भिलाई@CG Prime News. भिलाई इस्पात संयंत्र के वायर रॉड मिल में परंपरागत रूप से एसएमएस 1-बीबीएम रूट से प्लेन वायर रॉड और टीएमटी कॉइल की रोलिंग की जाती रही है। एसएमएस 1-बीबीएम रूट के बंद होने के बाद, यह पहली बार है कि वायर रॉड मिल ने एसएमएस-3 रूट से प्राप्त कास्ट बिलेट्स से गुणवत्ता वाले एसएई-1008 के प्लेन वायर रॉड्स की रोलिंग की है। कुल 43 वैगनों की रेक में इस ग्रेड के 2700 टन वायर राॅड को रोल करके नेपाल भेजा गया।
कॉइल्स की एक और अनूठी विशेषता यह है कि प्रत्येक कॉइल को क्यूआर कोड के साथ लेबल किया गया है जिसमें विभिन्न प्रकार की जानकारी होती है जैसे – हीट नंबर, क्वाइल संख्या, रोलिंग की गुणवत्ता, अनुभाग, तिथि और शिफ्ट। ये सभी जानकारी प्रत्येक कॉइल के लिए अलग-अलग होती हैं। इस लेबलिंग के साथ कॉइल के उचित लेबलिंग और मार्किंग की गयी है। ऐसा करते हुए सेल के मार्केटिंग विभाग सीएमओ की आवश्यकताओं को पूरा किया गया। लेबलिंग, कॉइल यार्ड मैनेजमेंट सिस्टम प्रोजेक्ट का पहला कदम है।
एसएई-1008 वायर रॉड्स का उपयोग वायर ड्रॉइंग यूनिट्स द्वारा जीआई वायर बनाने के लिए किया जाएगा जिसके माध्यम से पहाड़ो पर होने वाले भू-स्खलन को रोकने के लिए गेबीयन बाॅक्स का निर्माण किया जाएगा। आधी सामग्री को आगे के उपयोग के लिए गैल्वेनाइज्ड किया जाएगा। नेपाल को एसएई-1008 के इस खेप को संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (वक्र्स) श्री अंजनी कुमार द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।