@Dakshi sahu Rao
CG Prime News@भिलाई. IIT भिलाई के एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने साइबर ठगों के जाल में फंसकर अपना एक लाख रुपए गंवा दिया। ठगों ने पीडि़त को पुलिस का डर दिखाकर ऐसे जाल में फंसा लिया कि वो उससे निकल ही नहीं पाए। दरअसल आईआईटी भिलाई के असिस्टेंट प्रोफेसर सुभाषित सिद्धांत को 9 अप्रैल को कोरियर कंपनी से कॉल आया था। उसी कॉल के झांसे में पीडि़त आ गया। यह पूरा दुर्ग सिटी कोतवाली क्षेत्र का है। पीडि़त ने पुलिस को बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसर सुभाषित ने खुद मामले की शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि 9 अप्रैल को उनके मोबाइल पर एक फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को डीएचएल कोरियर कंपनी का कर्मचारी बताया। ठग ने प्रोफेसर को मुंबई पुलिस से बचाने के नाम पर लाख रुपए लिए हैं।
ऐसे उठाया फायदा
फोन करने वाले ने कहा कि उनका एक कोरियल मुंबई के कस्टम विभाग में फंसा हुआ है। मुंबई पुलिस ने उस पर एफआईआर भी दर्ज की है। इससे पीडि़त डर गया और बचने का रास्ता पूछने लगा। इसी डर का फायदा उठाकर ठग ने उससे कहा कि मामला काफी गंभीर है। ठग ने कहा कि एक पुलिस अधिकारी से पहचान है। वह इस मामले से उन्हें निकाल देगा। इसमें एक लाख रुपए का खर्च आएगा। इसके बाद पीडि़त ने बिना कोई जानकारी लिए एक लाख रुपए ठग के अकाउंट में डाल दिए।
IPS अधिकारी बनकर ठग ने की बात
ठग ने पीडि़त को कहा कि कस्टम वालों ने जांच के लिए रोक लिया है। जब सुभाषित ने कहा कि वो पार्सल उसका नहीं है तो ठग ने कहा कि उस पर आपका नाम नंबर लिखा है। जांच होगी तो और बुरे फंसोगे। बचना है तो एक लाख रुपए भेज दो। ठग इतना शातिर था कि सुभाषित को विश्वास दिलाने के लिए उसने अपने दोस्त को पुलिस अधिकारी बनाकर उससे फोन पर बात कराई। ठग के दोस्त ने खुद को राजेश प्रधान बताया। राजेश ने भी सुभाषित से कहा कि उसका एक पार्सल आपत्तिजनक है।