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Chhattisgarh liquor scam case

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CG Prime News@रायपुर. The High Court dismissed the petition of Chaitanya, son of former Chief Minister Bhupesh छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को एक बार फिर हाईकोर्ट से झटका लगा है। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में गिरफ्तार चैतन्य बघेल द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई और अपनी गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उस याचिका को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया है। शराब घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया।

कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला

इस मामले में जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 24 सितंबर को फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे अब सुनाया गया है। हाईकोर्ट ने कहा कि, जांच और गिरफ्तारी पर हस्तक्षेप करने का कोई उचित आधार नहीं है। कोर्ट ने माना कि ईडी की कार्रवाई कानून के तहत की गई है। इसलिए इसमें न्यायालय को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है।

गिरफ्तारी को बताया था असंवैधानिक

दरअसल पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने ईडी की ओर से की गई जांच, गिरफ्तारी को नियम विरुद्ध और असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग की थी। इस मामले में ईडी की ओर से एडवोकेट सौरभ पांडेय ने पैरवी की।

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CG Prime News@रायपुर. 28 suspended excise officials accused in the liquor scam got bail छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला केस में शामिल आबकारी अधिकारियों को जमानत मिल गई है। मंगलवार को घोटाले में आरोपी बनाए गए 28 आबकारी अधिकारियों को रायपुर की ईओडब्ल्यू (EOW) कोर्ट में पेश किया गया। जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सभी अधिकारी अग्रिम जमानत के कागजात लेकर कोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट ने 1-1 लाख रुपए का जमानत पट्टा जमा करने पर सभी 28 अधिकारियों को जमानत दे दी है।

88 करोड़ से ज्यादा की अवैध कमाई

ईओडब्ल्यू के मुताबिक छत्तीसगढ़ शराब घोटाला में सभी 28 अधिकारी शराब घोटाले के सिंडिकेट का हिस्सा थे। इन्होंने मिलकर 88 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध कमाई की ऐसा जांच के बाद इन पर आरोप लगा है। पिछले महीने राज्य सरकार ने सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। अगस्त के अंतिम सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें अग्रिम जमानत की मंजूरी दी थी

जानिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED के मुताबिक रिटायर्ड IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया।

EOW/ACB की जांच और 200 से अधिक लोगों के बयान और डिजिटल सबूतों के आधार पर लगभग 60 लाख 50 हजार 950 पेटी बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री हुई। इसकी अनुमानित कीमत 2174 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।

पहले इस घोटाले का आंकड़ा 2161 करोड़ रुपए बताया गया था, लेकिन नए सिरे से जांच में घोटाले की रकम बढ़कर 3200 करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई है। EOW इस मामले की जांच कर रही है। घोटाले में शामिल पूर्व मंत्री कवासी लखमा समेत अन्य आरोपी जेल में बंद हैं।

वर्ष 2019 से 2023 के बीच राज्य के 15 बड़े जिलों में पदस्थ आबकारी अधिकारियों ने देसी शराब (B-Part शराब) की अवैध बिक्री कराई। बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर बाकी चयनित जिलों में अधिक खपत वाली दुकानों को डिस्टलरी से सीधे अतिरिक्त अवैध शराब भेजी जाती थी, जिसे वैध शराब के साथ बेचा जाता था।

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CG Prime News@रायपुर. chhattisgarh liquor scam छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में भाजपा रायपुर शहर उत्तर विधानसभा विधायक पुरंदर मिश्रा (BJP MLA Purandar Mishra) के बयान से एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। विधायक मिश्रा ने EOW द्वारा शराब घोटाले में दायर चार्जशीट का हवाला देते हुए कांग्रेस पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस घोटाले में कांग्रेस के सभी नेता और पूरी कैबिनेट संलिप्त है। मिश्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की नीति सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की रही है।

कांग्रेस ने बयान पर नहीं दी प्रतिक्रिया

विधायक मिश्रा ने कहा कि शराब नीति में बदलाव कैबिनेट ने ही किया था और अब पूरा घोटाला सामने आ चुका है। कांग्रेस के लिए देश और जनता से ज्यादा अहम भ्रष्टाचार है। मिश्रा के इन आरोपों से सियासी हलकों में हलचल मच गई है। भाजपा लगातार कांग्रेस पर हमलावर है, वहीं कांग्रेस ने अब तक इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

कांग्रेस पीसीसी और बीसीसी में बिजी

भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। वोट चोरी के मसले पर निशाना साधते हुए उन्होंने कांग्रेस की कार्यप्रणाली को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। विधायक मिश्रा ने कहा कांग्रेस में न तो संवाद है और न ही एकजुटता। विपक्ष PCC और BCC में यानि बैज कांग्रेस कमेटी और भूपेश कांग्रेस कमेटी में दो फाड़ है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि कांग्रेस में हर बात के दो मतलब निकलते हैं। मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस की असली नीति है-मिलकर करेंगे भ्रष्टाचार।

सरकार को बधाई

प्रदेश में मानसून के दौरान लगातार चल रहे नक्सल विरोधी अभियान पर विधायक मिश्रा ने सरकार और केंद्रीय नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और मंत्री विजय शर्मा लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। मिश्रा ने कहा नक्सलियों का अंत निकट है।

 

CG Prime News @रायपुर. Chhattisgarh Liquor Scam News छत्तीसगढ़ शराब घोटाला के आरोप में जेल में बंद पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कोर्ट से राहत नहीं मिली है। जमानत की राह देख रहे चैतन्य को निराश करते हुए शनिवार को ED कोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

दरअसल, ED की 5 दिन की डिमांड पूरी होने के बाद ED ने चैतन्य को शनिवार को कोर्ट में पेश किया था। जहां दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने चैतन्य को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार चैतन्य

चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाला मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने आरोपी बनाया है। इससे पहले 18 अगस्त को ED ने 5 दिन की रिमांड ली थी। इस दौरान चैतन्य बघेल से पूछताछ के बाद शनिवार को फिर से कोर्ट में किया गया। शराब घोटाला मामले में चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन के दिन ही 18 जुलाई को ED ने गिरफ्तार किया था।

ED का दावा है कि चैतन्य ने घोटाले का पैसा पाने के लिए दूसरे लोगों और फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया था। ताकि कोई भी जांच एजेंसी उसे ट्रैक ना कर सके। ED में अपनी जांच में पाया की तत्कालीन भूपेश बघेल की सरकार में सिंडिकेट बनाकर शराब घोटाले को अंजाम दिया गया था।

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CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला (Chhattisgarh liquor scam) और मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार पूर्व सीएम भूपेश बघेल (former cm bhupesh baghel) के बेटे चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghe) की याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट ( Chhattisgarh High Court) में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर दो हफ्ते बाद यानी 26 अगस्त तक जवाब मांगा है। चैतन्य बघेल ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती दी। ईडी ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को भिलाई से गिरफ्तार किया था। चैतन्य 24 दिनों से जेल में बंद है। हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच में चैतन्य बघेल की तरफ से पक्ष रखा गया। याचिका में गिरफ्तारी की प्रक्रिया को गलत बताया गया है।

सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली थी राहत

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली थी। ईडी के मामलों को लेकर लगाई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह देते हुए याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद चैतन्य बघेल ने अपनी गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। इसमें कहा गया है कि उनकी हिरासत गैरकानूनी है। कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया।

24 दिनों से जेल में बंद है पूर्व सीएम के बेटे

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चैतन्य बघेल को भी आरोपी बनाया है। चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को भिलाई से गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि शराब घोटाले की रकम से चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपए मिले हैं।

ईडी के मुताबिक शराब घोटाले से मिले ब्लैक मनी को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट किया गया। ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए फर्जी निवेश दिखाया गया है। साथ ही सिंडिकेट के साथ मिलकर 1000 करोड़ रुपए की हैंडलिंग (हेराफेरी) की गई है।

पीने का नहीं मिल रहा साफ पानी

याचिकाकर्ता चैतन्य के वकील हर्षवर्धन परगनिहा ने बताया कि चैतन्य को पीने का साफ पानी जेल में नहीं मिल रहा। कोर्ट ने इस संदर्भ में जेल अधीक्षक को जरूरी दिशा निर्देश दिया है। चैतन्य ने खुद को हिरासत में लिए जाने को चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था।

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CG Prime News@रायपुर. Chhattisgarh Liquor scam case छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कोर्ट ने 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है। मंगलवार को ED ने रायपुर की स्पेशल कोर्ट में चैतन्य को पेश किया। जहां से कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया है। इससे पहले ED ने चैतन्य से 5 दिन तक पूछताछ की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को फटकार लगाते हुए कहा कि, राजनीतिक लड़ाइयां चुनाव में लड़ी जानी चाहिए, जांच एजेंसियों के जरिए नहीं। ED का इस तरह इस्तेमाल क्यों हो रहा है? इस पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि, सुप्रीम कोर्ट की ईडी को लेकर की गई टिप्पणी केंद्र सरकार के खिलाफ है और यह ED के गालों पर तमाचा है। अब यह स्पष्ट है कि ईडी भाजपा के एक विंग के रूप में काम कर रही है।

1000 करोड़ से ज्यादा घोटाले की रकम

ED के अनुसार लीकर स्कैम में पूछताछ में शराब कारोबारी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू ने EOW को बयान दिया था कि, उसने और चैतन्य बघेल ने मिलकर 1000 करोड़ से ज्यादा घोटाले की रकम को हैंडल किया। यह कैश अनवर ढेबर ने दीपेन चावड़ा को पहुंचाया। यह पैसा बाद में राम गोपाल अग्रवाल को दिया गया।

इसकी व्यवस्था चैतन्य बघेल के साथ मिलकर की गई और चैतन्य बघेल के कहने पर 1000 करोड़ में से 100 करोड़ नकद केके श्रीवास्तव को दिया गया। पप्पू बंसल ने पूछताछ में ये भी स्वीकार किया है कि शराब घोटाले से उसे 3 महीने में 136 करोड़ रुपए मिले हैं। अनवर ढेबर और नीतेश पुरोहित के बीच चैट में हुई बातचीत में इसकी जानकारी है।

पैसा छुपाने के लिए फ्रंट कंपनियों का इस्तेमाल

ईडी का दावा है कि चैतन्य बघेल ने घोटाले का पैसा पाने के लिए दूसरे लोगों और कंपनियों का इस्तेमाल किया ताकि ED और अन्य एजेंसियां ट्रैक न कर सकें। जैसे ढिल्लन सिटी मॉल में पैसा आया, फिर ढिल्लन ड्रिंक्स से कर्मचारियों को पैसा ट्रांसफर हुआ, फिर वही पैसा बघेल डेवलपर्स को दिया गया। ED का दावा है कि चैतन्य बघेल के पास 16.70 करोड़ के अवैध घोटाले के पैसे आए।

जानिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

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CG Prime News@रायपुर. प्रवर्तन निदेशालय (ED) रायपुर जोनल कार्यालय ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार कर लिया। ED ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत की गई है। चैतन्य बघेल को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से ED को 5 दिन की कस्टडी मिली है।

ED की जांच ACB/EOW रायपुर द्वारा IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत दर्ज FIR के आधार पर शुरू हुई थी। जांच में खुलासा हुआ है कि शराब घोटाले से राज्य को भारी राजस्व नुकसान हुआ और करीब 2500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (Proceeds of Crime) आरोपितों के पास पहुंचाई गई।

ED के अनुसार, चैतन्य बघेल ने 16.70 करोड़ रुपये की अवैध राशि का उपयोग अपने रियल एस्टेट कारोबार में किया। उसने नकद में भुगतान कर प्रोजेक्ट्स के ठेकेदारों को रकम दी और बैंक में फर्जी एंट्रियां कर रकम का हेरफेर किया। इसके अलावा, उसने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर स्कीम तैयार की, जिसके तहत 5 करोड़ रुपये का फ्लैट खरीद फर्जीवाड़ा कर पैसा ट्रांसफर किया गया। बैंकिंग रिकॉर्ड से यह भी सामने आया है कि ढिल्लों को शराब सिंडिकेट से भुगतान मिला।

इतना ही नहीं, चैतन्य बघेल पर 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध राशि को आगे अन्य निवेश के लिए ट्रांसफर कराने का भी आरोप है। उसने यह राशि अनवर ढेबर सहित अन्य के जरिए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को पहुंचाई।

ED की जांच में यह भी सामने आया है कि बघेल परिवार के करीबी लोगों को इस घोटाले से मिली रकम आगे निवेश के लिए सौंपी गई। इससे पहले, इस मामले में अनिल टुटेजा (Ex-IAS), अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी (ITS), और कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री) की गिरफ्तारी हो चुकी है। ED की जांच अब भी जारी है।

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CG Prime News@रायपुर. chhattisgarh liquor scam case छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। ED ने सोमवार को 3 और आरोपियों को हिरासत में लिया है। इसमें चार्टड अकाउंटेंट संजय कुमार मिश्रा और उसके भाई मनीष मिश्रा और अभिषेक सिंह को हिरासत में लिया है। मिली जानकारी के अनुसार अभिषेक आबकारी घोटाले के आरोपी अरविंद सिंह का भतीजा है।

गिरफ्तार सीए संजय और मनीष ने नेक्स्टजेन पावर कंपनी बनाई और एफएल 10 लाइसेंस लेकर राज्य में महंगी ब्रांडेड अंग्रेजी शराब की सप्लाई करते थे। इससे पहले 18 जुलाई को पूर्व सीएम भूपेश बघेल (former CM Bhupesh baghel) के घर पर ईडी ने छापेमारी की थी। चैतन्य बघेल को शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि चार्टड अकाउंटेंट समेत तीनों आरोपियों को ईडी आज कोर्ट पेश करेगी। ईडी का दावा है कि आरोपियों के पास घोटाले में लेन-देन, रकम की हेराफेरी और अहम दस्तावेज की जानकारी है।

पूर्व सीएम बघेल के बेटे को कल ईडी पेश करेगी कोर्ट में

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिग केस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर ईडी ने कस्टोडियल रिमांड पर लिया है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम उनसे लगातार पूछताछ कर रही है। 22 जुलाई को चैतन्य बघेल की कस्टोडियल रिमांड खत्म हो रही है। 5 दिनों की पूछताछ के बाद उन्हें मंगलवार को दोपहर 3 बजे के बाद रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा।

जानिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

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CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुवार छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले (CG liquor scam) के आरोपियों से मिलने रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचे। वहां उन्होंने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और विजय भाटिया से मुलाकात की। उनका हालचाल जाना। जेल से बाहर आते ही पूर्व सीएम बघेल ने आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने कहा कि जेल के अंदर कवासी लखमा और विजय भाटिया के साथ दुश्मनों की तरह व्यवहार किया जा रहा है।

इलाज की सुविधा नहीं मिलने का लगाया आरोप

पूर्व सीएम ने कहा कि जेल के भीतर कवासी लखमा और विजय भाटिया की तबीयत ठीक नहीं है। कवासी लखमा हार्ट पेशेंट हैं पर उन्हें इलाज की सुविधा नहीं दी जा रही है। जवानों की कमी बताकर उनका इलाज नहीं कराया जा रहा है। विजय भाटिया भी बीमार हैं उन्हें भी अस्पताल नहीं ले जाया जा रहा है। वे इसको लेकर कोर्ट भी जाएंगे।

भाजपा विधायक राजेश मूणत ने ली चुटकी

पूर्व सीएम भूपेश बघेल के आरोपों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक राजेश मूणत ने चुटकी लेते हुए पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल को बहुत दिनों बाद अपने शुभचिंतकों की याद आई। पूर्व मंत्री और विधायक के साथ जेल में अमानवीय व्यवहार हो ही नहीं सकता। जेल में भी अस्पताल है। वहां उसका इलाज चल रहा है अगर कोई अलग से इलाज चाहिए तो बता दे सरकार वह भी कर देगी। उन्होंने कहा कि कई दिनों से भूपेश बघेल अपने शुभचिंतकों से मिलने के लिए समय नहीं निकल पा रहे थे। एक शुभचिंतक विजय भाटिया आए हैं तो वह मिलने पहुंचे हैं ।

क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई शराब

ED की ओर से दर्ज कराई गई FIR की जांच ACB कर रही है। ACB से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।

CG Prime News@भिलाई. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने एक साल से फरार भिलाई निवासी आरोपी विजय भाटिया को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। इधर EOW की टीम नेहरु नगर उसके निवास और मैनेजर के घर पर छापेमारी की। सुबह 6.30 बजे से शाम करीब 5 बजे तक सर्च ऑपरेशन चला। जहां कई बड़े साक्ष्य हाथ लगे है।

जानकारी के अनुसार EOW ने अप्रैल 2024 में आरोपी विजय भाटिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) की धारा 7 और 12, तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471, 120-बी के तहत प्रकरण दर्ज किया था। EOW की टीम ने तीन बार उसके घर पर छापेमारी की, लेकिन विजय भाटिया फरार था।

EOW की टीम लगातार उसकी पतासाजी कर रही थी। अंतत: दिल्ली में EOW की टीम के हाथ लग गया। टीम ने उसे हिरासत में लेकर विधिसम्मत प्रक्रिया के तहत रायपुर लाया। इसके बाद रायपुर कोर्ट में पेश किया। सूत्रों के अनुसार विजय भाटिया घोटाले में एक अहम कड़ी के रूप में सामने आया है और उससे पूछताछ में कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।

विजय भाटिया के मैनेजर के घर से मिले डिजिटल साक्ष्य

रविवार सुबह करीब 6.30 बजे EOW की टीम दो गाडियों से नेहरु नगर स्थित विजय भाटिया के घर पहुंची। दूसरी टीम उसके मैनेजर संतोष रामटेके के घर में छापेमारी की। दोनों जगह करीब 10 घंटे तक सर्चिंग की। संतोष के घर से ईओडब्ल्यू की टीम को डिजिटल साक्ष्य और कुछ अहम दस्तावेज मिले है। जिसकी जब्त कर टीम ले गई।

8 ठिकानों पर छापेमारी

इस कार्रवाई के साथ ही EOW की टीम ने विजय भाटिया के निवास के अलावा उससे संबंधित कंपनियों और सहयोगियों के 8 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है। इन तलाशी अभियानों में जांच एजेंसी को महत्वपूर्ण दस्तावेज, निवेश संबंधी कागजात और कई डिजिटल डिवाइस (इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स) मिले हैं जिन्हें जप्त कर लिया गया है।

फॉरेंसिक जांच होगी

सूत्रों ने बताया कि EOW अब इन दस्तावेजों और उपकरणों की फॉरेंसिक जांच कराएगी। ताकि यह पता चल सके कि धन का लेन-देन किन माध्यमों से और किसके संरक्षण में किया गया। शराब घोटाले में अब तक कई अधिकारियों और व्यापारियों के नाम सामने आ चुके हैं। विजय की गिरफ्तारी मामले को और भी गहराई से उजागर करने में मदद कर सकती है।

EOW के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि मामले की जांच पूरी गंभीरता से जारी है और जल्द ही और भी गिरफ्तारियां संभव हैं। इस घोटाले में कई बड़े नामों की भूमिका की जांच की जा रही है।

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CG Prime News@भिलाई. छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ACB और EOW ने मंगलवार को प्रदेश के 39 जगहों पर छापा मारा। दुर्ग-भिलाई के अलावा धमतरी और महासमुंद में ये कार्रवाई की गई। शाम को राज्य आर्थिक अपराध-अन्वेषण ब्यूरो द्वारा आबकारी घोटाले और आज की छापेमार कार्रवाई को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि छापे के दौरान 90 लाख रुपए की राशि, सोना-चांदी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए गए हैं।

तड़के सुबह पहुंची टीम भिलाई

ACB और EOW की कई टीमें चार गाडिय़ों में सुबह 4 बजे भिलाई पहुंची। एक टीम हाउसिंग बोर्ड स्थित आम्रपाली अपार्टमेंट में अशोक अग्रवाल के घर पहुंची। दूसरी टीम नेहरू नगर में बंसी अग्रवाल और विशाल केजरीवाल के यहां दबिश दी। वहीं खुर्सीपार में विनय अग्रवाल के यहां दस्तावेजों की जांच हुई।
भिलाई में कारोबारी अशोक अग्रवाल का घर जहां पड़ा छापा।

दुर्ग-भिलाई में इन कारोबारियों के यहां पड़ा है छापा

एसके केजरीवाल, नेहरू नगर, भिलाई
अशोक अग्रवाल, आम्रपाली अपार्टमेंट, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, भिलाई
विनय अग्रवाल, खुर्सीपार
संजय गोयल, डायरेक्टर स्पर्श हॉस्पिटल, नेहरू नगर
विश्वास गुप्ता, बिल्डर, दुर्ग
बंसी अग्रवाल, नेहरू नगर
आशीष गुप्ता, डायरेक्टर, आशीष इंटरनेशनल होटल सुपेला, नेहरू नगर स्थित घर में कार्रवाई।

महासमुंद में कारोबारियों के ठिकानों पर कार्रवाई

महासमुंद जिले के सांकरा और बसना में भी ACB-EOW कार्रवाई कर रही है। सांकरा में कैलाश अग्रवाल और बसना में जय भगवान अग्रवाल के ठिकानों में दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। यहां दो वाहनों में 20 सदस्यीय टीम पहुंची है।

क्या है शराब घोटाला ?

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

ED की ओर से दर्ज कराई गई FIR की जांच ACB कर रही है। ACB से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।

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CG Prime News@भिलाई. chhattisgarh liquor scam छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ACB और EOW की टीम ने प्रदेश में 20 से ज्यादा जगहों पर मंगलवार को छापा मारा। अकेले दुर्ग जिला के दुर्ग-भिलाई में 22 जगहों पर एसीबी-ईओडब्ल्यू की एक साथ रेड से हड़कंप मच गया। दुर्ग-भिलाई के 7 से ज्यादा नामी कारोबारियों, बिल्डर्स के घर दबिश के बाद एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम की जांच जारी है। दुर्ग जिले में पहले भी शराब घोटाला मामले में नामी कारोबारियों और पूर्व सीएम भूपेश बघेल के घर पर छापा पड़ चुका है।

दुर्ग-भिलाई में इन कारोबारियों के यहां पड़ा है छापा

एसके केजरीवाल, नेहरू नगर, भिलाई
अशोक अग्रवाल, आम्रपाली अपार्टमेंट, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, भिलाई
विनय अग्रवाल, खुर्सीपार
संजय गोयल, डायरेक्टर स्पर्श हॉस्पिटल, नेहरू नगर
विश्वास गुप्ता, बिल्डर, दुर्ग
बंसी अग्रवाल, नेहरू नगर
आशीष गुप्ता, डायरेक्टर, आशीष इंटरनेशनल होटल सुपेला, नेहरू नगर स्थित घर में कार्रवाई।

महासमुंद में कारोबारियों के ठिकानों पर कार्रवाई

महासमुंद जिले के सांकरा और बसना में भी ACB-EOW कार्रवाई कर रही है। सांकरा में कैलाश अग्रवाल और बसना में जय भगवान अग्रवाल के ठिकानों में दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। यहां दो वाहनों में 20 सदस्यीय टीम पहुंची है।

क्या है शराब घोटाला ?

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

ED की ओर से दर्ज कराई गई FIR की जांच ACB कर रही है। ACB से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।

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