– इंटैक दुर्ग-भिलाई अध्याय ने किया मेरी खाद्य विरासत खाना खजाना स्पर्धा का आयोजन
CG Prime New@भिलाई. स्कूल विद्यार्थी अपने पारंपरिक व्यंजन और इसे पकाने के पारंपरिक बर्तनों के विषय में जान सके। इसलिए मेरी खाद्य विरासत खाना-खजाना के तहत पोस्टर एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। भारतीय सांस्कृतिक निधि, इंटैक का मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक – ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण करना है जिससे आने वाली पीढ़ी अपने समृद्ध इतिहास से परिचित हो सके।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. डीएन शर्मा क्षेत्रीय समन्वयक पं. सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय बिलासपुर थे। विशेष अतिथि अमिताभ दास प्राचार्य श्री शंकराचार्य विद्यालय हुडको रहे। डाॅ. डीएन शर्मा ने कहा कि किसी भी देश की समृद्धि का सूचक वहां कि सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहर होता है। धरोहर केवल ईंट-पत्थर से बने ईमारत नहीं होते बल्कि धरोहर में विभिन्न कला का भी समावेश होता है। पाक कला भारत की एक महत्वपूर्ण कला है। भारत के विभिन्न प्रांतों में प्रांत के जलवायु एवं होने वाले फसल के अनुरुप अलग-अलग व्यंजन बनाए जाते है। आज पश्चिमी फास्टफुट के आने से पारंपरिक भोजन को लोग भूल रहे है। ऐसे में इस प्रकार के प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चे अपने पारंपरिक भोजन उसे बनाने की विधि तथा उसके महत्व से परिचित होंगे। विशेष अतिथि अमिताभ दास ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है। प्रत्येक स्थान के विशिष्ट व्यंजन प्रसिद्ध है। व्यंजनों के इतिहास को जानना बहुत जरूरी है।
सौ क्षेत्रीय विजेता और दस राष्ट्रीय विजेता होंगे
इंटैक दुर्ग-भिलाई अध्याय की संयोजिका डाॅ. हंसा शुक्ला ने बताया कि इस प्रतियोगिता का आयोजन श्री शंकराचार्य विद्यालय, हुडको में किया गया। इसमें दुर्ग-भिलाई के आठ विद्यालयों के कक्षा सातवीं से नवमीं के साठ विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। उन्हें पारंपरिक अनुठे व्यंजन का इतिहास उसे बनाने की विधि और उसके महत्व या अनूठा बर्तन उसकी उत्पत्ति गुण और उपयोग से संबंधित पोस्टर बनाकर उसके विवरण को लिखेंगे। सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र दिया जाएगा। सौ क्षेत्रीय विजेता एवं दस राष्ट्रीय विजेता चुने जाएगे। प्रतियोगिता में दुर्ग भिलाई इंटैक आजीवन सदस्य डाॅ. सुनीता वर्मा, विश्वास तिवारी एवं काजल शर्मा उपस्थित हुए।
विभिन्न स्कूलों के 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया
प्रतियोगिता में दिल्ली पब्लिक स्कूल, रिसाली भिलाई, शारदा विद्यालय रिसाली भिलाई, इंदु आईटी स्कूल, कोहका, भिलाई, आमदी विद्या निकेतन विद्यालय, हुडको, भिलाई, श्री शंकराचार्य विद्यालय, हुडको, भिलाई, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, रुआबांधा, भिलाई, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, तितुरडीह दुर्ग एवं शकुंतला विद्यालय, रामनगर, भिलाई से 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया। विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रांतों के पारंपरिक भोजन को पेंटिंग के माध्यम से सजीवता से उकेरा। उसके इतिहास, महत्व एवं उस व्यंजन की बनाने की विधि का निबंध में वर्णन किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय के माईक्रोबायोलाॅजी के सहायक प्राध्यापक अमित कुमार साहू, व्याख्याता रणदीप बेनर्जी का विशेष सहयोग दिया।