कोतवाली के पीछे फेमस हुआ सट्टा पट्टी का केंद्र, एसी चेंबर का सुख भोग रहे कोतवाल को नहीं लगी हवा

  • एसएसपी से शिकायत के बाद हुई कार्रवाई, थाना प्रभारी देते फिर रहे सफाई
  • पकड़ाई महिला हजारों की तनख्वाह पर रखती थी कर्मचारी, लाखों की सट्टा पट्टी सहित १३ गिरफ्तार

सीजीप्राइमन्यूज. कॉम@भिलाई. जिस दुर्ग कोतवाली पर पुलिस विभाग के मुखिया वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव को गर्व होता था। उसी कोतवाली के चिराग तले अंधेला देखने को मिला। कोतवाली से महज चंद कदम की दूरी पर सालो से करोड़ो रुपए का सट्टा कारोबार संचालित हो रहा था, लेकिन यहां जितने भी अधिकारी कोतवाल (थाना प्रभारी) बनकर आए, उनको इसकी कानोकान भनक तक नहीं लगी। हालत यह हुई कि यह जगह सट्टा प्वाइंट के लिए विख्यात हो गई और कोतवाल चादर ओठकर घी पीते रहे। इसका जीता जागता उदाहरण सामने है। उक्त सट्टा पट्टी के बारे में जब थाना प्रभारी से चर्चा हुई तो उन्होंने अनिभिग्यता जाहिर की, लेकिन जब एसएसपी के निर्देश पर शनिवार को वहीं पर सीएसपी विवेक शुक्ला की कार्रवाई में लाखों सट्टा पट्टी सहित १३ लोग पकड़ाए। अब थानेदार अपनी सफाई देते हुए फिर रहे।
गौरतलब है कि दुर्ग जिला मुख्यालय क्षेत्र में लगातार बड़े पैमाने पर सट्टा पट्टी खेलने की शिकायत मिल रही थी। इसे लेकर एसएसपी अजय यादव ने एएसपी रोहित कुमार झा और सीएसपी विवेक शुक्ला को बुलाकर अपने केबिन में मीटिंग ली। वहां बनी रणनीति के मुताबिक आमा पुरा, गया नगर, चंडी मंदिर और बजरंग नगर ते चार ठिकानों में एक साथ दबिश दी। जिससे पुलिस विभाग में हलचल मच गई। सट्टा के का्रोबार चलाने वाले अपने- अपने आकाओं को फोन लगाते रहे, लेकिन कार्रवाई नहीं रुकी। पुलिस ने करोड़ों की सट्टा पट्टी, तीन महिला समेत १३ लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें सबके अहम वह महिला है जो कोतवाली के चंद कदम पीछे सालों से कारोबार करती आई है। यह महिला १० से २० हजार रुपए प्रति माह के तनख्वाह पर गुर्गे रखती है। जिनका काम सिर्फ यह था कि वह महिला द्वारा सील लगाई गई सट्टा पट्टी से एजेंटों के ठिकानों तक पहुंचाते थे। उसने जुए की कलेक्ट की रकम को वसूली कर लाते थे। वसूली के चलते ही कई बार गुर्गो द्वारा मारपीट की वारदात को अंजाम भी दिया जा चुका है।
१२५ सील और ६० हजार ७१० रुपए जब्त
दुर्ग सीएसपी विवेक शुक्ला ने चार टीम गठित की। चारों को अलग-अलग प्वाइंट पर एक साथ दबिश दिया। आमापुरा में टाीम पहुंची। आरोपी मेनका सपहा, चुकुन सार्वा, विमला सपहा, शेखर सहाय और बरातू उर्फ मनोहर अली को गिफ्तार किया। यहां संगठित रुप से सट्टा खिलाया जा रहा था। अचरज की बात यह है कि यहां सील लगाकार सट्टा पट्टी लिखी जाती थी। जहां पर १२५ सील को जब्त किया। प्रत्येक दिन के लिए अलग-अलग संकेत चिन्ह युक्ति सील निश्चित की गई थी। वहीं अन्य टीम ने गया नगर में डोमेन्द्र मिश्रा, रुपचंद बनवासी को पकड़ा। चंडी मंदिर के पास सुरेंद्र यादव, संदीप यादव और बजरंग नगर में बंशी लाल सिन्हा, राम निर्मलकर, विक्की उर्फ देवेन्द्र, केवल साहू को गिरफ्तार किया।
हप्ता पहुंचाने की चर्चा जोरों पर
इस कार्रवाई से जहां दुर्ग शहर के लोग काफी खुश है। यह भी चर्चा है कि यह सारा अवैध कारोबार पुलिस को दिए जाने वाले कमीशन के दम पर चल रहा था। सबसे ज्यादा कमीशन दुर्ग कोतवाली के प्रभारी तक पहुंचाया जाता था। लोगों का कहना है कि एसएसपी के रुप में एक ईमानदार अधिकारी मिला है तो इस मामले की गंभीरता से जांच कराएंगे।
यहां भी धडल्ले से चल रहा सट्टा पट्टी का कारोबार
भिलाई तीन वीआईपी क्षेत्र होने के बावजूद पुलिस विभाग के आला अधिकारियों की कार्रवाई करने से परहेज करते है। जबकि सबसे अवैध कारोबार इस थाना क्षेत्र में चल रहा है। थाना के पीछे मार्केट में ही बेधड़क सट्टा पट्टी लिखा जा रहा है। इसके अलावा हथखोज इडस्ट्रीयल एरिया हैवी ट्रांसपोर्ट के सामने स्थित पेट्रोल पंप के पास वाली गली में एक सट्टा पट्टी लिखने एक एसी दफ्तर भी खोल दिया गया है। जहां बेखौफ सट्टा पट्टी लिखी जा रही है।
यहां भी चल रहा सट्टा का बड़ा खेल
सुपेला लक्ष्मी मार्केट में सट्टी पट्टी लिखने भीड़ इकट्ठा रहती है। समृति नगर एरिया में सट्टा पट्टी लिखी जा रही है। छावनी पावर हाउस मेडिकल कॉप्लेक्स और देना बैक के पीछे यह अवैध कारोबार संचालित है। इसी तरह खुर्सीपार शिवा जी नगर में बेधड़क सट्टा पट्टी चल रहा है।
वर्जन
दुर्ग सीएसपी ने अच्छी कार्रवाई की है। जहां अलग अलग स्थानों में दबिश महिला और पुरुष समेत १३ आरोपियों को गिरफ्तार किया। जिले के सभी थाना प्रभारियों को सामाजिक बुराई जैसे सट्टा पट्टी और जुआ खेलने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करें। उनके द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा की जाएगी।

अजय यादव, एसएसपी दुर्ग

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