प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन ने डीटीई को ज्ञापन सौंपा
CG Prime News@दुर्ग . सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन की तिथि को 23 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है। इसको लेकर 23 सितंबर को आदेश जारी किया गया है। इधर, राज्य तकनीकी शिक्षा संचालनालय फार्मेसी को छोडक़र 15 सितंबर तक काउंसलिंग के तीनों चरण पूरे कर चुका है फिर भी प्रदेश की कुल 34,281 सीटों में से महज 11,882 सीटों पर ही प्रवेश हुए हैं। 20,409 सीटें खाली रह गई हैं।
शेड्यूल की घोषणा कर दी
पहले काउंसलिंग शुरू करने में हुए विलंब और बाद में जल्दबाजी में बंद हुई काउंसलिंग की वजह से सैकड़ों विद्यार्थी इंजीनियरिंग के साथ-साथ पॉलीटेक्निक, एमबीए, एमसीए जैसे विषयों में एडमिशन से वंचित हो गए हैं। इस समस्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने काउंसलिंग को दोबारा शुरू करने के नए शेड्यूल की घोषणा कर दी है। इसके तहत छात्र 23 अक्टूबर तक तकनीकी कॉलेजों में एडमिशन ले पाएंगे।
काउंसलिंग को दोबारा से शुरू करने मांग
सुप्रीम कोर्ट की नई गाइडलाइन के बाद भी तकनीकी शिक्षा संचालनातय ने अभी तक राज्य में काउंसलिंग दोबारा काउंसलिंग शुरू करने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है। इससे सैकड़ों छात्रों का एडमिशन अधर में अटका हुआ है।
इधर, प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन आया सामनेसुप्रीम कोर्ट के आदेश और एआईसीटीई द्वारा जारी किए गए काउंसलिंग शेड्यूल के बाद प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन हरकत में आया है। कॉलेजों के एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ छत्तीसगढ़ ने डीटीई को ज्ञापन सौंपकर
छत्तीसगढ़ में भी काउंसलिंग को दोबारा से शुरू करने की मांग की है।
इस संबंध में बुधवार को डीटीई को ज्ञापन सौंपा गया है। प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन का कहना है कि काउंसलिंग दोबारा से शुरू करने से सैकड़ों विद्यार्थियों का साल बर्बाद होने से बचाया जा सकेगा। काउंसलिंग के पुराने शेड्यूल के हिसाब से बहुत से छात्र एडमिशन लेने से चूक गए हैं। यह छात्र कॉलेजों में पहुंचकर एडमिशन के लिए पूछपरख कर रहे हैं। इसकी सूचना भी डीटीई को दी गई है, लेकिन फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया।
10+2 से मिले दाखिले की अनुमति
प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन से मांग की है कि प्रदेश में रिक्त रह गई २४,४०९ सीटों पर प्रवेश परीक्षाओं के अलावा सीधे बारहवीं (१०+२) के आधार पर भी प्रवेश देने की प्रक्रिया को मंजूरी दी जाए। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा मंडल ने द्वितीय अवसर परीक्षा (पूरक) के नतीजे भी हाल ही में जारी किए हैं। इनमें बड़ी संख्या में छात्र पास हुए हैं, जो काउंसलिंग बंद होने से इंजीनियरिंग सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले से वंचित रह गए हैं।
डीटीई और माशिमं के बीच तालमेल की कमी का खामियाजा द्वितीय अवसर परीक्षा में उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों को भुगतना पड़ सकता है। यदि उनको काउंसलिंग में शामिल नहीं किया गया तो उनका पूरा साल बर्बाद हो जाएगा। किसी अन्य कोर्स में दाखिले के लिए भी वे पात्र नहीं हो पाएंगे।
संस्थावार स्तर पर दें प्रवेश की मंजूरी
एसोसिएशन से डीटीई से मांग की है कि प्रवेश संस्थावार स्तर पर शुरू करने के साथ-साथ मैनेजमेंट कोट की अनुमति दी जाए। बता दें कि, पहले तक डीटीई काउंसलिंग के तीन प्रमुख चरण कराता था, इसके बाद आखिर में संस्था स्तर पर प्रवेश दिए जाते थे। काउंसलिंग लंबे समय तक चलती थी, जिससे विद्यार्थियों के पास एडमिशन लेने का पर्याप्त मौका हुआ करता था। लेकिन नियम में बदलावो के बाद प्रमुख चरण दो हो गए और फिर सीमित समय में संस्थावार काउंसलिंग का शेड्यूल बनाया गया। इसके अलावा विद्यार्थियों तक भी काउंसलिंग की जानकारी पूरी तरह से नहीं पहुंची। इसलिए भी एडमिशन ग्राफ गिरा।
सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के लिए काउंसलिंग की तिथि को २३ अक्टूबर तक बढ़ा दिया है। इसका फायदा राज्य के विद्यार्थियों को भी मिलना चाहिए। माध्यमिक शिक्षा मंडल की द्वितीय अवसर परीक्षा के नतीजे भी अभी आए हैं। उससे पहले ही राज्य में तकनीकी कोर्स की काउंसलिंग बंद हो गई। इस तरह से यह छात्र एडमिशन से वंचित रह जाएंगे। एसोसिएशन से काउंसलिंग दोबारा शुरू करने मांग की है।
संजय रूंगटा, अध्यक्ष, प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन ——————