सीएसवीटीयू में जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा प्रणालियों पर कार्यशाला….
सीएसवीटीयू भिलाई . छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से जलवायु परिवर्तन शमन के लिए सतत ऊर्जा प्रणालियां विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला सोमवार से शुरू हो गई। कुलपति डॉ. एमके वर्मा के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम शोधकर्ताओं, उद्योग पेशेवरों और नीति निर्माताओं को एक साथ लाने का प्रयास है। इस तरह ऊर्जा के भविष्य के लिए अभिनव समाधानों पर चर्चा और खोज की जाएगी।
कार्यक्रम में समकुलपति डॉ. संजय अग्रवाल भी मौजूद रहे। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अनीता गुप्ता (हेड, जलवायु, ऊर्जा और सतत प्रौद्योगिकी (सीईएसटी) प्रभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग दिल्ली) ने कहा कि जब धरा ही नहीं होगी तब सब धरा का धरा रह जाएगाा। साथ ही उन्होंने जलवायु परिवर्तन क्यों और कैसे हो रहा है के बारे में बताते हुए कहा कि वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसों के बढऩे के कारण पृथ्वी के औसत तापमान में होने वाली बढ़ोतरी को ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है और इसकी वजह से जलवायु में परिवर्तन होता है।
ग्लोबल वार्मिंग के खतरे बताए।
उन्होंने विषय पर आगे बताते हुए कहा कि विश्व में जलवायु परिवर्तन एक ज्वलंत समस्या बन चुका है। इसके समाधान के लिए जागरूकता लाने हम सभी को प्रयास करने होंगे। उन्होंने भावी पीढ़ी को जलवायु परिवर्तन के खतरों से आगाह करते हुए और पर्यावरण संरक्षण की ओर प्रेरित करने पर बल दिया और भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में किए जा रहे प्रयासों के बारे में अवगत कराया। विशिष्ट अतिथि डॉ. विनीत सैनी ने भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के गतिविधियों, सोलर एनर्जी, ग्रीन एनर्जी से सम्बंधित इश्यूज और उनके सोल्युशन और मिशन इनोवेशन, सोलर पी वी और सोलर थर्मल के बारे में बताया।
