सुपेला पुलिस ने कोसानाला टोल प्लाजा में की नाकेबंदी
CG Prime News@R.Sharma
भिलाई. एसीबी ईओडब्ल्यू की टीम ने सुपेला पुलिस की मदद से गुरुवार को लीकर मामले का आरोपी अनवर ढेबर को सुपेला कोसानाल के पास घेराबंदी कर दबोच लिया। वह लग्जरी कार से अपने चार साथियों के साथ राजनांदगांव की ओर जा रहा था। उसे गिरफ्तार करने पुलिस ने कोसानाला में नाकेबंदी लगाई थी। मौके पर एसपी जितेन्द्र शुक्ला भी पहुंचे। हलांकि इस मामले में पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
एसीबी ईओडब्ल्यू की टीम रायपुर से अनवर ढेबर का पीछा कर रही थी। टीम को पता चला कि अनवर ढेबर अपनी वोल्वो कार से महाराष्ट्र की ओर निकल रहा है। तत्काल दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला से संपर्क कर उसे पकड़ने की मदद मांगी गई। इधर एसपी जितेन्द्र शुक्ला के निर्देश पर सुपेला पुलिस ने गुरुवार दोपहर करीब 3.30 बजे कोसानाला में नाकेबंदी की। मौके पर भिलाई नगर सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी और टीआई राजेश मिश्रा अपने दल बल के साथ तैनात वाहनों की चेकिंग शुरू की। थोड़ी ही देर में लीकर मामले का आरोपी अनवर ढेबर वोल्वो लग्जरी कार से पहुंचा। पुलिस ने कार को रोका और उसे गिरफ्तार कर लिए। सुपेला पुलिस ने ईओडब्ल्यू की टीम के साथ उसे रायपुर दफ्तर सौपा दिया।
ईओडब्ल्यू दफ्तर के सामने सर्मथकों की भीड़
जानकारी के मुताबिक जैसे ही अनवर ढेबर की गिरफ्तारी की सूचना मिली। उनके सर्मथक रायपुर स्थित ईओडब्ल्यू दफ्तर पहुंच गए। जहां भीड़ जुट गई। लेकिन आईजी अमरेश मिश्रा के सामने किसी की नहीं चली। भीड़ को दबेपाव लौटना पड़ा। इधर अनवर ढेबर से ईओडब्ल्यू की टीम ने पूछताछ करना शुरू कर दिया है।
शराब घोटाले में ईओडब्ल्यू ने दो को किया गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल में कथित तौर पर हुए तीन हजार करोड़ के शराब घोटाला में प्रर्वतक निदेशालय (ईडी) की गिरफ्तारी के बाद एसीबी ईओडब्ल्यू ने अरविंद सिंह और अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया है। सूत्रों के अनुसार अरविन्द सिंह इस घोटाले की अहम कड़ी बताया जा रहा है। वह रकम कलेक्शन के साथ साथ बोतलों में लगने वाले होलोग्राम युक्त ढक्कन बनाने वाली फर्म का संचालक भी था। वह ईडी की गिरफ्त में आने के बाद से जेल में बंद था। 2 अप्रैल को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद अरविंद कल शाम जेल से रिहा हुआ था और एसीबी ने जेल से निकलते ही उसे हिरासत में लिया। रात भर पूछताछ के बाद आज दोपहर विशेष न्यायाधीश की कोर्ट में रिमांड लेने आवेदन पेश किया। एसीबी ने अरविन्द सिंह को सात दिन की रिमांड पर मांगा है।
शराब घोटाले का मास्टरमाइंड कौन
ईडी की सूचना के आधार पर ईओडब्ल्यू में दर्ज एफआईआर में अनिल टुटेजा,अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर को शराब घोटाला का मास्टर माइंड बताया गया है। एफआईआर में शामिल बाकी आईएएस व अन्य सरकारी अफसर और अन्य लोग सहयोगी की भूमिका में थे। शराब घोटाला से होने वाली आमदनी का बड़ा हिस्सा इन्हीं तीनों को जाता था। टुटेजा आईएएस अफसर हैं, जब यह घोटाला हुआ तब वे वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव थे। दूरसंचार सेवा से प्रतिनियुक्ति पर आए त्रिपाठी आबकारी विभाग के विशेष सचिव और छत्तीसगढ़ मार्केटिंग कार्पोरेशन के एमडी थे। वहीं ढेबर कारोबारी हैं। एफआईआर के अनुसार ढेबर और टुटेजा ने मिलकर पूरी प्लानिंग की थी।
