CG Prime News@जशपुर. छत्तीसगढ़ के जशपुर की महिला विधायक रायमुनी भगत (chhattisgarh bjp mla raimuni bhagat) को विवादित टिप्पणी मामले में बड़ी राहत मिल गई है। उनके विरुद्ध हेरमोन कुजूर मामले में न्यायालय सत्र न्यायाधीश जशपुर ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। उनके विरुद्ध हुए एफआईआर (FIR) के आदेश को निरस्त भी कर दिया है।
यह था पूरा मामला
जशपुर से बीजेपी विधायक रायमुनि भगत का लगभग दो महीने पहले धर्मांतरण और चंगाई सभा को कैंसर से भी ज्यादा खतरनाक बताया था। उनकी इस विवादित टिप्पणी को लेकर मसीही समाज के लोगों ने मोर्चा खोलते हुए अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज कराई थी। विधायक के विवादित बोले के वीडियो भी वायरल हो गए थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि कि यीशु को कोड़ा मारते-मारते पहाड़ पर चढ़ा दिया गया, वह लहूलुहान थे, जो अपने आप को नहीं बचा सका, वह मसीह हमको क्या बचाएगा? क्षेत्र में उरांव जाति के लोगों का सबसे ज्यादा धर्मांतरण हुआ, लोहार, तुरी नागेशया सहित यादव समाज के लोग भी ईसाई बन रहे हैं।
इस मामले में न्यायालय सत्र न्यायाधीश जशपुर जिला ने महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए मामले में अपना फैसला सुनाया है। जिसमें विधायक रायमुनी भगत को राहत देते हुए उनके विरुद्ध हुए एफआईआर को निरस्त कर दिया गया है। न्यायालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार आप. प्रकरण क्र. 10/2025 हेरमोन कुजूर विरुद्व रायमुनी भगत में पारित आदेश दिनांक 06/01/2025 पूर्णत: विधिक आधारों पर आधारित न होने से अपास्त किए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है।
कोर्ट ने कहा पुनरीक्षणकर्ता को सुनवाई का अवसर नहीं दिया जाना अनुचित
न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी जशपुर के द्वारा आदेश में कहा गया कि पुनरीक्षणकर्ता द्वारा लिया गया प्रथम आधार कि न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी जशपुर के द्वारा अपराध का संज्ञान लिए जाने से पूर्व पुनरीक्षणकर्ता को सुनवाई का अवसर नहीं दिया जाना अनुचित प्रतीत होता है।