CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक और बड़ा परिवर्तन होने वाला है। छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी के परिवार की जल्द ही कांग्रेस में वापसी हो सकती है। वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे (Janata Congress Chhattisgarh (J)) का भी कांग्रेस में विलय हो जाएगा। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (CG Congress) दीपक बैज को पत्र लिखकर विलय का प्रस्ताव भेजा है।
जोगी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रेणु जोगी ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की गठित पार्टी की विचारधारा कांग्रेस की है। पार्टी की कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि पार्टी का कांग्रेस में विलय हो। सभी पदाधिकारी और सदस्य कांग्रेस में प्रवेश करना चाहते हैं। डॉ. रेणु जोगी ने प्रवेश कराने का अनुरोध किया है।
सचिन पायलट ने गठित की समिति
बताते चलें कि जोगी परिवार की कांग्रेस में वापसी के प्रयास कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट की ओर से समिति गठित करते ही शुरू हो गई थी। विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले कुछ नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। कुछ को पार्टी के खिलाफ काम करने पर हटाया गया था।
पार्टी में वापसी के लिए प्रयासरत
कांगे्रस से निष्कासित कुछ नेता पार्टी में वापस के लिए प्रयासरत हैं। ऐसे नेताओं ने प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट से संपर्क कर लिखित में आवेदन दिया है। पायलट ने आवेदनों की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए सात सदस्यीय टीम गठित की है। टीम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, प्रदेश सहप्रभारी एसए संपत कुमार, जरिता लैतफलांग, विजय जांगिड़, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेन्द्र साहू और मोहन मरकाम शामिल हैं।
2016 में अजीत और अमित जोगी को निकाला था पार्टी से
कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के साथ अंतागढ़ के उपचुनाव में गड़बड़ी करने के आरोपों पर अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी को वर्ष 2016 में पार्टी से निष्कासित किया था। अमित जोगी को छह वर्षों के लिए पार्टी से निकाला गया था।
अजीत जोगी ने कवर्धा जिले के ठाठापुर गांव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की स्थापना 23 जून 2016 को की थी। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।
पहले गठबंधन फिर अकेले लड़ा चुनाव
कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने 55 तथा बीएसपी ने 35 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किया था। गठबंधन ने अजीत जोगी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया था। गठनबंधन को केवल सात सीटें (जोगी 5 और बसपा 2) ही मिली। इसके बाद 2023 के विधानसभा चुनाव में जोगी की पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा। 77 सीटों पर प्रत्याशी उतरे, लेकिन कोई जीत नहीं पाया। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अमित जोगी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ पाटन सीट से चुनाव लड़ा था।