दुर्ग अस्पताल में भर्ती मरीज के साथ मारपीट का आरोपी ऋषि यादव गिरफ्तार, पुलिस को किया था चैलेंज 

प्राथमिकी दर्ज नहीं करने थानेदार के मोबाइल पर सफेदपोशों का घनघनाया फोन

बदमाश ने कहा था पुलिस की हिम्मत नहीं मेरे खिलाफ कार्रवाई कर सके

दुर्ग. जिला अस्पताल में मरीज के साथ गाली गलौज कर मारपीट करने वाले बदमाश आरोपी कन्हैया यादव ऊर्फ ऋषि यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बता दें इस बदमाश ने चैलेंज किया था। पुलिस उसके खिलाफ अपराध नहीं दर्ज कर सकती। बदमाश के बचाव में सफेदपोशों का थानेदार को फोन करना काम नहीं आया। कोतवाली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 294-IPC, 323-IPC, 506-IPC के तहत मारपीट का प्रकरण दर्ज किया। पुलिस सूत्रों की माने तो आरोपी आपराधिक किस्म का है। दिन भर जिला अस्पताल में ही रहता है।

दुर्ग कोतवाली पुलिस ने बताया कि मामले में प्रार्थी बांसपारा वार्ड-28 निवासी वासुदेव पनिका (44 वर्ष) ने आईजी रामगोपाल गर्ग और एसपी जितेन्द्र शुक्ला से शिकायत की थी। जब अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लिया। तब जाकर 13 जून को कन्हैया यादव उर्फ ऋषि के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। थाने में अपराध दर्ज किया गया। वासुदेव वर्तमान में सिकल सेल्स एनामिया (सिकलिंग) की बिमारी से ग्रसित है। पीलिया भी हो गया, इस वजह से उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसका उपचार किया जा रहा था। 28 अप्रैल दोपहर करीब 2 बजे अस्पताल से बाहर निकल कर सामने की दुकान में गन्ना रस पीने जा रहा था। रास्ते में चक्कर आने से वासुदेव अस्पताल के पार्किंग में बैठा गया। जहां मोहल्ले पचरीपारा वार्ड- 29 निवासी कन्हैया यादव पहुंचा और बेवजह 4 से 5 थप्पड़ जड़ दिया। वासुदेव में उसे बताया कि बीमार हूं। अस्पताल में भर्ती हुआ हूं। मेरी गलती क्या थी कि मार दिए। पूछने पर कन्हैया यादव अश्लील गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दी। उक्त घटना को जिला चिकित्सालय दुर्ग के पार्किंग के आसपास मौजूद अन्य लोगों के द्वारा भी देखा गया हैं। मरीज ने बताया कि कन्हैया यादव द्वारा उसे मारते समय धमकी दिया। उसकी पहुंच विधायक मंत्री तक है। पुलिस वाले कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते हैं। पुलिस की हिम्मत नहीं है कि मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज करेंगी।

सिर पर पत्थर पटकने दी धमकी

वावुदेव ने बताया कि आरोपी गुंडा किस्म का है। उसे समझाने की कोशिश किया। कन्हैय्या ने पत्थर उठा कर सिर पर पटकने और जान से मारने की धमकी दी। अस्पताल से जैसे ही छुट्टी होगी तो मेरे हाथ पैर को तोड़ दूंगा। जिला अस्पताल दुर्ग जैसे सार्वजनिक एवं संवेदनशील स्थल पर मरीज साथ मारपीट किया. सार्वजनिक रूप से समाज के सामने बेइज्जत किया गया है जिससे मरीज एवं परिवार छुब्द हैं।