गौरव तिवारी/भिलाई@CG Prime News. चिखली एसआर हॉस्पिटल में ब्लेक वाटर फीवर से पीडि़त मासूम को चाइल्ड केयर यूनिट में डॉक्टरों ने उपचार कर एक नया जीवन दिया। अब पूरी तरह से स्वस्थ्य है। बच्चे के इलाज का जिम्मा डॉ. एसपी केसरवानी के नेतृत्व में हुआ। परिजनों ने डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन का आभार जताया हैं।
राजनांदगांव खुमरवाड़ा, छुईखदान निवासी सालिक राम पटेल के 7 वर्षीय पुत्र गौरव पटेल को 23 जुलाई को एसआर हॉस्पिटल चिखली दुर्ग में भर्ती कराया गया। बच्चे को लाने के बाद प्रारंभिक जांच में पाया गया कि पेशाब में खून मिला आ रहा है। बच्चे का शरीर सफेद पड़ चुका था। एसआर हॉस्पिटल के बाल व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एसपी केसरवानी अपनी टीम के साथ बच्चे का इलाज शुरू किया। बच्चे को दो यूनिट खून चढ़ाया गया। बच्चे का इलाज पीआईसीयू में किया गया। बच्चे को ब्लेक वाटर फीवर हो गया था। डॉक्टर व सहयोगियों की मेहनत रंग लाई और बच्चे ने इस गंभीर बीमारी से निजात पा ली।

डॉ केसरवानी बोले पूरे कॅरियर में चार पांच केस ही ऐसे देखे
बच्चे की बीमारी को लेकर डॉ केसरवानी ने बताया कि उन्होंने अपने पूरे कॅरियर में ऐसे केस चार या पांच ही देखे होंगे। बच्चे का बुखार दिमाग में चढ़ गया था। डॉक्टरी भाषा में इसे डायग्रोसिस फायलेसिस मलेरिया कहा जाता है। डॉ केसरवानी ने बताया कि जब बच्चे को लाया गया तब उसकी एचबी 3 ग्राम पाया गया। बच्चे की स्थिति को देखते हुए तत्काल इलाज शुरू कराया गया। दो यूनिट खून चढ़ाने के साथ की सभी आवश्यक दवाइयां दी गई जिससे बच्चे की स्थिति में सुधार आया।
एसआर हॉस्पिटल में मेरे बच्चे की जान बची
मासूम गौरव के पिता सालिक राम ने बताया कि एसआर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने मेरे बच्चे की जान बचाई है। तबीयत खराब होने पर पहले बच्चे को छुईखदान के निजी अस्पताल व शासकीय अस्पताल में इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद एसआर हॉस्पिटल पहुंचे। यहां के डॉक्टर व स्टाफ का रवैय्या काफी सहयोग वाला है। सालिक राम ने बताया कि उनके बच्चे को डॉ एसपी केसरवानी, डॉ अंकुर परगनिहा व समस्त स्टाफ के कारण नया जीवन मिला है। इसके लिए उन्होंने पूरे अस्तपाल प्रबंधन का आभार जताया।

