– एबीवीपी व आईएसयू ने कहा प्रेम प्रकाश पांडेय के प्रयास से हुआ आईआईटी भिलाई का सपना पूरा
भिलाई. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को आईआईटी भिलाई के शैक्षणिक क्षेत्र कॉरिडोर का भूमिपूजन किया। विभिन्न भवनों की अधिरचना स्थापना और ब्रिक्स लेयिंग भी अब शुरू हो गई। आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में पूर्व उच्चशिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय की अनदेखी करना जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ था, कि जिस मंत्री ने आईआईटी भिलाई सपना को साकार किया। वहीं सख्स कार्यक्रम में मौजूद नहीं है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक रितेश सिंह और इंडिपेंडेंट स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष रोहित तिवारी ने कहा है कि इसके साथ ही पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय का सपना अब साकार होने लगा है। आईआईटी भिलाई पांडेय के सतत प्रयास और पुरजोर संघर्ष का ही नतीजा है। अगर समय रहते वे पहल नहीं करते तो भिलाई को यह सौगात नहीं मिलती।
रितेश और रोहित ने संयुक्त जारी बयान में कहा है कि छत्तीसगढ़ में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) की स्थापना के लिए स्थल चयन को लेकर संशय की स्थिति थी। प्रदेश के कुछ नेता इस संस्थान को राजधानी के आसपास ले जाना चाहते थे। केंद्रीय निरीक्षण टीम को नया रायपुर में जमीन पसंद भी आ गई थी। जबकि पांडेय के प्रयास से ही एक नहीं बल्कि दो-दो बार विधानसभा में यह प्रस्ताव पारित हो चुका था कि आईआईटी भिलाई में ही खुलेगा। 13 जुलाई 2007 को तत्कालीन विधायक देवजी भाई पटेल ने अशासकीय संकल्प लाया था। इसके बाद 7 फरवरी 2014 को आरंग के विधायक नवीन मारकंडेय के अशासकीय संकल्प पर छग में आईआईटी भिलाई में ही खोलने का दोबारा व स्थाई संकल्प सर्वसम्मति से पारित हुआ। केंद्रीय टीम ने भिलाई से लगे कुटेलाभाठा, में एयर कनेक्टिविटी व अन्य सुविधाएं न होने का हवाला देते हुए वर्तमान में निर्माणाधीन इस स्थल को खारिज कर दिया था। इसके बाद पांडेय ने पूरा जोर लगाया। इससे संबंधित हर विभाग व व्यक्ति से स्वयं संपर्क किया। निजी मुलाकतें की और भिलाई में आईआईटी खोलने के पक्ष में राजी कर सके।