भिलाई के सफेदपोशों की नहीं चली FIR दर्ज: निगम की जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार कर 8 करोड़ 10 लाख में कर दिया सौदा, पांच के खिलाफ धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज

न्यायलय की शरण में गया आवेदक, वहां नहीं चली सफेदपोशी की धौस, कोर्ट के आदेश पर दुर्ग पुलिस को दर्ज करनी पड़ी प्राथमिकी

भिलाई@CG Primenews. Big breaking. दुर्ग कोतवाली पुलिस के टालमटोल के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी डीके गिलहरे ने एक परिवाद पर निर्णय देते हुए दुर्ग पुलिस को जमीन खरीदी-बिक्री करने वाले 5 लोगों के खिलाफ जुर्म दर्ज करने का निर्देश दिया है। कोर्ट के निर्देश के बाद दुर्ग पुलिस ने प्रदीप खंडेलवाल, नागेन्द्र मिश्रा, शरद कुमार मिश्रा, अशरफ तवर और स्टाम्प वेंडर नितिन अग्रवाल के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत अपराध दर्ज किया है। प्रार्थी सुनील कुमार लोढ़ा ने दुर्ग न्यायालय में परिवाद लगाया था।

गौरतलब है कि दुर्ग कोतवाली पुलिस ने इस प्रकरण में प्रार्थी सुनील कुमार के आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की। तब दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 के तहत न्यायालय में परिवाद दाखिल किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी डीके गिलहरे ने परिवाद की सुनवाई करते हुए पुलिस को जुर्म पंजीबद्ध करने का निर्देश दिया था। पुलिस से मिली जानकारी में प्रार्थी सुनील लोढा जैन पिता गैंदलाल 52 वर्ष आपापुरा ने पहले दुर्ग कोतवाली थाने में शिकायत की। आरोपी लोटस तालपुरी निवासी प्रदीप खंडेलवाल 58 वर्ष, सुपेला शिवाजीनगर वार्ड के शरद मिश्रा 28 वर्ष, नागेन्द्र मिश्रा 54 वर्ष, कैंप-2 इंदिरा नगर अशरफ तंवर 30 वर्ष और दुर्ग गुप्ता कॉम्प्लेक्स निवासी स्टांप वेंडर नितिन अग्रवाल 44 वर्ष के खिलाफ शिकायत की। इन पांचों ने मिलकर उनकी जमीन को फर्जी तरीके से बेचने, फर्जी दस्तावेज बनाकर कुटरचित कर धोखाधड़ी की है। लेकिन पुलिस ने प्रार्थी के बार-बार शिकायत के बाद उसकी शिकायत दर्ज नहीं की। जब प्रार्थी सिटी कोतवाली पुलिस मनमानी से परेशान हो गया तब उसने न्यायालय की शरण ली। न्यायलय के आदेश के बाद पुलिस सकते में आई और फिर पांचों आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया।

जानिए क्या है पूरा मामला

आरोपी प्रदीप खंडेलवाल ने मौजा सुपेला मार्केट चिंगरी पारा की जमीन जिसका मूलमालिक नगर निगम भिलाई है। इस भूखंड क्रमांक 13,14,16,17 ब्लॉक 45 को बेचने का पक्का सौदा करके इकरारनामा किया और बयाना राशि ले ली। प्रार्थी सुनील लोढा को बाद में पता चला कि प्रदीप खंडेलवाला और शरद मिश्रा ने 500 रुपए का स्टाम्पल ई 244085 इकरारनामा के लिए योजनाबद्ध तरीके से खरीदा। षडयंत्र रचते हुए 26 जून 2020 को 2 गवाहों अशरफ तवर और संजय कोठारी की उपस्थित में नितिन अग्रवाल स्टाफ वेंडर दुर्ग के कार्यालय में लिखा पढ़ी कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए।

8 करोड़ 10 लाख की हेराफेरी
प्रदीप खंडेलवाल के पिता हजारीलाल को नगर निगम भिलाई ने 30 साल की लीज पर जमीन दी थी। हजारीलाल के मृत्यु के बाद प्रदीप खंडेलवाल ने उक्त जमीन को खुद का जमीन बताया। उसके फर्जी दस्तावेज तैयार किए और प्रार्थी से धोखाधड़ी कर 8 करोड़ 10 लाख में जमीन कर सौदा कर लिया। 22 अप्रैल, 2019 को जमीन बेचने का पक्का सौदा किया गया। 10 लाख रुपए भी ले लिया और इकरारनामा बनवाया। इसमें साफ लिखा है कि जमीन उसकी है। बैंक, किसी संस्था, शासकीय, गैर शासकीय कहीं भी बंधक नहीं है। न ही जमीन का कोई ऋण भार है। आरोपियों के झांसे में आकर प्रार्थी ने रुपए देकर सौदा कर लिया।भूंखड क्रमांक 13,14,16,17,18, ब्लॉक 45 को बेचने का सौदा किया है। जबकि यह जमीन निगम प्रशासन की है। निगम प्रशासन ने पट्टा दिया है। ऐसे में निगम की जमीन को निगम प्रशासन की अनुमति के बिना ही फर्जी तरीके से बेच दिया गया है। प्लाट 13, प्लांट नंबर 18 ब्लॉक नंबर 45 शासन निगम रिकार्ड में हजारी लाल खंडेलवाल के नाम पर दर्ज था ना कि कमला देवी खंडेलवाल या प्रदीप खंडैलवाल के नाम पर है।

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