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CG Prime News@धमतरी. छत्तीसगढ़ में गो वंश के संरक्षण का बड़ा संदेश देते हुए एक शख्स ने अपने तीन महीने की बछिया (गाय का बच्चा) का धूमधाम से जन्मदिन मनाया। इस अनोखी बर्थ डे पार्टी में लगभग तीन सौ लोग गिफ्ट लेकर शरीक हुए। जिन्हें बछिया के मालिक ने शानदार पार्टी देकर भोजन कराया। मालिक ने अपनी बछिया और गाय के प्रति अपने प्रेम को जताने के लिए लोगों को बछिया जन्मोत्सव का कार्ड बांटकर आमंत्रित किया था । (cow calf birthday party in dhamtari)

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छत्तीसगढ़ में बछिया की अनोखी बर्थ डे पार्टी, सेलिब्रेशन में पहुंचे 300 गेस्ट, मालिक ने गोद में लेकर काटा केक

मालिक ने गोद में लेकर काटा केक

धमतरी निवासी बछिया के मालिक सोरिद वार्ड के बाबूलाल सिन्हा ने बताया कि, बछिया राधिका का जन्मदिन हमारे जीवन की सबसे बड़ी खुशी का पल है। राधिका का जन्म 3 महीने पहले हुआ था और वह चार में से तीन पैरों से विकलांग थी। जिसका ऑपरेशन कराया गया था। अब वह ठीक है। बछिया राधिक को गोद में लेकर केक काटने की रस्म में पूरा परिवार शामिल हुआ। लोगों ने बछिया के लिए विशेष चारा भी भेंट किया। गौ मालिक ने सभी मेहमानों के लिए पार्टी का भी आयोजन किया।

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गोद में उठाकर किया गया डांस

बछिया जन्मोत्सव में मालिक बाबूलाल की फैमिली ने बछिया राध्किा को अपने गोद में लेकर खूब डांस किया। खास बात यह रही कि छत्तीसगढ़ के पारंपरिक सोहर गीतों पर लोगों ने बछिया को गोद में लेकर नृत्य किया। जन्मोत्सव पर रविवार सुबह सत्यनारायण की पूजा, दोपहर गड़वा बाजा उत्सव और शाम को रामायण कार्यक्रम के बाद केक काटकर जन्मदिन को सेलिब्रेट किया गया।’

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छत्तीसगढ़ में बछिया की अनोखी बर्थ डे पार्टी, सेलिब्रेशन में पहुंचे 300 गेस्ट, मालिक ने गोद में लेकर काटा केक

मां लक्ष्मी को कुत्तों ने काटा था

बाबूलाल की पत्नी ने बताया कि, बछिया की माता का नाम लक्ष्मी और बछिया का नाम राधिका है। कुत्तों के काटने के बाद लक्ष्मी को सीरियस स्थिति में घर लाए थे। मोहल्ले वालों ने मान लिया था कि अब नहीं बचेगी। लेकिन घर के हॉल में रख कर महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया तो छटपटा कर उठ गई। तब से यह घर पर है। इन दोनों के रहने से घर में शुभ ही हो रहा है।

सड़क हादसे से बचाने मनाया जन्मदिन

इस कार्यक्रम में पहुंचे करीब 300 लोगों के लिए प्रीतिभोज रखा गया। मालिक ने बताया कि, रोड पर मवेशी खड़े रहते हैं। जिसको हर कोई अपने घर में रख ले तो मवेशियों को सड़क हादसे से बचाया जा सकता है। जन्मोत्सव में बछिया के लिए लोग गिफ्ट लेकर भी पहुंचे। लोगों का कहना था कि कुत्तों का जन्मदिन मना सकते हैं तो बछिया का जन्मदिन मनान एक सराहनीय पहल है।

सेक्टर – 6 अक्षय पत्र हरे कृष्ण मूवमेंट के प्रांगण में आयोजन

भिलाई| हरे कृष्णा मूवमेंट, सेक्टर-6 अक्षय पात्र प्रांगण में भव्य रूप से श्री गौर पूर्णिमा एवं होली महोत्सव (holi festival) का आयोजन किया गया। यह शुभ दिन भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु के आविर्भाव की पावन तिथि के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर भक्तों ने संकीर्तन, अभिषेक, आरती, पालकी उत्सव और फूलों की होली का आनंद लिया।

गौर पूर्णिमा – हरिनाम संकीर्तन महायज्ञ का शुभारंभ

सेक्टर 6 अक्षय पत्र कृष्ण मूवमेंट के अध्यक्ष व्योमपाद दास ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण स्वयं इस कलियुग में हरिनाम संकीर्तन महायज्ञ का प्रचार करने के लिए चैतन्य महाप्रभु के रूप में अवतरित हुए थे। इस अवसर पर मंदिर को भव्य रूप से पुष्पों एवं रंग-बिरंगे प्रकाश से सजाया गया। भगवान श्री राधा-कृष्ण एवं निताई-गौरांग का विशेष दिव्य अलंकरण किया गया।

कीर्तन, अभिषेक एवं दिव्य आरती से गूंज उठा मंदिर परिसर

संध्या 6:30 बजे महोत्सव की शुरुआत संध्या आरती एवं संकीर्तन से हुई। भक्तों के सामूहिक हरिनाम संकीर्तन से वातावरण भक्तिमय हो उठा। इसके पश्चात भगवान निताई-गौरांग का दिव्य अभिषेक संपन्न हुआ, जिसमें दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से भगवान का स्नान कराया गया।

फूलों और रंगों की होली ने भक्तों को किया आनंदित

महाआरती के उपरांत भगवान की दिव्य पालकी यात्रा निकाली गई, जिसमें भक्तगण कीर्तन करते हुए झूम उठे। तत्पश्चात फूलों की होली और रंगों की होली का आयोजन हुआ, जिसमें भक्तों ने भक्तिरस में सराबोर होकर एक-दूसरे पर प्रेमपूर्वक फूल एवं प्राकृतिक रंगों की बौछार की। पूरा मंदिर परिसर आनंद और उल्लास से भर गया।

भक्तों में बंटा महाप्रसाद

महोत्सव के अंत में सभी भक्तों को महाप्रसाद का वितरण किया गया। भक्तों ने श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान के प्रसाद का आनंद लिया और गौर पूर्णिमा का यह पावन पर्व धूमधाम से संपन्न हुआ।

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CG Prime News@जशपुर. छत्तीसगढ़ में 21 मार्च से सिहोर वाले प्रसिद्ध पं. प्रदीप मिश्रा (pandit pradeep mishra) का शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश के जशपुर जिले कुनकुरी में 21 मार्च से 27 मार्च तक शिव महापुराण कथा होगी। ये अहम जानकारी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दी है। सीएम साय ने बताया कि बताया कि कुनकुरी विकासखंड में देश के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग स्थल मधेश्वर पहाड़ के समीप महाशिवपुराण कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। जिसमें पं. प्रदीप मिश्रा शिव महापुराण की महिमा बताएंगे।

सीएम ने किया भक्तों से आग्रह

छत्तीसगढ़ में पंडित प्रदीप मिश्रा की महाशिवपुराण कथा को सुनने लोग बड़े ही श्रद्धा से आते है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों से इस दिव्य आयोजन में भाग लेने का आग्रह किया। जशपुर जिला सीएम साय का गृह जिला है। 21 मार्च से 27 मार्च तक होने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा के महाशिवपुराण कथा की तैयारियां यहां जोर-शोर से चल रही है। प्रदेश के अलावा देशभर से शिव भक्त इस कथा को सुनने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में आयोजनकर्ता व्यापक स्तर पर कथा में आने वाले भक्तों के लिए पंडाल और बैठने की व्यवस्था में जुटे हुए हैं।

सीएम ने प्रदेशवासियों को होली की बधाई

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री साय ने प्रदेशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि होली केवल रंगों का नहीं, बल्कि प्रेम, सौहाद्र्र और भाईचारे का भी पर्व है। उन्होंने कहा कि टाटीडांड में सनातन समाज द्वारा आयोजित यह अनुष्ठान परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों को संजोए रखने का माध्यम है, जिससे समाज में समरसता बनी रहती है।

बयान जो चर्चा का विषय बना हुआ

मुगल बादशाह औरंगजेब को लेकर देशभर में राजनीतिक विवाद छिड़ा हुआ है। इस मुद्दे पर बयानबाजी लगातार जारी है। अब इस बहस में कुबरेश्वर धाम के अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है।

“औरंगजेब की कब्र हटाई जानी चाहिए” – पंडित प्रदीप मिश्रा
मीडिया से बातचीत में पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि औरंगजेब सनातन विरोधी था और उसका विरोध करना सनातन धर्म की मजबूती का प्रतीक है। उन्होंने कहा,
“औरंगजेब ने सनातन धर्म और राष्ट्र के लिए कुछ नहीं किया। इसलिए उसकी कब्र भारत से हटाई जानी चाहिए। उसकी जगह जो भी बनाना हो, बनाया जाए।”

CG Prime News @रायपुर. छत्तीसगढ विधानसभा परिसर में विधायक क्लब और संस्कृति विभाग के संरक्षण में बुधवार को होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, उपमुख्यमंत्री अरुण साव नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंत्रीगण, विधायकगण, विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा, विधानसभा सचिवालय के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए।

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फाग गीतों पर झूमे

होली मिलन कार्यक्रम में विधायकों और मंत्रियों ने फाग गीतों पर जमकर ठुमके लगाए। वहीं रंग गुलाल खेलकर होली के रंग में सराबोर नजर आए। डिप्टी सीएम अरुण साहू फाग गीतों पर होली के रंग में झूमते नजर आए। वहीं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी विधायकों का उत्साह बढ़ाते हुए जमकर रंग गुलाल खेला। CM विष्णु देव साय ने भी उनका साथ दिया।

होली मिलन समारोह के अवसर पर कार्यक्रम स्थल में फाग गायन एवं हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। फाग गीत दल में राकेश तिवारी और साथियों द्वारा ‘‘फाग गीत’’ एवं पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे द्वारा हास्य कविता प्रस्तुति की गई।

नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भी जमकर खेली होली

होली मिलन समारोह में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को होली की बधाई और शुभकामनाएं दी। होली मिलन कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेसी विधायक भी शामिल हुए। इस दौरान कांग्रेसी विधायकों ने भी भाजपा विधायकों को गले मिलकर होली की शुभकामनाएं दी। वहीं फाग गीतों पर जमकर रंग गुलाल भी खेला। होली मिलन कार्यक्रम में पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी शामिल हुए। उन्होंने प्रदेशवासियों को होली की शुभकामनाएं दी।

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मां दंतेश्वरी की विशेष पूजा-अर्चना के बाद बाजे-गाजे के साथ निकाली गई पालकी

CG Prime News@जगदलपुर. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के विश्व प्रसिद्ध फाल्गुन मेले (fagun mela dantewada) की 5 मार्च को शुरुआत हो गई। सबसे पहले कलश की स्थापना की गई। इसके बाद मां दंतेश्वरी की विशेष पूजा-अर्चना के बाद बाजे-गाजे के साथ पालकी निकाली गई। इससे पहले बसंत पंचमी के दिन दंतेश्वरी मंदिर में त्रिशूल की स्थापना की गई। फागुन मेला में शामिल होने छत्तीसगढ़ के अलावा ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना जैसे राज्यों से भी 1 हजार से ज्यादा देवी-देवता आएंगे। वहीं इस साल फाल्गुन मेला के लिए टेंपल कमेटी ने करीब 45 लाख रुपए का बजट रखा है।

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आखेट (शिकार) के लिए प्रसिद्ध

15 मार्च को देवी-देवताओं की विदाई तक फागुन मेला चलेगा। हर दिन मां दंतेश्वरी की विशेष पूजा अर्चना होगी। साथ ही आखेट की विभिन्न रस्म अदा कर 600 साल पुरानी परंपरा निभाई जाएगी। दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी लोकेंद्र नाथ जिया की माने तो फागुन मेला आखेट (शिकार) के लिए प्रसिद्ध है। इसमें रस्में तिथि और समय के अनुसार 10 से 11 दिनों तक चलती हैं। अब शिकार का नाट्य रूपांतरण कर परंपरा निभाई जाती है। इसके बाद शिकार शुरू किया गया था। अनुमति लेने वाले दिन से ही फागुन मड़ई की शुरुआत हुई थी। इसके बाद धीरे-धीरे स्थानीय देवी-देवताओं को भी इस मड़ई में शामिल किया जाने लगा।

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दंतेवाड़ा का विश्व प्रसिद्ध फागुन मेला शुरू, आखेट की निभाई जाएगी 600 साल पुरानी परंपरा

त्रिशूल स्थापना से मड़ई की शुरुआत

हर साल बसंत पंचमी के दिन माता दंतेश्वरी के मंदिर में गरुड़ स्तंभ के सामने त्रिशूल स्थापित किया जाता है। यह मेला शुरू करने की सबसे पहली रस्म होती है। फिर कुछ दिन बाद फागुन महीने में देवी की पूजा समेत दूसरी रस्में शुरू होती हैं। इस बीच मेले में शामिल होने के लिए निमंत्रण पत्र तैयार किया जाता है, जिसे देवी-देवताओं को भेजा जाता है।

9 दिन होती है देवी की विशेष पूजा

फागुन मेले में नवरात्रि की ही तरह माता दंतेश्वरी की 9 दिनों तक विशेष पूजा-अर्चना होती है। 10वें दिन यानी होली के दिन मेला भरता है। यहां ताड़ के पत्तों से होलिका दहन करने की परंपरा भी है। मेले के अंत में देवी-देवताओं को विदाई दी जाती है। श्रीफल और नेग भी दिया जाता है।

इन इलाकों से ये देवी-देवता हुए थे शामिल

पिछले साल बस्तर के अलावा ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र बॉर्डर से भी देवी-देवता आए थे। पहली बार भद्रकाली और मेडाराम की देवी भी शामिल हुईं थीं। ओडिशा के 7 से 8 देवी-देवता मेले में शामिल हुए थे। इनमें कोसागुमड़ा गांव से हिंगलाजिन, तेलंगाना के मेडाराम से चिकलादई और बामनदई माता मेले में शामिल हुईं। बस्तर से काली कंकालीन देवी समेत अन्य देवी-देवता शामिल हुए थे।

ऐसे शुरू हुआ फागुन मेला

किवदंतियों के मुताबिक, करीब 600 साल पहले आखेट (शिकार) प्रचलित था। जंगली जानवर किसानों की फसलें खराब कर देते थे। ग्रामीण इस समस्या के निदान के लिए राजा-महाराजा के पास गए। तब तत्कालीन राजा ने जानवरों का शिकार करना शुरू किया था। राजा जब शिकार करते, तो दैवीय शक्ति की वजह से तीर लगने के बाद भी जानवर मरते नहीं थे। फिर राजा ने जानवरों के शिकार के लिए आराध्य देवी माता दंतेश्वरी की आराधना कर अनुमति ली थी।

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CG Prime News@दुर्ग. दुर्ग जिले का इतिहास बेहद प्राचीन है। आज हम आपको महाशिवरात्रि (mahashivratri 2025) के पावन पर्व पर लेकर चल रहे हैं दुर्ग शहर के सबसे प्राचीन शिव मंदिर में, जो शिवनाथ नदी के तट पर महमरा एनीकेट के पास स्थित है। इस मंदिर से जुड़ी कई रोचक और ऐतिहासिक कहानियां हैं, जिन्हें हम आप तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।

ऐसा कहा जाता है कि यहां स्वयंभू शिवलिंग के रूप में प्रकट हुआ था। बालाराम शर्मा के पूर्वजों की जमीन पर जब यह शिवलिंग प्रकट हुआ, तो उन्होंने यहां मंदिर का निर्माण करवाया और उसकी सेवा व देखभाल शुरू कर दी। बताया जाता है कि उस समय यह स्थान घने जंगलों से घिरा हुआ था और लोग दिन में भी यहां आने से डरते थे। लेकिन समय के साथ श्रद्धालु यहां आने लगे, पूजा-अर्चना शुरू हुई और धीरे-धीरे यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बन गया। वर्तमान में इस मंदिर की देखरेख शर्मा परिवार की चौथी पीढ़ी, राजू शर्मा कर रहे हैं। उन्होंने सीजी प्राइम न्यूज से विशेष चर्चा में मंदिर से जुड़ी कई ऐसी जानकारियां साझा कीं, जो बहुत से लोगों को नहीं पता थीं।

नंदी को लोग खिलाते थे खाना
इस मंदिर के आगे एक और शिव मंदिर स्थित है, जिसकी स्थापना की भी अपनी अनोखी कहानी है। बताया जाता है कि किसी समय दुर्ग शहर के प्रमुख बाजार में एक नंदी बैल घूमा करता था, जिसे लोग प्रेमपूर्वक भोजन कराते और उसकी सेवा करते थे। जब उस नंदी का देहांत हुआ, तो श्यामबती नामक एक महिला ने इस स्थान पर उसकी समाधि बनवाई और अपने पैसों से यहां शिव मंदिर की स्थापना करवाई। यह मंदिर भी भक्तों की गहरी आस्था का केंद्र बन चुका है। अब हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। इस वर्ष 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा, जिसके लिए मंदिर परिसर में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। वहीं शिवनाथ के महमरा एनीकट के दोनों किनारों पर स्थित प्राचीन शिव मंदिरों में भक्तों का तांता अभी से लगना शुरू हो गया है।

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CG Prime News@दुर्ग. 144 साल बाद हो रहे महाकुंभ (Mahakumbh 2025) स्नान का पुण्य छत्तीसगढ़ के जेलों में बंद कैदी भी ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की अनूठी पहल से राज्य के सभी जेलों में बंद कैदियों के लिए पुण्य अर्जन का अवसर दिया गया। छत्तीसगढ़ सरकार ने उन बंदियों के लिए विशेष इंतजाम किया, जो महाकुंभ में शामिल नहीं हो सकते। केंद्रीय जेल दुर्ग में अस्थायी घाट बनाकर त्रिवेणी संगम का जल लाया गया और कैदियों ने आस्था के साथ इस जल में स्नान करके मां गंगा, यमुना और सरस्वती की अराधना की।

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दुर्ग जेल में बंद कैदियों ने किया महाकुंभ स्नान, त्रिवेणी संगम से मंगाए जल में लगाई आस्था की डुबकी

त्रिवेणी संगम से मंगाया जल
प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर प्रयागराज के त्रिवेणी संगम से पवित्र गंगा जल मंगवाया गया है। मंगलवार को बंदियों ने श्रद्धा के साथ इस आयोजन में भाग लिया और जेल प्रशासन और राज्य सरकार का आभार जताया। जेल अधीक्षक मनीष संभाकर ने बताया कि जो बंदी महाकुंभ में नहीं जा सकते, उनके लिए जेल परिसर के अंदर ही यह धार्मिक आयोजन किया गया। इस अनूठी पहल से जेल का माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया है।

 

6 अप्रैल को निकलेगी श्रीरामनवमी उत्सव एवं शोभायात्रा

भिलाई| श्रीराम जन्मोत्सव समिति (shriram janmotsav samiti) की आवश्यक बैठक सेक्टर-9 में संपन्न हुई, जिसमें आगामी 6 अप्रैल को आयोजित होने वाले श्रीरामनवमी उत्सव एवं शोभायात्रा की रूपरेखा तैयार की गई। इस बैठक में समिति के संरक्षक एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय मुख्य रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने समिति द्वारा पूर्व में किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए इस भव्य आयोजन पर विस्तार से चर्चा की।श्री राम जन्मोत्सव समिति के पदाधिकारी

बैठक को संबोधित करते हुए समिति के संरक्षक प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि भले ही विज्ञान और तकनीक में हम निरंतर प्रगति कर रहे हैं, लेकिन अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहना आवश्यक है। भारतीय परंपराएं केवल धार्मिक आस्थाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह हमारी समृद्ध धरोहर हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति पूजन हमारी संस्कृति का हिस्सा है, जो नदियों, वृक्षों और पर्यावरण के प्रति सम्मान को दर्शाता है। श्रीरामनवमी केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी लोगों को जोड़ने का कार्य करता है।

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1101 मठ-मंदिरों की लघु शोभायात्राएं होंगी शामिल

बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष की शोभायात्रा ऐतिहासिक होगी, जिसमें 1101 मठ-मंदिरों की लघु शोभायात्राएं शामिल होंगी। बाबा भोलेनाथ, भगवान चतुर्भुजी, माँ बम्लेश्वरी और माँ दंतेश्वरी की शोभायात्राएं प्रमुख आकर्षण रहेंगी। ये शोभायात्राएं कुम्हारी, चरोदा, देवबलोदा, सोमनी, सिरसाकला, जामुल, कुरूद, छावनी, रिसाली, हुडको, सेक्टर 1 से 10, समोदा, जेवरा-सिरसा, रामनगर, सुपेला सहित अन्य क्षेत्रों से प्रारंभ होकर शाम 7:30 बजे पावर हाउस अंबेडकर चौक पर मिलेंगी।

धर्मसभा एवं झांकी प्रदर्शन

इस दौरान पारंपरिक अखाड़े, पंथी नृत्य, राउत नाचा एवं भजन संध्या इस शोभायात्रा की भव्यता को और बढ़ाएंगे। सभी शोभायात्राएं मिलकर श्रीरामलीला मैदान तक पहुंचेंगी, जहां विशेष धर्मसभा एवं झांकी प्रदर्शन का आयोजन होगा। पूरा मार्ग आकर्षक सजावट से सुसज्जित होगा, और श्रद्धालु बड़े उत्साह के साथ इस शोभायात्रा का स्वागत करेंगे।

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झांकियां, पुष्पवर्षा और भजन संध्या मुख्य आकर्षण

बैठक में युवा विंग अध्यक्ष एवं भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मनीष पाण्डेय ने कहा कि भगवान श्रीराम का जीवन आदर्श, मर्यादा और नैतिकता की मिसाल है। इस वर्ष श्रीरामनवमी के अवसर पर आयोजित होने वाले धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से श्रीराम के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। शोभायात्रा को भव्य स्वरूप देने के लिए शहर के प्रमुख मार्गों से इसे निकाला जाएगा, जिसमें झांकियां, पुष्पवर्षा और भजन संध्या मुख्य आकर्षण होंगे।

शहरवासियों से अपील

समिति के प्रांतीय महामंत्री बुद्धन ठाकुर ने बताया कि श्रीराम जन्मोत्सव समिति, छत्तीसगढ़, भिलाई इस आयोजन को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक में कोर कमेटी के सदस्य, जिला पदाधिकारी एवं सभी प्रखंडों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। शहरवासियों से अपील की गई कि वे अधिकाधिक संख्या में शामिल होकर इस आयोजन को सफल बनाएं

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CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को अपने सभी मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के साथ महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। CM के साथ राज्यपाल रमेन डेका और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, डिप्टी सीएम अरुण साव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव भी थे। मंत्रिमंडल के सदस्य, सांसद, विधायक और उनके परिवारजनों ने भी महाकुंभ पहुंचकर त्रिवेणी संगम में स्नान किया।

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CM विष्णुदेव साय ने मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के साथ महाकुंभ में लगाई डुबकी, राज्यपाल और विधानसभा स्पीकर भी रहे साथ

जाने से पहले किया पोस्ट
सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया साइट X पर तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा चलत बिमान कोलाहल होई। जय रघुबीर कहइ सबु कोई। तीर्थराज प्रयाग के त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान करने और समस्त प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना के लिए महाकुंभ की ओर प्रस्थान। इससे पहले एयरपोर्ट पर रवाना होने से पहले सीएम ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में शामिल होने का न्योता दिया था। वहां छत्तीसगढ़ के लिए एक विशेष पवेलियन स्थापित किया गया है, जहां राज्य के लोगों के लिए खाने और रहने की उचित व्यवस्था की गई है।

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CM विष्णुदेव साय ने मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के साथ महाकुंभ में लगाई डुबकी, राज्यपाल और विधानसभा स्पीकर भी रहे साथ

महाकुंभ जाने का दिया था न्योता
स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने सीएम विष्णुदेव साय सहित समस्त मंत्रिमंडल के सदस्यों, नेता प्रतिपक्ष, सभी विधायकों और सांसदों को 13 फरवरी को प्रयागराज में महाकुंभ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने पत्र लिखकर कहा था कि गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन त्रिवेणी संगम पर आयोजित धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सहभागिता करते हुए सनातन लोकतांत्रिक परंपराओं का सजीव अनुभव करने का अवसर प्राप्त होगा।

कांग्रेस के 7 विधायकों ने भी किया संगम में स्नान
महाकुंभ में भाजपा सांसदों और विधायकों के अलावा प्रदेश के कांग्रेस के 7 विधायक भी सीएम के साथ महाकुंभ आए हैं। इनमें राघवेंद्र सिंह ,बालेश्वर साहू, व्यास कश्यप, संदीप साहू, विद्यावती सिदार, इंद्र साहू और राजकुमार यादव भी शामिल हैं। प्रयागराज एयरपोर्ट पहुंचने के बाद बस के जरिए संगम स्थल के लिए रवाना हुए। इस दौरान रास्तेभर भाजपा के मंत्री विधायक और सांसद भजन गाते रहे।

नेता प्रतिपक्ष ने बनाई दूरी
बता दें कि नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत समेत बाकी कांग्रेस विधायकों ने निकाय और पंचायत चुनाव का हवाला देकर मंत्रियों के साथ कुंभ यात्रा से दूरी बना ली थी। पीसीसी चीफ दीपक बैज का कहना है कि कांग्रेस के ज्यादातर विधायक पहले ही कुंभ स्नान कर लौट चुके हैं।

 

 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय महाकुंभ स्नान में होंगे शामिल, 13 को प्रयागराज रवाना

रायपुर। CM विष्णुदेव साय 13 फरवरी को महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज (prayagraj) रवाना होंगे। इस दौरान वे त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करेंगे और प्रदेश की सुख-समृद्धि तथा जनकल्याण के लिए प्रार्थना करेंगे।

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मुख्यमंत्री का निर्धारित दौरा कार्यक्रम के अनुसार, वे प्रातः 8:25 बजे रायपुर से प्रयागराज के लिए रवाना होंगे। सुबह 9:40 बजे प्रयागराज एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहां से वे अरेल घाट और त्रिवेणी संगम पहुंचकर कुंभ स्नान एवं पूजन-अर्चन करेंगे। इसके बाद दोपहर 1:50 बजे छत्तीसगढ़ पवेलियन जाएंगे, जहां वे श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री शाम 4:50 बजे प्रयागराज से रायपुर के लिए लौटेंगे और 6:05 बजे रायपुर एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज में छत्तीसगढ़ पवेलियन में निःशुल्क आवास, भोजन, चिकित्सा सुविधा और परिवहन की सुविधाएं प्रदान की गई हैं।

भिलाई। बेसहारा और अनाथ इंडी पप्पी को एक नया जीवन देने के उद्देश्य से पपी एडॉप्शन कैम्प का आयोजन 7 और 8 फरवरी को सूर्या टीआई मॉल, जुनवानी रोड में किया गया। यह आयोजन पीपुल्स फॉर एनिमल्स (PFA) भिलाई द्वारा किया गया, जिसमें कई पशु प्रेमियों ने भाग लिया और अपने नए परिवार के सदस्य के रूप में एक बेसहारा पिल्ले को अपनाने के लिए हाथ बढ़ाया। आधा दर्जन से अधिक पिल्लों को मिला नया घर।

मगर इंसानियत ने थामा हाथ

कई पिल्ले जो अपनी माँ की खो चुके थे या जिन्हें लावारिस छोड़ दिया गया था, इस शिविर में एक नये घर की आस में शामिल हुए। इन छोटे-छोटे मासूम जीवों के लिए लोगों का प्यार उमड़ पड़ा और बड़ी संख्या में पपी एडॉप्शन के लिए आवेदन भरे गए। यह देखकर आयोजकों को भी संतुष्टि मिली।

रैंप पर उतरे नन्हे कदम

कार्यक्रम की विशेषता थी ‘डॉग रैंप वॉक’, जिसमें प्यारे पिल्लों और डॉग्स ने अपनी मासूमियत से लोगों का दिल जीत लिया। उनके छोटे-छोटे कदमों से पूरे माहौल में एक सकारात्मक ऊर्जा फैल गई। इसके अलावा, बच्चों के लिए ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें नन्हे कलाकारों ने अपने रंगों से ‘अडॉप्शन’ का संदेश दिया।

अडॉप्ट, डोंट शॉप’ – एक सोच, एक बदलाव

PFA भिलाई की टीम ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए अथक प्रयास किया और ‘गर्व से देसी’ के तहत भारतीय नस्ल के कुत्तों को अपनाने की मुहिम को आगे बढ़ाया। टीम का मानना है कि यदि लोग महंगे विदेशी नस्लों के बजाय अपने देशी कुत्तों को अपनाएँ, तो हर बेसहारा पिल्ला एक प्यार भरा घर पा सकता है।

आप भी बने किसी के जीवन की रोशनी

यदि आप भी किसी बेसहारा पिल्ले को अपनाना चाहते हैं और उसे प्यार भरा जीवन देना चाहते हैं, तो PFA भिलाई के इंस्टाग्राम पेज से संपर्क करें। आपका एक कदम किसी की पूरी दुनिया बदल सकता है!

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CG Prime News@राजनांदगांव. राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ चंद्रगिरी तीर्थ (dongargarh chandragiri tirth) में संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज ने अंतिम सांसें ली थीं। आचार्यश्री के प्रथम समाधि स्मृति महामहोत्सव 1 से 6 फरवरी तक श्री 1008 सिद्ध चक्र महामंडल विधान के साथ आयोजित किया जा रहा है। समारोह के समापन अवसर पर 6 फरवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Central home minister amit shah) मुख्य अतिथि होंगे।

मंदिर का करेंगे शिलान्यास
केंद्रीय गृहमंत्री शाह दोपहर 12.55 बजे चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ पहुंचेंगे। यहां वहां पर आचार्यश्री की समाधि पर श्रद्धा प्रकट करते हुए अष्टधातु से निर्मित 108 चरणों का लोकार्पण एवं समाधि गुरु मंदिर का शिलान्यास करेंगे। इसके बाद मुख्य पंडाल में समाजजनों को संबोधित करेंगे।

अमित शाह के साथ सीजी सरकार भी रहेगी उपस्थित
आयोजन समिति के महासचिव मनीष जैन एवं अखिल जैन ने बताया है कि भव्य तैयारियां हैं। आचार्यश्री के सम्मान में भारत सरकार द्वारा सिक्का और डाक लिफाफा जारी किया गया है, जिसका विमोचन होगा। हथकरघा केंद्र का निरीक्षण एवं संचालित प्रतिभास्थली के छात्रों के साथ गृहमंत्री शाह चर्चा करेंगे एवं अपराह्न 3.15 बजे मां बमलेश्वरी मंदिर के दर्शन करने कर रवाना हो जाएंगे। समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, राज्यसभा सांसद नवीन जैन आगरा सहित कई राजनेताओं वरिष्ठ समाज सेवियों की सहभागिता रहेगी।

देशभर से जैन समाज के लोग आएंगे
आचार्य विद्यासागर समाधि स्थली चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ के अध्यक्ष विनोद जैन बडजात्या, दिगंबर जैन चंद्रगिरी तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष किशोर जैन एवं दिगंबर जैन सर्वोपयोगी धार्मिक न्यास मुंबई से प्रभात मुम्बई ने महा महोत्सव में देशभर से जैन समाज को आमंत्रित किया गया है।

जैन मुनियों का चल रहा समागम
छह दिवसीय महोत्सव में निर्यापक श्रवण मुनि, समता सागर, मुनि पवित्र सागर महाराज, मुनि आगम सागरं मुनि पुनीत सागर, एलक निश्चय सागर, एलक निजानंद सागर, एलक धैर्य सागर, एलक स्वागत सागर, छुल्लक संयम सागर का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। साथ ही आर्यिका गुरुमति माता ससंघ, आर्यका दृढ़ मति माता ससंघ एवं आर्यिका आदर्श मति माता ससंघ विराजमान रहेंगी ।