दुर्ग@CG Prime News. छत्तीसगढ़ का सबसे बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड मामले में सुनवाई की तारीख आगे बढ़ा दी गई है। यह निर्णय कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप की वजह से लिया गया। अब 9 अप्रैल 2021 की तारीख दोनों पक्षों को दी गई है। उस दिन फैसला हो सकता है।
लोक अभियोजक बालमुकुंद चंद्राकार ने बताया कि न्यायलय द्वारा अभी कोबिड-19 संक्रमण की वजह बड़े मामले की सुनवाई को टाल दिया गया है। 8 अप्रैल के बाद ही बड़े मामले सुनवाई होगी। संभावना है कि इसी वजह से आज सुनवाई टाल दी गई है। इसे आगे बढ़ाकर 9 अप्रैल को तारीख दी गई है। बता दें कि 2015 में अभिषेक मिश्रा की हत्या हुई थी। 2016 से यह केस कोर्ट में है। जिसमें लगातार सुनवाई हुई। दोनों पक्षों ने अपनी – अपनी दलीलें पेश की थी।
फिल्मी द्रश्यम की तर्ज में वारदात को दिया गया अंजाम
बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड को फिल्मी द्रश्यम की तर्ज पर वारदात को अंजाम दिया गया था। 9 नवम्बर वर्ष 2015 की शाम पूरे देश में ख्याति प्राप्त शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज के चेयरमैन आईपी मिश्रा के इकलौते बेटे अभिषेक मिश्रा लापता हो गया। इसे लेकर पूरे प्रदेश में खलबली मचा गई थी। पुलिस ने भी इसे सुलझाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। करीब 1 करोड़ मोबाइल फोन की डिटेल खंगाली गई और 1500 लोगों से पूछताछ हुई, इसके बाद पुलिस की शक की सुई भिलाई में रहने वाले सेक्टर-10 निवासी विकास जैन के ऊपर आकर टिक गई। जांच में केस परत दर परत खुलती चली गई। इस मर्डर में विकास जैन, उसकी पत्नी और अभिषेक की पूर्व प्रेमिका किम्सी जैन और विकास का चाचा अजीत शामिल थे। तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
अभिषेक मिश्रा की जिद ने ली उसकी जान
किम्सी जैन अभिषेक मिश्रा के कॉलेज में पढ़ाती थी। इसी दरमियान दोनों के बीच प्रेम हो गया। कुछ दिन बाद ही किम्सी की शादी हो गई और उसने कॉलेज की जॉब छोड़ दी। लेकिन अभिषेक उसके साथ संबंध रखने के लिए लगातार उस पर दबाव डाल रहा था। इससे किम्सी परेशान हो गई थी। उसने ये बात अपने पति विकास को बताई। इसके बाद किम्सी, पति विकास और किम्सी के चाचा अजीत ने हत्याकांड की साजिश रची। किम्सी ने अभिषेक को फोन करके अपने भिलाई के स्मृति नगर स्थित घर पर बुलाया। जहां विकास जैन और ससुर अजीत ने उसके सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया, जिससे मौके पर ही अभिषेक की मौत हो गई।
6 फिट गड्ढा खोदकर लाश को घर के परिसर में दफनाया, उगा दी गई थी गोभी
अभिषेक मिश्रा की लाश को किम्सी ने अपने पति विकास जैन और चाचा अजीत की मदद से भिलाई स्थित घर में ही 6 फीट गहरा गड्ढा करके दफना दिया। आरोपियों ने बेहद ही शातिराना अंदाज में लाश के ऊपर गोभी की सब्जियां उगा दी। पुलिस को मिले लाश के पास हाथ का कड़ा, अंगूठी और लॉकेट देखकर अभिषेक मिश्रा की लाश होने की पुष्टि हुई थी। लाश का डीएनए टेस्ट भी कराया गया था।
44 दिनों के बाद मर्डर केस खुला
पुलिस ने 44 दिनों के अंदर 1500 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की। हजारों के कॉल डिटेल्स निकाले गए इसी बीच पुलिस को किम्सी जैन का नंबर मिला, जो संदिग्ध लगा। इसके बाद पुलिस ने पूरी जांच की और मर्डर केस का खुलासा कर दिया। अभिषेक मिश्रा के अपहरण के करीब 44-45 दिन के बाद पुलिस को उसका शव मिला था। इसके बाद किम्सी जैन, उसके पति विकास जैन और चाचा अजीत को गिरफ्तार कर लिया गया।