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CG Prime News@जशपुर. Jashpur has become a new tourism hub in Chhattisgarh, attracting tourists from all corners of the country for the Jashpur Jamboree छत्तीसगढ़ में जशपुर अब पर्यटन का नया केंद्र बन गया है। देश के कोने-कोने से पर्यटक जशपुर की सुंदरता देखने पहुंच रहे हैं। जशपुर के हरे-भरे जंगलों और सुरम्य वादियों में आयोजित जशपुर जम्बूरी 2025 पर्यटन (Jashpur Jamboree 2025) का ऐसा महाकुंभ है, जो प्रकृति प्रेमियों और रोमांच तलाशने वालों के लिए यादगार अनुभव लेकर आया है।

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छत्तीसगढ़ में पर्यटन का नया हब बना जशपुर, देश के कोने-कोने से आए टूरिस्ट पहुंचे जशपुर जम्बूरी में

जशपुर जम्बूरी में पहुंचे पर्यटक

6 से 9 नवंबर तक चलने वाले इस भव्य आयोजन में देशभर से आए 120 से अधिक प्रतिभागियों ने नीमगांव में पक्षी दर्शन से अपनी यात्रा की शुरुआत की, जहां शांत वातावरण ने सभी को प्रकृति के करीब ला दिया। दो समूहों में बंटे पर्यटकों ने मयाली में कयाकिंग, एटीवी राइड, एक्वा साइकिलिंग और पेंटबॉल जैसे साहसिक खेलों का आनंद लिया, जबकि दूसरे समूह ने देशदेखा में बोल्डरिंग, रॉक क्लाइंबिंग, जुमारिंग और जि़पलाइनिंग जैसी चुनौतीपूर्ण गतिविधियों में भाग लिया।

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छत्तीसगढ़ में पर्यटन का नया हब बना जशपुर, देश के कोने-कोने से आए टूरिस्ट पहुंचे जशपुर जम्बूरी में

मधेश्वर पहाड़ की दिव्यता का अनुभव किया

मधेश्वर पहाड़ के प्राकृतिक शिवलिंग की दिव्यता के बीच आयोजित इस उत्सव में स्थानीय व्यंजनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी प्रतिभागियों के बीच अपनी छाप छोड़ी। शाम को सरना एथनिक रिजॉर्ट में पारंपरिक नृत्य और लोकगीतों ने जशपुर की जीवंत जनजातीय संस्कृति को मंच पर जीवंत कर दिया।

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छत्तीसगढ़ में पर्यटन का नया हब बना जशपुर, देश के कोने-कोने से आए टूरिस्ट पहुंचे जशपुर जम्बूरी में

चमकीले तारों के बीच हुआ कैंप फायर

आखिरी सत्र में पर्यटक चमकीले तारों के नीचे कैम्पफायर के इर्द-गिर्द एकजुट हुए, जहां हंसी-मज़ाक और अनुभवों के आदान-प्रदान से यह दिन प्रतिभागियों के लिए एक यादगार बन गया। यह आयोजन न केवल पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए अवसर भी प्रस्तुत कर रहा है, जिससे जशपुर राज्य के पर्यटन मानचित्र पर अपनी खास पहचान बना रहा है। जशपुर जम्बूरी 2025 ने छत्तीसगढ़ के ग्रामीण पर्यटन को नई उड़ान दी है, जहां प्रकृति, संस्कृति और एडवेंचर का प्रभावशाली समागम देखने को मिल रहा है। जशपुर की जनजातीय संस्कृति को लेकर टूरिस्टों में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है।

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CG Prime News@दुर्ग. CM Sai attended the Pandavani Mahasammelan in Durg districtअंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस के अवसर पर दुर्ग जिले के ग्राम मेड़ेसरा में आयोजित पंडवानी महासम्मेलन के समापन समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग रायपुर के सौजन्य से आयोजित इस समारोह को संबोधित करते हुए सीएम साय ने कहा कि पंडवानी एक ऐसी विधा है, जिसके माध्यम से छत्तीसगढ़ को दुनिया भर में पहचान मिली है।

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CM Sai attended the Pandavani Mahasammelan in Durg district

सीएम ने कार्यक्रम में दुर्ग जिले के नागरिक कल्याण महाविद्यालय नंदिनी में स्नाातकोत्तर कक्षाएं खोलने, अछोटी में बीएड महाविद्यालय, मेड़ेसरा को आदर्श गांव बनाने के साथ ही समुदायिक भवन हेतु 20 लाख रूपए और क्षेत्र के सभी पंचायतों में सीसी रोड निर्माण की घोषणा की है।

दुनिया के हर कोने में किया कला का प्रदर्शन

दुनिया के हर कोने में हमारे पंडवानी कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया है। न्यूयार्क से लेकर पेरिस और लंदन तक महाभारत की कथाओं पर आधारित हमारे पंडवानी गायन को लोगों ने सुना और सराहा है। पद्मश्री डॉ. उषा बारले हमारे बीच मौजूद हैं। उन्होंने अपने पंडवानी गायन के माध्यम से आप सभी का मनोरंजन किया होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुझे पंडवानी के पुरोधा स्वर्गीय झाड़ूराम देवांगन जी की स्मृति भी हो रही है। हाथ में तंबूरा लेकर जब वे अपनी रोचक प्रस्तुति देते थे तो दर्शक गण मंत्र मुग्ध हो जाते थे।

तीजन बाई की पंडवानी सुनी

पंडवानी गायन में हमारी महिला कलाकारों को भी विशेष सफलता मिली है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मुझे विशेष रूप से स्वर्गीय लक्ष्मी बंजारे का स्मरण हो रहा है। पद्म पुरस्कार देश की विभूतियों को प्राप्त होते हैं। यह छत्तीसगढ़ का सौभाग्य है कि हमारी धरती पर तीजन बाई जैसी कलाकार हुई हैं जिन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण तीनों ही सम्मान प्राप्त हुए हैं। जब तंबूरा लेकर वे आलाप भरती हैं तो आकाश के देवी-देवता भी उन्हें जरूर सुनते होंगे। उन्होंने बताया कि अनेक अवसरों पर तीजन बाई जी की पंडवानी मैंने सुनी है।

भारत की एक खोज में तीजन बाई ने गाया था पंडवानी

श्याम बेनेगल की भारत एक खोज में तीजन बाई (dr teejan bai) के पंडवानी गायन के दृश्य अपार आनंद और उत्सुकता से भर देते हैं। पंडवानी हमारी धरोहर है। आज पंडवानी महासम्मेलन के कार्यक्रम का आयोजन कर आप लोगों ने इस धरोहर को सहेजने और आने वाली पीढ़ी तक इसे बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा कार्य किया है। हम लोगों ने बचपन से रामलीला मंडलियों के माध्यम से रामायण की कहानियां सुनी और पंडवानी के माध्यम से महाभारत की कहानियां सुनी। पीढ़ी दर पीढ़ी रामायण और महाभारत की कहानियां इन्हीं लोककलाकारों के माध्यम से आम जनता तक पहुंचती रही है।

सीएम ने कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ी लोककला-संस्कृति को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। हमने कलाकारों की पेंशन राशि में वृद्धि की है साथ ही कलाकारों को दिये जाने वाले अवसरों की संख्या भी बढ़ाई है। चित्रोत्पला फिल्म सिटी की स्थापना का निर्णय लेकर हमने छत्तीसगढ़ी सिनेमा को मजबूत करने का जतन किया है।

रजत जयंती कार्यक्रम में पीएम मोदी आएंगे छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया तो इसके पीछे इस राज्य के तेजी से विकास की मंशा के साथ ही इसकी संस्कृति को सहेजने की मंशा भी थी। आज जब यह सुंदर आयोजन देखने में आ रहा है तो मन में सुकून के भाव आते हैं कि अटल जी की मंशा पूरी हुई। उन्होंने अवगत कराया कि 1 नवंबर को प्रदेश की रजत जयंती मनाई जाएगी। यह राज्योत्सव हमारी लोकसंस्कृति का उत्सव होगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आगमन भी होगा। मुख्यमंत्री ने सभी से अनुरोध करते हुए कहा कि रजत जयंती समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज कर हमारा मान बढ़ाएं।

यह रहे कार्यक्रम में मौजूद

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरुण साव, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं विधायक अहिवारा डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, पिछड़ा एवं अन्य वर्ग विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विधायक ललित चंद्राकर, विधायक साजा ईश्वर साहू, राज्य तेल घानी बोर्ड के अध्यक्ष जितेंद्र साहू, पूर्व मंत्री रमशीला साहू एवं जागेश्वर साहू, पूर्व विधायक लाभ चंद बाफना एवं डॉ. दयाराम साहू, जिला पंचायत दुर्ग की अध्यक्ष सरस्वती बंजारे, दुर्ग नगर निगम की महापौर अलका बाघमार भी सम्मलित हुए।

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CG Prime News@भिलाई. Charlapalli and Barauni Express will pass through Chhattisgarh, Railways will run Chhath Puja special train for one trip छठ पूजा के दौरान बिहार, झारखंड जाने वाले यात्रियों के लिए एक और अच्छी खबर है। चर्लपल्लि और बरौनी के मध्य एक फेरे के लिए चर्लपल्लि-बरौनी-चर्लपल्लि छठ पूजा स्पेशल ट्रेन चलेगी। जो गोंदिया, दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर के मार्ग से चलाई जा रही है। छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को इससे बड़ा लाभ मिलेगा।

ट्रेन में 21 कोच लगेंगे

छठ पूजा के दौरान ट्रेन में होने वाली अतिरिक्त भीड़-भाड़ के दौरान रेल यात्रियों को अधिक से अधिक कन्फर्म बर्थ/सीट की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यह गाड़ी 07093 चर्लपल्लि-बरौनी छठ पूजा स्पेशल ट्रेन से चर्लपल्लि से दिनांक 25 अक्टूबर, 2025 को चलेगी। इसी प्रकार विपरीत दिशा में भी 07094 बरौनी-चर्लपल्लि छठ पूजा स्पेशल ट्रेन बरौनी से दिनांक 27 अक्टूबर, 2025 को चलेगी । इस गाड़ी में कुल 21 कोच रहेगे ।

वेबसाइट से प्राप्त करें पूरी जानकारी

रेलवे ने यह भी बताया कि स्पेशल ट्रेनों के समय, ठहराव और किराए की पूरी जानकारी रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट और स्टेशनों पर जारी की जा रही है। दुर्ग-पटना और गोंदिया-पटना स्पेशल ट्रेनें केवल एक-एक फेरा चलेंगी। इसके लिए अधिकृत एजेंटों से ही टिकट लेने और किसी भी तरह की फर्जीवाड़े से बचने की अपील रेलवे ने की है।

इन टे्रनों में इतनी सीटें खाली

रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार 08795 दुर्ग-पटना स्पेशल ट्रेन में 11:30 बजे तक कुल 517 सीटें खाली थीं। इसमें सेकेंड एसी में आरएसी 01, तृतीय एसी में 378 सीटें, स्लीपर क्लास में 53 सीटें और 3 इकोनॉमी कोच में 86 सीटें उपलब्ध हैं। यात्रियों को समय रहते टिकट करवाने की अपील रेलवे ने की है, ताकि छठ पूजा में बिहार जाने वाले यात्रियों को परेशानी न हो।

गोंदिया-पटना भी चलेगी एक फेर

इसी तरह 08889 गोंदिया-पटना स्पेशल ट्रेन में सुबह 11:30 बजे तक 538 सीटें खाली थीं। इनमें सेकंड एसी में 11 सीटें, तृतीय एसी में 1 सीट और स्लीपर क्लास में 526 सीटें शामिल हैं। यह ट्रेन एक बार चलने वाली विशेष सेवा है।

दुर्ग से बड़ी संख्या में जाते हैं बिहार और झारखंड

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि दुर्ग समेत पूरे प्रदेश से छठ के समय बिहार और झारखंड की ओर जाने वाले यात्रियों की संख्या में काफी वृद्धि होती है। ऐसे में हर वर्ष की तरह इस बार भी यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की गई है।

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CG Prime News@दुर्ग.Chhath special train will run from Durg, 1055 berths vacant  छत्तीसगढ़ के रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। रेल प्रशासन ने दुर्ग-पटना और गोंदिया-पटना के बीच एक-एक फेरे के लिए छठ स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की है। छठ पूजा के दौरान रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को देखते हुए विशेष व्यवस्था की है। बढ़ती भीड़ और आरक्षण की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए पटना जाने के लिए इन ट्रेनों में कुल 1055 आरक्षित बर्थ अभी खाली है।

वेबसाइट से प्राप्त करें पूरी जानकारी

रेलवे ने यह भी बताया कि स्पेशल ट्रेनों के समय, ठहराव और किराए की पूरी जानकारी रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट और स्टेशनों पर जारी की जा रही है। दुर्ग-पटना और गोंदिया-पटना स्पेशल ट्रेनें केवल एक-एक फेरा चलेंगी। इसके लिए अधिकृत एजेंटों से ही टिकट लेने और किसी भी तरह की फर्जीवाड़े से बचने की अपील रेलवे ने की है।

इन टे्रनों में इतनी सीटें खाली

रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार 08795 दुर्ग-पटना स्पेशल ट्रेन में 11:30 बजे तक कुल 517 सीटें खाली थीं। इसमें सेकेंड एसी में आरएसी 01, तृतीय एसी में 378 सीटें, स्लीपर क्लास में 53 सीटें और 3 इकोनॉमी कोच में 86 सीटें उपलब्ध हैं। यात्रियों को समय रहते टिकट करवाने की अपील रेलवे ने की है, ताकि छठ पूजा में बिहार जाने वाले यात्रियों को परेशानी न हो।

गोंदिया-पटना भी चलेगी एक फेर

इसी तरह 08889 गोंदिया-पटना स्पेशल ट्रेन में सुबह 11:30 बजे तक 538 सीटें खाली थीं। इनमें सेकंड एसी में 11 सीटें, तृतीय एसी में 1 सीट और स्लीपर क्लास में 526 सीटें शामिल हैं। यह ट्रेन एक बार चलने वाली विशेष सेवा है।

दुर्ग से बड़ी संख्या में जाते हैं बिहार और झारखंड

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि दुर्ग समेत पूरे प्रदेश से छठ के समय बिहार और झारखंड की ओर जाने वाले यात्रियों की संख्या में काफी वृद्धि होती है। ऐसे में हर वर्ष की तरह इस बार भी यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की गई है।

इन ट्रेनों के संचालन से छठ पर्व पर अपने घर जाने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। त्योहारों के समय नियमित ट्रेनों में भारी प्रतीक्षा सूची के चलते बड़ी संख्या में यात्रियों को टिकट नहीं मिल पाता। इस स्थिति से निपटने के लिए स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।

 

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CG Prime News@रायपुर.Chief Minister Vishnu Dev Sai performed Govardhan Puja in Bagiya  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय, बगिया (जशपुर) में सपरिवार गोवर्धन पूजा कर प्रदेश की सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री की माता जसमनी देवी साय, पत्नी कौशल्या साय एवं परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

समाज के एकजुट और सहयोग का पर्व

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण की उस प्रेरणादायी लीला की स्मृति है, जिसमें उन्होंने गोकुलवासियों को प्रलयकारी वर्षा और संकट से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठाकर सभी को शरण दी थी। यह पर्व हमें बताता है कि जब समाज एकजुट होकर विश्वास और सहयोग के साथ कार्य करता है, तब कोई भी संकट अजेय नहीं रहता।

प्रकृति पूजन का प्रतीक गोवर्धन पूजा

सीएम साय ने कहा कि गोवर्धन पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि कृतज्ञता, सह-अस्तित्व और प्रकृति-पूजन का प्रतीक है। इस दिन गोवंश की पूजा की जाती है, जो भारतीय संस्कृति की आत्मा-गौ-संवर्धन और पर्यावरण संरक्षण-को जीवंत रखती है।

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CG Prime News@रायपुर. CM Sai participated in Sohrai Karma Festival 2025 मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय रविवार को जशपुर जिले में अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद, प्रांतीय शाखा छत्तीसगढ़ द्वारा ग्राम कण्डोरा में आयोजित महासम्मेलन (सोहरई करमा महोत्सव 2025) में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कुनकुरी में 20 लाख रुपए की लागत से निर्मित रौतिया समाज के सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया तथा ग्राम पंचायत कण्डोरा में 50 लाख रुपए की लागत से बनने वाले रौतिया भवन निर्माण का भूमिपूजन किया।

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सोहरई करमा महोत्सव में शामिल हुए सीएम साय, बोले-ये उत्सव हमें एक सूत्र में बांधते हैं, नर्तक दल के साथ थिरके

समाज को दी विकास की सौगात

मुख्यमंत्री साय ने समाज की मांग पर ग्राम कण्डोरा में करमा अखरा निर्माण के लिए 50 लाख रुपए तथा रायपुर में रौतिया भवन पहुँच मार्ग के लिए 25 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने मंच पर रौतिया समाज के वीर शहीद बख्तर साय और मुण्डल सिंह के छायाचित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

करमा महोत्सव हमारी परंपरा का प्रतीक

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में कहा कि करमा महोत्सव हमारी प्राचीन और गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है, जिसे सभी समाज मिलजुलकर मनाते हैं। यह पर्व हमें हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जोडऩे के साथ-साथ प्रकृति के प्रति आदर और सम्मान का भाव भी सिखाता है। उन्होंने कहा कि एकादशी करमा, दशहरा करमा जैसी परंपराएं हमारी संस्कृति में गहराई से रची-बसी हैं। ये उत्सव समाज को एक सूत्र में बाँधने का कार्य करते हैं।

तेंदूपत्ता संग्राहकों की आमदनी बढ़ेगी

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटियों को तीव्र गति से लागू कर रही है। सरकार बनते ही पहली ही कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 18 लाख आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई। महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में महतारी वंदन योजना के माध्यम से महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपए की सहायता दी जा रही है। तेंदूपत्ता संग्राहकों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार ने प्रति मानक बोरा दर को 5500 रुपए कर दिया है।

वोकल फॉर लोकल को अपनाने कहा

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विकसित भारत की तर्ज पर वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। उन्होंने लोगों से वोकल फॉर लोकल अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि स्वदेशी वस्तुओं की खरीद से न केवल देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार नक्सल उन्मूलन की दिशा में तीव्रता से कार्य कर रही है। दो दिन पूर्व ही 210 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी की है। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए मेडिकल कॉलेज, प्राकृतिक चिकित्सा एवं फिजियोथेरेपी केंद्र, शासकीय नर्सिंग कॉलेज तथा शासकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज की स्थापना की जाएगी, जिससे स्थानीय युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

करमा नर्तक दल के साथ थिरके सीएम

मुख्यमंत्री साय ने माध्यमिक विद्यालय खेल मैदान स्थित आमा बगीचा के करमा पूजन स्थल पर करम वृक्ष की डाली की पारंपरिक रीति से पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इसके बाद उन्होंने करमा नर्तक दल के साथ गले में मांदर टाँगकर ताल मिलाते हुए करम वृक्ष की डाली के चारों ओर उत्साहपूर्वक नृत्य किया। इस अवसर पर उनकी पत्नी कौशल्या साय और परिवारजन भी उपस्थित थे।

सोहरई करमा महोत्सव: रौतिया समाज की सांस्कृतिक पहचान

सोहरई करमा महोत्सव मूलत: रौतिया समाज द्वारा गोवर्धन पर्व के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला पारंपरिक पर्व है। इस दिन नए फसल को पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ कर घर लाया जाता है। ग्राम कण्डोरा में आयोजित इस भव्य आयोजन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के साथ-साथ झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से आए कुल 52 मंडलों के नर्तक दलों ने सहभागिता की। विविध लोक संस्कृतियों और पारंपरिक नृत्यों की रंगारंग प्रस्तुतियों ने पूरे वातावरण को उल्लास और उत्सव की भावना से सराबोर कर दिया।

इस अवसर पर सांसद ाधेश्याम राठिया, अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओ. पी. साय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दामोदर सिंह, राष्ट्रीय महासचिव आजाद सिंह, केंद्रीय संगठन श्री भुनेश्वर केसर, केंद्रीय महिला सदस्य उमा देवी सहित समाज के अन्य पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे।

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CG Prime News@रायपुर. There will be a government holiday on Govardhan Puja in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ शासन ने इस बार गोवर्धन पूजा पर शासकीय अवकाश का ऐलान किया है। इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दिया गया है। बुधवार को जारी अधिसूचना में 21 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा के अवसर पर अवकाश की बात लिखी गई है। राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि गोवर्धन पूजा के दिन कोई भी शासकीय कार्य या लेनदेन नहीं होगा। अधिसूचना जारी होने के बाद अब सभी विभागों को इसके अनुपालन के निर्देश दिए गए हैं।

निजी और सार्वजनिक दोनों बैंक रहेंगे बंद

गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja ) पर शासकीय अवकाश (government holiday) मिलने से राज्य के कर्मचारियों और आम जनता की खुशी दोगुनी हो गई है। शासन के अनुसार, यह अवकाश “निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881” की धारा 25 के अंतर्गत घोषित किया गया है। इसका मतलब है कि इस दिन राज्य शासन के सभी शासकीय कार्यालय, बैंक, और अन्य सरकारी संस्थान बंद रहेंगे। इसके साथ ही निजी बैंकों में भी अवकाश का पालन किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में प्रमुखता से मनाया जाता है गोवर्धन पूजा

छत्तीसगढ़ में दिवाली (Diwali 2025) के दौरान गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। कृषि संपन्न राज्य होने के कारण यहां के किसान गोवर्धन पूजा के दिन अपने पशुओं की पूजा कर उन्हें खिचड़ी खिलाते हैं। साथ ही पशुधन के प्रति आभार प्रकट करते हैं। गौवंशों को सोहई बांधी जाती है। वहीं गांवों में राउत नाचा की अनोखी झलक गोवर्धन पूजा के दिन देखने मिलती है। गांवों में गोबर से गोवर्धन रूपी पर्वत बनाकर इसका तिलक लोग अपने माथे पर लगाते हैं। बड़े-बूढ़ों का आशीर्वाद लेते हैं।

इस साल 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी दिवाली

इस साल 20 अक्टूबर को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। ऐसे में कर्मचारियों को लगातार दो दिन का त्योहारों का अवकाश मिलेगा। मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ शासन ने यह निर्णय धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पर्वों को ध्यान में रखकर लिया गया है, ताकि लोग पारंपरिक रूप से त्योहार मना सकें।

 

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CG Prime News@दुर्ग. dushara celebration 2025: Ravana will be burnt at 98 places in Durg district दुर्ग जिले में 2 अक्टूबर को 98 स्थलों पर धूमधाम से दशहरा त्योहार मनाया जाएगा। रावण दहन और दशहरा पर होने वाले कार्यक्रमों को लेकर पुलिस ने अपनी तैयारी पुख्ता कर ली है। पुलिस ने जिले की सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए 600 जवानों को चप्पे-चप्पे पर तैनात करने का निर्णय लिया है। वहीं मां दुर्गा के विसर्जन के लिए भी पुलिस ने घाटों पर सुरक्षा के विशेष इंतेजाम किए हैं। दुर्ग पुलिस ने आयोजन समितियों और आम नागरिकों से शांति, सौहार्दपूर्वक दशहरा उत्सव मनाने की अपील की है।

यहां होगा बड़ा आयोजन

दुर्ग पुलिस की प्रवक्ता ने बताया कि 3 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 10 उप पुलिस अधीक्षकों को दशहरा कार्यक्रम में व्यवस्था हेतु प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिले में लगभग 98 स्थलों पर दशहरा कार्यक्रम (रावण दहन) का आयोजन किया जाएगा। जिसमें दुर्ग अनुविभाग में बैगापारा, मिनी स्टेडियम, रविशंकर स्टेडियम, मिनी स्टेडियम, पद्मनाभपुर, भिलाई नगर अनुविभाग में शाही दशहरा भिलाई होटल के सामने, सेक्टर-7 हाई स्कूल मैदान, सेक्टर-7 मार्केट के सामने, सेक्टर-02, दशहरा मैदान रिसाली, शांति नगर मैदान शामिल है।

छावनी अनुविभाग में बैकुण्ठथाम मंदिर, हाउसिंग बोर्ड जामुल, श्रीराम चौक खुर्सीपार मैदान, मंगल भवन प्रांगण न्यू खुर्सीपार, राजीव पारा बिजली कालोनी, पु. भिलाई, चरोदा रावण भाठा रेल्वे कालोनी, महामाया मंदिर परिसर मैदान कुम्हारी एवं पाटन अनुविभाग में दशहरा मैदान अखराभाठा, कुथरेल, धमथा अनुविभाग में नंदिनी टाउनशीप मार्केट काजेल ग्राउण्ड, बाजार मैदान धमधा कुल 21 स्थलों पर बड़े दशहरा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। उपरोक्त के अतिरिक्त जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 77 स्थलों पर दशहरा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा ।

कार्यक्रम समय पर समाप्त करने की अपील

पुलिस ने बताया कि नवरात्रि के नवमीं से ही दुर्गोत्सव समितियों द्वारा मूर्ति विसर्जन करना शुरू हो गया है। जिसमें पुलिस व्यवस्था की गई है। एसडीआरएफ की टीम, स्थानीय गोताखोर भी तैनात किए गए हैं। पुलिस ने दशहरा को लेकर कार्यक्रम समय पर समाप्त किए जाने की अपील की है। वहीं ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग हेतु उच्च न्यायालय एवं राज्य सरकार व्दारा दिए गए निर्देशों का पालन करने की अपील की है।

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CG Prime News@रायपुर.Chief Minister Vishnu dev sai participated in the Garba festival in Raipur मुख्यमंत्री विष्णु देव साय नवरात्रि के पावन पर्व पर सोमवार रात्रि राजधानी रायपुर स्थित विभिन्न गरबा समारोहों में शामिल हुए। उन्होंने मातारानी का दर्शन कर प्रदेश की सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर रायपुर शहर गरबा के रंग में सराबोर दिखाई दिया और हर तरफ़ उत्सव का उल्लास वातावरण में व्याप्त था।

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पारंपरिक कच्छ पगड़ी में दिखे CM साय, राजधानी के गरबा समारोह में हुए शामिल, लिया माता का आशीर्वाद

CM को पहनाई पारंपरिक पगड़ी

मुख्यमंत्री साय भानपुरी स्थित श्री कच्छ कड़वा पाटीदार समाज, आशीर्वाद भवन में श्री गुजराती लोहाणा महाजन समाज द्वारा आयोजित झणकारो 2025, इनडोर स्टेडियम में रंगीलो रास 2025 और ओमाया पार्क में रास गरबा उत्सव में सम्मिलित हुए। इन आयोजनों में समाजजनों ने मुख्यमंत्री का पारंपरिक कच्छ पगड़ी पहनाकर और तिलक लगाकर आत्मीय स्वागत किया। गरबा की धुनों और रंगारंग माहौल में मुख्यमंत्री की उपस्थिति ने जनसमूह में उत्साह और ऊर्जा का संचार किया।

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छत्तीसगढ़ में पूजा जाता है मातृ शक्ति को

प्रदेशवासियों को शारदीय नवरात्र की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नवरात्रि उत्साह, उमंग और सद्भावना बढ़ाने का पर्व है। यह पर्व सामाजिक समरसता को और मजबूत करता है। जन-जन में ऊर्जा का संचार करता है। उन्होंने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ में देवी को विभिन्न स्वरूपों में पूजा जाता है और मातृशक्ति के आशीर्वाद से प्रदेश निरंतर उन्नति के पथ पर अग्रसर है।

सभी शक्तिपीठों का आध्यात्मिक महत्व

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी, धमतरी में मां अंगारमोती एवं बिलईमाता, सरगुजा और रतनपुर में मां महामाया, डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी जैसे अनेक स्वरूपों में माता प्रदेश में विराजमान हैं। इन सभी शक्तिपीठों का आध्यात्मिक महत्व न केवल प्रदेश की आस्था को मजबूत करता है बल्कि सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी छत्तीसगढ़ को विशिष्ट पहचान प्रदान करता है।

बचत उत्सव में लोगों की जेब का पैसा बच रहा

सीएम ने कहा कि नवरात्र के प्रथम दिन ही यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी रिफॉर्म लागू कर देश की आर्थिक गतिविधियों को नई गति प्रदान की है। यह सुधार न केवल व्यापार को सुगम बनाएगा बल्कि उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष लाभ भी देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बचत उत्सव के माध्यम से आम नागरिकों की जेब में पैसों की उल्लेखनीय बचत हो रही है और यह अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार कर रही है।

देश की समृद्धि का बनेगा आधार

मुख्यमंत्री साय ने लोगों से आह्वान किया कि जब भी बाजार जाएं तो स्वदेशी वस्तुओं की खरीदी को प्राथमिकता दें। स्वदेशी से न केवल देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है बल्कि स्थानीय स्तर पर उत्पादन और स्वरोजगार के अवसर भी सृजित होते हैं। उन्होंने कहा कि स्वदेशी को अपनाना आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है और यही देश की समृद्धि का आधार बनेगा।

यह रहे कार्यक्रम में उपस्थित

इस अवसर पर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक मोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा, सुनील सोनी, विधायक अनुज शर्मा, पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल, स्थानीय जनप्रतिनिधि, मंडल आयोग के अध्यक्ष सहित कच्छ कड़वा पाटीदार समाज और श्री गुजराती लोहाणा महाजन समाज के वरिष्ठजन एवं गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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CG Prime News@रायपुर.CM Sai participated in the death anniversary celebration of Saint Baba Hardas Ram Sahib Ji मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर के देवपुरी स्थित गोदड़ीवाला धाम पहुंचे। जहां उन्होंने संत शिरोमणि बाबा हरदास राम साहिब जी की 34वीं बरसी महोत्सव में शामिल होकर संत परंपरा को नमन किया। रविवार रात आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय ने श्री गोदड़ीवाला धाम में स्थापित संत गेला राम साहिब जी की प्रतिमा के समक्ष मत्था टेककर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

संत बाबा हरदास राम साहिब जी की बरसी महोत्सव में शामिल हुए CM साय, मत्था टेक कर मांगी प्रदेश की खुशहाली

संत बाबा हरदास राम साहिब जी की बरसी महोत्सव में शामिल हुए CM साय, मत्था टेक कर मांगी प्रदेश की खुशहाली

संतों का आशीर्वाद लिया

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह मेरा परम सौभाग्य है कि मुझे संत शिरोमणि बाबा हरदास राम साहिब जी की बरसी महोत्सव में शामिल होने का अवसर मिला। यहां देशभर से आए पूज्य संतों के दर्शन का लाभ मिल रहा है। मेरी कामना है कि छत्तीसगढ़ पर संतों का आशीर्वाद सदा बना रहे और घर-घर में खुशहाली एवं समृद्धि हो।

छत्तीसगढ़ की यह धरा धन्य हुई

मुख्यमंत्री ने बरसी महोत्सव में पधारे देशभर के संत-महात्माओं का छत्तीसगढ़ की पावन भूमि पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि गोदड़ीवाला संत बाबा हरदास राम जी का संपूर्ण जीवन मानव सेवा, त्याग और समर्पण का प्रेरणास्रोत रहा है। उनके चरण पडऩे से छत्तीसगढ़ की यह धरा धन्य हुई है।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि धाम परिसर में समय-समय पर आयोजित नि:शुल्क नेत्र जांच शिविर, स्वास्थ्य शिविर और रक्तदान शिविर संत बाबा हरदास राम जी की शिक्षाओं और आदर्शों का जीवंत उदाहरण हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बरसी महोत्सव केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भक्ति, एकता और सामाजिक सेवा का उत्सव है।

भगवान राम का ननिहाल है छत्तीसगढ़

संत समाज को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या का मायका और भगवान श्रीराम का ननिहाल है। उन्होंने कहा कि राजिम में भगवान श्रीराम और माता सीता द्वारा स्थापित कुलेश्वर महादेव आज भी विराजमान हैं। भगवान श्रीराम ने अपने 14 वर्षों के वनवास में से लगभग 10 वर्ष छत्तीसगढ़ की पावन धरा पर व्यतीत किए। प्रदेशवासी भगवान श्रीराम को आज भी अपना भांजा मानते हैं।

रामलला दर्शन योजना चला रही सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार श्रद्धालुओं को भगवान श्रीराम के दर्शन कराने हेतु श्री रामलला दर्शन योजना चला रही है। इस योजना के अंतर्गत पिछले वर्ष 22 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने अयोध्या पहुंचकर श्रीरामलला के दर्शन किए। बरसी महोत्सव में मुख्यमंत्री के साथ विधायक मोतीलाल साहू, विधायक पुरन्दर मिश्रा, छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नन्द कुमार साहू, छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अनिल थौरानी, ललित जयसिंह, श्रीचंद सुंदरानी सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे।

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CG Prime News@रायपुर. CM Sai participated in the friendship festival of Jain community मुख्यमंत्री विष्णु देव साय रविवार को राजधानी रायपुर में सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा आयोजित मैत्री महोत्सव में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि मैत्री महोत्सव केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मिक जागृति और शुद्धिकरण का पावन अवसर है। भारत की पुण्यभूमि केवल सभ्यता और संस्कृति की जननी ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिकता की जीवंत प्रयोगशाला भी रही है। यहां धर्म केवल पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन जीने की कला है।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में पूज्य आर्यिकारत्न 105 अंतर्मति माताजी ससंघ के मंगल सान्निध्य में आयोजित गुरु शरणम-मैत्री महोत्सव-क्षमादान उत्सव में विधायक राजेश मूणत, जैन समाज के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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जैन समाज के मैत्री महोत्सव में शामिल हुए CM साय, कहा-‘उत्तम क्षमा, सबसे क्षमा और सबको क्षमा’ में बड़प्पन का है संदेश

पगड़ी और गमछा पहनाकर किया सीएम का सम्मान

मुख्यमंत्री साय ने मंच पर पूज्य आर्यिकारत्न105 अंतर्मति माताजी ससंघ को श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम में जैन समाज की पारंपरिक पगड़ी और गमछा पहनाकर मुख्यमंत्री का सम्मान किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया। आचार्य विद्यासागर कल्याण सेवा संस्था के लोगो का विमोचन भी किया।

जैन समाज है परोपकारी समाज

सीएम ने कहा कि भगवान महावीर स्वामी ने जियो और जीने दो का संदेश दिया। हाल ही में मनाए गए क्षमादान पर्व का सार यही है कि ‘उत्तम क्षमा, सबसे क्षमा और सबको क्षमा यही बड़प्पन है और यही वसुधैव कुटुम्बकम का वास्तविक संदेश है। जैन धर्म ने इस भावना को सबसे सुंदर और गहन रूप में प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन समाज परोपकारी समाज है और इसके सेवा भाव का लाभ छत्तीसगढ़ को निरंतर मिलता रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांत के सिद्धांत समरस समाज की आधारशिला हैं। मैं पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के पावन स्मरण और पूज्य आर्यिकारत्न 105 अंतर्मति माताजी ससंघ के मंगल सान्निध्य में उन सभी संतों को नमन करता हूँ, जिन्होंने अपने संयम, तप और साधना से समाज को दिशा दी है।

आचार्य श्री विद्यासागर हम सबके प्रेरणास्त्रोत

मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी का जीवन-दर्शन हम सबके लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने सिखाया कि सच्चा धर्म त्याग, सेवा और आत्मसंयम में है। यह छत्तीसगढ़ का सौभाग्य है कि आचार्य जी ने अपने कठोर साधना के अनेक वर्ष यहाँ व्यतीत किए और चंद्रगिरी तीर्थ पर समाधि ली। जैन धर्म के तीर्थंकरों के दिए आदर्श—अहिंसा परमो धमर्:, अनेकांतवाद, सत्य और संयम—केवल जैन समाज की धरोहर नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की आत्मा हैं।

कार्यक्रम में सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष विनोद बडज़ात्या ने आचार्य विद्यासागर कल्याण सेवा संस्था द्वारा संचालित आचार्य विद्यासागर कल्याण योजना की जानकारी दी और समाज के सभी लोगों से इस योजना से जुडऩे की अपील की। सीआईआई के अध्यक्ष संजय बडज़ात्या ने भी सभा को संबोधित किया।

सेवाओं के लिए किया सम्मानित

मुख्यमंत्री साय ने जैन तीर्थों के निर्माण और संरक्षण के लिए मनीष जैन, आयुर्वेद सेवा के लिए विजय गोधा तथा समाज सेवा के लिए सुनील संगोलिया को सम्मानित किया। उन्होंने चांदी पर उत्कीर्ण गुरु-स्मृति तथा आचार्य श्री विद्यासागर द्वारा रचित हाइकू, जिसे चांदी पर उत्कीर्ण किया गया है, का विमोचन भी किया। इस अवसर पर जैन समाज के अनेक पदाधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। इनमें नरेन्द्र जैन, यशवंत जैन, रतनलाल बडज़ात्या, सुधीर बाकलीवाल सहित अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तित्व शामिल थे।

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CG Prime News@रायपुर. Muslim youth in Chhattisgarh have been instructed not to visit Garba pandals छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड (Chhattisgarh Waqf Board) ने प्रदेश के मुस्लिम युवाओं को गरबा से दूर रहने की हिदायत दे दी है। देशभर में गरबा में विशेष समुदाय के युवाओं की एंट्री को लेकर तरह-तरह के बयान और चर्चाएं हो रही है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड ने ही साफ कर दिया है कि अगर आपकी आस्था गरबा में नहीं है तो उससे दूर ही रहे।

जानिए क्या बयान दिया

दरअसल छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने नवरात्रि पर्व के अवसर पर मुस्लिम समाज के युवाओं से विशेष अपील की है। उन्होंने कहा कि नवरात्रि हिंदू समाज का पवित्र पर्व है, जिसमें माता जगदंबा की आराधना के साथ करोड़ों श्रद्धालु गरबा और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

भाईचारे की अपील की

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम ने कहा कि मुस्लिम युवाओं से अपील की कि वे ऐसे पवित्र धार्मिक आयोजनों से दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि प्रदेश की गंगा-जमुनी तहज़ीब का सम्मान करते हुए छत्तीसगढ़ में शांति, भाईचारे और सद्भाव बनाए रखें। डॉ. राज ने कहा कि इस्लाम शांति का प्रतीक है और हमें हर हाल में प्रदेश की अमन-चैन व भाईचारे को प्राथमिकता देनी चाहिए।

डॉ. राज ने कहा कि गरबा कोई साधारण नृत्य कार्यक्रम नहीं है। यह देवी दुर्गा की आराधना के लिए किया जाने वाला भक्तिपूर्ण लोकनृत्य है, जो जीवन के चक्र और देवी की असीम शक्ति का प्रतीक है। यदि मुस्लिम समाज मूर्ति पूजा में आस्था नहीं रखता है तो उन्हें गरबा जैसे धार्मिक आयोजनों से दूर रहना चाहिए।

गलत नीयत से न जाएं

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने कहा की यदि कोई मुस्लिम भाई-बहन वेशभूषा व परंपरा का सम्मान करते हुए समिति से अनुमति लेकर भाग लेना चाहते हैं, तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होगी। किंतु गलत नीयत से गरबा स्थलों में प्रवेश कर उपद्रव करने का प्रयास हिंदू समाज की भावनाओं को आहत करता है, जिससे सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंच सकती है।

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