भिलाई@CG Prime News. कोरोना संक्रमण की महामारी की वजह से पूरे १० दिनों से आम जनता घरों में कैद है। कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने जिला प्रशासन के साथ पूरा सहयोगात्मक रवैय्या दिखा रहे है, लेकिन मिडिल क्लास को अपने परिवार का पेट पालना भी जरुरी हो गया है। दो जून की रोटी के लिए प्रसाशन से छुपकर लोगों को खाद्य सामग्री बेचने की जुगत लगा रहे थे। तभी प्रशासन का ऐसा हंटर चला कि 15 लोगों को अपनी जमापूंजी तक गवानी पड़ गई। नगर निगम की टीम ने उनसे 9 हजार 900 रुपए वसूल डाले।
प्रशासन के नुमाइंदे लॉकडाउन की अवहेलना करने वाले मुरुम खनन माफिया, पीडीएस चावल माफिया, लोहा चोर माफियाओं पर कार्रवाई नहीं कर रहे। उनके मन में यह बात घर कर गई है कि सिर्फ सब्जी ठेला, चोरी छुपे दुकान चलाने वालों को नहीं छोड़ेगे। भिलाई निगम की टीम ने सुपेला, नेहरूनगर, रामनगर, शांतिनगर, कृष्णानगर, पॉवरहाउस, केम्प एरिया, सेन्ट्रल एवेन्यू सहित भिलाई निगम के विभिन्न क्षेत्रों निरिक्षण किया। उन्हें लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं करने वाले 15 लोगों मिले।
जानिए इनका क्या कसूर था, वसूले 9 हजार 900 रुपएअर्थदंड
निगम की टीम ने बताया कि लॉकडाउन के बाद भी कई लोग चोरी छुपे सामान बेच रहे थे। जबकि दुकानों को बंद रखने का प्रशासन का फरमान है। नेहरू नगर के रिन्कू -200, नीतेश -200, पदुम सोनकर-500, कोहका के नरेन्द्र साहू- 1000 रूपए, सिन्हा परिपार-200, शांतिनगर के मुकेश-200, रामनगर के सोनू- 200, सुपेला के पप्पू कुमार से 200 रूपए, बनवारी सोनकर से 500 रूपए, जितेन्द्र सोनकर-200, जयराम – 200, अनिल-200, सुपेला के राजेश साव-2000 हजार, सुपेला में अमर-200, हुडको के अब्दुल गनी-3000 हजार सहित 15 लोगों पर 9 हजार 900 रूपए अर्थदंड वसूल कर कार्रवाी की।
