बैंक में रखे गिरवी नेहरू नगर मकान बेचने लिया 15 लाख रुपए बयाना, निगम कर्मी व उसके बेटे के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज

भिलाई.CG Prime News. कोरोना महामारी में आई तंगी की वजह से निगम कर्मचारी ने नेहरु नगर 83/07 पूर्व में बैंक में गिरवी मकान का 30 लाख रुपए में सौदा किया। प्रार्थी से 15 लाख रुपए बयाना भी ले लिया, जबकि उस मकान पर पहले से बैंक लोन लिया है। बाप व बेटे ने आज तक न उसे मकान दिया और न ही उसकी बयाना राशि को लौटा रहे। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी पिता भूपेन्द्र कुमार सोनी और बेटा वरुण सोनी के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है।

सुपेला टीआई सुरेश ध्रुव ने बताया कि 26 नवम्बर 2021 की घटना है। प्रार्थी हितेश बक्षी ने शिकायत की है कि आरोपी भूपेंद्र कुमार सोनी और वरूण कुमार सोनी से जान पहचान थी। भूपेंद्र कुमार सोनी ने कहा कि उनका पुत्र वरुण वरुण सोनी के उड़ीसा स्थित ट्रांसपोर्ट के व्यापार में आई आर्थिक परेशानी के कारण अपना स्थाई मकान 83/07 नेहरू नगर पूर्व भिलाई को बेच रहा है। खरीदने का इच्छुक हितेश ने आपसी रजामंदी से मकान की कीमत 30 लाख रुपए तय हुआ। 3 वर्ष में मकान की रजिस्ट्री कराने की बात हुई थी। 1 मई 2017 को भूपेंद्र कुमार सोनी व पुत्र वरुण सोनी को 15 लाख रुपए नगद दे दिया। जिसकी रकम प्राप्ति की पावती व मकान का बयाना संबंधी उल्लेख 50 रुपए के स्टांप पेपर में वरुण सोनी ने भूपेंद्र कुमार सोनी की रजामंदी के साथ लिख कर दिया था। हितेश ने बैंक फाइनेंस करवाने के लिए भूपेंद्र कुमार सोनी एवं पुत्र वरुण सोनी से मकान के दस्तावेज मांगे तो टाल मटोल करने लगा। कभी अस्पताल में भर्ती का तो कोई और बहानेबाजी करने लगा। अंततः उसने मकान का दस्तावेज नहीं दिया। इसके बाद फोन ही बंद कर लिया।

मकान में चस्पा है 56 लाख रिकवरी का नोटिस

प्रार्थी हितेश बक्षी ने उसकी खोजबीन की तो पता चला कि वह नगर पालिक निगम भिलाई का नौकरी पर उपस्थित नहीं रहता है। उसे नोटिस दिया गया है। जब उसके घर जाकर देखा तो आईआईएफएल होम लोन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 56 लाख रुपए रिकवरी का नोटिस चस्पा मिला। कार लोन फाइनेंस एवं ट्रक लोन फाइनेंस वाले भी चक्कर लगा रहे हैं। नगर पालिक निगम भिलाई जोन-2 वैशाली नगर में पत्राचार के माध्यम से स्वास्थ्य खराब होने की सूचना भूपेंद्र कुमार सोनी द्वारा भेजी जाती है। आरोपी भूपेंद्र कुमार सोनी और उसका बेटा वरुण सोनी द्वारा सोची-समझी कुट रचना के तहत 3 वर्षों के भीतर का आपसी अनुबंध करते हुए धोखाधड़ी किया है। जबकि उसने सौदा करने से पहले कहा था कि मकान कर्ज मुक्त है। 15लाख रुपए की मांग करने पर घुमा रहा है। परेशान होकर उसके खिलाफ केस दर्ज किया है।