भिलाई. एसबीआई जिन ग्राहकों के बल पर अपने आपको देश का सबसे बैंक बताता है, उनकी ही सुरक्षा नहीं कर पा रहा है। हालत ये है कि एसबीआई न ग्राहकों को कोरोना से बचाव को लेकर चिंतित है न उनके धन की सुरक्षा को लेकर। शनिवार सुबह 11 बजे कोहका स्थित एसबीआई एटीएम में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। यहां लोगों की मदद के लिए न तो को गार्ड मौजूद था और न कोरोना से बचाव के लिए हैंड सेनेटाइज करने के लिए सेनेटाइजर।
आपको बता दें की कुरूद निवासी मूलचन्द्र उपाध्याय और गिरीश चंद शनिवार शुबह 11 बजे रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने पेट्रोल पंप के बगल से स्थित एसबीआई एटीएम पहुंचे थे। मूलचन्द्र उपाध्याय को बाजार सामान लेने जाना था तो वहीं गिरीश चंद को अपनी गाड़ी बनवाने का पैसा देना था। यहां लगी दोनो एटीम से जैसे ही पैसा निकाला अचानक बिजली कट हो गई एटीएम मशीनें बंद हो गईं। इससे दोनों ग्राहकों का पैसा नहीं निकला। मूलचन्द्र उपाध्याय का 10 हजार और गिरीश चंद का 1500 रुपए नहीं निकला। दोनों के खाते से पैसा कटने मैसेज तो आ गया, लेकिन उन्हें इस डर से वहां आधे घंटे तक वहीं बैठे रहना पड़ा की कहीं लाइट आ जाए तो उनके पैसे न निकल जाएं।
नहीं है कोई बैकअप की व्यवस्था
जिस एटीएम से रोजाना लाखों रुपए की निकासी लोग करते हैं। एसबीआई लोगों से इसका किराया वसूल करता है, लेकिन उसे जो सुविधा लोगों देना चाहिए.वह नहीं देता। एसबीआई अपनी दुकान चलाकर सिर्फ मुनाफा कमाना जनता है, लेकिन कुछ खर्च नहीं करना चाहता। इसका उदाहरण सेनेटाइजर की वह खाली बोतल है जिसके सामने कोरोना से बचने हैंड सेनेटाइजर का मैसेज तो लिखा है, लेकिन सेनेटाइजर खरीदने के पैसे शायद एसबीए के पास नहीं हैं।
जिम्मेदार दिखा रहे तानाशाही
एटीएम पर लिखे चैनल मैनेजर के मोबाइल नम्बर 098271 40723 पर जब कॉल करके इसकी जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि वो एसबीआई के चैनल मैनेजर हैं वो टेक्निकल से इसकी जांच करवाएंगे आप बैंक जाकर शिकायत आवेदन दे दो, जबकी शनिवार और रविवार को बैंक बंद होने इसकी शकायत भी पीड़ित नहीं कर सके।