निगम ने 117 परिवार के घर को किया जमीदोह, मिनी स्टेडिम से हटाया बेजाकब्जा

भिलाई@CG Prime News. भिलाई तीन चरोदा नगर निगम प्रशासन ने गुरुवार सुबह बेजाकब्जा को लेकर बड़ी कार्रवाई की। मिनी स्टेडियम पर वर्षो से कब्जा 117 परिवार के घरों को जेसीबी चलाकर जमीदोह कर दिया। निगम प्रशासन ने 18 थानों के पुलिस अधिकारी समेत करीब 150 की संख्या में अतिरिक्त बल बुलाया गया था। इतना ही निगम का भी अमला था। इधर निगम प्रशासन ने घरों को तोड़ने के बाद लोगों को उमदा में आवंटित अटल आवास में शिफ्ट किया।

चरोदा नगर निगम के कमिश्नर कीर्तिमान सिंह राठौन ने बताया कि भिलाई तीन खेल मैदान मिनी स्टेडियम में कई सालों से बेजा कब्जा हो रखा था। इसे खाली कराने के लिए निगम प्रशासन ने कई बार नोटिस जारी किया था। इससे पहले यहां रह रहे लोगों को उमदा में बने अटल आवास भी आवंटित किए जा चुके हैं। इसके बाद भी लोग यहां से बेजा कब्जा खाली नहीं कर रहे थे। इसे देखते पुलिस प्रशासन की मदद मांगी गई। बेजा कब्जा हटाने के लिए लगभग 150 पुलिस बल को बुलाया गया था। इसमें लगभग 60-70 महिला पुलिस बल भी था। इसके बाद 150 की संख्या में निगम अमला सुबह 9 बजे मिनी स्टेडियम पहुंच गया और लोगों को घर खाली करने का समय देते हुए एक-एक कर घर तोड़ने की कार्रवाई की गई। अतिक्रमण हटाने के लिए कई जेसीबी और डंपर लगाए गए थे।

झड़प के साथ हुई तोड़फोड़ की कार्रवाई

सुबह-सुबह निगम अमला जब बेजा कब्जा हटाने के लिए मिनी स्टेडियम पहुंचा तो वहां के लोगों और महिलाओं ने इसका विरोध करने की कोशिश की। लेकिन पुलिस बल ने उन्हें कार्रवाई की चेतावनी देकर रोक दिया। इसके बाद उन्हें एक घंटे में घर खाली करने की चेतावनी देकर जेसीबी से तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू की गई।

निगम की उदारता अपने वाहनों से कराया शिफ्टिंग

जहां निगम प्रशासन की अमला 117 मकानों को तोड़ने की कार्रवाई किया। वहीं दूसरी तरफ मानवता दिखात् हुए निगम की गाड़िया लोगों का सामान लादकर उन्हें उमदा ले जाने का काम किया। उमदा में लोग अपन-अपना सामान बाहर रखकर बैठे अपने मकान की चाबी मिलने का इंतजार कर रहे थे।

117 परिवार बेदखल, शिफ्ट करने मकान सिर्फ 60

उमदा में जहां पर 117 बेजा कब्जा धारकों को शिफ्ट किया जा रहा है। लेकिन यहां सिर्फ 5 ब्लॉक में 60 मकान ही बने हैं। ऐसे में बाकी 57 घरों के लोगों को रहने की व्यवस्था कहां की जाएगी। हांलाकि लोग आवंटित मकान नंबर पूछते नजर आए। लोगों का आरोप था कि निगम प्रशासन ने 117 मकानों को तोड़ा और उनका सामान यहां भेज दिया।