डोंगरगढ़. पनियाजोब से बोरतलाव के बीच करोड़ों की लागत से बनाई गई तीसरी रेल लाइन तेज बारिश में बह गई। इससे ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हो गई है। रेलवे के तकनीकी विभाग द्वारा रेलवे लाइन में सुधार करने युद्धस्तर पर काम शुरू किया गया है। खबर लिखे जाने तक रेलवे लाइन में सुधार नहीं हुआ था।
पिछले वर्ष पनियाजोब से बोरतलाव के मध्य तीसरी रेल लाइन का निर्माण कार्य 100 करोड़ से अधिक की लागत से कराया गया था। इस निर्माण कार्य में निर्माण कंपनी के तकनीकी इंजीनियर से लेकर रेल प्रशासन के सक्षम अधिकारी सहित रेलवे के इंजीनियर नियुक्त किए गए थे। उनके देखरेख में तीसरी रेल लाइन का निर्माण करवाया गया था।
भारी भरकम रेल लाइन बारिश नहीं झेल नहीं पाई है। इसके कारण पिछले 36 घंटों से इस तीसरी रेल लाइन पर आवागमन ठप है। देर शाम तक रेल यातायात बहाल नहीं हो पाया है।
तकनीकी खामी सुधारने नहीं हुए प्रयास
बताया गया कि रेलवे के सक्षम अधिकारी के द्वारा केवल कमीशन पर ध्यान दिया गया, लेकिन भविष्य में तकनीकी परेशानी होने वाले कार्यों पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके कारण बरसात ने निर्माण कार्य की पोल खोल कर रख दिया है।
डोंगरगढ़ स्टेशन से लेकर सालेकसा तक किसी भी मालवाहक रेलगाड़ी को जाने के लिए तीन पावर इंजन की आवश्यकता पड़ती थी। क्षमता को कम करने चीफ इंजीनियर को यह उत्तरदायित्व दिया गया था। इंजीनियरों ने जो काम किया उसकी पहली भारी बारिश में ही पोल खुल गई। निर्माण एजेंसी के इंजीनियर खगेश्वर कुमार ने बताया कि तीसरी रेल लाइन में जो गिट्टी डाली गई थी, बारिश के कारण वह गिट्टी बह गई है। जिसके कारण 36 घंटे के आसपास से रेल यातायात इस तीसरी रेल लाइन पर बाधित है।
नागपुर से आए सीनियर डीएन कोर्डिनेशन
नागपुर से आए सीनियर डीएन कोर्डिनेशन अजय पटेल व जीएम निखिल महोबिया, राजकिरण यदु, शशांक रामटेके सहित मौके पर कार्य कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि, अधिक बारिश होने के कारण रेल लाइन की गिट्टी बह गई है, इससे रेल लाइन पर कोई भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है। इस कारण इस रेलपांत पर यातायात बाधित है। डीआरएस से इस मामले में वर्सन लेने के लिए फोन किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।