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Balrampur news

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग गया है। भारत सरकार ने राज्य के वर्तमान मुख्य सचिव अमिताभ जैन को सेवा विस्तार देने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही वे छत्तीसगढ़ के पहले ऐसे मुख्य सचिव बन गए हैं जिन्हें कार्यकाल समाप्ति के बाद भी एक्सटेंशन मिला है।

नया मुख्य सचिव चुनने पर नहीं हुआ फैसला

राज्य सरकार के पास नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर कई विकल्प मौजूद थे, लेकिन किसी पर अंतिम फैसला नहीं हो पाया। इसी बीच केंद्र सरकार की सहमति के बाद अमिताभ जैन को कार्यकाल विस्तार दे दिया गया है।

अनुभव के दम पर मिला भरोसा

1989 बैच के आईएएस अधिकारी अमिताभ जैन की गिनती छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ और अनुभवी अफसरों में होती है। उनके प्रशासनिक अनुभव और कुशल कार्यशैली को देखते हुए सरकार ने सेवा विस्तार की सिफारिश की थी, जिसे अब केंद्र ने स्वीकार कर लिया है।

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ सोमवार को ईओडब्ल्यू ने विशेष कोर्ट में लगभग 1100 पन्नों का चौथा पूरक चालान पेश किया। इस चार्जशीट में लखमा की अहम भूमिका का उल्लेख किया गया है। ईओडब्ल्यू ने कोर्ट को बताया कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा को आबकारी घोटाले में 64 करोड़ रुपए मिला है। जिसमें 18 करोड़ रुपए की अवैध धनराशि के निवेश और खर्च से जुड़े दस्तावेज और साक्ष्य भी मिले हैं।

चार्जशीट हो गई पेश

चर्जशीट में कहा गया है कि मंत्री के संरक्षण में विभागीय अधिकारियों, सहयोगियों और ठेकेदारों के माध्यम से सुनियोजित तरीके से घोटाले को अंजाम दिया गया है। घोटाले की राशि को व्यक्तिगत और परिवार के हितों में खर्च किया गया। अब तक तीन पूरक अभियोग पत्रों सहित कुल चार अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए जा चुके हैं। इसके अलावा मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। घोटाले की जांच जारी है।

मैं पाकिस्तानी नहीं- लखमा

कोर्ट में सुनवाई के दौरान लखमा ने जज से कहा कि वह सुनवाई के दौरान हर बार कोर्ट आना चाहते हैं. लेकिन उन्हें लाने के बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाता है। उन्होंने कहा कि मेरे साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है. मैं पाकिस्तानी नहीं हूं. मैं भारतीय हूं।   कवासी लखमा ने यह भी कहा कि यहां आने में मुझे किसी प्रोटोकॉल या बड़ी गाड़ी की जरूरत नहीं है. मैं मोटरसाइकिल में भी बैठकर आ सकता हूं। अदालत ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनके हितों का संरक्षण किया जाएगा।

क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी जांच कर रही है। ईडी ने एसीबी में रिपोर्ट दर्ज कराई है।दर्ज एफआईआर में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ईडी के चालान में इस मामले में अब तक 21 लोगों आरोपी बनाया गया है। जिनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया जैसे प्रमुख नाम शामिल है।

ईडी ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था। वहीं एसीबी की जांच में पाया गया कि साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।

पूर्व आबकारी मंत्री लखमा हैं जेल में 

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ईडी ने 28 दिसंबर 2024 को कवासी लखमा के आवास व अन्य ठिकानों पर छापा मारकर महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए थे। जिनमें घोटाले से हुई कमाई के सबूत थे। उसके बाद लखमा को 15 जनवरी 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया। कवासी लखमा 16 जनवरी 2025 से जेल में हैं।

कवासी लखमा पर आरोप है कि वह शराब घोटाले में सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। उन्हीं के निर्देश पर सिंडिकेट काम करता था। इनसे अलावा शराब नीति बदलने में भी महत्वपूर्ण भूमिका थी। ईडी का दावा है कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रही गड़बड़ियों की पूरी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।

आरोप है कि शराब घोटाले में कमीशन के तौर पर लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। ईडी का कहना है कि 3 साल तक शराब घोटाला चला। तीन साल के 36 महीने में लखमा को कुल 72 करोड़ रुपए मिले।

सरगुजा। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के दरिमा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कंठी में रविवार दोपहर एक रूह कंपा देने वाला हादसा हुआ। मैनपाट से अंबिकापुर की ओर जा रही एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर सीधे एक घर के आंगन में घुस गई। हादसे में दो महिलाओं और दो बच्चों को गंभीर चोटें आईं।

कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि घर के बरामदे में बैठे लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। घटना दोपहर करीब 3 बजे की बताई जा रही है। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि एक महिला का सिर फट गया और दूसरी महिला का पैर बुरी तरह से जख्मी हो गया। चारों घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।

कार सवारों की की पिटाई, गाड़ी पलटी

हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। टक्कर की आवाज और चीख-पुकार सुनकर बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गए। कार में तीन लोग सवार थे। ग्रामीणों ने गुस्से में आकर इन तीनों को पीटना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि वाहन चालक शराब के नशे में धुत था। आक्रोशित भीड़ ने कार को पलट भी दिया।

आरोपी हिरासत में

मामले की सूचना मिलते ही दरिमा थाना पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। हालात को देखते हुए पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लिया और आरोपी चालक को हिरासत में ले लिया है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में एक बार फिर तबादला एक्सप्रेस चली है। प्रदेश में लगातार एक के बाद एक विभागों में अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले हो रहे हैं। इसी कड़ी में GST विभाग ने आज यानी शुक्रवार को 200 अधिकारियों का तबादला किया है। इस सूची में एक बड़ी चूक सामने आई।

आलम यह है कि एक मृतक अधिकारी का तबादला कर दिया गया है। दरअसल, दिवंगत अधिकारी दयाशंकर नेताम का नाम भी शामिल है। नेताम का पूर्व में ही निधन हो चुका है, बावजूद इसके उनका नाम सूची में शामिल किया गया है। आदेश जारी होने के बाद यह जन चर्चा का विषय बन चुका है और लोग सरकारी कर्मचारियों के काम करने के तरीके पर सवाल उठाने लगे हैं।

कई विभागों में ट्रांसफर

इससे पहले छत्तीसगढ़ के कई विभागों में भी अधिकारियों-कर्मचारियों के ट्रांसफर हो चुके हैं। इनमें वित्त विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और समाज कल्याण विभाग शामिल हैं।

रायपुर। राजधानी के फोम फैक्ट्री में अचानक भीषण आग लगने से एक मजदूर जिंदा जल गया। बताया जा रहा है कि घटना के समय फैैक्ट्री में करीब 17 मजदूर काम कर रहे थे, अचानक आग लगते ही सभी इधर उधर भागने लगे। लेकिन एक शख्स भीषण आग की चपेट में आ गया। आग लगते ही वह बचने के लिए चीखने लगा लेकिन जलकर उसकी मौत हो गई।

शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आई

बता दें कि यह पूरा मामला मंदिर हसौद थाना क्षेत्र का है। इस दर्दनाक हादसे में 18 वर्षीय मजदूर त्रिलोचन ध्रुव की जिंदा जलकर मौत हो गई। मृतक मूलतः धमतरी जिले के मगरलोड का निवासी था। बताया जा रहा है कि आग की सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। करीब 3 घंटे तक कड़ी मशक्कत करने के बाद आग पर काबू पाया गया। घटना 27 जून की शाम 7 बजे की है। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आई है।

केमिकल और फोम से फैली आग

फैक्ट्री प्रभारी अविनाश सिंह के मुताबिक, यह फोम फैक्ट्री 6 एकड़ में फैली हुई है, जहां गद्दे बनते हैं। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग लगने का कारण माना गया है। आग लगते ही फोम और केमिकल के संपर्क में आने से आग ने तेजी से विकराल रूप धारण कर लिया।

रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में एक नाबालिग को, जिस पर 14 वर्षीय लड़की के अपहरण और बलात्कार का आरोप था, जमानत दे दी है. कोर्ट ने इस निर्णय में नाबालिग की शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक स्थिति की रिपोर्ट को आधार बनाया। जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की एकल पीठ ने निचली अदालतों के जमानत अस्वीकार करने के आदेश को रद्द करते हुए नाबालिग को जमानत दी।

साथ ही, नाबालिग के पिता, जो जमानत के जमानती हैं, को यह हलफनामा देने का निर्देश दिया गया कि उनका बेटा ‘असामाजिक तत्वों’ के संपर्क में नहीं आएगा और यदि वह किसी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल होता है, तो वे इसकी सूचना पुलिस को देंगे।

नाबालिग 16 फरवरी से न्यायिक हिरासत में

प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेज एक्ट का मामला बालोद पुलिस स्टेशन में फरवरी 2025 में दर्ज किया गया था। पीड़िता की मां ने नाबालिग के खिलाफ FIR दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने उनकी 14 वर्षीय बेटी का अपहरण किया और बाद में उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए।

नाबालिग 16 फरवरी से न्यायिक हिरासत में था। इसके बाद, नाबालिग के पिता ने निचली अदालतों द्वारा उनके बेटे की जमानत अस्वीकार किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

फोरेंसिक रिपोर्ट अभी तक जमा नहीं

हाईकोर्ट ने प्रोबेशन अधिकारी द्वारा दायर सामाजिक स्थिति रिपोर्ट को भी ध्यान में रखा। रिपोर्ट के अनुसार, नाबालिग के माता-पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और अपने बेटे के साथ एक गांव में रहते हैं। नाबालिग सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कक्षा ग्यारह का नियमित छात्र है और छठी कक्षा से सरकारी जनजातीय छात्रावास में रहता है।

रिपोर्ट में कहा गया कि नाबालिग के रिश्तेदारों और परिचितों ने उसके व्यवहार को अच्छा बताया है और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया कि नाबालिग और पीड़िता के बीच दोस्ती और प्रेम संबंध थे, और वे फोन पर बातचीत करते थे। हालांकि, लोक अभियोजक ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि फोरेंसिक रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।

डेस्क। Celebrity death मनोरंजन जगत से एक बुरी खबर सामने आ रही है। ‘कांटा लगा’ गाने से मशहूर हुईं अभिनेत्री शेफाली जरीवाला नहीं रहीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार्डिएक अरेस्ट से उनकी मौत हुई है। 27 जून की रात शेफाली को अचानक सीने में दर्द की शिकायत हुई। उनके पति और अभिनेता पराग त्यागी तुरंत अस्पताल ले गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। शेफाली के निधन से उनके प्रशंसक हैरान-परेशान हैं और सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

1 गाने ने बदल दी थी शेफाली की किस्मत

फिल्म इंडस्ट्री से लेकर टीवी इंडस्ट्री की ऐसी कई हस्तियां हैं, जिन्होंने बेहद कम समय में अपनी जबरदस्त पहचान बनाई। शेफाली भी उन्हीं अभिनेत्रियों में से एक थीं, जिन्होंने महज 19 साल की उम्र में मनोरंजन जगत में कदम रखते ही तहलका मचा दिया था। साल 2002 में म्यूजिक वीडियो ‘कांटा लगा’ से उन्होंने इंडस्ट्री में कदम रखा। उनका ये गाना इतना हिट हुआ कि ये उनकी पहचान बन गया। आज भी उन्हें इसी के लिए याद किया जाता है।

मीका सिंह ने भी जताया दुख

शेफाली के निधन की खबर से न सिर्फ उनके चाहनेवाले, बल्कि इंडस्ट्री से जुड़े सितारे भी परेशान हैं। अभिनेता अली गोनी और दिव्यांका त्रिपाठी समेत कई सितारों ने शेफाली के निधन पर शोक जताया है। गायक मीका सिंह ने भी इस दुखद खबर पर हैरानी जताते हुए शेफाली को श्रद्धांजलि दी है। शेफाली के पति 3 अन्य लोगों के साथ उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अस्पताल पहुंचने से पहले ही शेफाली की मौत हो चुकी थी।

स्कूली दिनों में शेफाली को पड़ते थे मिर्गी के दौरे

शेफाली ने पिछले साल एक इंटरव्यू में बताया था कि स्कूल के दिनों में उन्हें मिर्गी के दौरे पड़ते थे। तब वह बहुत असहाय महसूस करती थीं। शेफाली ने बताया था कि 15 की उम्र में उन्हें पहली बार मिर्गी का दौरा पड़ा था। Celebrity death खासकर ‘कांटा लगा’ के बाद जब वह शूटिंग कर रही थी, उस दौरान वह इस बीमारी से काफी परेशान थीं। उन्होंने बताया था कि उस उम्र में निराशा और लाचारी को व्यक्त करना नामुमकिन था।

पराग से कब मिली थीं शेफाली?

शेफाली और पराग की शादी साल 2014 में हुई थी। जब शेफाली-पराग की पहली मुलाकात हुई थी, तब शेफाली अपने तलाक के मुश्किल वक्त से गुजर रही थीं। कहा जाता है कि शेफाली को पराग की सादगी बहुत पसंद आई थी। साथ ही उनकी देखभाल करने वाली आदत ने भी अभिनेत्री का दिल जीत लिया था। पहले दोनों के बीच दोस्ती हुई और बाद में डेटिंग भी शुरू हो गई थी। यही दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई

कोरबा। Korba Amit Sahu Murder Case: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में 25 साल के युवक की फिरौती के इरादे से की गई हत्या के मामले में 3 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। बता दें कि करतला थाना क्षेत्र में 14 फरवरी 2024 को अमित साहू (25) की बोलेरो गाड़ी से कुचलकर और पत्थर से सिर कुचलकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। कोर्ट ने इस हत्याकांड में तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, मृतक अमित साहू का पड़ोसी हेमलाल दिव्य (28), पवन कंवर (27) और राजेश लहरे (24) ने फिरौती के लिए साजिश रची। उन्होंने पहले गांव के एक व्यक्ति से झांसा देकर मोबाइल छीना और उससे अमित के भाई अजय को फोन कर गाड़ी मंगवाई। रास्ते में नकाबपोश आरोपियों ने अमित को रोका, हाथ-पैर बांधे और जंगल ले जाकर फिरौती मांगी। अमित द्वारा पहचान लिए जाने पर उन्होंने उसे बोलेरो से सात-आठ बार कुचला और सिर पर पत्थर मारकर हत्या कर दी।

इस दौरान अमित ने गिड़गिड़ाते हुए छोड़ देने और पैसे देने की बात कही, लेकिन आरोपियों ने उसकी एक नहीं सुनी। उन्होंने उसे उसकी ही बोलेरो से 7-8 बार कुचल दिया। जब भी वह तड़पता और सांसें चलतीं, वे फिर से गाड़ी चढ़ा देते। लेकिन जब उसकी मौत नहीं हुई तो आरोपियों ने अमित के सिर पर भारी पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी। बता दें कि मृतक के दो छोटे बच्चे हैं, और गांव में आरोपियों के प्रति आक्रोश बना हुआ है।

इस तरह हुई घटना

इस हत्याकांड में तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार नंदे की अदालत ने आरोपी हेमलाल दिव्य (28), पवन कंवर (27) और राजेश लहरे (24) को दोषी पाया और उन्हें तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। शासकीय अभिभाषक कृष्णा द्विवेदी के अनुसार, तीनों आरोपियों को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास, धारा 201 के तहत 3 वर्ष और धारा 120-बी के तहत 7 वर्ष की सजा सुनाई गई है।

उल्लेखनीय है कि तीनों आरोपी मृतक के ही गांव के रहने वाले और पड़ोसी हैं। इस फैसले से न्याय की जीत हुई है और समाज में एक कड़ा संदेश गया है कि ऐसे जघन्य अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

रायपुर। राजधानी के खरोरा थाना अंतर्गत बेलदारशिवनी गांव से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। गांव की एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़की की क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी गई। घटना का खुलासा उस समय हुआ जब 27 जून की सुबह लड़की का शव गांव के पास एक खेत में खून से लथपथ हालत में मिला।

लापता हुई थी दोपहर में, शव मिला अगली सुबह

परिजनों के अनुसार, पीड़िता 26 जून को दोपहर 1 बजे अचानक घर से गुम हो गई थी। परिजनों और ग्रामीणों ने रातभर क्षेत्र में उसकी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। सुबह खेत में शव मिलने के बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया।

पत्थर और चाकू से की गई नृशंस हत्या

पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, चाकू और पत्थर से हमला कर लड़की की निर्मम हत्या की गई है। घटना स्थल से चाकू बरामद कर लिया गया है। फिलहाल आरोपी फरार है। वहीं बताते चलें कि खरोरा पुलिस ने मामले में विशेष टीम गठित कर जांच शुरू कर दी है। आसपास के गांवों में सघन पूछताछ की जा रही है। साथ ही मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल्स और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।

ग्रामीणों में आक्रोश, प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग

घटना से गांव में डर और गुस्से का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से त्वरित गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग की है। पुलिस अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

कोरबा। Katghora Jama Masjid Incident: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में कटघोरा के जामा मस्जिद में जमकर बवाल हो गया। बताया जा रहा है कि सामाजिक बैठक के दौरान यह विवाद हुआ, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग आपस में भिड़ गए और एक व्यक्ति की जमकर पिटाई कर दी। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। पूरा मामला कटघोरा थाना क्षेत्र के पुरानी बस्ती का है।

बता दें कि पीड़ित लईक मोहम्मद के साथ गाली-गलौच और मारपीट की गई। मामले में दोनों पक्षों की ओर से शिकायत की गई है। फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर कार्रवाई में जुट गई है।

आखिर क्या है मामला

जानकारी के मुताबिक, 22 जून की रात साढ़े 9 बजे बैठक हो रही थी। तभी मशवरा के दौरान किसी बात को लेकर बहस बढ़ी और लोग मारपीट पर उतर आए। 25 लोगों ने मिलकर अटैक किया है, जिसमें कुछ नागपुर के लोग भी शामिल हैं। वारदात के बाद दोनों पक्षों से शिकायतें सामने आई हैं, जिनमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

पीड़ित लईक मोहम्मद ने कटघोरा थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि डॉ शेख इश्तियाक की फैमिली और उससे जुड़े करीब 25 लोगों ने उन पर हमला किया। उन्हें पेट में चोटें आई हैं। वे इस हमले से मानसिक रूप से भी डरे हुए हैं। उन्होंने पुलिस से जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग भी की है।

पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना

इस मामले में कटघोरा थाना प्रभारी धर्मनारायण तिवारी ने बताया कि कटघोरा बस्ती में मस्जिद में मारपीट का मामला सामने आया है। जहां दोनों की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। कटघोरा थाना क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।

हाल ही में, एक अन्य मामले में, भाजपा नेत्री ज्योति महंत द्वारा एक ग्रामीण के साथ मारपीट करने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्हें थाना परिसर में भी पीटा गया था। इस घटना ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं और पुलिस पर कार्रवाई करने का दबाव बनाया गया था।

सरगुजा। Road Accident: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में एक दर्दनाक हादसा हो गया। दो ट्रकों में आमने-सामने की टक्कर में एक चालक की मौत हो गई। हादसे के बाद पुलिस ने दूसरे ट्रक चालक को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। घटना सीतापुर थाना क्षेत्र की है।

जानकारी के अनुसार, यह हादसा रात करीब 12 बजे हुआएक ट्रक अंबिकापुर की ओर से आ रही थी, जबकि दूसरी ट्रक सीतापुर की दिशा से आ रही थी। सीतापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत एनएच-43 पर राधापुर बैरियर के पास तेज रफ्तार में साइड लेने के दौरान दो ट्रकों के बीच आमने-सामने की जोरदार टक्कर हो गई।, जिसमें एक ट्रक ड्राइवर की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. सूचना मिलते ही सीतापुर पुलिस मौके पर पहुंची और दूसरे ट्रक चालक को हिरासत में ले लिया.

11 घंटे तक हॉस्पिटल के गेट के पास पड़ा रहा शव

बता दें कि ट्रेलर चालक के शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीतापुर लाया गया। रात को चौकीदार के नहीं रहने पर चालक के शव को पुलिस हॉस्पिटल के गेट के पास छोड़कर चली गई। 11 घंटे तक ट्रेलर चालक का शव हॉस्पिटल में गेट के पास पड़ा रहा। शव के पड़े रहने से हॉस्पिटल पहुंचने वाले परेशान रहे।

BMO ने कही ये बात

इस लापरवाही पर सीतापुर MO डॉ. शिव नारायण पैकरा ने कहा कि हॉस्पिटल परिसर में पोस्टमॉर्टम हाउस बना हुआ है, जहां शव को रखा जाना चाहिए था। पुलिस ने शव को हॉस्पिटल में ही छोड़ दिया था। पुलिसकर्मी पहले भी कई बार ऐसा ही करते हैं।

चालक का शव 11 बजे तक शव हॉस्पिटल में पड़ा रहा, जबकि ओपीडी सुबह 8 बजे से शुरू हो जाती है और लोग पहुंचने लगते हैं। पुलिस द्वारा शव को किसी काउंटर के सामने छोड़ देने पर संबंधित विभाग या काउंटर का काम भी बंद हो जाता है।

जांच में जुटी पुलिस

फिलहाल पुलिस दुर्घटना के कारणों की जांच कर रही है। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि अत्यधिक तेज रफ्तार और साइड लेने में हुई लापरवाही इस दर्दनाक हादसे की वजह बनी। पुलिस सभी पहलुओं पर बारीकी से जांच कर रही है ताकि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके।

बिश्रामपुर। Chain snatching in vishrampur एसईसीएल की टूए कॉलोनी क्वार्टर नंबर 114 निवासी डीएवी पब्लिक स्कूल बिश्रामपुर की शिक्षिका नीलम पांडेय मंगलवार की शाम अपने एसईसीएल बिश्रामपुर के सेवानिवृत्त कर्मी ऑफिसर एसोशिएशन महासचिव पति के. पांडेय के साथ रोज की तरह शाम को वॉक पर निकली थीं। तभी बाइक सवार तीन अज्ञात बदमाशों ने उनके गले से सोने की चेन छीन ली और विरोध करने पर रिवॉल्वर तान दी।

इस घटना के बाद शहर के सबसे सुरक्षित इलाके का तमगा रखने वाली इस कॉलोनी में भी दहशत फैल गई। घटना का विवरण देते हुए पीडि़त शिक्षिका ने बताया कि, शाम के करीब साढ़े सात बज रहे थे। हम वॉक करके अपने क्वार्टर लौट रहे थे, तभी एक बाइक पर सवार तीन युवक अचानक तेज रफ्तार में आए और मेरे गले में झपट्टा मारा। अपना बचाव करते हुए जब मैंने छाता से बदमाशों पर वार करने की कोशिश की, तो उनमें से एक युवक ने तुरंत रिवॉल्वर निकाल ली और मेरी ओर तान दी।

क्षेत्र में फैल गई दहशत

इस घटना से मैं इतना डर गई कि, हाथ पैंर कांपने लगे। यह मेरे लिए पहला अनुभव था। इसी बीच बदमाश चैन लूटकर मौके से फरार हो गए। इस छीना-झपटी में मैं नीचे गिर गई। जिससे मेरे हाथ-पैर, घुटनों और शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें आईं। मुझे तुरंत एसईसीएल के केंद्रीय चिकित्सालय बिश्रामपुर ले जाया गया। भले ही मुझे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, लेकिन इस घटना से मेरे दिल में घर कर लिया और मैं सोचने पर मजबूत हूं कि आखिर पुलिस प्रशासन कहां है। इस घटना से मैंने न सिर्फ अपनी साढ़े तीन तोला सोने की चेन गवाई बल्कि मनोबल भी गिर गया है।

इतने साल में पहली बार घटना

पीडि़त शिक्षिका के पति पांडेय, जो एसईसीएल के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं, ने बताया कि हम कई सालों से इस कॉलोनी में शांतिपूर्वक रह रहे हैं। इस कॉलोनी को अब तक सुरक्षित माना जाता था, लेकिन अब हालात बदलते दिख रहे हैं। मेरी पत्नी पर हमला और हमारे सामने रिवॉल्वर तान देना, यह सब किसी फिल्म जैसा लग रहा था। घटना की जानकारी मिलते ही बिश्रामपुर पुलिस मौके पर पहुंची और रिपोर्ट दर्ज की है, लेकिन अब तक बदमाशों का कोई सुराग नहीं लग पाया है।

पुलिस ने नहीं बढ़ाई गश्त

इस घटना के बाद लोग पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस द्वारा इस इलाके में कभी भी नियमित गश्त नहीं की जाती। अगर कॉलोनी में सीसीटीवी कैमरे होते तो बदमाशों को पकड़ा जा सकता था। करीब दो माह पहले कुमदा कॉलोनी में भी एक महिला के साथ चैन स्नैचिंग की घटना हुई थी। वह महिला मंदिर से लौट रही थी जब उसकी चेन छीनी गई थी। उस मामले में भी पुलिस अभी तक आरोपी तक नहीं पहुंच सकी है।

टीआई विश्रामपुर ने क्या कहा…

बिश्रामपुर थाना प्रभारी टीआई अलरिक लकड़ा ने बताया कि कॉलोनी के आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और संदिग्ध युवकों की पहचान के प्रयास जारी हैं।