कूटरचित नियुक्ति पत्र तैयार कर धोखाधड़ी की
CG Prime News@भिलाई. पीडब्ल्यूडी विभाग में नौकरी लगाने का झांसा देकर 10 लाख रुपए की ठगी करने वाले आरोपी अभिजीत विश्वकर्मा पिता कृष्ण कुमार विश्वकर्मा (37 वर्ष) को गिरफ्तार किया है। आरोपी अपने दोस्त के कहने पर पीडब्ल्यूडी का अधिकारी बनकर प्रार्थी के घर गया था। इस मामले का मुख्य आरोपी सिद्धार्थ कोरी फरार है, उसकी तलाश की जा रही है। आरोपी सिद्धार्थ के पिता रामकुमार कोरी जमानत पर है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 420, 468, 468, 471, 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया।
भिलाई नगर सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि एसपी जितेन्द्र शुक्ला के निर्देश पर थानों की पेंडिंग फाइलों को खोली गई। इसी कड़ी में सेक्टर-4 सड़क-36, क्वाटर-24 बी निवासी अजय कुमार पटेल पिता चिन्तामणी पटेल पीडब्ल्यूडी में नौकरी के झांसे में आकर 10 लाख रुपए गवा बैठा। पिता चिंतामणी पटेल बीएसपी में नौकरी करते समय अपने सहकर्मी रामकुमार कोरी के झांसे में आ गए। राजकुमार ने झांसा दिया कि उसका बेटा आरोपी सिद्धार्थ पीडब्ल्यूडी में नौकरी करता है। विभाग में उसकी अच्छी पकड़ है। अजय की नौकरी लगवा देगा।
जानिए कैसे लगाई 10 लाख की चपत
टीआई राजेश साहू ने बताया कि आरोपी सिद्धार्थ कोरी ने अपने साथी अभिजीत विश्वकर्मा को पीडब्लूडी विभाग का बड़ा अधिकारी बनाकर अजय के घर ले गया। जहां उसकी मुलाकात कराई। मौके पर ही पीडब्ल्यूडी विभाग से संबधित फार्म भराया। १० लाख रुपए की मांग की। अजय के पिता बीएसपी कर्मी चिन्तामणी पटेल ने एसबीआई बैंक चेक के माध्यम से 5 लाख और 5 लाख रुपए नगद अलग-अलग किस्तो में राजकुमार कोरी को दिया। इस तरह आरोपी रामकुमार कोरी बेटा सिद्धार्थ कोरी और अभिजीत विश्वकर्मा ने 10 लाख रुपए उससे लिया। सिद्धार्थ कोरी और अभिजीत विश्वकर्मा ने कुटरचित दस्तावेज तैयार कर पीडब्लूडी विभाग का नियुक्ति पत्र एवं परिचय पत्र अजय पेटल को थमा दिए। अजय ने नियुक्ति पत्र के बारे में जानकारी लिया तो फर्जी निकला।