छात्राओं को BBA और BCA कराएगी सरकार, हर साल मिलेंगे 25 हजार, इसी साल से होगा लागू

Education न्यूज भिलाई . इस साल से बीबीए और बीसीए कोर्स भी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद यानी एआईसीटीई के दायरे में आ गया है। पहले तक एआईसीटीई सिर्फ इंजीनियरिंग कॉलेजों को मान्यता देता था। बीसीए और बीबीए को शामिल करने के साथ ही एआईसीटीई ने छात्राओं को राहत पहुंचाने बड़ा ऐलान कर दिया है। बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और कम्प्यूटर एप्लीकेशन की फील्ड में बेटियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए छात्राओं को स्कॉलरशिप दी जाएगी। इसकी शुरुआत इसी साल से होने जा रही है। भिलाई-दुर्ग के बड़े कॉलेजों में बीसीए और बीबीए कोर्स संचालित है, जिसमें छात्राओं की बड़ी संख्या रहती है। इनके अलावा बहुत सी छात्राएं ऐसी भी होती है, जो बीबीए और बीसीए जैसे कोर्स करना तो चाहती हैं, मगर आर्थिक तौर पर कमजोर होने की वजह से शामिल नहीं हो पाती। ऐसे में यह स्कॉलरशिप इनके लिए एआईसीटीई ने लॉन्च की है। एआईसीटीई द्वाराइस योजना पर 7.5 करोड़ रुपए सालाना खर्च होंगे। इससे छात्राओं की कॉलेज फीस का भुगतान करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

संबद्धता हेमचंद विवि से रहेगी

एआईसीटीई पहली बार आगामी सत्र से बीबीए, बीसीए प्रोग्राम को पढ़ाने की मंजूरी दे रहा है। अभी तक यह तीनों प्रोग्राम को पढ़ाने की मंजूरी हेमचंद यादव विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी के जरिए किए जाते थे। इस बार से कॉलेज की संबद्धता, परीक्षा और मार्कशीट हेमचंद यादव विश्वविद्यालय से ही मिलेगी, लेकिन यूजीसी के बजाए एआईसीटीई की मान्यता मिलेगी। तय मियाद के भीतर संभाग के सभी कॉलेजों ने बीबीए और बीसीए को एआईसीटीई के साथ इनरोल कर लिया है। नए सत्र का आगाज हो चुका है। अभी एक जुलाई से कक्षाओं का संचालन भी शुरू हो चुका है। ३१ जुलाई के बाद दुर्ग विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया थमते ही इनकी कक्षाएं फुल फ्लैश शुरू होंगी।

इस तरह मिलेगी स्कॉलरशिप

इंजीनियरिंग में अतिरिक्त सीटें और स्कॉलरशिप मिलने से बेटियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इसी कारण अब प्रबंधन और कंप्यूटर एप्लीकेशन के क्षेत्र में बेटियों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। बेटियों को इन क्षेत्रों में उच्च शिक्षा से जोड़े रखने के लिए स्कॉलरशिप सबसे बेहतर माध्यम है इसलिए आगामी सत्र 2024 से बीबीए और बीसीए की आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की 3 हजार से अधिक मेधावी छात्राओं को स्कॉलरशिप दी जाएगी। इसके लिए नियम क्या होंगे, इसको लेकर एआईसीटीई से अधिसूचना जारी होगी। जो छात्राएं पहले ही कॉलेजों में एडमिशन ले चुकी हैं, उनके आवेदनों की जांच के बाद स्कॉलरशिप की राशि मिलेगी।

जानिए, कितनी मिलेगी छात्रवृत्ति

एआईसीटीई ने कहा है कि बीबीए और बीसीए की मेधावी छात्राओं को सालाना 25 हजार रुपए दिए जाएंगे। इस स्कॉलरशिप योजना का मकसद तकनीकी और प्रबंधन शिक्षा में बेटियों की क्षमता को निखारना है। दुर्ग संभाग के निजी कॉलेजों में यह कोर्स दोनों कोर्स संचालित है, जिसकी सालाना फीस लगभग इतनी ही है। इस राशि से छात्राओं को पढ़ाई के लिए लगने वाला खर्च सरकार उठा लेगी। इस तरह छात्राएं स्कॉलरशिप के जरिए आगे बढ़ेगी और मैनेजमेंट की फील्ड में नाम कमा सकेंगी।

हर साल बढ़ रही संख्या

अभी तक इंजीनियरिंग क्षेत्र में बेटियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रगति योजना में स्कॉलरशिप दी जाती है। इसमें 50 हजार रुपए सालाना स्कॉलरशिप मिलती है। इजीनियरिंग के क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं से बेटियों की संख्या में लगातार सुधार हो रहा है। वर्ष 2019 में बेटियों की संख्या 29 फीसदी थी। 2020 में 30 फीसदी और 2021 में यह आंकड़ा 36 फीसदी तक पहुंच गया। पिछले दो वर्षों में बेटियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वर्ष 2022 में इंजीनियरिंग डिप्लोमा में 29 फीसदी और इंजीनियरिंग यूजी इंजीनियरिंग प्रोग्राम में 40 फीसदी तक पहुंच गया है।