भिलाई . प्रदेश के इंजीनियरिंग, फार्मेसी और पॉलीटेक्निक सहित सभी तरह के टेक्निकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए काउंसलिंग की शुरुआत ७ अगस्त से होगी। काउंसलिंग दो चरण में १५ सितंबर तक जारी रहेगी। काउंसलिंग के दो प्रमुख चरण होंगे। दोनों चरण समाप्त होने के बाद छात्रों को संस्थावार काउंसलिंग (आईएल) के जरिए प्रवेश दिया जा सकेगा।
काउंसलिंग के संबंध में तकनीकी शिक्षा संचालनालय ने सभी औपचारिक्ताएं पूरी कर ली है। इसको लेकर शुक्रवार को सभी कॉलेजों के जिम्मेदारों की ब्रीफिंग मीटिंग रखी गई है। इस साल की काउंसलिंग में सबसे बड़ा बदलाव यह होने वाला है कि अब बीए, बीकॉम, एमबीबीएस चाहें जिस भी विषय में ग्रेजुएशन किया हो, वह भी अब से मास्टर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन यानी एमसीए में दाखिला ले पाएगा। पहले तक सिर्फ बीएससी ग्रेजुएट को ही एमसीए के लिए पात्र माना जाता था, लेकिन इस साल से डीटीई ने काउंसलिंग के पहले नियम में बड़ा बदलाव कर दिया है। इसका सबसे बड़ा फायदा उन छात्रों को होगा, जिनकी रुचि कम्प्यूटर साइंस में है, लेकिन ग्रेजुएशन के विषयों की वजह से भी इसमें मास्टर्स नहीं कर पाते थे। अब सात अगस्त से शुरू होने जा रही काउंसलिंग में ऐसे छात्र एमसीए की पढ़ाई के लिए आवेदन कर पाएंगे।
कॉलेज स्तर पर दस्तावेज सत्यापन
पहले तक जहां छात्रों को काउंसलिंग के लिए ऑनलाइन पंजीयन करने के बाद दस्तावेजों का सत्यापन कराने डीवीसी सेंटर्स पर जाना होता है। यह व्यवस्था इस बार भी बंद ही रहेगी। कॉलेज अपने स्तर पर दस्तावेजों का सत्याप कराएंगे फिर विश्वविद्यालय नामांकन जारी करने से पहले दस्तावेजों का परीक्षण करेगा। यूजी और पीजी काउंसलिग की तारीखें अलग-अलग होगी। दस्तावेजों में किसी तरह की कमी होने पर विश्वविद्यालय नामांकन के पहले इसकी सूचना विद्यार्थियों एवं उनके कॉलेजों को दे सकता है। साथ ही छात्र का एडमिशन भी निरस्त किया जा सकेगा। किसी भी गैर मान्यता प्राप्त या यूजीसी से डिफॉल्ट विश्वविद्यालय, शिक्षा बोर्ड से स्कूलिंग करने वाले छात्र काउंसलिंग में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
नई ब्रांच के साथ नए कोर्स
एम.फार्मेसी के विद्यार्थियों को नई ब्रांच फार्मास्यूटिक्स और फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री भी पढ़ाने को मिलेगी। प्रदेश के निजी फार्मो कॉलेज को इस कोर्स के लिए अनुमति दी गई है। इसी तरह वर्किंग प्रोफेशनल जो काम के साथ बीटेक की डिग्री हासिल करना चाहते हैं वे भी बीआईटी दुर्ग से कंप्यूटर साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और सिविल में बीटेक कर सकेंगे। इस साल काउंसलिंग के पहले छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्व विद्यालय सीएसवीटीयू ने फार्मेसी के नए कॉलेजों पर शिकंजा कसा है। ऐसे में कुछ कॉलेजों की संबद्धता को होल्ड किया गया है। इसके अलावा इस साल फार्मेसी और इंजीनियरिंग के १२ कॉलेज काउंसलिंग में शामिल नहीं होंगे।
पहली बार सीएस में पढ़ेंगे पर्यावरण
इस साल से कंप्यूटर साइंस के कंबाइंड कोर्स में एक नई ब्रांच ऐड की गई है। पीजी के विद्यार्थियों को कंप्यूटर साइंस के साथ एनवॉयरोमेंट इंजीनियरिंग का विकल्प भी मिलेगा। इसके अलावा अब छात्र इलेक्ट्रानिक्स और कंप्यूटर साइंस को भी साथ-साथ पढ़ सकेंगे। एनवॉयरोमेंट इंजीनियरिंग की १८ सीटों पर प्रवेश मिलेगा। वहीं इलेक्ट्रानिक्स एंड सीएस की ६० सीटों पर प्रवेश मिल सकेगा।
भारती कॉलेज दुर्ग और शंकराचार्य टेक्निकल कैंपस में इस साल इंजीनियरिंग की किसी भी ब्रांच में प्रवेश नहीं होंगे। इनके अलावा कृति इंस्टीट्यूट रायपुर, अशोका इंस्टीट्यूट राजनांदगांव, प्रोफेशनल इंस्टीट्यट रायपुर, गायत्री कॉलेज ऑफ फार्मेसी दंतेवाड़ा को मिलाकर चार फार्मेसी कॉलेज में दाखिलों पर रोक होगी। इन सभी कॉलेजों का सीट इनटेक शून्य रहेगा।
इस साल मुंगेली, सेंदरी बिलासपुर और सूरजपुर में तीन नए फार्मेसी कॉलेज की शुरुआत करने शासन ने मंजूरी दी है। इनमें यूजी और पीजी को मिलाकर 300 नई सीटें दी गई हैं। काउंसलिंग में यह विद्यार्थियों को दिखाई देंगे।
एमबीए का सीट इनटेक इस साल और बढ़ेगा। विद्यार्थियों की रुचि को देखकर एक नया कॉलेज शुरू होने जा रहा है। इनमें एमबीए की सीटें होंगी। पिछले वर्ष की काउंसलिंग में 1320 सीटें थीं, जो इस साल बढक़र 1440 सीटें मिलेंगी।