस योजना की शुरुआत 1 जुलाई 2025 को थाना सूरजपुर में पदस्थ एएसआई नंदलाल सिंह और विवेकानंद सिंह के जन्मदिन से की गई।

डीआईजी ठाकुर ने कहा कि, पुलिस कर्मी 24 घंटे काम करते हैं। कई बार वे अपना जन्मदिन भी नहीं मना पाते। कुछ जवान ड्यूटी के कारण अपने परिवार से दूर रहते हैं। कई बार तो छुट्टी  मिलने के बावजूद हालात को देखते हुए उन्हें अपनी छुट्टियां कैंसिल करनी पड़ जाती हैं। लेकिन अब सूरजपुर पुलिस के जवानों व अधिकारियों को उनके बर्थ डे वाले दिन उन्हें ड्यूटी से राहत देते हुए उन्हें छुट्टी अथवा परमिशन दी जाएगी।

योजना की हुई शुरुआत

सोमवार को एसएसपी प्रशांत कुमार ठाकुर ने थाना सूरजपुर में पदस्थ एएसआई नंदलाल सिंह व विवेकानंद सिंह के जन्मदिवस के अवसर पर केक कटवाकर उन्हें पुलिस परिवार की ओर से जन्म दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए इस योजना की शुरूआत की है।

छुट्टी देने का ये है उद्देश्य

जन्मदिन पर छुट्टी देने का उद्देश्य पुलिसकर्मियों को उनके जीवन में महत्वपूर्ण दिवस पर राहत प्रदान करना है। अब से पुलिस अधिकारी व जवान अपने परिवार के साथ अपना जन्मदिन मना पाएंगे। इसके लिए थाना-चौकी प्रभारियों को भी निर्देश दिए गए हैं।

बलरामपुर। CG Weather Alert: छत्तीसगढ़ के सरगुजा अंचल में मूसलाधार बारिश हो रही है। यहां के बलरामपुर रामनुजगंज जिले में लगातार हो रही भारी बारिश से सभी नदी नाले उफान पर हैं। इसके चलते कई घटनाएं भी हो रही। दो अलग-अलग घटना में पहाड़ी कोरवा महिला और उसके दो साल के बेटे सहित तीन लोगों की बाढ़ में बहने से मौत हो गई है। घटना बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ विकासखंड की है।

मां-बेटे की मौत

बलरामपुर-रामानुजगंज जिला निवासी एक महिला सोमवार की देर शाम मायके से पैदल लौट रही थी। उसकी गोद में उसका 2 साल का बेटा भी था। इसी बीच नाला पार करते समय पानी के तेज बहाव में दोनों बह गए। दोनों मां बेटे का शव मंगलवार को मिला है। शव मिलने के बाद शंकरगढ़ के लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने दोनों शवों को अपने कब्जे में ले लिया। इस घटना के बाद से शंकरगढ़ इलाके में शोक है।

शंकरगढ़ थाना अंतर्गत ग्राम आमगांव निवासी पहाड़ी कोरवा महिला रजनी पति विशुन 20 वर्ष अपने मायके ग्राम रकैया गई थी। सोमवार की शाम वह अपने 2 वर्षीय पुत्र आनंद को गोद में लेकर मायके से पैदल आमगांव के लिए निकली थी। वह रास्ते में पड़ने वाले बढ़नीझरिया नाले को पार कर ही रही थी कि पानी के तेज बहाव में मां-बेटा बह गए। नाले में डूब जाने से उनकी मौत हो गई।

सेंदुर नदी में बहा कोटवार

बलरामपुर जिले में सेंदुर नदी पार करने के दौरान कोटवार बह गया। कोटवार जनेउधारी सोनवानी (48 वर्ष) महावीरगंज में मुनादी कर लौट रहा था। जनेउधारी सोनवानी मंगलवार को मुनादी करने गया था। वापसी में उसने पुल के रास्ते के बजाए शॉर्टकट में नदी पार करने का रास्ता चुना। लोगों ने इसकी जानकारी जिला प्रशासन की टीम को दी। तहसीलदार और थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। नगर सेना के गोताखोरों को बुलाया गया। कोटवार की तलाश की गई लेकिन कोटवार का कुछ भी पता नहीं चल पाया है।

16 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

बता दें कि छत्तीसगढ़ के 16 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। आज (बुधवार) को सूरजपुर, कोरिया, रायगढ़, बस्तर, कांकेर, बीजापुर, बालोद, धमतरी सहित 16 जिलों में गरज चमक के साथ बिजली गिरने और भारी बारिश की आशंका है।

बारिश में उफान पर हैं नदी-नाले

सरगुजा संभाग में पिछले 4 दिनों से लगातार बारिश हो रही है। इससे क्षेत्र के नदी-नाले उफान पर हैं। बलरामपुर जिले से बहने वाली नदियां व नालों में भी पानी भरा हुआ है। सोमवार की शाम को ही मछली मारने गया एक युवक भी शंकरगढ़ इलाके में बह गया था, इससे उसकी मौत हो गई थी।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग गया है। भारत सरकार ने राज्य के वर्तमान मुख्य सचिव अमिताभ जैन को सेवा विस्तार देने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही वे छत्तीसगढ़ के पहले ऐसे मुख्य सचिव बन गए हैं जिन्हें कार्यकाल समाप्ति के बाद भी एक्सटेंशन मिला है।

नया मुख्य सचिव चुनने पर नहीं हुआ फैसला

राज्य सरकार के पास नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर कई विकल्प मौजूद थे, लेकिन किसी पर अंतिम फैसला नहीं हो पाया। इसी बीच केंद्र सरकार की सहमति के बाद अमिताभ जैन को कार्यकाल विस्तार दे दिया गया है।

अनुभव के दम पर मिला भरोसा

1989 बैच के आईएएस अधिकारी अमिताभ जैन की गिनती छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ और अनुभवी अफसरों में होती है। उनके प्रशासनिक अनुभव और कुशल कार्यशैली को देखते हुए सरकार ने सेवा विस्तार की सिफारिश की थी, जिसे अब केंद्र ने स्वीकार कर लिया है।

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ सोमवार को ईओडब्ल्यू ने विशेष कोर्ट में लगभग 1100 पन्नों का चौथा पूरक चालान पेश किया। इस चार्जशीट में लखमा की अहम भूमिका का उल्लेख किया गया है। ईओडब्ल्यू ने कोर्ट को बताया कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा को आबकारी घोटाले में 64 करोड़ रुपए मिला है। जिसमें 18 करोड़ रुपए की अवैध धनराशि के निवेश और खर्च से जुड़े दस्तावेज और साक्ष्य भी मिले हैं।

चार्जशीट हो गई पेश

चर्जशीट में कहा गया है कि मंत्री के संरक्षण में विभागीय अधिकारियों, सहयोगियों और ठेकेदारों के माध्यम से सुनियोजित तरीके से घोटाले को अंजाम दिया गया है। घोटाले की राशि को व्यक्तिगत और परिवार के हितों में खर्च किया गया। अब तक तीन पूरक अभियोग पत्रों सहित कुल चार अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए जा चुके हैं। इसके अलावा मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। घोटाले की जांच जारी है।

मैं पाकिस्तानी नहीं- लखमा

कोर्ट में सुनवाई के दौरान लखमा ने जज से कहा कि वह सुनवाई के दौरान हर बार कोर्ट आना चाहते हैं. लेकिन उन्हें लाने के बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाता है। उन्होंने कहा कि मेरे साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है. मैं पाकिस्तानी नहीं हूं. मैं भारतीय हूं।   कवासी लखमा ने यह भी कहा कि यहां आने में मुझे किसी प्रोटोकॉल या बड़ी गाड़ी की जरूरत नहीं है. मैं मोटरसाइकिल में भी बैठकर आ सकता हूं। अदालत ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनके हितों का संरक्षण किया जाएगा।

क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी जांच कर रही है। ईडी ने एसीबी में रिपोर्ट दर्ज कराई है।दर्ज एफआईआर में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ईडी के चालान में इस मामले में अब तक 21 लोगों आरोपी बनाया गया है। जिनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया जैसे प्रमुख नाम शामिल है।

ईडी ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था। वहीं एसीबी की जांच में पाया गया कि साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।

पूर्व आबकारी मंत्री लखमा हैं जेल में 

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ईडी ने 28 दिसंबर 2024 को कवासी लखमा के आवास व अन्य ठिकानों पर छापा मारकर महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए थे। जिनमें घोटाले से हुई कमाई के सबूत थे। उसके बाद लखमा को 15 जनवरी 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया। कवासी लखमा 16 जनवरी 2025 से जेल में हैं।

कवासी लखमा पर आरोप है कि वह शराब घोटाले में सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। उन्हीं के निर्देश पर सिंडिकेट काम करता था। इनसे अलावा शराब नीति बदलने में भी महत्वपूर्ण भूमिका थी। ईडी का दावा है कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रही गड़बड़ियों की पूरी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।

आरोप है कि शराब घोटाले में कमीशन के तौर पर लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। ईडी का कहना है कि 3 साल तक शराब घोटाला चला। तीन साल के 36 महीने में लखमा को कुल 72 करोड़ रुपए मिले।

सरगुजा। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के दरिमा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कंठी में रविवार दोपहर एक रूह कंपा देने वाला हादसा हुआ। मैनपाट से अंबिकापुर की ओर जा रही एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर सीधे एक घर के आंगन में घुस गई। हादसे में दो महिलाओं और दो बच्चों को गंभीर चोटें आईं।

कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि घर के बरामदे में बैठे लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। घटना दोपहर करीब 3 बजे की बताई जा रही है। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि एक महिला का सिर फट गया और दूसरी महिला का पैर बुरी तरह से जख्मी हो गया। चारों घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।

कार सवारों की की पिटाई, गाड़ी पलटी

हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। टक्कर की आवाज और चीख-पुकार सुनकर बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गए। कार में तीन लोग सवार थे। ग्रामीणों ने गुस्से में आकर इन तीनों को पीटना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि वाहन चालक शराब के नशे में धुत था। आक्रोशित भीड़ ने कार को पलट भी दिया।

आरोपी हिरासत में

मामले की सूचना मिलते ही दरिमा थाना पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। हालात को देखते हुए पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लिया और आरोपी चालक को हिरासत में ले लिया है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में एक बार फिर तबादला एक्सप्रेस चली है। प्रदेश में लगातार एक के बाद एक विभागों में अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले हो रहे हैं। इसी कड़ी में GST विभाग ने आज यानी शुक्रवार को 200 अधिकारियों का तबादला किया है। इस सूची में एक बड़ी चूक सामने आई।

आलम यह है कि एक मृतक अधिकारी का तबादला कर दिया गया है। दरअसल, दिवंगत अधिकारी दयाशंकर नेताम का नाम भी शामिल है। नेताम का पूर्व में ही निधन हो चुका है, बावजूद इसके उनका नाम सूची में शामिल किया गया है। आदेश जारी होने के बाद यह जन चर्चा का विषय बन चुका है और लोग सरकारी कर्मचारियों के काम करने के तरीके पर सवाल उठाने लगे हैं।

कई विभागों में ट्रांसफर

इससे पहले छत्तीसगढ़ के कई विभागों में भी अधिकारियों-कर्मचारियों के ट्रांसफर हो चुके हैं। इनमें वित्त विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और समाज कल्याण विभाग शामिल हैं।

रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में एक नाबालिग को, जिस पर 14 वर्षीय लड़की के अपहरण और बलात्कार का आरोप था, जमानत दे दी है. कोर्ट ने इस निर्णय में नाबालिग की शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक स्थिति की रिपोर्ट को आधार बनाया। जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की एकल पीठ ने निचली अदालतों के जमानत अस्वीकार करने के आदेश को रद्द करते हुए नाबालिग को जमानत दी।

साथ ही, नाबालिग के पिता, जो जमानत के जमानती हैं, को यह हलफनामा देने का निर्देश दिया गया कि उनका बेटा ‘असामाजिक तत्वों’ के संपर्क में नहीं आएगा और यदि वह किसी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल होता है, तो वे इसकी सूचना पुलिस को देंगे।

नाबालिग 16 फरवरी से न्यायिक हिरासत में

प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेज एक्ट का मामला बालोद पुलिस स्टेशन में फरवरी 2025 में दर्ज किया गया था। पीड़िता की मां ने नाबालिग के खिलाफ FIR दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने उनकी 14 वर्षीय बेटी का अपहरण किया और बाद में उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए।

नाबालिग 16 फरवरी से न्यायिक हिरासत में था। इसके बाद, नाबालिग के पिता ने निचली अदालतों द्वारा उनके बेटे की जमानत अस्वीकार किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

फोरेंसिक रिपोर्ट अभी तक जमा नहीं

हाईकोर्ट ने प्रोबेशन अधिकारी द्वारा दायर सामाजिक स्थिति रिपोर्ट को भी ध्यान में रखा। रिपोर्ट के अनुसार, नाबालिग के माता-पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और अपने बेटे के साथ एक गांव में रहते हैं। नाबालिग सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कक्षा ग्यारह का नियमित छात्र है और छठी कक्षा से सरकारी जनजातीय छात्रावास में रहता है।

रिपोर्ट में कहा गया कि नाबालिग के रिश्तेदारों और परिचितों ने उसके व्यवहार को अच्छा बताया है और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया कि नाबालिग और पीड़िता के बीच दोस्ती और प्रेम संबंध थे, और वे फोन पर बातचीत करते थे। हालांकि, लोक अभियोजक ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि फोरेंसिक रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।

डेस्क। Celebrity death मनोरंजन जगत से एक बुरी खबर सामने आ रही है। ‘कांटा लगा’ गाने से मशहूर हुईं अभिनेत्री शेफाली जरीवाला नहीं रहीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार्डिएक अरेस्ट से उनकी मौत हुई है। 27 जून की रात शेफाली को अचानक सीने में दर्द की शिकायत हुई। उनके पति और अभिनेता पराग त्यागी तुरंत अस्पताल ले गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। शेफाली के निधन से उनके प्रशंसक हैरान-परेशान हैं और सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

1 गाने ने बदल दी थी शेफाली की किस्मत

फिल्म इंडस्ट्री से लेकर टीवी इंडस्ट्री की ऐसी कई हस्तियां हैं, जिन्होंने बेहद कम समय में अपनी जबरदस्त पहचान बनाई। शेफाली भी उन्हीं अभिनेत्रियों में से एक थीं, जिन्होंने महज 19 साल की उम्र में मनोरंजन जगत में कदम रखते ही तहलका मचा दिया था। साल 2002 में म्यूजिक वीडियो ‘कांटा लगा’ से उन्होंने इंडस्ट्री में कदम रखा। उनका ये गाना इतना हिट हुआ कि ये उनकी पहचान बन गया। आज भी उन्हें इसी के लिए याद किया जाता है।

मीका सिंह ने भी जताया दुख

शेफाली के निधन की खबर से न सिर्फ उनके चाहनेवाले, बल्कि इंडस्ट्री से जुड़े सितारे भी परेशान हैं। अभिनेता अली गोनी और दिव्यांका त्रिपाठी समेत कई सितारों ने शेफाली के निधन पर शोक जताया है। गायक मीका सिंह ने भी इस दुखद खबर पर हैरानी जताते हुए शेफाली को श्रद्धांजलि दी है। शेफाली के पति 3 अन्य लोगों के साथ उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अस्पताल पहुंचने से पहले ही शेफाली की मौत हो चुकी थी।

स्कूली दिनों में शेफाली को पड़ते थे मिर्गी के दौरे

शेफाली ने पिछले साल एक इंटरव्यू में बताया था कि स्कूल के दिनों में उन्हें मिर्गी के दौरे पड़ते थे। तब वह बहुत असहाय महसूस करती थीं। शेफाली ने बताया था कि 15 की उम्र में उन्हें पहली बार मिर्गी का दौरा पड़ा था। Celebrity death खासकर ‘कांटा लगा’ के बाद जब वह शूटिंग कर रही थी, उस दौरान वह इस बीमारी से काफी परेशान थीं। उन्होंने बताया था कि उस उम्र में निराशा और लाचारी को व्यक्त करना नामुमकिन था।

पराग से कब मिली थीं शेफाली?

शेफाली और पराग की शादी साल 2014 में हुई थी। जब शेफाली-पराग की पहली मुलाकात हुई थी, तब शेफाली अपने तलाक के मुश्किल वक्त से गुजर रही थीं। कहा जाता है कि शेफाली को पराग की सादगी बहुत पसंद आई थी। साथ ही उनकी देखभाल करने वाली आदत ने भी अभिनेत्री का दिल जीत लिया था। पहले दोनों के बीच दोस्ती हुई और बाद में डेटिंग भी शुरू हो गई थी। यही दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई

कोरबा। Korba Amit Sahu Murder Case: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में 25 साल के युवक की फिरौती के इरादे से की गई हत्या के मामले में 3 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। बता दें कि करतला थाना क्षेत्र में 14 फरवरी 2024 को अमित साहू (25) की बोलेरो गाड़ी से कुचलकर और पत्थर से सिर कुचलकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। कोर्ट ने इस हत्याकांड में तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, मृतक अमित साहू का पड़ोसी हेमलाल दिव्य (28), पवन कंवर (27) और राजेश लहरे (24) ने फिरौती के लिए साजिश रची। उन्होंने पहले गांव के एक व्यक्ति से झांसा देकर मोबाइल छीना और उससे अमित के भाई अजय को फोन कर गाड़ी मंगवाई। रास्ते में नकाबपोश आरोपियों ने अमित को रोका, हाथ-पैर बांधे और जंगल ले जाकर फिरौती मांगी। अमित द्वारा पहचान लिए जाने पर उन्होंने उसे बोलेरो से सात-आठ बार कुचला और सिर पर पत्थर मारकर हत्या कर दी।

इस दौरान अमित ने गिड़गिड़ाते हुए छोड़ देने और पैसे देने की बात कही, लेकिन आरोपियों ने उसकी एक नहीं सुनी। उन्होंने उसे उसकी ही बोलेरो से 7-8 बार कुचल दिया। जब भी वह तड़पता और सांसें चलतीं, वे फिर से गाड़ी चढ़ा देते। लेकिन जब उसकी मौत नहीं हुई तो आरोपियों ने अमित के सिर पर भारी पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी। बता दें कि मृतक के दो छोटे बच्चे हैं, और गांव में आरोपियों के प्रति आक्रोश बना हुआ है।

इस तरह हुई घटना

इस हत्याकांड में तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार नंदे की अदालत ने आरोपी हेमलाल दिव्य (28), पवन कंवर (27) और राजेश लहरे (24) को दोषी पाया और उन्हें तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। शासकीय अभिभाषक कृष्णा द्विवेदी के अनुसार, तीनों आरोपियों को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास, धारा 201 के तहत 3 वर्ष और धारा 120-बी के तहत 7 वर्ष की सजा सुनाई गई है।

उल्लेखनीय है कि तीनों आरोपी मृतक के ही गांव के रहने वाले और पड़ोसी हैं। इस फैसले से न्याय की जीत हुई है और समाज में एक कड़ा संदेश गया है कि ऐसे जघन्य अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

कटघोरा। dam break in cg छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित राखड़ बांध शुक्रवार की सुबह भारी बारिश के चलते टूट गया। आचानक बांध टूटने से गांव में हड़कंप मच गया। बांध टूटने से राखड़ का सैलाब गांव में घुस गया। आनन फानन में ग्रामीणों को अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागना पड़ा। ग्रामीणों का आरोप है कि सीएसईबी प्रबंधन की लापरवाही के चलते बांध धराशाही हुआ है। घटना को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। वहीं घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के साथ प्रशासनिक अमला गांव पहुंचकर गांव खाली कराने में जुटा है।

आखिर कैसे हुई घटना

हालांकि अभी तक घटना से किसी जनहानि की सूचना नहीं मिली है। मिली जानकारी के अनुसार कटघोरा के ग्राम डिंडोलभाटा के पास स्थिति छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल यानी सीएसईबी के राखड़ बांध का एक हिस्सा शुक्रवार की सुबह करीब 4 बजे तेज बारिश के कारण ढह गया। इससे बांध के अंदर जमा राखड़ पानी के साथ गांव में घुस गया।  राखड़ का मलबा काफी तेजी से गांव की गलियों, घरों और खेतों में फैल गया। घटना के समय अधिकांश ग्रामीण अपने घरों में सो रहे थे। कुछ ग्रामीण जाग चुके थे, उन्होंने देखा कि राखड़ का तेज बहाव गांव की ओर बढ़ रहा है।

राहत और बचाव अभियान शुरू

उन्होंने शोर मचाकर इसकी जानकारी अन्य ग्रामीणों की दी। इससे गांव में हड़कंप मच गया है। ग्रामीण अंधेरे में ही अपने परिवार और बच्चों को लेकर सुरक्षित स्थानों की भागे। कुछ बुजुर्ग चल नहीं पा रहे थे, उन्हें स्थानीय युवकों ने निकालने में मदद की। जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशानिक अमला मौके पर पहुंचा और राहत और बचाव अभियान शुरू किया। प्रशासन ने गांव को खाली कराते हुए प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

साथ ही ग्रामीणों को ठहराने के लिए राहत शिविर की भी व्यवस्था की जा रही है। लोगों के लिए भोजन, पानी, और अस्थायी आश्रय की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

सीएसईबी प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि घटना सीएसईबी प्रबंधन की लापरवाही की वजह से हुई है। सीएसईबी प्रबंधन ने बांध की मरम्मत और रखरखाव में लापरवाही बरते हुए ध्यान नहीं दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि बांध में पहले से ही रिसाव की शिकायत थी। प्रबंधन को इसकी जानकारी थी, उसके बाद भी इसे नजर अंदाज किया गया है। dam break in cg प्रबंधन ने बारिश से पहले बांध की मरम्मत और मजबूती की जांच नहीं की। इसी का परिणाम आज ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने की मुआवजे की मांग

घटना के बाद से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने सीएसईबी प्रबंधक के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस घटना से हम लोग भरी बरसात में बेघर हो गए हैं। घर ही नहीं फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने मांग की है कि सीएसईबी प्रबंधक उन्हें नुकसान की भरपाई तत्काल करें। उन्हें शीघ्र ही मुआवजा दिया जाए। साथ ही ग्रामीणों ने बांध को पूरी तरह से गांव से हटाने की मांग की है। ग्रामीणों की मांग पर प्रशासन ने मामले की जांच के लिए एक समिति गठित करने का आश्वासन दिया है।

दूसरी ओर मौसम विभाग ने क्षेत्र में अगले 24 घंटों में और बारिश की चेतावनी दी है। जिसके चलते प्रशासन ने गांव वालों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है। कहा जा रहा है कि अगर फिर से तेज बारिश होती है तो यहां बड़ी तबाही मच सकती है।

रायपुर। Cg govt cabinet meeting छत्तीसगढ़ सरकार की मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में नवा रायपुर स्थित मंत्रालय में संपन्न हुई। बैठक में धान के रिकॉर्ड उपार्जन, उसके त्वरित निराकरण और क्रेताओं को आ रही तकनीकी दिक्कतों को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केंद्रीय खाद्य मंत्री से भेंट कर 70 लाख मीट्रिक टन से अधिक चावल केंद्रीय पूल में जमा करने का लक्ष्य बढ़ाने का अनुरोध किया है, जिस पर केंद्र सरकार ने सकारात्मक विचार का आश्वासन दिया है।

बैठक में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा समेत खाद्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस निर्णय से प्रदेश के राइस मिलर्स में उत्साह है और राइस मिलर्स एसोसिएशन ने सरकार का आभार जताया है।

बैठक के प्रमुख बिंदु

  • खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई, जो राज्य गठन के बाद अब तक का सर्वाधिक उपार्जन है।
  • इस उपार्जन में से 35 लाख मीट्रिक टन अतिशेष धान के विक्रय के लिए ई-नीलामी (ई-ऑक्शन) का निर्णय लिया गया।
  • प्रथम चरण में 18.91 लाख मीट्रिक टन धान का सफल निराकरण किया गया।
  • शेष स्टॉक के लिए प्राइस मेचिंग की सुविधा दी गई है, ताकि पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बनी रहे।
  • जिन निविदाकारों द्वारा निर्धारित समय में सुरक्षा निधि या खरीद मूल्य जमा नहीं किया गया था, उन्हें 15 जुलाई 2025 तक का समय दिया गया।
  • खरीफ वर्ष 2023-24 के चावल जमा करने की समय-सीमा बढ़ाकर 5 जुलाई 2025 की गई।
  • प्राइस मेचिंग प्रक्रिया में आ रही तकनीकी दिक्कतों के समाधान के लिए महाप्रबंधक (विपणन) की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति गठित की गई है।