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CG Prime News@रायपुर. The High Court dismissed the petition of Chaitanya, son of former Chief Minister Bhupesh छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को एक बार फिर हाईकोर्ट से झटका लगा है। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में गिरफ्तार चैतन्य बघेल द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई और अपनी गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उस याचिका को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया है। शराब घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया।

कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला

इस मामले में जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 24 सितंबर को फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे अब सुनाया गया है। हाईकोर्ट ने कहा कि, जांच और गिरफ्तारी पर हस्तक्षेप करने का कोई उचित आधार नहीं है। कोर्ट ने माना कि ईडी की कार्रवाई कानून के तहत की गई है। इसलिए इसमें न्यायालय को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है।

गिरफ्तारी को बताया था असंवैधानिक

दरअसल पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने ईडी की ओर से की गई जांच, गिरफ्तारी को नियम विरुद्ध और असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग की थी। इस मामले में ईडी की ओर से एडवोकेट सौरभ पांडेय ने पैरवी की।

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CG Prime News@रायपुर. 28 suspended excise officials accused in the liquor scam got bail छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला केस में शामिल आबकारी अधिकारियों को जमानत मिल गई है। मंगलवार को घोटाले में आरोपी बनाए गए 28 आबकारी अधिकारियों को रायपुर की ईओडब्ल्यू (EOW) कोर्ट में पेश किया गया। जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सभी अधिकारी अग्रिम जमानत के कागजात लेकर कोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट ने 1-1 लाख रुपए का जमानत पट्टा जमा करने पर सभी 28 अधिकारियों को जमानत दे दी है।

88 करोड़ से ज्यादा की अवैध कमाई

ईओडब्ल्यू के मुताबिक छत्तीसगढ़ शराब घोटाला में सभी 28 अधिकारी शराब घोटाले के सिंडिकेट का हिस्सा थे। इन्होंने मिलकर 88 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध कमाई की ऐसा जांच के बाद इन पर आरोप लगा है। पिछले महीने राज्य सरकार ने सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। अगस्त के अंतिम सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें अग्रिम जमानत की मंजूरी दी थी

जानिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED के मुताबिक रिटायर्ड IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया।

EOW/ACB की जांच और 200 से अधिक लोगों के बयान और डिजिटल सबूतों के आधार पर लगभग 60 लाख 50 हजार 950 पेटी बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री हुई। इसकी अनुमानित कीमत 2174 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।

पहले इस घोटाले का आंकड़ा 2161 करोड़ रुपए बताया गया था, लेकिन नए सिरे से जांच में घोटाले की रकम बढ़कर 3200 करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई है। EOW इस मामले की जांच कर रही है। घोटाले में शामिल पूर्व मंत्री कवासी लखमा समेत अन्य आरोपी जेल में बंद हैं।

वर्ष 2019 से 2023 के बीच राज्य के 15 बड़े जिलों में पदस्थ आबकारी अधिकारियों ने देसी शराब (B-Part शराब) की अवैध बिक्री कराई। बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर बाकी चयनित जिलों में अधिक खपत वाली दुकानों को डिस्टलरी से सीधे अतिरिक्त अवैध शराब भेजी जाती थी, जिसे वैध शराब के साथ बेचा जाता था।

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CG Prime News@रायपुर. chhattisgarh liquor scam छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में भाजपा रायपुर शहर उत्तर विधानसभा विधायक पुरंदर मिश्रा (BJP MLA Purandar Mishra) के बयान से एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। विधायक मिश्रा ने EOW द्वारा शराब घोटाले में दायर चार्जशीट का हवाला देते हुए कांग्रेस पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस घोटाले में कांग्रेस के सभी नेता और पूरी कैबिनेट संलिप्त है। मिश्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की नीति सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की रही है।

कांग्रेस ने बयान पर नहीं दी प्रतिक्रिया

विधायक मिश्रा ने कहा कि शराब नीति में बदलाव कैबिनेट ने ही किया था और अब पूरा घोटाला सामने आ चुका है। कांग्रेस के लिए देश और जनता से ज्यादा अहम भ्रष्टाचार है। मिश्रा के इन आरोपों से सियासी हलकों में हलचल मच गई है। भाजपा लगातार कांग्रेस पर हमलावर है, वहीं कांग्रेस ने अब तक इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

कांग्रेस पीसीसी और बीसीसी में बिजी

भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। वोट चोरी के मसले पर निशाना साधते हुए उन्होंने कांग्रेस की कार्यप्रणाली को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। विधायक मिश्रा ने कहा कांग्रेस में न तो संवाद है और न ही एकजुटता। विपक्ष PCC और BCC में यानि बैज कांग्रेस कमेटी और भूपेश कांग्रेस कमेटी में दो फाड़ है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि कांग्रेस में हर बात के दो मतलब निकलते हैं। मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस की असली नीति है-मिलकर करेंगे भ्रष्टाचार।

सरकार को बधाई

प्रदेश में मानसून के दौरान लगातार चल रहे नक्सल विरोधी अभियान पर विधायक मिश्रा ने सरकार और केंद्रीय नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और मंत्री विजय शर्मा लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। मिश्रा ने कहा नक्सलियों का अंत निकट है।

 

CG Prime News @रायपुर. Chhattisgarh Liquor Scam News छत्तीसगढ़ शराब घोटाला के आरोप में जेल में बंद पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कोर्ट से राहत नहीं मिली है। जमानत की राह देख रहे चैतन्य को निराश करते हुए शनिवार को ED कोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

दरअसल, ED की 5 दिन की डिमांड पूरी होने के बाद ED ने चैतन्य को शनिवार को कोर्ट में पेश किया था। जहां दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने चैतन्य को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार चैतन्य

चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाला मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने आरोपी बनाया है। इससे पहले 18 अगस्त को ED ने 5 दिन की रिमांड ली थी। इस दौरान चैतन्य बघेल से पूछताछ के बाद शनिवार को फिर से कोर्ट में किया गया। शराब घोटाला मामले में चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन के दिन ही 18 जुलाई को ED ने गिरफ्तार किया था।

ED का दावा है कि चैतन्य ने घोटाले का पैसा पाने के लिए दूसरे लोगों और फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया था। ताकि कोई भी जांच एजेंसी उसे ट्रैक ना कर सके। ED में अपनी जांच में पाया की तत्कालीन भूपेश बघेल की सरकार में सिंडिकेट बनाकर शराब घोटाले को अंजाम दिया गया था।

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CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला (Chhattisgarh liquor scam) और मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार पूर्व सीएम भूपेश बघेल (former cm bhupesh baghel) के बेटे चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghe) की याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट ( Chhattisgarh High Court) में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर दो हफ्ते बाद यानी 26 अगस्त तक जवाब मांगा है। चैतन्य बघेल ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती दी। ईडी ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को भिलाई से गिरफ्तार किया था। चैतन्य 24 दिनों से जेल में बंद है। हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच में चैतन्य बघेल की तरफ से पक्ष रखा गया। याचिका में गिरफ्तारी की प्रक्रिया को गलत बताया गया है।

सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली थी राहत

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली थी। ईडी के मामलों को लेकर लगाई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह देते हुए याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद चैतन्य बघेल ने अपनी गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। इसमें कहा गया है कि उनकी हिरासत गैरकानूनी है। कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया।

24 दिनों से जेल में बंद है पूर्व सीएम के बेटे

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चैतन्य बघेल को भी आरोपी बनाया है। चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को भिलाई से गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि शराब घोटाले की रकम से चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपए मिले हैं।

ईडी के मुताबिक शराब घोटाले से मिले ब्लैक मनी को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट किया गया। ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए फर्जी निवेश दिखाया गया है। साथ ही सिंडिकेट के साथ मिलकर 1000 करोड़ रुपए की हैंडलिंग (हेराफेरी) की गई है।

पीने का नहीं मिल रहा साफ पानी

याचिकाकर्ता चैतन्य के वकील हर्षवर्धन परगनिहा ने बताया कि चैतन्य को पीने का साफ पानी जेल में नहीं मिल रहा। कोर्ट ने इस संदर्भ में जेल अधीक्षक को जरूरी दिशा निर्देश दिया है। चैतन्य ने खुद को हिरासत में लिए जाने को चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था।

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CG Prime News@रायपुर. Chhattisgarh Liquor scam case छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कोर्ट ने 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है। मंगलवार को ED ने रायपुर की स्पेशल कोर्ट में चैतन्य को पेश किया। जहां से कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया है। इससे पहले ED ने चैतन्य से 5 दिन तक पूछताछ की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को फटकार लगाते हुए कहा कि, राजनीतिक लड़ाइयां चुनाव में लड़ी जानी चाहिए, जांच एजेंसियों के जरिए नहीं। ED का इस तरह इस्तेमाल क्यों हो रहा है? इस पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि, सुप्रीम कोर्ट की ईडी को लेकर की गई टिप्पणी केंद्र सरकार के खिलाफ है और यह ED के गालों पर तमाचा है। अब यह स्पष्ट है कि ईडी भाजपा के एक विंग के रूप में काम कर रही है।

1000 करोड़ से ज्यादा घोटाले की रकम

ED के अनुसार लीकर स्कैम में पूछताछ में शराब कारोबारी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू ने EOW को बयान दिया था कि, उसने और चैतन्य बघेल ने मिलकर 1000 करोड़ से ज्यादा घोटाले की रकम को हैंडल किया। यह कैश अनवर ढेबर ने दीपेन चावड़ा को पहुंचाया। यह पैसा बाद में राम गोपाल अग्रवाल को दिया गया।

इसकी व्यवस्था चैतन्य बघेल के साथ मिलकर की गई और चैतन्य बघेल के कहने पर 1000 करोड़ में से 100 करोड़ नकद केके श्रीवास्तव को दिया गया। पप्पू बंसल ने पूछताछ में ये भी स्वीकार किया है कि शराब घोटाले से उसे 3 महीने में 136 करोड़ रुपए मिले हैं। अनवर ढेबर और नीतेश पुरोहित के बीच चैट में हुई बातचीत में इसकी जानकारी है।

पैसा छुपाने के लिए फ्रंट कंपनियों का इस्तेमाल

ईडी का दावा है कि चैतन्य बघेल ने घोटाले का पैसा पाने के लिए दूसरे लोगों और कंपनियों का इस्तेमाल किया ताकि ED और अन्य एजेंसियां ट्रैक न कर सकें। जैसे ढिल्लन सिटी मॉल में पैसा आया, फिर ढिल्लन ड्रिंक्स से कर्मचारियों को पैसा ट्रांसफर हुआ, फिर वही पैसा बघेल डेवलपर्स को दिया गया। ED का दावा है कि चैतन्य बघेल के पास 16.70 करोड़ के अवैध घोटाले के पैसे आए।

जानिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

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CG Prime News@रायपुर. प्रवर्तन निदेशालय (ED) रायपुर जोनल कार्यालय ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार कर लिया। ED ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत की गई है। चैतन्य बघेल को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से ED को 5 दिन की कस्टडी मिली है।

ED की जांच ACB/EOW रायपुर द्वारा IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत दर्ज FIR के आधार पर शुरू हुई थी। जांच में खुलासा हुआ है कि शराब घोटाले से राज्य को भारी राजस्व नुकसान हुआ और करीब 2500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (Proceeds of Crime) आरोपितों के पास पहुंचाई गई।

ED के अनुसार, चैतन्य बघेल ने 16.70 करोड़ रुपये की अवैध राशि का उपयोग अपने रियल एस्टेट कारोबार में किया। उसने नकद में भुगतान कर प्रोजेक्ट्स के ठेकेदारों को रकम दी और बैंक में फर्जी एंट्रियां कर रकम का हेरफेर किया। इसके अलावा, उसने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर स्कीम तैयार की, जिसके तहत 5 करोड़ रुपये का फ्लैट खरीद फर्जीवाड़ा कर पैसा ट्रांसफर किया गया। बैंकिंग रिकॉर्ड से यह भी सामने आया है कि ढिल्लों को शराब सिंडिकेट से भुगतान मिला।

इतना ही नहीं, चैतन्य बघेल पर 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध राशि को आगे अन्य निवेश के लिए ट्रांसफर कराने का भी आरोप है। उसने यह राशि अनवर ढेबर सहित अन्य के जरिए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को पहुंचाई।

ED की जांच में यह भी सामने आया है कि बघेल परिवार के करीबी लोगों को इस घोटाले से मिली रकम आगे निवेश के लिए सौंपी गई। इससे पहले, इस मामले में अनिल टुटेजा (Ex-IAS), अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी (ITS), और कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री) की गिरफ्तारी हो चुकी है। ED की जांच अब भी जारी है।

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CG Prime News@रायपुर. chhattisgarh liquor scam case छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। ED ने सोमवार को 3 और आरोपियों को हिरासत में लिया है। इसमें चार्टड अकाउंटेंट संजय कुमार मिश्रा और उसके भाई मनीष मिश्रा और अभिषेक सिंह को हिरासत में लिया है। मिली जानकारी के अनुसार अभिषेक आबकारी घोटाले के आरोपी अरविंद सिंह का भतीजा है।

गिरफ्तार सीए संजय और मनीष ने नेक्स्टजेन पावर कंपनी बनाई और एफएल 10 लाइसेंस लेकर राज्य में महंगी ब्रांडेड अंग्रेजी शराब की सप्लाई करते थे। इससे पहले 18 जुलाई को पूर्व सीएम भूपेश बघेल (former CM Bhupesh baghel) के घर पर ईडी ने छापेमारी की थी। चैतन्य बघेल को शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि चार्टड अकाउंटेंट समेत तीनों आरोपियों को ईडी आज कोर्ट पेश करेगी। ईडी का दावा है कि आरोपियों के पास घोटाले में लेन-देन, रकम की हेराफेरी और अहम दस्तावेज की जानकारी है।

पूर्व सीएम बघेल के बेटे को कल ईडी पेश करेगी कोर्ट में

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिग केस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर ईडी ने कस्टोडियल रिमांड पर लिया है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम उनसे लगातार पूछताछ कर रही है। 22 जुलाई को चैतन्य बघेल की कस्टोडियल रिमांड खत्म हो रही है। 5 दिनों की पूछताछ के बाद उन्हें मंगलवार को दोपहर 3 बजे के बाद रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा।

जानिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

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CG Prime News@रायपुर. ED arrested former CM Bhupesh Baghel’s son Chaitanya छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य की गिरफ्तारी के बाद रविवार को उनसे मिलने ED ऑफिस पहुंचे। पूर्व CM के साथ उनकी बहू और बेटी भी चैतन्य बघेल से मिलने पहुंचे थे। भूपेश बघेल ने बताया कि बेटे से आधे घंटे मुलाकात हुई। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिग केस मामले में ED ने चैतन्य बघेल को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें ईडी ने 22 जुलाई तक रिमांड में लिया है।

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बेटे चैतन्य से मिलने ED दफ्तर पहुंचे पूर्व CM बघेल, बोले-अन्याय के खिलाफ लड़ाई में बेटा हुआ शामिल, कांग्रेस का प्रदर्शन जारी

बेटे से कहा अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे

चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद रायपुर में कांग्रेस का प्रदर्शन जारी है। पूर्व सीएम ने कहा कि उन्होंने बेटे से कहा कि आज अगर तुम्हारे दादा जिंदा होते तो वह बहुत खुश होते, क्योंकि तुम्हारे दादा ने पूरी जिंदगी अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी। जेल जाते रहे। तुम भी अब इस लड़ाई में शामिल हो। बघेल ने आगे कहा कि सरकार डरा-धमकाकर और बदनाम करके विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है।

CM साय ने कहा कांग्रेस का दोहरा चरित्र

पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि कांग्रेस का दोहरा चरित्र राजनीति में साफ दिखाई देता है। जब उनकी सरकार थी, तब उन्होंने CBI जांच नहीं होने दी। अब वे हर मुद्दे पर सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। हर चुनाव में हार से उनका दिमाग भ्रष्ट हो गया है। अब उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्या कहें और क्या करें।

बता दें कि 18 जुलाई को शराब घोटाला केस में चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी हुई थी। 22 जुलाई तक ईडी ने चैतन्य को रिमांड पर लिया है। जानकारी के मुताबिक रायपुर के ईडी ऑफिस के एक कमरे में चैतन्य को बंद कर रखा गया है। जहां अधिकारी केस से जुड़ी पूछताछ कर रहे हैं। वहीं रायपुर के राजीव गांधी चौक में कांग्रेस नेताओं का धरना प्रदर्शन जारी है।

22 जुलाई को प्रदेश स्तरीय आंदोलन

भूपेश बघेल ने कहा कि इस मामले में पूरी कांग्रेस पार्टी साथ खड़ी है। चैतन्य बघेल के गिरफ्तार होने के बाद सबसे पहले कॉल राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का आया था। आज रात दिल्ली जा रहा हूं। मेरा कार्यक्रम पहले से तय था। 22 जुलाई को हम प्रदेश स्तरीय आंदोलन में शामिल होंगे।

बघेल ने कहा कि हम विधानसभा में अडाणी के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाने वाले थे। रायगढ़ के तमनार में पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे हैं। इसलिए सरकार श्वष्ठ के जरिए विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है। लोगों को डरा-धमका कर फंसाना चाहती है। लोगों को बदनाम करना इनका काम है।

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CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में गिरफ्तार रिटायर्ड आईएएस (IAS) अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ अनिल टुटेजा को जमानत दी है। हालांकि पासपोर्ट जमा कराने समेत कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। Chhattisgarh liquor scam case

जमानत के बाद भी रहेेंगे जेल में

मंगलवार को जमानत आवेदन पर सुनवाई जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बैंच में हुई। हालांकि, अनिल टुटेजा को ईडी (ED) के केस में राहत मिली है लेकिन शराब घोटाले मामले में ईओडब्ल्यू (EOW) जांच कर रही है। इस केस में वो जेल में बंद हैं, ऐसे में वे जमानत के बाद भी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।

जमानत की शर्तें और प्रक्रिया

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी (ED) को आदेश दिया कि टुटेजा को जमानत की प्रक्रिया के लिए संबंधित कोर्ट में पेश किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि विशेष न्यायाधीश की अदालत अभी खाली है। इसके अलावा शर्तों में, पासपोर्ट सरेंडर करना और अदालत में सुनवाई के दौरान पूरा सहयोग करना शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट ने बताई वजह

सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 2 अप्रैल 2025 को विशेष अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया था जिसमें टुटेजा के खिलाफ आरोप तय किए गए थे। हाई कोर्ट ने कहा था कि आरोप तय करने से पहले सरकार से अनुमति (सीआरपीसी की धारा 197 के तहत) नहीं ली गई थी। धारा 197 के अनुसार, यदि कोई सरकारी अफसर अपने कार्य के दौरान किसी अपराध का आरोपी है, तो कोर्ट में मुकदमा चलाने के लिए पहले सरकार से मंजूरी लेना जरूरी होता है।

छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

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CG Prime News@रायपुर. Chhattisgarh liquor scam case छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) की मुश्किलें बढ़ते ही जा रही है। ED के बाद EOW ने कोंटा विधायक कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है। EOW ने लखमा से पूछताछ के लिए स्पेशल कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट की मांग की थी, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने लखमा को 7 अप्रैल तक रिमांड पर भेज दिया है।

जमानत पर सुनवाई से पहले गिरफ्तार

पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि, गुरुवार को हाईकोर्ट में लखमा की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी। इससे पहले ही सुनियोजित तरीके से EOW ने पूछताछ के लिए एप्लिकेशन लगाया और कोर्ट ने रिमांड पर भेज दिया। लखमा 16 जनवरी 2025 से जेल में बंद हैं।

कवासी बोले मैं गरीब आदमी

कवासी लखमा ने स्पेशल कोर्ट के बाहर मीडिया से कहा कि, मैं गरीब आदमी हूं। बस्तर की आवाज विधानसभा में उठाता हूं। जनता की आवाज और बस्तर की आवाज उठाने पर सरकार मुझे परेशान कर रही है। मैं निर्दोष हूं। गरीब आदमी हूं।

दो हजार करोड़ से ज्यादा का शराब घोटाला केस

छत्तीसगढ़ के 2161 करोड़ के शराब घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बाद ईडी ने 10 मार्च को पूर्व सीएम भूपेश बघेल, उनके करीबी नेताओं और कारोबारियों के 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी। ईडी का आरोप है कि, पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। लखमा के निर्देश पर ही सिंडिकेट काम करता था। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। वहीं, शराब नीति बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे छत्तीसगढ़ में एफएल-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। ईडी का दावा है कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रही गड़बडिय़ों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।

घोटाले की रकम 2161 करोड़

निदेशालय की ओर से लखमा के खिलाफ एक्शन को लेकर कहा गया कि, ईडी की जांच में पहले पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था। इस घोटाले की रकम 2161 करोड़ रुपए है। जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी से हर महीने कमीशन मिला है। 2019 से 2022 के बीच चले शराब घोटाले में ईडी के मुताबिक ऐसे होती थी अवैध कमाई।

कमीशन के पैसे से बेटे का घर बना

ED के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि, 3 साल शराब घोटाला चला। लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। इस दौरान 36 महीने में लखमा को 72 करोड़ रुपये मिले। ये राशि उनके बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में लगे। ईडी ने कहा था कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। शराब सिंडिकेट के लोगों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध कमाई भरी गई।

 

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CG Prime News@भिलाई. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और एआईसीसी (AICC) महासचिव भूपेश बघेल (former CM chhattisgarh Bhupesh Baghel) और बेटे चैतन्य के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमार कार्रवाई चल रही है। पूर्व सीएम के घर ईडी रेड (ED Raid in bhilai) के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। विधानसभा के प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायकों ने ED की कार्रवाई को गलत बताते हुए जमकर हंगामा किया। वहीं कई कांग्रेसी सदन के वेल में घुस आए। नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर लिया। बतां दे कि सोमवार सुबह 7 बजे से ईडी की टीम रेड कार्रवाई करते हुए पूर्व सीएम और उनके बेटे चैतन्य बघेल से भिलाई तीन पदुम नगर स्थित उनके घर पर पूछताछ कर रही है।

ED की टीम पर पथराव
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED ने कार्रवाई के बीच सोमवार दोपहर नोट गिनने और सोना जांचने की मशीनें पूर्व सीएम भूपेश बघेल के घर मंगवाई है। इसी बीच ED की कार पर बाहर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। सुरक्षा में लगे जवान भी भागते दिखे। ईडी के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ता प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की कार को रोकते भी दिखे। इस बीच उनकी पुलिस से झड़प हुई है। मंगवार को कांग्रेस ने प्रदेशभर में ईडी की कार्रवाई के विरोध में भाजपा और ईडी का पुतला दहन करने का ऐलान किया है।

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पूर्व CM भूपेश के घर ED ने मंगवाई नोट गिनने और सोना जांचने की मशीन, समर्थकों ने किया पथराव

बड़ी संख्या में समर्थक कर रहे नारेबाजी
भिलाई के पदुमनगर स्थित पूर्व सीएम भूपेश बघेल के घर के बाहर सुबह से बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद हैं। ये सभी ED की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मुताबिक प्रदेश के गृहमंत्री सवालों से घिरे हुए हैं, विधानसभा में सवालों का कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इसलिए भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी का दुरुपयोग कर रहे हैं। कांग्रेसियों ने केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधते हुए केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।

एक साथ 14 जगहों पर छापा
ईडी ने सोमवार सुबह दुर्ग-भिलाई में एक साथ 14 जगहों पर छापेमार कार्रवाई की है। ईडी ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि चैतन्य बघेल से जुड़े कई ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापे पड़े हैं। 2100 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में चैतन्य बघेल को भी लाभ पहुंचाने का दावा किया गया है। चैतन्य के करीबी और सहयोगी लक्ष्मीनारायण बंसल और पप्पू बंसल के ठिकानों पर भी कार्रवाई चल रही है। ईडी ने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम पीएमएलए के तहत छत्तीसगढ़ गे दुर्ग जिले में 14 स्थानों पर छापेमारी की गई है। यह कार्रवाई राज्य में हुए शराब घोटाले से जुड़े मामले में की गई है। जिसमें अनुमानित 2,161 करोड़ रुपए की अवैध कमाई की गई है।

इनके यहां भी पड़ा छापा
भिलाई तीन के अलावा ED ने नेहरू नगर में मनोज राजपूत, चरोदा में अभिषेक ठाकुर और संदीप सिंह, कमल अग्रवाल किशोर राइस मिल दुर्ग, सुनील अग्रवाल सहेली ज्वेलर्स दुर्ग और बिल्डर अजय चौहान के यहां भी छापेमारी की है। ये सभी पूर्व सीएम बघेल के करीबी बताए जा रहे हैं।

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