Home » in Hindi
Tag:

in Hindi

cg prime news

दुर्ग,  दुर्ग संभाग आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने खैरागढ़ के तत्कालीन नायब तहसीलदार एवं वर्तमान तहसीलदार जिला कबीरधाम रश्मि दुबे को निलंबित कर दिया है। छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों के विपरीत जाकर हितबद्ध पक्षकार को सुनवाई का अवसर प्रदान किए बगैर ही आदेश पारित कर कर्त्तव्य निवर्हन में गंभीर अनियमितता एवं लापरवाही के आरोप में यह कार्रवाई हुई है।

यहां किया गया अटैच

उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 09 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। निलंबन अवधि में तहसीलदार दुबे का मुख्यालय कार्यालय कलेक्टर कबीरधाम निर्धारित किया गया है। रश्मि दुबे तहसीलदार को निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वह भत्ते की पात्रता होगी।

इसलिए हुई निलंबन कार्रवाई

बता दें कि पक्षकार मनोज कुमार पिता स्व. छदामी लाल एवं अन्य के द्वारा न्यायालय आयुक्त दुर्ग संभाग दुर्ग में प्रस्तुत द्वितीय अपील प्रकरण में बताया गया कि तहसीलदार ने उनका पक्ष लिए बिना ही आदेश जारी कर दिया जबकि पक्ष रखना उसका मौलिक अधिकार ओर शासकीय नियम है। जिसे अनुविभागीय अधिकारी (रा.) खैरागढ़ एवं न्यायालय आयुक्त दुर्ग संभाग दुर्ग के द्वारा विधि विपरीत पाते हुए निरस्त किया गया और तहसीलदार को सस्पेंड कर दिया गया है।

कोरबा। CG Drunken Teacher: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से एक बेहद शर्मनाक और चिंताजनक मामला सामने आया है। शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले स्कूल की पवित्रता को धूमिल करते हुए यहां के एक हेड मास्टर शराब के नशे में धुत होकर स्कूल पहुंचे और कार्यालय में रखी मेज पर ही गहरी नींद में सो गए।

यह पूरा मामला करतला ब्लॉक के ग्राम पंचायत जरवे स्थित शासकीय प्राथमिक शाला का है, जहां वर्तमान में 46 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। शुक्रवार सुबह जब बच्चे अपनी कक्षा में शिक्षक देव प्रसाद बर्मन से पढ़ाई कर रहे थे, उसी दौरान हेड मास्टर चंद्रपाल पैकरा शराब के नशे में दफ्तर में पहुंचे और कुर्सी पर बैठते ही टेबल पर सिर रखकर सो गए।

कई बार जगाने पर भी नहीं उठे

बताया जा रहा है कि हेड मास्टर को कई बार आवाज देकर जगाने की कोशिश की गई, लेकिन वे गहरी नींद से नहीं उठे। काफी देर बाद जब उनकी नींद टूटी तो ग्रामीणों ने उनसे सामान्य सवाल पूछे। इस दौरान जब उनसे अंग्रेजी में ब्यूटीफुल की स्पेलिंग बताने को कहा गया तो उन्होंने अपनी अंग्रेजी कमजोर बताते हुए जवाब देने से मना कर दिया।

कलेक्टर और मुख्यमंत्री का नाम तक नहीं बता सके

वहीं जब उनसे जिले के कलेक्टर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का नाम पूछा गया, तो वे बुरी तरह अटक गए और सही जवाब नहीं दे सके। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें हेड मास्टर नशे में धुत हालत में अपनी मेज पर सोते हुए दिखाई दे रहे हैं।

बच्चों और अभिभावकों में नाराजगी

गांव के बच्चों और उनके पालकों का कहना है कि यह पहली बार नहीं हुआ है। हेड मास्टर अक्सर शराब के नशे में स्कूल पहुंचते हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे लापरवाह शिक्षकों के कारण बच्चों का भविष्य अंधकार में डूबता जा रहा है।

शिक्षा विभाग की कार्यवाही पर सवाल

ग्रामीणों और अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि इस मामले में कड़ी कार्यवाही की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि लगातार शिकायतों के बावजूद शिक्षा विभाग अब तक इस पर गंभीर कदम क्यों नहीं उठा पाया।

रायगढ़। CG Elephant Attack: छत्तीसगढ़ में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से हाथियों द्वारा घरों को नुकसान पहुंचाने और ग्रामीणों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में रायगढ़ जिले में भी गजराज ने जमकर उत्पात मचाया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते कुछ दिनों से हाथियों का दल गांवों की ओर रुख कर रहा है और अब तक कई घरों को नुकसान पहुंचा चुका है। इन घटनाओं के चलते ग्रामीणों में भय और असुरक्षा की भावना लगातार बढ़ रही है। रात के समय हाथियों के गांव में घुसने से लोगों की नींद उड़ी हुई है।

गजराज ने तीन घरों को तोड़ा

बताया जा रहा है कि धरमजयगढ़ वन मंडल अंतर्गत ग्राम दरी डीह में बीती रात एक दंतैल हाथी ने जमकर उत्पात मचाया। घटना रात करीब 2 से 3 बजे के बीच की बताई जा रही है, जब हाथी ने गांव में घुसकर तीन घरों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना से पूरे गांव में दहशत का माहौल है।

गौरतलब है कि दो दिन पहले ही यही हाथी (या हाथियों का यही दल) धरमजयगढ़ के बाकरूमा वन परिक्षेत्र में एक वृद्ध व्यक्ति को कुचलकर मार चुका है। लगातार हो रही ऐसी घटनाओं से ग्रामीणों में भय और आक्रोश दोनों बढ़ते जा रहे हैं।

ग्रामीणों में दहशत का माहौल

रायगढ़ जिले के कई गांवों में गजराजों का आतंक देखने को मिल रहा है। खेत, फसल और घरों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ हाथी कभी-कभी जान का भी खतरा बन जाते हैं। हाल ही में हुई घटनाओं में लोगों की जान तो नहीं गई, लेकिन आर्थिक क्षति भारी रही है।

बता दें कि वन क्षेत्रों में पर्याप्त हरियाली और बरसात के मौसम में जल स्रोतों की भरपूर उपलब्धता के बावजूद हाथियों का रुख गांवों और शहरों की ओर होना चिंता का विषय बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि हाथियों के प्राकृतिक आवास में हो रहे बदलाव और मानवीय दखलंदाजी इसके पीछे अहम कारण हो सकते हैं।

वन विभाग की चुनौतियां

वन विभाग द्वारा हाथियों को जंगल की ओर वापस खदेड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है, लेकिन हाथियों की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए ये उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं।