-उद्योगपतियों से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि स्थानीय लोगों का स्किल डेवलपमेंट करें, उनके लिए रोजगार की संभावना होगी तो वे उद्योगों को स्वीकार करेंगे।
दुर्ग@CG Prime News. छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र का लोकार्पण किया। इस बीच दुर्ग जिले के उद्योगपतियों से खुलकर चर्चा की। उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि आप तो स्टील बेचते है। हम तो गोबर भी बेच देते है। दुर्ग जिला औद्योगिक जिला है, लेकिन देश मे औद्योगिक केंद्र की पहचान भिलाई से है। बीएसपी की स्थापना के बाद यहां उद्योगों की शुरुआत हुई। दुर्ग के निर्माण में यहां के उद्योगों की बड़ी भूमिका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीच के दौर में निजीकरण का दौर चला और श्रमिकों की मांग घटी। तकनीक का असर पड़ा है। बीएसपी प्रदेश के उद्योगों के लिए रीढ़ की हड्डी की तरह है। सब्जी और फल का भी दुर्ग जिला हब रहा है। यहां के किसान ऐसे क्रॉप भी उगा रहे हैं जिनकी मांग विदेशों में भी है। उद्योगपतियों के साथ बैठकों के बाद उद्योग नीति बनाई। सभी राज्यों की अच्छी नीतियों का समावेश रहा। हम कोरोना काल में लगातार उद्योग संगठनों से मिलते रहे, उनकी समस्याएं जानी और इसका निराकरण किया। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश के उन क्षेत्रों में भी उद्योग प्रसार की नीति अपनाई जहां पर उद्योग कम थे। मैंने फाइनल ड्राफ्ट बनने के बाद उद्योगपतियों से चर्चा की। इस नीति में एनपीए नहीं होगा।
स्थानीय स्तर पर रोजगार होगा तो पलायन नहीं करना पड़ेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उद्योग की बात आती है तो रोजगार के उद्देश्य से इसकी मांग होती है, लेकिन कई बार स्थानीय स्तर पर विरोध होता है। उन्हें बताया कि स्थानीय स्तर पर रोजगार हो तो आपको पलायन की जरूरत नहीं पड़ेगी। कोरोना काल के दौरान ऐसे स्थल के लोगों से बात हुई जहाँ काफी संख्या में श्रमिकों को गोवा से वापस लाया गया था। उन्हें बताया कि स्थानीय स्तर पर उद्योग के कार्य हो सकें। ऑरेंज एरिया चिन्हांकित किए। चैम्बर के अधिकारियों से बस्तर में बैठक ली। उन्हें बताया कि जब आप उद्योग लगाएं तो स्थानीय स्तर पर सर्वे कर लोगों का कौशल उन्नयन करें, फिर लोग उद्योग प्रोत्साहित करेंगे क्योंकि अब उनके लिए आपके पास रोजगार की संभावना है।
ग्रामीण उद्योग को रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में विकसित किया
सीएम ने कहा कि मिलर्स के लिए किए गए कार्यों को भी चिन्हांकित किया। मिलिंग के चार्ज को बढ़ा दिया गया। संग्रहण केंद्रों में नाममात्र का धान रह गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में गौठान को भी ग्रामीण उद्योग के रूप में बदला है और रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में इसे विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप अपने कम्पोनेन्ट यहां बनवा सकते हैं। आपके उद्योगों के लिए इन रूरल पार्क से काफी मदद मिल सकती है।
आप लोग विजनरी हैं सरकार की पूरी सहायता आपके साथ हैं। आप आगे बढ़े, प्रदेश का औद्योगिक परिदृश्य शानदार रूप से उन्नत होगा।
प्रदेश को ऊर्जा परिदृश्य में काफी संभावना
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से हुई अपनी चर्चा का भी उल्लेख उन्होंने किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को ऊर्जा परिदृश्य में काफी संभावना है। धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति मिलने पर इस उद्योग के लिए बड़ा काम हो सकता है। किसान उन्मुख नीतियों का लाभ बाजार को मिला है और शहरी अर्थव्यवस्था भी इससे लाभान्वित हुई है। कोर सेक्टर और इससे बाहर हम सबको अवसर प्राप्त होगा।