CG शराब घोटाला: AP त्रिपाठी, दीपक और अनुराग को मिली जमानत

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CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले (Chhattisgarh liquor scam) में सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव अरूणपति त्रिपाठी, दीपक दुआरी और अनुराग द्विवेदी केा सशर्त जमानत दे दी है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। जिसके बाद जेल में बंद तीनों के लिए राहत के लिए खबर आई। वहीं रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। उन्हें जेल में ही रहना होगा।

सशर्त दी जमानत
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एएस ओक की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मामले में दर्ज किए गए निष्कर्षों पर विचार करने के बाद अपीलकर्ताओं को जमानत दी जानी चाहिए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि, इससे जांच किसी भी तरह प्रभावित नहीं होगी। साथ ही, उन्हें हर सुबह 10 बजे जांच अधिकारी (आईओ) के सामने हाजिरी देनी होगी। अगर आरोप पत्र दायर किया जाता है, तो आरोपियों को जांच में पूरा सहयोग करना होगा। सत्र न्यायालय अन्य शर्तों के साथ जमानत पर रिहाई की प्रक्रिया पूरी करेगा।

आबकारी विभाग के विशेष सचिव पर इसलिए कसा शिकंजा
अरुणपति त्रिपाठी छत्तीसगढ़ सरकार के आबकारी विभाग के विशेष सचिव रह चुके हैं। इससे पहले वे छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीएसएमएलसी) के एमडी भी रहे हैं। त्रिपाठी मूल रूप से इंडियन टेलीकॉम सर्विस के अधिकारी हैं और डेपुटेशन पर छत्तीसगढ़ में कार्यरत थे। शराब घोटाले में उनकी भूमिका को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 5 अक्टूबर 2024 को रायपुर की विशेष अदालत में उनके खिलाफ पूरक अभियोजन परिवाद दायर किया। कोर्ट ने उसी दिन इस मामले पर संज्ञान लिया था, लेकिन 7 फरवरी 2025 को हाईकोर्ट ने पीएमएलए कोर्ट के संज्ञान को रद्द कर दिया। अरुणपति त्रिपाठी 8 अगस्त 2024 से न्यायिक अभिरक्षा में जेल में बंद हैं।

इन वकीलों ने की पैरवी
इस मामले में आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने पैरवी की। अनुराग द्विवेदी और दीपक दुआरी के लिए सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ अग्रवाल और शशांक मिश्रा, जबकि अरुणपति त्रिपाठी के लिए सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी माथुर ने दलीलें पेश कीं।