बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में धर्मांतरण को लेकर बड़ा बवाल हो गया है। प्रार्थना सभाओं की आड़ में धर्मांतरण का प्रयास किया जा रहा था। हिंदू संगठनों ने दबिश देकर धर्मांतरण के इस खेल का पर्दाफाश किया है। मौके से धर्म विशेष के प्रचार-प्रसार की सामग्री भी जब्त हुई है। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम के तहत केस दर्ज कर 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह पूरा मामला मस्तूरी थाना क्षेत्र का है।
13 दिन में 3 केस आए सामने
मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 13 दिनों में धर्मांतरण के 3 केस सामने आए हैं। इसमें मस्तूरी, राजेन्द्र नगर और कोनी क्षेत्र में प्रार्थना सभा के बहाने धर्मांतरण कराने का आरोप है। मस्तूरी से 4, राजेन्द्र नगर से 3 गिरफ्तारी हुई है, जबकि हिंदू संगठनों से झड़प के बाद कोनी TI को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
कल मस्तूरी से आया था धर्मांतरण का मामला
शनिवार को भी बिलासपुर के मस्तूरी में धर्मांतरण का मामला सामने आया था। यहां के लवार गांव में हिंदू संगठनों ने पुलिस के साथ मिलकर दबिश दी। इस दौरान रवि कैवर्त के घर में बड़ी संख्या में महिलाएं प्रार्थना सभा कर रही थीं। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रवि कैवर्त और उसके साथियों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है।
इस मामले में खुलासा करते हुए एडिशनल एसपी उदयन बेहार ने बताया कि मस्तूरी में बीमार और गरीबों को पैसे का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन का गोरखधंधा चलाया जा रहा था। मस्तूरी पुलिस ने धर्मांतरण निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है और आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है।
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण विरोधी कानून
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून लागू है। अगर किसी को बल, धोखे या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जाता है, तो यह अवैध माना जाता है। इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 2 से 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

