– कांग्रेस प्रत्याशियों ने दिखाया शक्ति प्रदर्शन
भिलाई. भिलाई नगर निगम के 70 वार्डों में पार्षद उम्मीदवारों का नाम तय करने दुर्ग जिला प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर और चुनाव प्रभारी गिरीश देवांगन ने दिनभर मंथन किया। साथ में विधायक देवेंद्र यादव और कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्राकर उपस्थित रहे। बता दें स्मृति नगर स्थित स्वामी विवेकानंद भवन में कांग्रेसी नेताओं का हुजूम लगा रहा। पार्षद टिकट के लिए दावेदारी करने वाले कांग्रेस नेताओं का भारी जन समर्थन और वहानों के काफिलों के साथ एंट्री की।

भिलाई नगर निगम के लिए पार्षद चुनाव लड़ने वाले कांग्रेसी नेताओं का नाम जल्द ही तय हो जाएगा। अब तक 70 वार्ड के लिए हजार से अधिक नाम सामने आ रहे थे, लेकिन मंथन कार्यक्रम से 30 प्रतिशत लोगों छटनी हो गई है। जो लोग वास्तव में दावेदारी कर रहे थे, उन्होंने स्वामी विवेकानंद भवन पहुंचकर अपने नाम की इंट्री करवा दी है। इस कार्य के लिए राजधानी से वन मंत्री मोहम्मद अकबर और चुनाव प्रभारी गिरीश देवांगन पहुंचे थे। उन्होंने 10-10 वार्डों का दौर बनवाया था और सभी को एक-एक कर बुलवाया और उसने दावेदारी को लेकर चर्चा की। दोनों नेता सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक इस कार्य में लगे रहे। सुबह से हजारों की संख्या में कांग्रेसी नेता अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंच गए थे। भीड़ अधिक हो जाने से सभी लोगों को बाहर मैदान में बैठा दिया गया और उनके वार्ड नंबर के अनुसार उन्हें बुलाया जा रहा था।
पार्षद चुनाव प्रत्याशियों के नाम पर मुहर उनके काम को देखकर लगेगी
जिले के प्रभारी मंत्री मो. अकबर ने कहा कि अभी किसी भी दावेदार का नाम तय नहीं हुआ है। उनसे दावेदारी मांगी गई है। इसके बाद इन सभी दावों पर मंथन कर उनकी लिस्ट को प्रदेश स्तरीय कांग्रेस कमेटी में भेजा जाएगा। वहां बैठे नेता नाम के मुताबिक यह देखेंगे कि दावेदारी करने वाले नेता ने पिछले सालों में पार्टी और शहर के लिए क्या काम किया है। लोगों के बीच उसकी सक्रियता क्या रही है। मंत्री ने साफ कहा कि जो कांग्रेस कार्यकर्ता या पदाधिकारी जितना काम किया होगा उसको उसका फल जरूर मिलेगा, किसी भी ऐसे प्रत्याशी को टिकट नहीं मिलेगी जो अचानक आए और दावेदारी करने लगे।
नारेबाजी करने से लोगों को रोका
भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव इस मंथन कार्य में मौजूद रहे। इस दौरान जो भी दावेदार आता वह देवेंद्र यादव को देखकर नारेबाजी शुरू कर देता। देवेंद्र यादव ने कहा कि वह जिस कार्य के लिए आए हैं उसे करें। उनके नाम का नारा लगाने से कुछ हल नहीं होने वाला है। इस लिए नारा नहीं यहां पर शांति व्यवस्था कायम रथना जरूरी है
