@Dakshi sahu Rao
CG Prime News@रायपुर . छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन सोमवार को हंगामेदार रहा। सदन में बलौदाबाजार हिंसा, जमीन पट्टे में गड़बड़ी, शिक्षकों की कमी के साथ अयोध्या में बेर ले जाने के मुद्दे पर भी जमकर हंगामा हुआ। जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही कल (23 जुलाई) तक के लिए स्थगित कर दी गई है। मानसून सत्र के पहले दिन बलौदाबाजार हिंसा पर विपक्ष ने काम रोको प्रस्ताव लाने की मांग की। इस पर विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि ये स्थगन स्वीकार करने लायक नहीं है, क्योंकि इसकी न्यायिक जांच चल रही। इसके बाद भूपेश बघेल ने चर्चा की मंजूरी देने के लिए नियम पढ़कर भी सुनाया।
अयोध्या दौरे पर उठाए सवाल
मानसून सत्र के पहले दिन शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मंत्रियों के अयोध्या दौरे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अभी बेर का सीजन ही नहीं है, न शिवरीनारायण और न रायपुर में बेर मिल रहे तो कहां से बेर लेकर अयोध्या गए। बीजेपी के सदस्यों ने इस पर हंगामा कर दिया।
जमीन के पट्टों में गड़बड़़ी पर हुआ हंगामा
विधायक जनक धु्रव ने जमीन के पट्टों में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। उन्होंने गरियाबंद के मैनपुरी में आदिवासी परिवार को जमीन का पट्टा देने के मामले में सरपंच और सचिव के फर्जी साइन होने की बात कही। साथ ही विधायकों की समिति बनाकर जांच की मांग रखी। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि कलेक्टर ने जांच की थी, कुछ भी ऐसे नहीं पाया गया। इसके बाद इस शिकायत को हटा दिया गया। इस पर धु्रव ने कहा कि, जानकारी देने वाले अफसरों ने मंत्री और इस सदन को गुमराह किया है। जवाब में मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि ये कांग्रेस शासनकाल का मुद्दा है, विधायक के पास जो भी तथ्य हैं हमें उपलब्ध करवाइए हम जांच कर लेंगे। ये सुनकर कांग्रेस के विधायक नाराज हुए। उमेश पटेल ने कहा कि यहां फर्जी साइन की बात हो रही है। इसकी जांच होनी चाहिए कि आखिर साइन कहां से हो गई।