प्रदेश का पहला मामाला: हत्या के मामले में नाबालिग को 20 साल सश्रम कारावास

भिलाई रिसाली श्रृंखला हत्याकांड

CG Prime News@दुर्ग. भिलाई के बहुचर्चित श्रृंखला हत्याकांड के मामले में आदेश फास्ट ट्रैक कोर्ट गणेशाराम पटेल के न्यायालय में फैसला सुनाया गया दोषी साबित होने पर विधि का उल्लंघन करने वाले नाबालिक बालक को 20 साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है। एक अन्य धारा में उसे एक साल की सजा से दंडित किया गया। न्यायालय ने उसे पर ₹3000 का जुर्माना भी लगाया। न्यायालय ने सजा भुगतने के लिए उसे बाल संप्रेषण गृह पुलगांव भेजने का आदेश दिया। प्रदेश का यह पहला मामला है जिसमें विधि का उल्लंघन करने वाले बालक को 20 साल आश्रम कैद की सजा हुई है घटना के समय विधि का उल्लंघन करने वाले बालक की उम्र 17 साल 11 मा 25 दिन थी वर्तमान में वह करीब 22 साल का है।

नेवई थाना अंतर्गत 13 जून 2019 की घटना है। श्रृंखला 12वीं में पढ़ने वाली छात्रा थी। वह पढ़ने के लिए स्कूटी में सवार होकर ट्यूशन जा रही थी। तभी एक नाबालिक वहां आया। उसने कुदाली से श्रृंखला पर ताबडंतोड़ हमला कर दिया। इसके बाद खून से लथपथ श्रृंखला को घसीट कर झाड़ियां में फेंक दिया। बुरी तरह से घायल श्रृंखला को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस घटना ने पूरे शहर को सदमें में डाल दिया। आरोपी की गिरफ्तारी और सजा को लेकर लोग धरना दिए और उग्र प्रदर्शन किए गए। नेवई पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। प्रकरण के विचारण के बाद बुधवार को आरोपी पर दो सिद्ध पाया गया।

नेवई पुलिस ने कोर्ट में पेश किया चालान, अपर लोक अभियोजक ने मांगा कठोर दंड

निवाई थाना टीआई गौरव तिवारी ने मामले की जांच कर कोर्ट में चालान पेश किया। सुनवाई के बाद दोष साबित होने पर न्यायालय ने फैसला सुनाया। विधि का उल्लंघन करने वाले बालक के अधिवक्ता ने न्यायालय से नरम रुख अपनाने का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि बालक 17 साल का है। उसमें सोचने और समझने की क्षमता विकसित नहीं हुई है। अपरलोक अभियोजक पूजा मोंगरी ने इसका विरोध करते हुए न्यायालय से कहा की विधि का उल्लंघन करने वाले बालक ने सोच समझकर बालिका की निर्मम हत्या की है। इसलिए उसे कठोर दंड से दंडित किया जाए। न्यायालय ने कहा कि हालांकि विधि का उल्लंघन करने वाले नाबालिक बालक को भारतीय दंड संहिता की धारा 320 एवं 201 के अधीन दंडनीय अपराध कारित करने के तहत दोष सिद्ध पाया गया है। प्रकरण के समय तथ्यों व परिस्थितियों पर विचार के बाद न्यायालय ने विधि का उल्लंघन करने वाले बालक को भारतीय दंड संहिता 1960 की धारा 302 के अधीन दंडनीय अपराध कार्य करने के लिए 20 वर्ष तक श्रम कारावास की सजा सुनाई है।

साक्ष छुपाने छात्रा को घसीट कर ले गया मकान के पीछे

यह घटना 13 जून 2019 कि रिसाली मैत्री कुंड के पास की है। अपर लोक अभियोजक पूजा मोंगरी ने बताया की विधि का उल्लंघन करने वाले बालक ने 17 साल की नाबालिक किशोरी की उसके सिर पर कुदाली मारकर निर्मम हत्या की थी। हत्या करने के बाद उसे घसीटते हुए शुक्ला के घर के पीछे झाड़ियां में छुपा दिया था। किशोरी को सबसे पहले छोटे बच्चों ने देखा। उसी समय कमलेश निर्मलकर अपने साथियों के साथ गोपाल साहू के घर गांधीपुरम मैत्री कुंज उल्लास टावर में ऐसी फीट करने जा रहा था। तभी सीडी शुक्ला के घर के पास कुछ दूर पर दो बच्चे मिले। बच्चों ने उसको रोक कर बताया कि एक दीदी घर के पीछे तरफ पड़ी है। तब कमलेश ने अपने साथियों के साथ मौके पर जाकर देखा। वहां खून से लथपथ एक लड़की बेहोशी की हालत में पड़ी थी। उसके सिर पर चोट लगी थी। बाजू में लाल रंग की एक स्कूटी पड़ी थी। कमलेश ने मोबाइल से डायल 112 को सूचना दी। किशोरी को सेक्टर 9 अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।