कोरोना संकट के बीच पालकों से निजी स्कूल नहीं वसूल पाएंगे मनमाना फीस, हाइकोर्ट ने दिखाई सख्ती, जारी हुआ गाइडलाइन

रायपुर. लॉकडाउन में निजी स्कूलों की पालकों की फीस वसूली सहित निजी स्कूलों की याचिका पर फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें सिर्फ ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दी है। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित करने कहा है कि आर्थिक संकट के कारण जो अभिभावक फीस जमा नहीं कर सकते हैं, उनसे आवेदन लेकर पात्र मिलने पर छूट दी जाए। मैनेजमेंट प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने वकील आशीष श्रीवास्तव के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद हैं। राज्य शासन का आदेश है कि फीस न ली जाए, लेकिन स्टाफ का वेतन देना अनिवार्य किया है। बिना फीस लिए वेतन देना कैसे संभव होगा? मामले की सुनवाई जस्टिस पी. सैम कोसी की सिंगल बेंच में 9 जुलाई को हुई थी जिस पर सोमवार को आदेश आया है। लॉकडाउन के दौरान संचालक लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर ने एक अप्रैल को आदेश जारी कर प्राइवेट स्कूलों को फीस न लेने के निर्देश दिए थे। साथ ही स्टाफ को वेतन देने के भी निर्देश थे।

एक नजर में समझें हाईकोर्ट का फैसला

  • ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क लेने पर कार्रवाई होगी
  • ऑनलाइन क्लास जारी रहेंगी
  • किसी भी स्टाफ को नौकरी से न निकालने का आदेश
  • सभी को नियमित वेतन भी दिया जाएं
  • स्कूल प्रबंधक फीस भी नहीं बढ़ा सकते
  • जो पालक फीस नहीं दे सकते उन्हें छानबीन के बाद मिले छूट
  • इसके लिए पालक को देना होगा आय का विवरण
  • छूट सीमित समय के लिए होगी

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