Home » chhattisgarh health department
Tag:

chhattisgarh health department

cg prime news

CG Prime News@कोंडागांव. Kondagaon district of Chhattisgarh received the first national level award from NITI Aayog कोंडागांव जिले ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर प्रदेश का मान बढ़ाया है। नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा आयोजित “नीति फॉर स्टेपट्स’ – ‘यूज केस चैलेंज अवॉर्ड्स’ में कोंडागांव जिले को ‘स्वास्थ्य एवं पोषण’ श्रेणी में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। यह सम्मान जिला कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना को एलबीएसएनएए मसूरी में आयोजित समारोह में नीति आयोग के सीईओ  बी. वी. आर. सुब्रमण्यम और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के डायरेक्टर श्रीराम तरणीकांति द्वारा प्रदान किया गया। यह पुरस्कार जिले द्वारा प्रस्तुत “Reducing Anaemia in Pregnant Women” (गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की कमी लाने) संबंधी पहल के लिए दिया गया, जिसमें डेटा-आधारित विश्लेषण, नवीन हस्तक्षेप, सतत निगरानी और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त किए गए हैं।

जिले में संचालित इस पहल के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं में रक्ताल्पता की दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं जनजागरूकता कार्यक्रमों का समन्वित रूप से संचालन किया गया। इस नवाचार के परिणामस्वरूप जिले में स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है। नीति आयोग द्वारा इस उपलब्धि को आकांक्षी जिला एवं ब्लॉक कार्यक्रम के तहत एक उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में चयनित किया गया है।

कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने इस सम्मान को जिले की संपूर्ण टीम, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और समुदाय के सहयोग को समर्पित करते हुए कहा कि  “यह उपलब्धि कोंडागांव की टीम भावना और सामुदायिक सहभागिता का परिणाम है। हमारा उद्देश्य मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सतत सुधार लाना है।” यह सम्मान न केवल कोंडागांव जिले के लिए, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गौरव का विषय है।

cg prime news

CG Prime News@रायपुर. Healthy Women, Strong Family Campaign Chhattisgarh  केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Union Ministry of Health and Family Welfare) की महत्वाकांक्षी पहल स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान छत्तीसगढ़ में कई नए कीर्तिमान स्थापित किए है। बीते पखवाड़े भर में प्रदेशभर में 31 हजार से अधिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए। जिनमें करीब 22 लाख लोगों ने जांच और उपचार की सेवाएं प्राप्त कीं।

सबसे खास बात यह रही कि इन शिविरों में महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक रही, जिससे यह साफ है कि अब ग्रामीण अंचलों में भी महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग हो रही हैं। यह भागीदारी अभियान के उस मूल विचार को मजबूती देती है, जिसमें माना गया है कि जब एक महिला स्वस्थ होती है, तभी पूरा परिवार और समाज सशक्त बनता है।

cg prime news

एनीमिया की भी जांच की

इन शिविरों में महिला स्वास्थ्य, पोषण व एनीमिया की जांच को विशेष प्राथमिकता दी गई। जिसके अंतर्गत पांच लाख से अधिक लोगों की एनीमिया जांच की गई। यह आंकड़ा न केवल जांच की व्यापकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि राज्य सरकार महिलाओं में खून की कमी जैसी पुरानी समस्याओं को लेकर अब ठोस कदम उठा रही है।

गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, बच्चों का टीकाकरण, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, टीबी, कैंसर और सिकल सेल जैसे रोगों की स्क्रीनिंग को भी शिविरों में प्राथमिकता के साथ शामिल किया गया। परिणामस्वरूप 1.91 लाख गर्भवती महिलाओं की जांच हुई, 2.72 लाख लोगों की सिकल सेल स्क्रीनिंग की गई, 3.72 लाख लोगों की टीबी जांच की गई और 67 हजार से अधिक बच्चों को टीके लगाए गए।

महिलाओं को संतुलित आहार की जानकारी

अभियान सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं रहा। इन शिविरों में महिला स्वास्थ्य कर्मियों और विशेषज्ञों ने बड़ी संख्या में महिलाओं को संतुलित आहार, आयरन-फोलिक एसिड की महत्ता, स्वच्छता और जीवनशैली में सुधार जैसे विषयों पर परामर्श दिया। यह पहल केवल उपचार नहीं, बल्कि समय रहते रोगों की पहचान और रोकथाम की दिशा में भी कारगर सिद्ध हो रही है। लगभग 13 लाख लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य विषयों पर जागरूक किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अभियान के माध्यम से केवल बीमारियों का उपचार नहीं, बल्कि जनसामान्य में स्वास्थ्य के प्रति सोच बदलने का प्रयास किया जा रहा है।

माता और गरबा पंडालों में लगाया शिविर

अभियान की व्यापकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभियान के अंतर्गत नवरात्रि महोत्सव को महिला स्वास्थ्य और परिवार सशक्तिकरण से जोड़ते हुए एक अभिनव पहल शुरू की गई। राज्य के विभिन्न जिलों में माता पंडालों और गरबा स्थलों पर हजारों महिलाओं ने स्वस्थ नारी सुरक्षित परिवार का संकल्प लिया। स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने इस अवसर पर महिलाओं को स्वच्छता, संतुलित आहार, नियमित स्वास्थ्य जांच और मासिक धर्म स्वच्छता के महत्व से अवगत कराया।

सामाजिक सशक्तिकरण का बना मॉडल

राज्य सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को भी इस अभियान के दायरे में शामिल किया है। इस दौरान 36,186 हितग्राहियों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड व प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना व वितरित किए गए हैं। जिससे अब उन्हें भी उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं तक नि:शुल्क पहुंच मिल सकेगी। छत्तीसगढ़ का यह अभियान अब केवल स्वास्थ्य सुविधा का विस्तार नहीं, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण का एक मॉडल बनता जा रहा है। गांव-गांव और दूरस्थ अंचलों तक पहुंचते हुए यह पहल दिखा रही है कि जब नीतियां ज़मीन पर उतरती हैं, तो बदलाव सिर्फ आंकड़ों में नहीं, जीवन के हर स्तर पर नजऱ आता है।

टीबी उन्मूलन की दिशा में केंद्र और राज्य की साझा प्रतिबद्धता

भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य तय किया है और इसी दिशा में लगातार निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं। इस लक्ष्य की प्राप्ति में छत्तीसगढ़ जैसे राज्य भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ योगदान दे रहे हैं। स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के दौरान ही 3,72,985 लोगों की टीबी स्क्रीनिंग की गई, जिनमें से लक्षण मिलने पर तुरंत इलाज की प्रक्रिया शुरू की गई। टीबी रोगियों के पोषण और संबल के लिए 7000 से अधिक निक्षय मित्रों को पंजीकृत किया गया, जो इन्हें पोषण आहार और मानसिक सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित टीबी मुक्त भारत संकल्प के अनुरूप यह प्रयास केवल चिकित्सकीय नहीं, बल्कि सामाजिक आंदोलन का रूप ले रहा है। केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे निक्षय पोषण योजना, निक्षय मित्र योजना और सामुदायिक सहभागिता आधारित पोषण वितरण मॉडल जैसे कार्यक्रम इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।