भव्य शोभायात्रा निकली, हजारों की संख्या में श्रद्धालु हुए शामिल
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भिलाई. आज अक्षय तृतीया है और भगवान श्री परशुराम जी का जन्मदिवस है। भगवान परशुराम से एक बार उनके पिता ने उनकी माता की हत्या करने के लिए कहा और भगवान परशुराम ने अपनी माता की हत्या कर दी। तो पिता ने उनसे कहा कि कोई वर मांगो तो परशुराम जी ने वर मांगते हुए कहा कि आप मेरी माता को जिंदा कर दें। इस तरह भगवान परशुराम ने पितृ भक्ति औऱ मातृ भक्ति दोनों का परिचय दिया। उन्होंने हमेशा ज्ञान की शक्ति के बारे में बताया कि ज्ञान देना और ज्ञान लेना ये हमारा मूल धर्म और ज्ञान की शक्ति आज से पुरातन काल में भी उतनी ही महत्वपूर्ण थी, आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। यह बात पूर्व विस अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय ने खुर्सीपार में भगवान परशुराम की विशालकाय प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर कही। इस मौके पर परशुराम चौक से न्यू खुर्सीपार श्री परशुराम धाम तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और प्रसाद ग्रहण किया।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय एवं अतिथियों ने भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव के अवसर पर गुरुवार को खुर्सीपार में उनकी विशालकाय प्रतिमा का अनावरण किया। पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने कहा कि आज भी काम करने वालों का वर्गीकरण चार ही वर्ग में है। क्लास वन अफसर, क्लास टू अफसर, क्लास थ्री एम्पलाई और क्लास फोर एम्पलाई, इन चार के अलावा कोई वर्ग है क्या? चार ही वर्ग में आज सारे कार्यों का वर्गीकरण हुआ है और अपने यहां चार का तो बहुत महत्व है। उसमें जाएंगे तो चार धर्म हैं, चार वर्ण हैं, चार आश्रम है। वैसे ही चार हमारे तन, मन, बुद्धि, आत्मा है, चार हमारे कर्तव्य हैं। यह भिलाई जो लघु भारत है, जहां देश के कोने कोने से हम सब के अभिभावकों ने यहां अपनी मेहनत पसीने से इस भिलाई स्टील प्लांट को खड़ा किया और इस भिलाई के कारण पूरे राज्य ने देश की आर्थिक शक्ति में बड़ा योगदान किया। जो श्रम शक्ति को संगठित करके आज के युग को इकोनोमी युग बना दिया है।
ज्ञान की शक्ति को कभी कोई नकार नहीं सकता
पाण्डेय ने कहा कि ज्ञान की शक्ति को कभी भी कहीं कोई नकार नहीं सकता। दुनिया में हमारे तमाम अंगों का प्रत्यारोपण बता दिया गया है, लेकिन बुद्धि का अभी तक प्रत्यारोपण करते हुए किसी ने नहीं देखा। ब्राह्मणत्व का मतलब है सत्य के लिए साहस और वेद है। लोग आपके चरणों में ऐसे नहीं आते हैं, चरण में तब आते हैं, जबकि आपका वैसा आचरण होगा। हमारे पूर्वजों के चरणों में बड़े बड़े राजा जो भिक्षाटन करते थे, वे राजा उनके चरणों में अपनी पगडी रख देते थे, कारण यह था कि उनका आचरण ऐसा था। उनके पास ज्ञान की शक्ति वैसी थी। जिसकी महत्ता को कोई दुनिया में कम नहीं कर सकता। कार्यक्रम को वित्त आयोग निगम के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पाण्डेय ने भी संबोधित किया।
भगवान परशुराम की प्रतिमा का संकल्प पूरा हुआ
पार्षद एवं परशुराम सेवा समिति के संयोजक पीयूष मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि एक वर्ष पूर्व सर्व ब्राम्हण समाज द्वारा परशुराम जन्मोत्सव के दिन ही खुर्सीपार आईटीआई के पीछे परशुराम चौक की स्थापना की गई थी, साथ ही यहां पर भगवान की विशालकाय प्रतिमा लगाने का संकल्प लिया गया था। जिसके पश्चात इस वर्ष यहां पर भगवान परशुराम की विशालकाय प्रतिमा का आज भव्य रूप से अनावरण किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं के साथ परशुराम धाम न्यू खुर्सीपार के लिए शोभायात्रा निकाली गई और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान मंच पर विशेष रूप से शिक्षाविद आईपी मिश्रा, राममिलन दुबे, प्रभुनाथ मिश्रा, यूके दीक्षित, भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मनीष पाण्डेय, विजय शर्मा, मधुसूदन शर्मा, डॉ. दीप चटर्जी, केके झा समेत अन्य गणमान्य उपस्थित थे।