एएसआई के बेटे ने वाट्सएप पर आईजी से कहा दशकों से पापा दूसरे जिला में ड्यूटी कर घर नहीं आ पा रहे, साहब उनका तबादला कर दीजिए…

cgprimenews.com@सरगुजा. यूनिवर्सिटी टॉपर एएसआई शिवमन कौशिक का बेटा विक्रांत कौशिक ने जब सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रतन लाल डांगी को वाट्सएप कॉल कर कहा कि साहब दशकों से पापा दूसरे जिला में ड्यूटी कर रहे है. घर पर मां के साथ पढाई की. यूनिवर्सिटी टॉप कर दिया, लेकिन अब प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने बाहर जाना है. पापा का स्थानांतरण होमटाउन हो जाएगा तो मेरा कैरियर सवर जाएगा. आईजी रतन लाल डांगी ने होनहार बेटे की बात पर गंभीरता दिखाते हुए एएसआई कौशिक का तबादला अंबिकापुर कर दिए.

आईजी की अनूठी पहल से पुलिस परिवार व जनता को मिल रही मदत

शुक्रवार को आईजी रतन लाल डांगी से एएसआई कौशिक स्थानांतरण की खुशी में मुलाकात करने पहुंचा. आईजी के सामने कौशिक अपने को रोक नहीं सका. खुशी इतनी कि उसके आंखों से आंसू छलक गए. कौशिक ने सिसकिया भरते हुए कहा कि पुलिस की नौकरी में सर आप जैसा अधिकारी नहीं देखा, जिन्होंने व्हाट्सएप के जरिए पुत्र की बात पर अमल करते हुए एक पिता की समस्या का निराकरण कर दिए. आइजी रतन लाल डांगी ने एएसआई को प्रेरित करते हुए कहा कि अपने बेटे विक्रांत को अच्छे से पढ़ाई कराओ, जो भी समस्या होगी उसे वे दूर करेंगे. चौकाने वाली बात यह है कि एएसआई कौशिक 1999 से 2018 तक बलरामपुर जिले में पदस्थ रहे. वहां पदोन्नति के बाद उसे सूरजपुर जिले में भेज दिया गया. तब से वह काफी परेशान रहने लगे. अपने परिवार के सदस्यों से बिछड़कर दूर रहना उन्हें भारी पड़ रहा.अपने परिजनों की परेशानी भी दूर नहीं कर पा रहा थे.

आईजी की पहल को मिल रही सराहना वर्षों बाद सरगुजा पुलिस रेंज में एक अनूठी शुरुआत हुई है. अब कर्मचारी सीधे आईजी से मुलाकात कर अपनी समस्याएं बता रहे हैं और वाट्सएप से आवेदन और समस्याएं भेज रहे. उनकी सारी समस्याओं का निराकरण बिना समय जाया किए हो जा रहा. बता दें एएसआई कौशिक कई बार आईजी और एसपी को आवेदन देकर थकहील हो गया था. उनके आवेदन पर कोई सुनवाई नहीं हो रही थी.  

यह मेरा सामाजिक व नैतिक दायित्व- आईजी

सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी ने कहा कि यह मेरा सामाजिक व नैतिक दायित्व है. मैं जिस पद पर बैठा हूं, उससे न सिर्फ विभाग बल्कि समाज के लोगों की भी ढेरों आशाएं हैं. मैं अपने दायित्वों के निर्वहन के अलावा जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की भी पूरी कोशिश करता हूं. एएसआई और उनके पुत्र से मिली जानकारी के बाद मैंने वही किया, जो एक वरिष्ठ अधिकारी को करना चाहिए. जहां तक समस्याओं के निराकरण की बात है, यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है. यह कोई पहला अवसर नहीं है. सबसे जरूरी है कि मेरे संज्ञान में बातें आनी चाहिए ताकि मैं उसका निराकरण कर सकूं.

ऐसा अधिकारी मैंने नहीं देखा- कौशिक एएसआई शिवमन कौशिक ने बताया कि अखबारों में आईजी साहब के संदेश और खबरों को पढ़कर मन में विश्वास जगा था कि उनकी समस्या दूर होगी. संकोच के साथ मैंने उनके वाट्सएप नंबर पर अपनी समस्या बताई और स्थानांतरण के लिए आवेदन प्रस्तुत किया. इसी बीच पता चला कि मेरी तकलीफ देखकर मेरे बेटे ने भी आईजी साहब से बात की है. मैं कुछ समझ पाता, उसके पहले ही मेरे वाट्सएप नंबर पर तबादला का आदेश पहुंच गया. मुझे यकिन ही नहीं हो रहा था. मेरी पुरानी इच्छा पूरी हुई. अब बेटा बाहर जाकर पढ़ाई भी कर सकेगा और मैं भी परिवार के बीच रहकर नौकरी कर सकूंगा.

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