@Dakshi sahu Rao
CG Prime News@बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में 6 हजार करोड़ के शराब घोटाला केस में आरोपियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। हाईकोर्ट (CG High court) ने ईओडब्ल्यू की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बेंच ने EOW की FIR पर दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। वहीं सरकार ने इस मामले में जवाब देने के लिए 2 सप्ताह का समय मांगा, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
पूर्व आबकारी मंत्री का नाम भी शामिल
शराब और कोयला घोटाला मामले में ED ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों समेत 100 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराया है। इसमें कांग्रेस सरकार में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक यूडी मिंज, गुलाब कमरो का नाम शामिल है। इसके साथ ही 2 निलंबित आईएएस, रिटायर्ड IAS अफसर और कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल समेत अन्य नेताओं के नाम शामिल है। जिसमें पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा व उनके बेटे यश टुटेजा को भी आरोपी बनाया गया है। इस कार्रवाई के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
ईडी ने की थी छापेमार कार्रवाई
छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के कार्यकाल में शराब घोटाला मामला सामने आया था। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने इस मामले में कार्रवाई की। जांच में पाया कि, राज्य सरकार की सरकारी दुकानों से ही नकली होलोग्राम वाली शराब बेची गई। ईडी के अनुसार, इस घोटाले में अनवर ढेबर ने आबकारी अफसर अरुण पति त्रिपाठी के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह संचालित किया। इसके प्रभाव के आगे पूरा सरकारी तंत्र (आबकारी विभाग) बेबस था। ईडी ने जब केस में आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू की, तब कई अधिकारी और बड़े नेता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
