कथरी से पत्नी का मुंह दबाया और गमछा से गला घोटकर की हत्या, खुदकुशी का रूप देने लटका दिया फांसी पर

– पुलिस ने पीएम रिपोर्ट के आधार पर आरोपी पति को किया गिरफ्तार

भिलाई@CG Prime News. ससुराल में पूजा दौरान हुए विवाद से नाराज पति अपनी पत्नी का कथरी से मुंह दबाया और गमछा से गला घोटकर हत्या की। जेल से बचने साड़ी का फंदा बनाकर लटका दिया। खुदकुशी करने की सूचना पुलिस को दी। जब पुलिस ने घटना की कड़ियों को जोड़ना शुरू की तो हत्या के मामले से पर्दा उठ गया। पुलिस ने आरोपी घनश्याम यदू को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की।

आरोपी को गाड़ी पर बैठाते हुए

पाटन एसडीओपी देवांश सिंह राठौर ने बताया कि थाना रानीतराई अंतर्गत ग्राम बोरेंदा निवासी राजकुमारी यदू पति घनश्याम यदू (25 वर्ष) ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की सूचना मिली। घटना स्थल का मुआयना किया। मौके पर मिले साक्ष्यों के धारा पर मामला संदेहास्पद लगा। थाना रानीतराई टीआई ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की। पीएम रिपोर्ट में मृतिका की मृत्यु मुंह एवं गला को दबाकर हत्या करना बताया गया। आरोपी घनश्याम यदू के खिलाफ धारा 302 के तहत जुर्म कायम किया। उसकी खोजबीन शुरू की। हत्या की गंभीरता को देखते हुए आरोपी संदेही मृतिका के पति धनश्याम यदु को गिरफ्तार लिया। पूछताछ में आरोपी अपना कथन बार-बार बदलता रहा। कड़ाई से पूछताछ करने पर बताया की तब सब सच्चाई उगल दिया।

ससुराल में हुए लड़ाई को लेकर पत्नी से करता था विवाद

एसडीओपी ने बताया कि आरोपी घनश्याम अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर ससुराल मंदिर हसौद पूजा कार्यक्रम में गया था। जहां ससुराल वालों ने घनश्याम के साथ लडाई झगड़ा कर मारपीट कर दिया थे। उसी बात को लेकर अपनी पत्नी से आए दिन झगड़ा करते रहता था। घटना के दिन उसी बात को लेकर पति व पत्नी दोनों के बीच विवाद हो गया घनश्याम आक्रोशित होकर खाट में रखे कथरी से अपनी पत्नी के मुह को दबा दिया और गमछा से गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया।

हत्या को खुदकुशी बताने साड़ी से फंदा बनाकर फांसी पर लटकाया

टीआई मनोज प्रजापति ने बताया कि पत्नी की हत्या करने के बाद खुदकुशी का रूप दने रणनीति बनाई। जिससे पुलिस से बच सके। उसने अपनी पत्नी के गले में साड़ी को बांध कर फांसी पर लटका दिया। फिर पुलिस को सूचना दिया कि उसकी पत्नी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। इस मामले को सुलझाने में सहा उप निरीक्षक नकुल प्रसाद ठाकुर, प्रधान आरक्षक लोकेश लहरी आरक्षक तुलेश धनकर, तालेंद्र चंद्राकर, धनंजय सिन्हा, लक्ष्मी नारायण, डेकेश बछोर नेताम और तुकाराम निर्मलकर की भूमिका सराहनीय रही।