जगदलपुर@CGPrimeNews. छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध बस्तर दशहरा को विधिवत व प्रतिकात्मक रूप से मनाने की अनुमति काछन गादी देवी ने काछनगुड़ी में देती है। यह रश्म भंगाराम चौक स्थित काछनगुड़ी मंदिर में 16 अक्टूबर को होगा। जिससे पहले मंदिर की रंगाई- पोताई का काम शुरू हो चुका है। गौरतलब है कि यह मंदिर साल में सिर्फ एक ही दिन खुलता है।
हर साल पथरागुड़ा जाने वाले मार्ग स्थित भंगाराम चौक के समीप स्थित काछनगुड़ी में काछनगादी विधान संपन्न कराया जाता है। बस्तर दशहरा की शुरूवात काछन देवी की अनुमति के बगैर नहीं हो सकती। काछनगुड़ी रस्म में काछनदेवी कांटों के झूले में सवार होकर महाराजा को बस्तर दशहरा बनाने की अनुमति देती है।
यह रस्म 6०० सालों से चली आ रही है। काछन देवी को कांटो के झूले में झुलाया जाता है जो बेल के होते है। विधिविधान के साथ राजा उनसे पर्व मनाने की अनुमति लेते है। जिससे पहले मंदिर की रंगाई और साफ सफाई की जा रही है। इस दिन बड़ी संख्या में लोग काछनगुड़ी मंदिर आते हैं। हालाकि इस साल कोरोना को देखते हुए प्रशासन की ओर से सोशल डिस्टेंस बनाए रखने विशेष इंतजाम किए जाएंगे।