CG Prime News@रायपुर. Muslim youth in Chhattisgarh have been instructed not to visit Garba pandals छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड (Chhattisgarh Waqf Board) ने प्रदेश के मुस्लिम युवाओं को गरबा से दूर रहने की हिदायत दे दी है। देशभर में गरबा में विशेष समुदाय के युवाओं की एंट्री को लेकर तरह-तरह के बयान और चर्चाएं हो रही है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड ने ही साफ कर दिया है कि अगर आपकी आस्था गरबा में नहीं है तो उससे दूर ही रहे।
जानिए क्या बयान दिया
दरअसल छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने नवरात्रि पर्व के अवसर पर मुस्लिम समाज के युवाओं से विशेष अपील की है। उन्होंने कहा कि नवरात्रि हिंदू समाज का पवित्र पर्व है, जिसमें माता जगदंबा की आराधना के साथ करोड़ों श्रद्धालु गरबा और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
भाईचारे की अपील की
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम ने कहा कि मुस्लिम युवाओं से अपील की कि वे ऐसे पवित्र धार्मिक आयोजनों से दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि प्रदेश की गंगा-जमुनी तहज़ीब का सम्मान करते हुए छत्तीसगढ़ में शांति, भाईचारे और सद्भाव बनाए रखें। डॉ. राज ने कहा कि इस्लाम शांति का प्रतीक है और हमें हर हाल में प्रदेश की अमन-चैन व भाईचारे को प्राथमिकता देनी चाहिए।
डॉ. राज ने कहा कि गरबा कोई साधारण नृत्य कार्यक्रम नहीं है। यह देवी दुर्गा की आराधना के लिए किया जाने वाला भक्तिपूर्ण लोकनृत्य है, जो जीवन के चक्र और देवी की असीम शक्ति का प्रतीक है। यदि मुस्लिम समाज मूर्ति पूजा में आस्था नहीं रखता है तो उन्हें गरबा जैसे धार्मिक आयोजनों से दूर रहना चाहिए।
गलत नीयत से न जाएं
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने कहा की यदि कोई मुस्लिम भाई-बहन वेशभूषा व परंपरा का सम्मान करते हुए समिति से अनुमति लेकर भाग लेना चाहते हैं, तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होगी। किंतु गलत नीयत से गरबा स्थलों में प्रवेश कर उपद्रव करने का प्रयास हिंदू समाज की भावनाओं को आहत करता है, जिससे सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंच सकती है।

