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CG Prime News@रायपुर.National Unity Day: Chief Minister said – Run for Unity is a symbol of unity of the country  देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल अपनी कर्मठता और दृढ़ इच्छाशक्ति से लौहपुरुष बने। आज़ादी के बाद के कठिन हालातों में उन्होंने अपनी सूझबूझ और फौलादी इरादों से 562 रियासतों का भारत में विलय कर अखंड भारत का निर्माण किया। किसानों के संघर्ष और स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान अमूल्य रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम में यह बात कही।

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राष्ट्रीय एकता दिवस: मुख्यमंत्री बोले-रन फॉर यूनिटी देश की एकता का प्रतीक, हर संभाग में लगेगी सरदार पटेल की प्रतिमा

यह कार्यक्रम खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा रायपुर स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल (sardar vallabhbhai patel) अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री व खेल एवं युवा कल्याण मंत्री अरुण साव, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, विधायक राजेश मूणत उपस्थित थे।

सरदार पटेल ने किया अखंड भारत का निर्माण

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर उनके महान योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि सरदार पटेल ने अपनी विराट सोच और अटूट इच्छाशक्ति से टुकड़ों में बंटी रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर अखंड भारत का निर्माण किया। सरदार पटेल का जीवन राष्ट्र की एकता, अखंडता और समर्पण का प्रतीक है। उनकी 150वीं जयंती पर आज पूरे देश में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

रन फॉर यूनिटी देश की एकता का प्रतीक

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गुजरात के केवडिय़ा में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य को भी आमंत्रित किया गया है। जहां राज्य का विशेष स्टॉल भी लगाया गया है। उन्होंने कहा कि ‘रन फॉर यूनिटी केवल देश की एकता और अखंडता का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह फिटनेस और सामूहिक ऊर्जा का भी संदेश देता है।

हर संभाग में लगेगी सरदार पटेल की प्रतिमा

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश की आज़ादी और किसानों के अधिकारों के लिए ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध कठोर संघर्ष किया। उप मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य के सभी संभागीय मुख्यालयों में सरदार पटेल की भव्य प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। इसके लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा संबंधित नगरीय निकायों को 50-50 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।

सीएम ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों का किया सम्मान

मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को शाल एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। उन्होंने प्रतिभागियों द्वारा बनाए गए रंगोली और चित्रों का अवलोकन किया तथा उपस्थित जनों को स्वदेशी अपनाने और भारत में निर्मित वस्तुओं के उपयोग की शपथ दिलाई।

बस्तर ओलंपिक के प्रचार रथ को दिखाई हरी झंडी

राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा रन फॉर यूनिटी (run for unity) के साथ ही महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं के लिए रंगोली, चित्रकला, भाषण एवं काव्य पाठ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।मुख्यमंत्री श्री साय ने रंगोली, चित्रकला, भाषण और काव्य पाठ प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किया। रन फॉर यूनिटी के प्रतिभागियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने ‘बस्तर ओलंपिकÓ के प्रचार रथ को भी हरी झंडी दिखाई। यह प्रचार रथ बस्तर संभाग के सभी जिलों में पहुंचकर बस्तर ओलंपिक का प्रचार-प्रसार करेगा।

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CG Prime News@दुर्ग. CM Sai attended the Pandavani Mahasammelan in Durg districtअंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस के अवसर पर दुर्ग जिले के ग्राम मेड़ेसरा में आयोजित पंडवानी महासम्मेलन के समापन समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग रायपुर के सौजन्य से आयोजित इस समारोह को संबोधित करते हुए सीएम साय ने कहा कि पंडवानी एक ऐसी विधा है, जिसके माध्यम से छत्तीसगढ़ को दुनिया भर में पहचान मिली है।

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CM Sai attended the Pandavani Mahasammelan in Durg district

सीएम ने कार्यक्रम में दुर्ग जिले के नागरिक कल्याण महाविद्यालय नंदिनी में स्नाातकोत्तर कक्षाएं खोलने, अछोटी में बीएड महाविद्यालय, मेड़ेसरा को आदर्श गांव बनाने के साथ ही समुदायिक भवन हेतु 20 लाख रूपए और क्षेत्र के सभी पंचायतों में सीसी रोड निर्माण की घोषणा की है।

दुनिया के हर कोने में किया कला का प्रदर्शन

दुनिया के हर कोने में हमारे पंडवानी कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया है। न्यूयार्क से लेकर पेरिस और लंदन तक महाभारत की कथाओं पर आधारित हमारे पंडवानी गायन को लोगों ने सुना और सराहा है। पद्मश्री डॉ. उषा बारले हमारे बीच मौजूद हैं। उन्होंने अपने पंडवानी गायन के माध्यम से आप सभी का मनोरंजन किया होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुझे पंडवानी के पुरोधा स्वर्गीय झाड़ूराम देवांगन जी की स्मृति भी हो रही है। हाथ में तंबूरा लेकर जब वे अपनी रोचक प्रस्तुति देते थे तो दर्शक गण मंत्र मुग्ध हो जाते थे।

तीजन बाई की पंडवानी सुनी

पंडवानी गायन में हमारी महिला कलाकारों को भी विशेष सफलता मिली है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मुझे विशेष रूप से स्वर्गीय लक्ष्मी बंजारे का स्मरण हो रहा है। पद्म पुरस्कार देश की विभूतियों को प्राप्त होते हैं। यह छत्तीसगढ़ का सौभाग्य है कि हमारी धरती पर तीजन बाई जैसी कलाकार हुई हैं जिन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण तीनों ही सम्मान प्राप्त हुए हैं। जब तंबूरा लेकर वे आलाप भरती हैं तो आकाश के देवी-देवता भी उन्हें जरूर सुनते होंगे। उन्होंने बताया कि अनेक अवसरों पर तीजन बाई जी की पंडवानी मैंने सुनी है।

भारत की एक खोज में तीजन बाई ने गाया था पंडवानी

श्याम बेनेगल की भारत एक खोज में तीजन बाई (dr teejan bai) के पंडवानी गायन के दृश्य अपार आनंद और उत्सुकता से भर देते हैं। पंडवानी हमारी धरोहर है। आज पंडवानी महासम्मेलन के कार्यक्रम का आयोजन कर आप लोगों ने इस धरोहर को सहेजने और आने वाली पीढ़ी तक इसे बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा कार्य किया है। हम लोगों ने बचपन से रामलीला मंडलियों के माध्यम से रामायण की कहानियां सुनी और पंडवानी के माध्यम से महाभारत की कहानियां सुनी। पीढ़ी दर पीढ़ी रामायण और महाभारत की कहानियां इन्हीं लोककलाकारों के माध्यम से आम जनता तक पहुंचती रही है।

सीएम ने कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ी लोककला-संस्कृति को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। हमने कलाकारों की पेंशन राशि में वृद्धि की है साथ ही कलाकारों को दिये जाने वाले अवसरों की संख्या भी बढ़ाई है। चित्रोत्पला फिल्म सिटी की स्थापना का निर्णय लेकर हमने छत्तीसगढ़ी सिनेमा को मजबूत करने का जतन किया है।

रजत जयंती कार्यक्रम में पीएम मोदी आएंगे छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया तो इसके पीछे इस राज्य के तेजी से विकास की मंशा के साथ ही इसकी संस्कृति को सहेजने की मंशा भी थी। आज जब यह सुंदर आयोजन देखने में आ रहा है तो मन में सुकून के भाव आते हैं कि अटल जी की मंशा पूरी हुई। उन्होंने अवगत कराया कि 1 नवंबर को प्रदेश की रजत जयंती मनाई जाएगी। यह राज्योत्सव हमारी लोकसंस्कृति का उत्सव होगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आगमन भी होगा। मुख्यमंत्री ने सभी से अनुरोध करते हुए कहा कि रजत जयंती समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज कर हमारा मान बढ़ाएं।

यह रहे कार्यक्रम में मौजूद

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरुण साव, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं विधायक अहिवारा डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, पिछड़ा एवं अन्य वर्ग विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विधायक ललित चंद्राकर, विधायक साजा ईश्वर साहू, राज्य तेल घानी बोर्ड के अध्यक्ष जितेंद्र साहू, पूर्व मंत्री रमशीला साहू एवं जागेश्वर साहू, पूर्व विधायक लाभ चंद बाफना एवं डॉ. दयाराम साहू, जिला पंचायत दुर्ग की अध्यक्ष सरस्वती बंजारे, दुर्ग नगर निगम की महापौर अलका बाघमार भी सम्मलित हुए।

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CG Prime News@रायपुर. Chhattisgarh Rajyotsav 2025, CM Sai inspected the fair and exhibition site छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2025 का आयोजन 1 नवंबर को होगा। छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय नेता इस भव्य कार्यक्रम में शामिल होंगे। राज्योत्सव स्थल पहुंचकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने तैयारियों को जायजा लिया। सीएम साय ने पीएम विजिट और मेला स्थल का भी निरीक्षण किया।

अचीवमेंट की लगाई जाएगी प्रदर्शनी

सीएम साय ने राज्योत्सव के दौरान प्रदेश के विकास कार्य की प्रदर्शनी लगाने। केंद्र सरकार से मिले अचीवमेंट अवॉर्ड की जानकारी विस्तार पूर्वक मेला स्थल में पहुंचे लोगों को बताने के निर्देश दिए है। मौके पर अफसरों को जरुरी निर्देश दिए है और समय पर तैयारियां पूरी करने की हिदायत दी है।

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डिप्टी सीएम ने लिया मीटिंग

राज्योत्सव की तैयारियों को लेकर डिप्टी सीएम अरुण साव, वनमंत्री केदार कश्यप और वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने गुरुवार (23 अक्टूबर) को नवा रायपुर स्थित विश्राम भवन में राज्योत्सव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की थी।

इस समीक्षा बैठक में मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी का नवा रायपुर आगमन छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का अवसर है। इसलिए आयोजन की प्रत्येक व्यवस्था को पूर्णता और भव्यता के साथ तैयार किया जाए। उन्होंने अधिकारियों और समस्त विभाग समन्वय के साथ कार्य करें।

आयोजन होगा ऐतिहासिक और यादगार

राज्योत्सव में शामिल होने वाले लोगों को प्रदेश की संस्कृति की जानकारी मिले, उसका स्टॉल अलग से लगाने सीएम साय ने अधिकारियों को निर्देशित किया है। राज्य की रजत जयंती के अवसर पर होने वाला यह आयोजन ऐतिहासिक और यादगार बने। इसके लिए सभी तैयारियां समय पर और उच्च स्तर पर पूरी करने के लिए सीएम ने कहा है।

तीन डोम बनेंगे

नवा रायपुर में राज्योत्सव मेला स्थल पर मुख्य मंच के सामने 3 विशाल डोम बनाए जा रहे हैं, जिनमें 60 एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी। मेले में बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था की गई है। लोगों के प्रवेश के लिए 2 द्वार होंगे, जिनमें से एक विभागीय प्रदर्शनी के लिए होगा।

इस प्रदर्शनी में राज्य शासन के अलग-अलग विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों की जानकारी दिखाई जाएगी। मुख्य मंच के पास डिजिटल प्रदर्शनी और प्रधानमंत्री आवास मॉडल भी रखा जाएगा। स्थल पर 40 हजार वाहनों के लिए पार्किंग, 300 शौचालय, 20-बेड हॉस्पिटल आईसीयू, 25 एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड वाहन की व्यवस्था की गई है।

सालभर चलेगा उत्सव

छत्तीसगढ़ को बने 24 साल पूरे हो चुके हैं और अब राज्य अपने 25वें साल में प्रवेश कर चुका है। सरकार ने इसे “रजत जयंती वर्ष” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा, खानपान, लोकनृत्य और खेलों को समर्पित विभिन्न कार्यक्रम होंगे। हर महीने अलग थीम पर आयोजन किए जाएंगे। सरकार का उद्देश्य है कि गांव से लेकर शहर तक और पंचायत से लेकर राजधानी तक, हर स्तर पर लोगों को उनकी जड़ों से जोड़ा जाए। राज्योत्सव में प्रदेश के सभी जिलों से कलाकार, लोक-नर्तक, और हस्तशिल्पी शामिल होंगे।

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CG Prime News@जगदलपुर. Bastar Olympic 2025: Over 331,000 athletes registered छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जनजातीय बाहुल्य बस्तर संभाग में युवाओं की ऊर्जा, उत्साह और प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से बस्तर ओलंपिक 2025 का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnu dev sai) के मार्गदर्शन में गृह (पुलिस) विभाग और खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में होने वाला यह आयोजन प्रदेश के रजत जयंती वर्ष में बस्तर की नई पहचान बनेगा।

3 लाख 91 हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन

बस्तर ओलंपिक 2025 के प्रति लोगों में उत्साह का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक बस्तर संभाग के 7 जिलों से 3 लाख 91 हजार 289 खिलाडिय़ों ने पंजीयन कराया है। इनमें 1 लाख 63 हजार 668 पुरुष और 2 लाख 27 हजार 621 महिला खिलाड़ी शामिल हैं। यह संख्या न केवल बस्तर के युवाओं का खेलों के प्रति बढ़ते उत्साह को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि बस्तर की धरती पर अब खेल एक नई सामाजिक चेतना और समान भागीदारी का प्रतीक बन चुके हैं।

बस्तर की खेल प्रतिभा को राष्ट्रीय मंच पर लाने की पहल

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बस्तर के युवाओं को मुख्यधारा से जोडऩा और उनके भीतर निहित नैसर्गिक खेल प्रतिभा को पहचानना है। यह पहल केवल खेल आयोजन नहीं, बल्कि शासन और जनता के बीच विश्वास व संवाद का सेतु बनेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने भी अपने ‘मन की बात कार्यक्रम में कहा था, “बस्तर ओलंपिक केवल एक खेल आयोजन नहीं है, यह ऐसा मंच है जहां विकास और खेल का संगम हो रहा है, जहां हमारे युवा अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं और एक नए भारत का निर्माण कर रहे हैं। यह मॉडल पूरे देश में ‘खेल के माध्यम से शांति और विश्वास की अनूठी पहल के रूप में देखा जा रहा है।

इन खेलों में दिखाएंगें खिलाड़ी प्रतिभा

प्रतियोगिता में एथलेटिक्स, तीरंदाजी, फुटबॉल, बैडमिंटन, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, कराते, वेटलिफ्टिंग और हॉकी जैसे खेल शामिल हैं। इसमें न केवल आधुनिक खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा, बल्कि स्थानीय परंपरा से जुड़े खिलाडिय़ों को भी मंच मिलेगा।

बस्तर ओलंपिक में जूनियर (14-17 वर्ष) और सीनियर वर्ग के अलावा विशेष श्रेणी के प्रतिभागियों—नक्सल हिंसा से दिव्यांग हुए व्यक्ति और आत्मसमर्पित नक्सलियों—को भी सम्मिलित किया जा रहा है। यह पहल खेल के माध्यम से पुनर्वास, पुनर्जीवन और सामाजिक एकीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।

तीन स्तर पर होगी प्रतियोगिता

प्रतियोगिताएं तीन स्तरों—विकासखण्ड, जिला और संभाग स्तर—पर आयोजित हो रही हैं। विकासखण्ड स्तर पर प्रतियोगिता 25 अक्टूबर से, जिला स्तर पर 5 नवम्बर से और संभाग स्तर पर 24 नवम्बर से आयोजित की जाएगी। विजेताओं को जिला और संभाग स्तर पर नगद पुरस्कार, मेडल, ट्रॉफी और शील्ड प्रदान की जाएगी। नगद राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से खिलाडिय़ों के बैंक खाते में जमा की जाएगी। संभागीय स्तर के विजेता खिलाडिय़ों को “बस्तर यूथ आइकॉन” के रूप में प्रचारित किया जाएगा। यह ‘स्पोट्र्स फॉर पीस मॉडल बस्तर में नई सामाजिक चेतना का प्रतीक बनेगा।

इन्हें बनाया शुभंकर

बस्तर ओलंपिक 2025 के लिए वन भैंसा और पहाड़ी मैना को शुभंकर बनाया गया है, जो बस्तर की जीवंतता और सामुदायिक शक्ति का प्रतीक हैं। यह आयोजन न केवल खेलों का, बल्कि बस्तर की संस्कृति, सौहार्द और विकास के नए युग का उत्सव बनेगा।

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CG Prime News@रायपुर. CM Sai participated in Sohrai Karma Festival 2025 मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय रविवार को जशपुर जिले में अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद, प्रांतीय शाखा छत्तीसगढ़ द्वारा ग्राम कण्डोरा में आयोजित महासम्मेलन (सोहरई करमा महोत्सव 2025) में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कुनकुरी में 20 लाख रुपए की लागत से निर्मित रौतिया समाज के सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया तथा ग्राम पंचायत कण्डोरा में 50 लाख रुपए की लागत से बनने वाले रौतिया भवन निर्माण का भूमिपूजन किया।

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सोहरई करमा महोत्सव में शामिल हुए सीएम साय, बोले-ये उत्सव हमें एक सूत्र में बांधते हैं, नर्तक दल के साथ थिरके

समाज को दी विकास की सौगात

मुख्यमंत्री साय ने समाज की मांग पर ग्राम कण्डोरा में करमा अखरा निर्माण के लिए 50 लाख रुपए तथा रायपुर में रौतिया भवन पहुँच मार्ग के लिए 25 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने मंच पर रौतिया समाज के वीर शहीद बख्तर साय और मुण्डल सिंह के छायाचित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

करमा महोत्सव हमारी परंपरा का प्रतीक

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में कहा कि करमा महोत्सव हमारी प्राचीन और गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है, जिसे सभी समाज मिलजुलकर मनाते हैं। यह पर्व हमें हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जोडऩे के साथ-साथ प्रकृति के प्रति आदर और सम्मान का भाव भी सिखाता है। उन्होंने कहा कि एकादशी करमा, दशहरा करमा जैसी परंपराएं हमारी संस्कृति में गहराई से रची-बसी हैं। ये उत्सव समाज को एक सूत्र में बाँधने का कार्य करते हैं।

तेंदूपत्ता संग्राहकों की आमदनी बढ़ेगी

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटियों को तीव्र गति से लागू कर रही है। सरकार बनते ही पहली ही कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 18 लाख आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई। महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में महतारी वंदन योजना के माध्यम से महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपए की सहायता दी जा रही है। तेंदूपत्ता संग्राहकों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार ने प्रति मानक बोरा दर को 5500 रुपए कर दिया है।

वोकल फॉर लोकल को अपनाने कहा

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विकसित भारत की तर्ज पर वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। उन्होंने लोगों से वोकल फॉर लोकल अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि स्वदेशी वस्तुओं की खरीद से न केवल देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार नक्सल उन्मूलन की दिशा में तीव्रता से कार्य कर रही है। दो दिन पूर्व ही 210 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी की है। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए मेडिकल कॉलेज, प्राकृतिक चिकित्सा एवं फिजियोथेरेपी केंद्र, शासकीय नर्सिंग कॉलेज तथा शासकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज की स्थापना की जाएगी, जिससे स्थानीय युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

करमा नर्तक दल के साथ थिरके सीएम

मुख्यमंत्री साय ने माध्यमिक विद्यालय खेल मैदान स्थित आमा बगीचा के करमा पूजन स्थल पर करम वृक्ष की डाली की पारंपरिक रीति से पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इसके बाद उन्होंने करमा नर्तक दल के साथ गले में मांदर टाँगकर ताल मिलाते हुए करम वृक्ष की डाली के चारों ओर उत्साहपूर्वक नृत्य किया। इस अवसर पर उनकी पत्नी कौशल्या साय और परिवारजन भी उपस्थित थे।

सोहरई करमा महोत्सव: रौतिया समाज की सांस्कृतिक पहचान

सोहरई करमा महोत्सव मूलत: रौतिया समाज द्वारा गोवर्धन पर्व के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला पारंपरिक पर्व है। इस दिन नए फसल को पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ कर घर लाया जाता है। ग्राम कण्डोरा में आयोजित इस भव्य आयोजन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के साथ-साथ झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से आए कुल 52 मंडलों के नर्तक दलों ने सहभागिता की। विविध लोक संस्कृतियों और पारंपरिक नृत्यों की रंगारंग प्रस्तुतियों ने पूरे वातावरण को उल्लास और उत्सव की भावना से सराबोर कर दिया।

इस अवसर पर सांसद ाधेश्याम राठिया, अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओ. पी. साय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दामोदर सिंह, राष्ट्रीय महासचिव आजाद सिंह, केंद्रीय संगठन श्री भुनेश्वर केसर, केंद्रीय महिला सदस्य उमा देवी सहित समाज के अन्य पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे।

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CG Prime News@रायपुर. CM Vishnu dev sai administered the quality pledge on World Standards Day मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में मानकों का पालन पारदर्शिता, गुणवत्ता और उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा वस्तुओं को मानक चिन्ह प्रदान कर उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जा रही है और इसके माध्यम से मिलावट व नकली वस्तुओं के कारोबार पर प्रभावी रोक लगी है।

मुख्यमंत्री साय मंगलवार को राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में विश्व मानक दिवस के अवसर पर आयोजित मानक महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने उपस्थित जनों को गुणवत्ता शपथ दिलाते हुए मानकीकृत उत्पादों को बढ़ावा देने और बीआईएस के प्रयासों में भागीदारी निभाने का आह्वान किया।

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मेंटर्स का किया सम्मान

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने मानकों की स्थापना में विशेष योगदान देने वाले मानक क्लबों, संस्थाओं और मेंटर्स का सम्मान किया। उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था देशभर में गुणवत्ता की संस्कृति विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि एक समय था जब सोने जैसी धातुओं की शुद्धता का पता लगाना कठिन था, लेकिन आज हर उपभोक्ता बीआईएस हॉलमार्क देखकर ही आभूषण खरीदता है। बीआईएस का हॉलमार्क अब उपभोक्ता भरोसे का प्रतीक बन चुका है।

उन्होंने बताया कि बीआईएस द्वारा बोतलबंद पानी, हेलमेट, खिलौने, गहनों से लेकर करीब 22 हजार वस्तुओं को मानक चिन्ह प्रदान किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं के बीच मानक चिन्हों के प्रति जागरूकता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को बढ़ावा मिल सके।

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत तीसरी बढ़ी अर्थव्यवस्था

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मानकों की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि स्वदेशी उत्पादों की गुणवत्ता और मानकीकरण के कारण आज देश के गांव और कस्बों में बने उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान बना रहे हैं।

मुख्यमंत्री साय ने उपस्थित जनों से मानक चिन्हों के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि विकसित भारत का संकल्प उपभोक्ता अधिकारों की मजबूती से ही पूरा होगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता ही आत्मनिर्भर भारत की वास्तविक पहचान है।

कार्यक्रम में खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि विश्व मानक दिवस का उद्देश्य उपभोक्ताओं और समाज में मानकीकरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह हमारे वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों के प्रयासों को सराहने का अवसर भी है। उन्होंने कहा कि देश तेजी से विकास कर रहा है और गुणवत्ता सुधार अब केवल नीति नहीं, बल्कि एक संकल्प बन चुका है। बघेल ने कहा कि जागो ग्राहक जागो का संदेश उपभोक्ताओं को सजग और जागरूक रहने की प्रेरणा देता है। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इस कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान को समाज में आगे बढ़ाएं, ताकि उपभोक्ता संरक्षण और अधिक सशक्त हो सके।

उपभोक्ता अधिकारों को समर्पित

भारतीय मानक ब्यूरो रायपुर शाखा कार्यालय के निदेशक एसके गुप्ता ने कहा कि बीआईएस का प्रत्येक मानक उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा को समर्पित है। उन्होंने बताया कि उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और ब्यूरो इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है। गुप्ता ने ब्यूरो द्वारा संचालित गतिविधियों और विभिन्न उत्पादों के मानकीकरण की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीआईएस का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में निर्मित हर उत्पाद वैश्विक गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरे।

मुख्यमंत्री ने मानक महोत्सव में विभिन्न स्टालों का किया अवलोकन

विश्व मानक दिवस के अवसर पर आयोजित मानक महोत्सव में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) तथा अन्य संस्थानों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने मानक स्थापना से जुड़ी गतिविधियों और संस्थाओं की कार्यप्रणाली की जानकारी ली और उनके प्रयासों की सराहना की।

सिपेट रायपुर के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि संस्था प्रदेश के युवाओं को लघु एवं दीर्घकालीन कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है, साथ ही उद्योगों को गुणवत्ता परामर्श और तकनीकी सलाह भी उपलब्ध कराती है। मुख्यमंत्री ने सिपेट की पहल की सराहना की और इसे उद्योग-शिक्षा समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।

बीआईएस की रायपुर शाखा द्वारा लगाए गए स्टॉल में उपभोक्ता जागरूकता संबंधी गतिविधियों की जानकारी दी गई। प्रतिनिधियों ने बताया कि बीआईएस केयर ऐप के माध्यम से उपभोक्ता स्वयं आईएसआई, एचयूआईडी और हॉलमार्क युक्त आभूषणों की प्रमाणिकता जांच सकते हैं।

ऐप के जरिए उत्पाद की गुणवत्ता से संबंधित शिकायतें दर्ज करने और आईएसआई मुहर के दुरुपयोग की सूचना देने की सुविधा भी उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने इस पहल को उपभोक्ता सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि बताया।

शैक्षणिक संस्थानों के नवाचारी स्टॉल बने आकर्षण का केंद्र

मानक महोत्सव में स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा लगाए गए नवाचार आधारित स्टॉल सभी के आकर्षण का केंद्र बने। मुख्यमंत्री साय ने विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शित नवाचारों का अवलोकन किया और उनके रचनात्मक प्रयासों की सराहना की।

गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल बिरकोनी के विद्यार्थियों ने रक्तचाप जांचने की मशीन और मिट्टी की नमी मापने की मशीन तैयार की। पंडित आर. डी. तिवारी गवर्नमेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल के छात्रों ने एक्सप्लोरर रोबोट प्रस्तुत किया, जो अंधेरे और दुर्गम स्थानों में रास्ता खोजने में सक्षम है। यह रोबोट खदानों और औद्योगिक स्थलों पर उपयोगी सिद्ध हो सकता है।

वहीं गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल अंडा के विद्यार्थियों ने स्मार्ट ट्रेन का मॉडल तैयार किया, जो विशेष रूप से दिव्यांगजनों के लिए उपयोगी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने विद्यार्थियों से चर्चा की, उनके नवाचारी कार्यों की जानकारी ली और उनकी रचनात्मकता की सराहना करते हुए कहा —युवाओं की सोच में जब गुणवत्ता और नवाचार जुड़ता है, तभी भारत विकसित राष्ट्र बनने की ओर तेजी से अग्रसर होता है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गुणवत्ता सिर्फ उद्योग या उत्पादन तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन के हर पहलू का संस्कार बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानक केवल नियम नहीं, राष्ट्र निर्माण की रीढ़ हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों, संस्थाओं और विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे क्वालिटी को क्वांटिटी से पहले रखें और छत्तीसगढ़ को मानकीकरण, नवाचार और पारदर्शिता में देश का अग्रणी राज्य बनाएं। उन्होंने कहा—जब हर नागरिक गुणवत्ता को अपना धर्म समझेगा, तभी सच्चे अर्थों में विकसित भारत का स्वप्न साकार होगा।

इस अवसर पर एनआईटी रायपुर के निदेशक एनव्ही. रमन्ना राव, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सतीश थोरानी, इस्पात प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक एके. चक्रवर्ती, कैट के अध्यक्ष परमानंद जैन सहित अन्य लोग उपस्थि थे।

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CG Prime News@रायपुर.chhattisgarh cm vishnu dev sai Cabinet meeting मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में राज्य के किसानों से खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बार राज्य में 25 लाख से अधिक किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी 15 नवम्बर से प्रारंभ होगी।

लिए कैबिनेट ये अहम फैसले

धान के व्यपवर्तन एवं पुर्नचक्रण को रोकने की चौकस व्यवस्था व धान खरीदी हेतु मजबूत प्रशासनिक ढांचा
अधिक पारदर्शिता के साथ किसानों को किया जाएगा समय से भुगतान (6 से 7 दिन के भीतर)
टोकन तुंहर हाथ मोबाईल एप के माध्यम से होगी ऑनलाईन टोकन की व्यवस्था। किसानों का मिलेगी सोसायटियों में लंबी कतारों से मुक्ति
राज्य शासन के द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में छत्तीसगढ प्रदेश के किसानो से दिनांक 15 नवम्बर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक धान खरीदी करने का निर्णय लिया गया है।
इस अवधि में 25 लाख किसानो से 3100 रूपये प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा तक धान की खरीदी की जावेगी।
धान खरीदी में पारदर्शिता को बढावा देने इस वर्ष ई-केवाईसी के माध्यम से, भारत सरकार कृषि मंत्रालय के एग्रीस्टेक पोर्टल में किसान पंजीयन को अनिवार्य किया गया है, जिससे किसान की सहीं पहचान हो एवं डुप्लीकेशन/दोहराव न हो। पंजीयन 31 अक्टूबर 2025 तक कराया जा सकता है।
डिजीटल क्राप सर्वे के माध्यम से 23 लाख हेक्टेयर रकबे का सर्वे कराया गया है जिसके फलस्वरूप धान के रकबे का ऑनलाईन निर्धारण डिजीटल रूप से सुनिश्चित हुआ है।
प्रदेश के 20,000 ग्रामों में दिनांक 02 अक्टूबर से डिजीटल क्राप सर्वे एवं मैन्यूअल गिरदावरी के डेटा को ग्रामसभा में पठन-पाठन कराया जा रहा है।
किसानों को बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने हेतु टोकन तुहर हाथ मोबाईल एप के माध्यम से ऑनलाईन टोकन की व्यवस्था की गई है इसके तहत किसान स्वयं अपने सुविधा अनुसार दिनों में धान विक्रय किये जाने हेतु टोकन काट सकेगें।
वास्तविक किसानों से धान खरीदी सुनिश्चित करने हेतु बायोमैट्रिक आधारित धान की खरीदी की जावेगी।
2739 खरीदी केन्द्रो के माध्यम से धान खरीदी किये जाने हेतु समितियों में समुचित व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये है।
समितियों को खरीद विपणन वर्ष 2025-26 में शून्य सुखत आने पर 05 रूपये प्रति क्विंटल के मान से प्रोत्साहन दिया जायेगा।
धान खरीदी हेतु आवश्यकतानुसार नये एवं पुराने जूट बारदाने की व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये है।
खाद्य विभाग भारत सरकार द्वारा खरीफ वर्ष 2025-26 हेतु केन्द्रीय पूल में 73 लाख मीट्रिक टन चावल का लक्ष्य दिया गया है।
प्रदेश में धान की रिसाईकलिंग रोके जाने एवं बेहतर मॉनिटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने हेतु पहली बार इंटिग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्द्रोल सेंटर मार्कफेड कार्यालय में स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया है। जिलों में भी कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे।
धान खरीदी केन्द्रो में बेहतर एवं सुगम व्यवस्था हेतु कलेक्टर द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को खरीदी केन्द्र प्रभारी बनाने का निर्णय लिया गया है।
सीमावर्ती राज्यों से खरीदी केन्द्रो धान की आवक रोके जाने हेतु विशेष चेकिंग दल जिलेस्तर पर गठित किये जाने के निर्देश दिये गये है।
धान के परिवहन व्यवस्था अंतर्गत मितव्ययता को सुनिश्चित किये जाने हेतु धान के उठाव व परिवहन, भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए गए हैं।

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CG Prime News@रायपुर. National Highway 130-D will connect Narayanpur-Abujhmad with Maharashtra बस्तर अंचल को महाराष्ट्र से जोडऩे वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 130-डी के निर्माण को अब नई गति मिली है। सरकार ने कुतुल से नीलांगुर (महाराष्ट्र सीमा) तक 21.5 किलोमीटर हिस्से के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस सड़क के निर्माण के लिए न्यूनतम टेंडर देने वाले ठेकेदार से अनुबंध की प्रक्रिया शर्तों सहित पूरी करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग मंत्रालय द्वारा प्रमुख अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र रायपुर को दिए गए हैं। कुल तीन खंडों में निर्मित होने वाले 21.5 किलोमीटर सड़क के निर्माण हेतु लगभग 152 करोड़ रुपए न्यूनतम टेंडर दर प्राप्त हुई है, जिसे छत्तीसगढ़ शासन ने मंजूरी प्रदान कर दी है।

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नारायणपुर-अबूझमाड़ को महाराष्ट्र से जोड़ेगा नेशनल हाईवे 130-D, पूरी हुई टेंडर प्रक्रिया, CM बोले-खुलेगा विकास का रास्ता

195 किलोमीटर कुल लंबाई

बतां दें कि कुतुल, नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में स्थित है। कुतुल से महाराष्ट्र सीमा पर स्थित नीलांगुर की दूरी 21.5 किलोमीटर है। यह नेशनल हाईवे 130-डी का हिस्सा है। इस सड़क का निर्माण टू-लेन पेव्ड शोल्डर सहित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि एनएच-130डी राष्ट्रीय राजमार्ग है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 195 किलोमीटर है।

यह एनएच-30 का शाखा मार्ग (स्पर रूट) है। यह कोण्डागांव से शुरू होकर नारायणपुर, कुतुल होते हुए नीलांगुर (महाराष्ट्र सीमा) तक जाता है। आगे महाराष्ट्र में यह बिंगुंडा, लहरे, धोदराज, भमरगढ़, हेमा, लकासा होते हुए आलापल्ली तक पहुँचता है। जहाँ यह एनएच-353डी से जुड़ जाता है। इस मार्ग के विकसित होने से बस्तर क्षेत्र सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से जुड़ जाएगा और व्यापार, पर्यटन एवं सुरक्षा को बड़ी मजबूती प्राप्त होगी।

नारायणपुर से कुतुल होते हुए नीलांगुर तक छत्तीसगढ़ में

नेशनल हाईवे 130-डी का कोण्डागांव से नारायणपुर तक का लगभग 50 किमी. हिस्सा निर्माणाधीन है। नारायणपुर से कुतुल की दूरी 50 किमी. है। वहाँ से महाराष्ट्र सीमा स्थित नीलांगुर तक 21.5 किमी. की दूरी है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 195 किमी. है, जिसमें से लगभग 122 किमी. का हिस्सा कोण्डागांव-नारायणपुर से कुतुल होते हुए नीलांगुर तक छत्तीसगढ़ राज्य में आता है। इस सड़क के बन जाने से बस्तर अंचल को महाराष्ट्र से सीधा और मजबूत सड़क संपर्क मिलेगा और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षित एवं सुगम यातायात सुविधा सुलभ हो सकेगी।

पीएम ने दिया सहयोग

सीएम साय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के सहयोग से इस नेशनल हाईवे के अबूझमाड़ इलाके में स्थित हिस्से के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस और निर्माण की अनुमति प्राप्त हुई। जिससे इस महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण का रास्ता खुल गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग 130-डी केवल सड़क नहीं बल्कि बस्तर अंचल की प्रगति का मार्ग है।

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CG Prime News@रायपुर. ISRO scientists met CM Vishnu Dev Sai मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में इसरो अहमदाबाद केंद्र के निदेशक डॉ. एनएम देसाई के नेतृत्व में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री साय और वैज्ञानिकों के बीच इसरो की यात्रा में छत्तीसगढ़ की भागीदारी को बढ़ाने, राज्य के युवाओं के लिए नए अवसर सृजित करने, शासन के कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए इसरो की तकनीक के उपयोग पर चर्चा हुई। साथ ही स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए इसरो द्वारा संचालित गतिविधियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।

अंतरिक्ष अभियानों में निभाए भागीदारी

मुख्यमंत्री साय ने इसरो की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में जो ऊंचाइयां प्राप्त की हैं। वह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार नवाचार और तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहित कर रही है, ताकि प्रदेश के युवा स्पेस साइंस के प्रति रुचि लेकर देश के अंतरिक्ष अभियानों में सक्रिय भागीदारी निभा सकें।

तकनीक का उपयोग हो

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इसरो द्वारा प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ, जिससे उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान की व्यावहारिक जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि इसरो की तकनीक का उपयोग कृषि, खनन नियंत्रण, भू-अतिक्रमण की निगरानी तथा धान खरीदी के दौरान अवैध गतिविधियों की पहचान जैसे कार्यों में प्रभावी रूप से किया जा सकता है।

इसरो के अभिनव कार्यक्रम की दी जानकारी

इस अवसर पर इसरो अहमदाबाद केंद्र के निदेशक डॉ. एन. एम. देसाई ने मुख्यमंत्री को इसरो द्वारा संचालित विभिन्न परियोजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान से जोडऩे के लिए इसरो कई अभिनव कार्यक्रम चला रहा है, जिन्हें छत्तीसगढ़ में भी विस्तारित किया जाएगा। इस दौरान प्रदेश में एक स्पेस गैलरी की स्थापना को लेकर भी सकारात्मक चर्चा हुई।

डॉ. देसाई ने मुख्यमंत्री साय को इसरो अहमदाबाद केंद्र के भ्रमण हेतु आमंत्रित किया और उन्हें इसरो द्वारा हाल ही में लॉन्च किए गए उपग्रहों तथा मिशन चंद्रयान की प्रतिकृतियां स्मृति स्वरूप भेंट कीं।

इसरो के वैज्ञानिक भगवान मधेश्वर की तस्वीर देखकर हुए अभिभूत

मुख्यमंत्री निवास में आयोजित बैठक के दौरान इसरो के वैज्ञानिकों की नजर जब भगवान मधेश्वर की तस्वीर पर पड़ी, तो वे उसे देखकर अभिभूत हो गए। जिज्ञासावश उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से इसके बारे में जानकारी प्राप्त की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि मधेश्वर पहाड़ जशपुर जिले में स्थित है। जहां भगवान शिव विशाल प्राकृतिक शिवलिंग स्वरूप में पूजे जाते हैं। स्थानीय लोग भगवान शिव के इस स्वरूप की अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थल न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। मुख्यमंत्री साय ने सभी वैज्ञानिकों को भगवान मधेश्वर के छायाचित्र भेंट स्वरूप प्रदान किए।

 

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CG Prime News@दिल्ली.Chief Minister Sai met the President, Vice President and Defense Minister   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (president droupadi murmu) से सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री साय ने राष्ट्रपति मुर्मू को अवगत कराया कि वर्ष 2025 छत्तीसगढ़ राज्य के गठन की रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। रजत जयंती वर्ष के विशेष अवसर पर राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों, जनकल्याण और सांस्कृतिक गौरव से जुड़े कार्यक्रमों की जानकारी दी।

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मुख्यमंत्री साय ने राष्ट्रपति को छत्तीसगढ़ आगमन हेतु सादर आमंत्रित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुख्यमंत्री साय को छत्तीसगढ़ राज्य की रजत जयंती वर्षगांठ की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने राज्य के सर्वांगीण विकास और जनकल्याण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और प्रदेश की निरंतर प्रगति और समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री तोखन साहू और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह उपस्थित थे।

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राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और रक्षा मंत्री से मिले मुख्यमंत्री साय, प्रदेश के विकास कार्यों की दी जानकारी, किया रजत जयंती कार्यक्रम में आमंत्रित

उपराष्ट्रपति और रक्षा मंत्री से भी की भेंट

मुख्यमंत्री साय ने उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के रजत जयंती वर्ष के ऐतिहासिक अवसर पर 5 नवम्बर को नया रायपुर में आयोजित राज्योत्सव के समापन समारोह में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रित किया। उपराष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ आगमन की सहमति प्रदान की है।

एयरपोर्ट के लिए मांगी जमीन

मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उनके निवास पर मुलाक़ात की। बैठक में बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार, रक्षा क्षेत्र के विकास, पूरे प्रदेश में सेना भर्ती रैलियों के आयोजन एवं नौसैनिक पोतों के नामकरण जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान रक्षा मंत्री सिंह को अवगत कराया कि बिलासपुर में रक्षा मंत्रालय की भूमि है। इस भूमि को उन्होंने बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार के लिए उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यहां रक्षा क्षेत्र से संबंधित विकासात्मक कार्य भी आरंभ करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि छत्तीसगढ़ में सेना में भर्ती होने के प्रति युवाओं में विशेष उत्साह है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं में अनुशासन, शारीरिक क्षमता और देशभक्ति की भावना है। इस आधार पर उन्होंने रक्षा मंत्री से आग्रह किया कि पूरे प्रदेश में विशेष सेना भर्ती रैलियों का आयोजन किया जाए, जिससे युवाओं को अपने ही प्रदेश में देश सेवा का अवसर मिल सके।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति के तहत रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को प्रोत्साहन देने की योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजऩ के अनुरूप है और इससे छत्तीसगढ़ में उच्च तकनीकी प्रशिक्षण, अनुसंधान और निजी निवेश के अवसर बढ़ेंगे।

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CG Prime News@रायपुर. CM vishnu dev Sai participated in the training program of Bihan Didi’s मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुक्रवार को राजधानी रायपुर के शहीद स्मारक भवन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और पॉलिसी वॉच द्वारा आयोजित बिहान दीदियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि महिलाएं आज जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के नए आयाम गढ़ रही हैं। तकनीक ने पूरी दुनिया के उत्पादों को फिंगरटिप्स पर ला दिया है और अब डिजिटल माध्यम से वैश्विक बाजार तक पहुंचना संभव हो गया है। इसी उद्देश्य से बिहान की दीदियों को डिजिटल प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि छत्तीसगढ़ के उत्पाद देश और दुनिया के बाजारों तक पहुंच सकें।

शक्ति और सम्मान का प्रतीक नारी

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नवरात्रि का पर्व हमारी संस्कृति में नारी शक्ति के सम्मान और पूजन का प्रतीक है। जहां नारी का सम्मान होता है, वहीं देवताओं का वास माना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की महिलाएं इतिहास रच रही हैं। बिहान की बहनों की कामयाबी हमें गर्व से भर देती है। छत्तीसगढ़ की दीदियां अब आत्मनिर्भरता की ब्रांड एम्बेसडर बन रही हैं। लखपति दीदियां सपनों को नए पंख दे रही हैं और आज उन्हें डिजिटली सक्षम बनाकर उनके उत्पादों को वैश्विक बाजार से जोडऩे का कार्य किया जा रहा है।

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लखपति दीदियों से मिले CM साय, बोले-तकनीक ने पूरी दुनिया के उत्पादों को फिंगरप्रिंट पर ला दिया

8 लाख महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यदि हम संकल्प लेकर आगे बढ़ें तो सफलता निश्चित है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं। वर्ष 2027 तक देशभर में 3 करोड़ और छत्तीसगढ़ में 8 लाख महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि जशपुर जैसे जिलों में महुआ आधारित उत्पाद तैयार हो रहे हैं, जिन्हें जशप्योर ब्रांड के रूप में राष्ट्रीय पहचान मिली है। कोरोना काल में महुआ से सैनिटाइजऱ बनाकर महिलाओं ने अपनी क्षमता और नवाचार का परिचय दिया था।

मुख्यमंत्री साय ने आगे कहा कि महतारी वंदन योजना से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद मिली है। आत्मनिर्भरता का मार्ग संकल्प और प्रयास से ही संभव है। महिला स्व-सहायता समूहों के नवाचार और परिश्रम से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिल रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार महिलाओं को और अधिक सशक्त बनाने के लिए हरसंभव सहयोग करेगी।

महिलाओं ने साझा किया लखपति बनने का शानदार सफर

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लखपति दीदी बनने की प्रेरक कहानियां सुनीं। बलरामपुर जिले के तारकेश्वरपुर की पूनम गुप्ता ने बताया कि सरस्वती महिला स्व-सहायता समूह से जुडऩे के बाद उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया। प्रशासन के सहयोग से किराना दुकान खोली, आटा चक्की स्थापित की और अब पिकअप व ट्रैक्टर खरीदकर व्यवसाय को विस्तार दिया है।

गीता वैष्णव ने भावुक होकर कहा कि पहले उन्हें 10 रुपए के लिए हाथ फैलाना पड़ता था। लेकिन बिहान के माध्यम से मां वैभवलक्ष्मी स्व-सहायता समूह से जुड़कर उन्होंने आचार-पापड़ व्यवसाय शुरू किया। अब वे अपनी कमाई से बेटे को सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनाने का सपना पूरा कर रही हैं।

लाखों की कर रहे कमाई

गरियाबंद की हेमिन साहू ने बताया कि एक समय सब्जी खरीदने तक में कठिनाई होती थी। बिहान से लोन लेकर आचार-पापड़ का व्यवसाय शुरू किया, जो अब राजिम में दुकान तक पहुंच चुका है। आज उन्हें प्रतिदिन लगभग 4 हजार रुपए की आय हो रही है। हाल ही दिल्ली के सरस मेले में उन्होंने 2 लाख 31 हजार रुपए की बिक्री की।

रायपुर की गीता वर्मा ने बताया कि वैभव स्व-सहायता समूह से जुड़कर हल्दी-मसाले का व्यवसाय शुरू किया और आज हर महीने 15 से 20 हजार रुपए की आय अर्जित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के लखपति दीदी बनाने के संकल्प ने उनकी और लाखों बहनों की जिंदगी बदल दी है।

मुख्यमंत्री ने बिहान दीदियों के स्टॉलों का किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शहीद स्मारक भवन परिसर में पॉलिसी वॉच इंडिया फाउंडेशन द्वारा लगाए गए बिहान दीदियों के स्टॉलों का अवलोकन किया। उन्होंने विभिन्न स्व-सहायता समूहों की महिलाओं से चर्चा कर उनके उत्पादों और आजीविका गतिविधियों की जानकारी ली।

इस दौरान उन्होंने भारत माता संकुल, डोंगरगांव की महिलाओं से साहीवाल और गिर गाय के मिल्क से निर्मित घी की खरीदारी की। समूह की दिनेश्वरी साहू ने बताया कि उनके पास 25 से 30 गाएं हैं, जिनसे डेयरी उत्पाद तैयार कर महिलाएं अच्छी आय कमा रही हैं।

राष्ट्रीय पहचान की ओर बिहान की दीदियां

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और पॉलिसी वॉच के संयुक्त तत्वाधान में बिहान की दीदियों के लिए विशेष कार्यशाला आयोजित की गई है। इसके अंतर्गत स्व-सहायता समूह की महिलाएं अपने उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्लेटफ़ॉर्म पर बेच सकेंगी। उन्हें प्रोडक्ट की ब्रांडिंग, कास्टिंग और पैकेजिंग जैसी बारीकियों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारीक सिंह, फ्लिपकार्ट के मुख्य कॉरपोरेट अधिकारी रजनीश कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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CG Prime News@रायपुर. CM Vishnu Dev Sai listened to PM Modi’s Mann Ki Baat मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित सिंधु पैलेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात कार्यक्रम की 126वीं कड़ी का रविवार को श्रवण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ‘मन की बात करोड़ों देशवासियों को जोडऩे, उन्हें प्रेरित करने, नवाचार और बेहतर कार्यों को सामने लाने का सशक्त माध्यम है।

मुख्यमंत्री साय ने इस दौरान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह और स्वर कोकिला लता मंगेशकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पुण्य स्मरण किया। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों को शक्ति उपासना के पर्व नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं।

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CM विष्णु देव साय ने किया PM मोदी के मन की बात का श्रवण, प्रदेशवासियों को दी नवरात्रि की शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री ने देश की बहादुर बेटियों को किया याद

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शक्ति उपासना के इस पावन अवसर पर प्रधानमंत्री ने देश की दो बहादुर बेटियों, लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा की ‘नाविका सागर परिक्रमा का उल्लेख किया। दोनों अधिकारियों ने 47 हजार 500 किलोमीटर की समुद्री यात्रा 238 दिनों में पूरी की और दुनिया के सबसे सुदूर स्थान ‘नीमो प्वाइंट पर तिरंगा फहराकर देश का गौरव बढ़ाया है।

देश में मन रहा जीएसटी (GST) बचत उत्सव

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय देशभर में ‘जीएसटी बचत उत्सव मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जीएसटी दरों में हुई कटौती से लोगों को दैनिक जरूरतों की वस्तुओं से लेकर वाहनों, कृषि उपकरणों और मशीनों तक में बड़ी राहत मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत का आह्वान करते हैं और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना इस दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।

खादी उत्पादों की लोकप्रियता बढ़ी है

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम स्वदेशी वस्तुएँ खरीदते हैं, तो हम केवल सामान नहीं लेते, बल्कि एक परिवार की उम्मीद, एक कारीगर की मेहनत और एक उद्यमी के सपनों को सम्मान देते हैं। उन्होंने कहा कि खादी उत्पादों की लोकप्रियता पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ी है और हम सभी को खादी के वस्त्रों और उत्पादों का उपयोग करना चाहिए। इस अवसर पर रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, सीजीएमएससी के अध्यक्ष दीपक म्हस्के, छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा सहित बड़ी संख्या में अन्य लोग उपस्थित थे।

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