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CG Prime News@रायपुर. मन की बात में पीएम मोदी (PM Modi) ने बस्तर ओलंपिक (bastar olympic 2024) की जमकर तारीफ की है। उन्होंने बस्तर ओलंपिक में शामिल खिलाडिय़ों के संघर्ष की कहानी भी बताई। साथ ही देश के कई राज्यों में भी शुरू करने की अपील की है। पीएम ने कहा कि जहां नक्सल हिंसा रही, वहां नई क्रांति जन्म ले रही है। खिलाड़ी कारी कश्यप की कहानी मुझे बहुत प्रेरित करती है। मोदी ने कहा कि एक छोटे से गांव से आने वाली कारी जी ने तीरंदाजी में रजत पदक जीता है। वे कहती हैं कि बस्तर ओलिंपिक ने हमें सिर्फ खेल का मैदान ही नहीं, जीवन में आगे बढऩे का अवसर दिया है।

बस्तर यूथ आइकन चुना रंजू को
प्रधानमंत्री ने कहा कि, सुकमा की पायल कवासी की बात भी कम प्रेरणादायक नहीं है। जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतने वाली पायल जी कहती हैं कि, अनुशासन और कड़ी मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। कोडागांव के तीरंदाज रंजू सोरी को ‘बस्तर यूथ आइकन चुना गया है। उनका मानना है कि बस्तर ओलंपिक दूर-दराज के युवाओं को राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने का अवसर दे रहा है। पीएम ने कहा कि, सुकमा के दोरनापाल के पुनेम सन्ना की कहानी तो नए भारत की प्रेरक कथा है। एक समय नक्सली प्रभाव में आए पुनेम आज व्हीलचेयर पर दौड़कर मेडल जीत रहे हैं। उनका साहस और हौसला हर किसी के लिए प्रेरणा है।

1 लाख 65 हजार खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया
पीएम मोदी ने मन की बात (pm modi mann ki baat) में कहा कि बस्तर ओलंपिक में एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, कराटे, कबड्डी, खो-खो और वॉलीबॉल हर खेल में हमारे युवाओं ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। मेरे लिए यह बहुत ही खुशी की बात है कि, बस्तर ओलिंपिक का सपना साकार हुआ है। यह उस क्षेत्र में हुआ, जो कभी माओवादी हिंसा का गवाह रहा है। बस्तर ओलिंपिक में 7 जिलों के 1 लाख 65 हजार खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है। यह हमारे युवाओं के संकल्प की गौरव-गाथा है।

सरेंडर नक्सली भी हुए शामिल
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित संभाग में बस्तर ओलंपिक की शुरुआत हुई। इसकी खास बात ये रही कि शहरों और गांवों के खिलाडिय़ों के साथ ही सरेंडर नक्सलियों ने भी हिस्सा लिया। इसी महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बस्तर पहुंचे थे। उन्होंने इसका समापन किया। बस्तर ओलंपिक में सरेंडर नक्सली खिलाड़ी 318 और नक्सल हिंसा से ग्रसित 18 खिलाड़ी थे।

सीएम ने जताया आभार
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर ओलिंपिक के सफल आयोजन पर आपके प्रोत्साहन के लिए सभी प्रदेशवासियों की ओर से आभार। आपके कुशल मार्गदर्शन में हमारी सरकार बस्तर में बदलाव और यहां के लोगों के जीवन में खुशहाली लाने संकल्पित है। साय ने कहा कि सुकमा की पायल कवासी, दोरनापाल के पुनेम सन्ना, कोंडागांव के तीरंदाज रंजू शोरी और कारी कश्यप ने अपनी बेहतरीन खेल प्रतिभा से मेडल जीता और बस्तर का मान बढ़ाया है। बस्तर में अब बंदूक की आवाज नहीं, खेलों का शोर सुनाई देता है, हंसते-खेलते लोगों के चेहरे दिखाई देते हैं।

भिलाई . छत्तीसगढ़ के शोधार्थियों को अपनी रिसर्च को बेहतर बनाने अब दुनिया के नामी जर्नल्स का सपोर्ट मिलेगा। एक ही मंच पर देश-दुनिया के वैज्ञानिकों और उनकी रिसर्च को एक्सेस कर पाएंगे। पहले छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों को इन रिसर्च जर्नल्स को पढऩे के लिए हजारों रुपए का सब्सिक्रिप्शन खरीदना होता था। उनके कॉलेज भी इस सब्सिक्रिप्शंस को नहीं लेते थे, लेकिन अब विद्यार्थियों और शोधार्थी  की यह समस्या दूर हो जाएगी। केंद्र ने इसके लिए एक विशेष प्लेटफार्म को तैयार किया है, जिसका नाम है वन नेशन वन सब्सिक्रिप्शन।

इस योजना के तहत प्रदेश के 53 हजार तकनीकी छात्रों के साथ 9436 रिसर्च स्कॉलर्स को रिसर्च सामाग्रियां  आसानी से मिल पाएंगी। प्रदेश के इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को उनके प्रोजेक्ट्स के लिए रिसोर्सेस मिलेंगे। दुनियाभर के प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित 13 हजार से अधिक ई-जर्नल्स का सीधा एक्सेस मिल जाएगा। पूरा सिस्टम ऑनलाइन रहेगा। इसकी शुरुआत दिसंबर से होने जा रही है।

इंजीनियरिंग कॉलेजों को फायदा

इस पहल के बाद सामान्य डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय और तकनीकी संस्थानों को रिसर्च जर्नल्स के लिए महंगी सब्सिक्रिप्शन फीस नहीं चुकानी पड़ेगी, जिससे विश्वविद्यालयों का बजट प्रभावित नहीं होगा। वर्तमान में प्रदेश में 14 निजी और शासकीय विश्वविद्यालय संचालित हैं, जिनमें करीब 8 हजार रिसर्च स्कॉलर अपनी पीएचडी के लिए रिसोर्स इकट्टा करने इधर-उधर के जर्नल्स का रेफरेंस लिया करते हैं। इसके अलावा प्रदेश के ३ शासकीय और 28 निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को भी इससे फायदा मिलेगा। यहां के बीटेक और एमटेक विद्यार्थियों को उनके प्रोजेक्ट्स क लिए शोध सामाग्रियां आसानी से मिल पाएंगी। इसका फायदा आर्थिक कमजोर विद्यार्थियों व शोधार्थियों को सबसे अधिक होगा, जो अभी तक रिसर्च के लिए वैश्विक शोध सामाग्रियों तक पहुंच नहीं बना पा रहे थे।

अब डीयू और सीएसवीटीयू दायरे में आएंगे

अभी तक केवल केवल बड़े विश्वविद्यालय और प्रमुख संस्थानों के पास ही इन रिसर्च जर्नल्स का एंट्री एक्सेस था। महंगी सब्सिक्रिप्शन फीस होने से शोधार्थियों को इसका अलग से चार्ज देना पड़ता था। अब छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद विवि, दुर्ग विश्वविद्यालय और कामधेनु विश्वविद्यालय वन सब्सक्रिप्शन के तहत रहेंगे। यह संस्थान अपने विद्यार्थियों को दुनियाभर के रिसर्च जर्नल्स का लाभ दे पाएंगे। इससे अनुसंधान सामग्री की कमी के कारण छात्रों और शिक्षकों को अपने शोध कार्य में रुकावटों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

आईआईटी, एनआईटी पर निर्भरता खत्म

अभी आईआईटी भिलाई और एनआईटी रायपुर जैसे संस्थानों के पास ही महंगी रिसर्च जर्नल्स का सब्सक्रिप्शन मौजूद है। किसी अन्य शोधार्थी को इन संस्थानों से रिसर्च जर्नल्स की कॉपी लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। कई बार उन्हें इन संस्थान में अध्ययनरत दोस्तों या परिचितों की मदद लेनी पड़ती थी ताकि वे शोध-पत्रों तक पहुंच बना सकें। वन सब्सक्रिप्शन योजना से अब शोधर्थी को महज एक क्लिक में बिना कोई शुल्क दिए सभी जर्नल्र्स सामने मिलेंगे। 

वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन केंद्र सरकार की शानदार पहल है। इससे शोधार्थियों के साथ-साथ विद्यार्थियों को भी दुनियाभर के रिसर्च जर्नल्स नि:शुल्क पढऩे मिल जाएंगे। अभी तक यह रिसर्च सामाग्रियां सिर्फ आईआईटी और एनआईटी के पास ही मौजूद थीं। चुनिंदा संस्थान ही इसका लाभ अपने विद्यार्थियों को दे पाते थे।
डॉ. रामकृष्ण राठौर, डीन, रिसर्च एंड डेवलेपमेंट आरसीईटी आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज
                            

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@Dakshi sahu Rao

CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस 1 नवंबर (Chhattisgarh foundation day 2024) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता को बधाई दी है। सोशल मीडिया पर उन्होंने एक पोस्ट के जरिए छत्तीसगढ़ के लिए अपनी बातें लिखी हैं। अपने संदेश में पीएम मोदी ने लिखा है- समस्त छत्तीसगढ़ वासियों को राज्य के स्थापना दिवस पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। वैभवशाली लोक परंपरा और जनजातीय संस्कृति के अद्भुत संगम से सजा यह प्रदेश विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ता रहे, यही कामना है।

CM ने भी दी बधाई
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य स्थापना दिवस को भी दीपावली की तरह मानने का निर्णय लिया है। प्रदेश के सभी कलेक्टर को निर्देश दिया गया है कि सभी जिला मुख्यालय में बड़ी तादाद में दीये जलाए जाएं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी राज्य स्थापना दिवस पर अपना संदेश प्रदेश के लोगों को दिया।

सीएम ने जारी किया वीडियो संदेश
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य स्थापना दिवस पर अपने वीडियो संदेश में कहा कि राज्य निर्माण के 24 साल पूरे हो रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी ने जिस परिकल्पना के साथ छत्तीसगढ़ का निर्माण किया था, उन्हें साकार करने की दिशा में प्रदेश निरंतर अग्रसर है। बीते 24 वर्षों में से लगभग 16 वर्ष में हमारी सरकार रही। इन्हीं वर्षों में छत्तीसगढ़ में विकास के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप हुए और आदिवासियों, किसानों, मजदूरों और वंचित वर्ग के लोगों तक उनके अधिकार पहुंचे। सीएम ने आगे कहा कि हमारी सरकार के कार्यकाल में ही प्रदेश की आर्थिक संरचना तैयार हुई। लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठा। आज हमारी डबल इंजन की सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम कर रही है। नया रायपुर अटल नगर में 4 नवंबर से 6 नवंबर तक राज्योत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने दी शुभकामनाएं
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने लिखा कि आज छत्तीसगढ़ के 25वां स्थापना दिवस है। राज्य के जम्मो लइका, सियान, दाई-दीदी, बहिनी अऊ युवा मन ल गाड़ा-गाड़ा बधई अऊ शुभकामना। एक सुखी समर्थ छत्तीसगढ़ के हमर पुरखा मन सपना देखे रिहिस ओखर बर संघर्ष करे रिहिस। ओ सपना ल साकार होवय अइसे रद्दा मा हमन ला चलना हे। भूपेश बघेल ने लिखा कि हर छत्तीसगढिय़ा ला अपन बोली भाखा पर गरब होवए और अपन तीज तिहार ला उत्साह से मनावय तभे राज्य बने के अर्थ सही मायने म पूरा होही। बहुत बधई।

रमन सिंह ने भी दी बधाई
छत्तीसगढ़ विधानसभा स्पीकर रमन सिंह ने लिखा कि जय जोहार, जय छत्तीसगढ़। जम्मो संगी संगवारी अउ प्रदेशवासी मन ल छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के गाड़ा-गाड़ा बधई। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के सपना अउ मेहनत से बने हमर छत्तीसगढ़, आज अपन 24 साल पूरा करत हवे। ये अवसर म मोर छत्तीसगढ़ के जम्मो भाई-बहिनी मन ल खूब जोहार अउ बधई।

प्रदेशभर में जलेंगे आज दीपक
छत्तीसगढ़ में सरकारी दीपावली 1 नवंबर को मनाई जाएगी। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेशभर में दीप जलाकर राज्योत्सव के जश्न को दिवाली की तरह मनाया जाए। इसके लिए राज्य सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टर को निर्देशित किया है।

नई दिल्ली/ एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए चलाए जाने वाले सार्वजनिक टीकाकरण कार्यक्रम को मजबूती देने के लिए मंगलवार को U-WIN नामक एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया। यह पोर्टल कोनोना महामारी के समय चलाए गए वैक्सीनेशन अभियान के प्रबंधन के लिए लाॅन्च किए गए CoWIN पोर्टल की तरह ही सावर्जनिक टीकाकरण कार्यक्रम का एक केंद्रीकृत डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करेगा। ऐसे में आइए इस पोर्टल के बारे में सबकुछ जानते हैं।

आखिर क्या है U-WIN पोर्टल?

U-WIN (यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन वेब-इनेबल्ड नेटवर्क) एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे पूरे भारत में टीकाकरण कवरेज में सुधार लाने के लिए बनाया गया है। मौजूदा टीकाकरण प्रणाली का डाटा आशा कार्यकर्ता हाथों से दर्ज करती हैं और फिर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उसे एकत्र किया जाता है। इस प्रक्रिया में एक महीने से अधिक समय लगता है। इसी तरह, इसमें निजी अस्पतालों के टीकाकरण का रिकॉर्ड अक्सर नहीं होता है। इससे पूरे डाटा में अंतर पैदा होता है।

U-WIN पोर्टल के साथ क्या है सरकार की योजना?

U-WIN पोर्टल के साथ सरकार जन्म से ही डिजिटल, व्यक्तिगत टीकाकरण रिकॉर्ड बनाए रखने की योजना बना रही है, जिससे टीकाकरण के दायरे से बाहर रहने वालों की पहचान करना और उन्हें सहायता प्रदान करना आसान हो जाएगा।बड़ी बात यह है कि इस पोर्टल का परीक्षण पहले ही विभिन्न चरणों में देश के कुल 64 जिलों में किया जा चुका है, जहां इसने रिकॉर्ड सटीकता और कवरेज में सुधार लाने में आशाजनक परिणाम प्रदर्शित किए हैं।

कैसे काम करता है U-WIN पोर्टल? 

रिपोर्ट्स के अनुसार, 6 वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को उनके मोबाइल नंबर के साथ आधार जैसे सरकारी पहचान पत्र का उपयोग करके U-WIN पर पंजीकृत किया जा सकता है। इसके बाद यह पोर्टल बच्चों के लिए आवश्यक सभी 25 वैक्सीन के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक 2 वैक्सीनों पर नजर रखता है। इस प्रक्रिया के तहत सरकार के पास पूरे टीकाकरण कार्यक्रम का एक ऑनलाइन रिकॉर्ड तैयार हो जाता है।

लोगों को अगली खुराक की पहले ही मिलेगी सूचना

U-WIN पोर्टल पर वैक्सीन की प्रत्येक खुराक लगने के बाद रिकॉर्ड अपडेट होता है और अगली खुराक की तारीख भी नजर आती है। यह अगली खुराक की तारीख से पहले लाभार्थी को SMS रिमाइंडर भी भेजेगा। इसी तरह QR-आधारित डिजिटल प्रमाणपत्र भी उपलब्ध कराता है। U-WIN माता-पिता को स्वयं पंजीकरण कराने और अपनी सुविधानुसार देश भर में किसी भी उपलब्ध केंद्र पर बच्चों का टीकाकरण कराने की सुविधा भी प्रदान करता है।

11 क्षेत्रीय भाषाओं में काम करता है U-WIN पोर्टल

U-WIN पोर्टल 11 क्षेत्रीय भाषाओं में काम करता है, जिससे देशभर के लोग इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी तरह यह स्वास्थ्यकर्मियों के लिए उनके क्षेत्रों में अगली खुराक के लिए निर्धारित बच्चों की सूची भी स्वचालित रूप से तैयार करता है।

किन बीमारियों के लिए किया जाता है टीकाकरण?

U-WIN पोर्टल भारत के सार्वजनिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) का एक अभिन्न अंग है, जिसका उद्देश्य देश भर में सभी गर्भवती महिलाओं और बच्चों को 12 रोकथाम योग्य बीमारियों के खिलाफ मुफ्त टीकाकरण प्रदान करना है। इन बीमारियों में डिप्थीरिया, पर्टुसिस (काली खांसी), टिटनेस, पोलियो, खसरा, रूबेला, गंभीर बाल्यावस्था टीवी रोग, रोटावायरस डायरिया, हेपेटाइटिस-B, मेनिनजाइटिस और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप-B से होने वाला निमोनिया तथा न्यूमोकोकल निमोनिया शामिल हैं।इसके अतिरिक्त, चुनिंदा जिलों में जापानी इंसेफेलाइटिस के लिए टीकाकरण भी शामिल है।

गलत खुराक देने से बचाएगा पोर्टल

यह पोर्टल मानवीय गलतियों को कम करेगा। अगर कोई स्वास्थ्यकर्मी किसी लाभार्थी को गलत खुराक देने वाला है या समय से पहले खुराक देने वाला है, तो पोर्टल उन्हें इसे अपडेट करने की अनुमति नहीं देगा। इससे वह सतर्क हो जाएंगे और गलती नहीं होगी।

PM नरेंद्र मोदी की क्लास में पहुंचे विष्णुदेव

@Dakshi sahu Rao
CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी (PM MODI) की स्पेशल क्लास में शामिल हुए। उनके साथ प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम अरूण साव और विजय शर्मा भी पीएम क्लास का हिस्सा बने। दरअसल सीएम साय गुरुवार को हरियाणा रवाना हुए। वहां चंडीगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा शासित सभी राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम की स्पेशल क्लास लगाई थी। इस क्लास में देश और छत्तीसगढ़ प्रदेश के विकास की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। इस बैठक में भाजपा शासित प्रदेशों के साथ ही एनडीए के दलों के सीएम भी चंडीगढ़ में मौजूद रहे।÷

CM काउंसिल की हुई बैठक
सीएम काउंसिल की इस बैठक में राष्ट्रीय विकास से जुड़े मुद्दों, संविधान का अमृत महोत्सव और लोकतंत्र की हत्या के प्रयास के 50वें वर्ष के अभियान को लेकर चर्चा की गई है। भाजपा द्वारा जारी एक प्रेस नोट में बताया गया है कि इस उच्चस्तरीय बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो भी शामिल हुए हैं

ये नेता पहुंचे बैठक में
बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, ओडिशा के सीएम मोहन माझी, बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा, मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह, राजस्थान के डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव और डिप्टी सीएम अरुण साव, विजय शर्मा, मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार और देवेंद्र फडनवीस, गुजरात के सीएम भूपेन्द्र पटेल, गोवा के सीएम प्रमोद सावंत और ओडिशा की डिप्टी सीएम प्रावती परिदा पहुंचीं।

ओडिशा के डिप्टी सीएम कनक वर्धन सिंह देव, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा, बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू , सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा, मेघालय के सीएम कोनराड संगमा भी बैठक के लिए पहुंचे हैं। सभी का पंजाब भाजपा प्रमुख सुनील जाखड़ ने सम्मान किया।

सीएम शामिल हुए शपथ ग्रहण समारोह में
इस सम्मेलन से पहले हरियाणा के नव-निर्वाचित मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में भी विष्णुदेव शामिल हुए। उन्होंने प्रदेश की 3 करोड़ जनता की ओर से हरियाणा के सीएम को बधाई दी। इसके पीएम मोदी की अध्यक्षता में सीएम काउंसिल की बैठक हुई। इस बैठक में कुल 13 मुख्यमंत्री और 16 उपमुख्यमंत्री भाजपा से हैं, जबकि महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, सिक्किम, नागालैंड और मेघालय के मुख्यमंत्री, जो भाजपा के एनडीए सहयोगी दलों के हैं, भी इस बैठक में शामिल हुए।

अंबिकापुर। दर्शन, दीक्षा एवं संगोष्ठी कार्यक्रम में 3 दिवसीय दौरे पर आए शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने शनिवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि गौ-रक्षा के लिए आए मोदी गौ-हत्या के एजेंट हो गए हैं। वे गौ-रक्षा के नाम पर प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री बनने के बाद वे गौ रक्षकों को गुंडा कहते हैं। प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे, लेकिन मर्यादा का ज्ञान नहीं रखते हैं।

अमर्यादित ढंग से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि पीएम मोदी ने अमर्यादित ढंग से रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की। इस कारण से वे गिर भी रहे हैं। जहां-जहां राम गए, वहां भाजपा साफ हो गई। जय श्री राम कहना भूल गए।

पहले मोदी की गारंटी कहते थे, अब नीतीश-नायडू की बैसाखी  पर हैं। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तो कहते थे कि मनमोहन सिंह सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

निश्चलानंद ने कहा कि शिक्षित व्यक्ति नौकर ही बनेगा, चाहे वह राज्यपाल हो या राष्ट्रपति। युवाओं की नौकरी नहीं लगेगी, जमीन पर पांव नहीं जमा पाएगा तो खुदकुशी के रास्ते को चुनेगा। उन्होंने कहा गरीबी सरकार ही पालती है, इसका फायदा धर्म विशेष के लोग उठाते हैं।

राजा कौन इसका पता नहीं

उन्होंने कहा कि भारत में मंत्री तो बहुत हैं परंतु राजा कौन है,  इसका पता ही नहीं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार के नेता भारत को चाहिए उस प्रकार के नेता प्राप्त नहीं हुए। चुनाव की प्रक्रिया ही ऐसी है जिसमें स्वच्छ शासन तंत्र का मिलना ही कठिन है।

श्रीनगर। कश्मीर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा से पहले एनआइटी के छात्र ने माहौल बिगाडऩे का प्रयास किया। सुरक्षा बलों ने तत्काल मोर्चा संभालकर उसे शांत कर दिया। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए राजनीतिक दलों ने प्रचार तेज कर दिया है। कश्मीर के भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में गुरुवार को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर पार्क में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा हुई।

जनसभा से पहले कुछ ऐसा घटनाक्रम हुआ कि सुरक्षा बल सकते में आ गए। प्रधानमंत्री की सभा होने से पहले सभा स्थल वाले मार्ग पर सार्वजनिक परिवहन के वाहनों को सुरक्षा कारणों के चलते बंद करना पड़ा। सभा स्थल के बाहर और अंदर कड़ी सुरक्षा थी, दस जगह जांच करने के बाद ही लोगों को प्रवेश दिया गया।

छात्र ने मचाया उत्पात

इसी बीच सभा स्थल के बाहर एनआइटी के एक छात्र ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया। वह जोर-जोर से बोलने लगा कि प्रधानमंत्री का दौरा है, इसका मतलब ये तो नहीं वाहनों का संचालन बंद कर दिया जाए। वो अनंतनाग से आ रहे हैं और श्रीनगर में उन्हें कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा फिर भी उनकी क्लास छूट गई है। इन्होंने कश्मीर को पिंजरा बनाकर रखा है।

प्रधानमंत्री को यहां आना है तो क्या स्टूडेंट को पैदल चलना पड़ेगा। राजनीतिक कार्यकर्ताओं को सेफ जोन मिलता है। उन्हें गाडिय़ों में जाने दिया जा रहा है। आम लागों को रोका जाता है। यह कैसा लोकतंत्र है। जब आर्टिकल 370 तोड़ा तब भी स्टूडेंट के बारे में नहीं सोचा गया। अब भी नहीं सोच रहे।

सभा स्थल पर प्रवेश से पहले दस जगह सुरक्षा जांच

इस पर जम्मू-कश्मीर पुलिस, केन्द्रीय सुरक्षा बल और सेना के अधिकारी उसके पास गए और शांत होने के लिए कहा। उसके बाद उससे पूछताछ की गई। सबका मकसद जम्मू कश्मीर की तेज तरक्की सभा स्थल पर करीब दस जगह सुरक्षा जांच की गई, इसके बाद ही लोगों को पंडाल में प्रवेश करने दिया।

इसके बाद जब जनसभा शुरू हुई तो पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत कश्मीरी भाषा में की। उन्होंने कहा कि हम सब का मकसद जम्मू कश्मीर की तेज तरक्की है। तेज तरक्की का जज्बा और बुलंद करने के पैगाम के साथ मैं आपके बीच में आया हूं।

मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जम्हूरियत का त्योहार चल रहा है। पहली बार दहशतगर्दी के साए के बिना राज्य में वोटिंग हुई है। हम सभी के लिए ये खुशी और गर्व की बात है कि इतनी बड़ा तादाद में लोग वोटिंग लिए घरों से बाहर निकले। किश्तवाड़ में 80 फीसदी से ज्यादा वोटिंग, डोडा में 71 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग। ये नया इतिहास बना है। ये इतिहास जनता ने रचा है।

PM मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले जब जम्मू-कश्मीर आया था तो कहा था कि यहां की बर्बादी के लिए तीन खानदान जिम्मेदार हैं। तब से दिल्ली से लेकर कश्मीर तक ये लोग बोखलाए हुए हैं। तीन खानदानों को लगता है कि इन पर कोई कैसे सवाल उठा सकता है।

इन्हें लगता है जैसे तैसे कुर्सी पर कब्जा करना और लोगों को लूटना इनका पैदायशी हक है। जम्मू कश्मीर की आवाम को जायज हक से अलग रखना ही इनका सियासी एजेंडा रहा है। इन्होंने जम्मू कश्मीर को केवल डर और अराजकता ही दी है। पीएम मोदी ने कहा कि इन तीन खानदानों के राज में जम्मू कश्मीर के नौजवानों ने जो भोगा है जो तकलीफ सही वो अक्सर बाहर नहीं पाती है।

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CG Prime News@दुर्ग. छत्तीसगढ़ को दुर्ग-विशाखापट्नम (durg visakhapatnam vande bharat train) के रूप में सोमवार को दूसरी वंदे भारत ट्रेन मिल गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शाम 4.15 बजे वर्चुअली दुर्ग-विशाखापट्नम वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। यह ट्रेन रात 12.20 बजे विशाखापट्टनम पहुंचेगी। रायपुर में राज्यपाल रमेन डेका ने इसे हरी झंडी दिखाई। इस दौरान डिप्टी सीएम, सांसद समेत कई विधायकों और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इसका पहला सफर दुर्ग की महिला ट्रेन सुपरिटेंडेंट अंजु लकड़ा की निगरानी में हो रहा है।

खुशी में झूमते दिखे यात्री
दुर्ग-विशाखापट्नम वंदे भारत एक्सप्रेस में सवार यात्रियों के खुशियों का ठिकाना न रहा। अपने पहले सफर पर विशाखापट्नम रवाना हुई वंदे भारत एक्सप्रेस की सुविधाओं को देखकर यात्री बेहद खुश नजर आए। वहीं चेयर सीट के रोटेशन फैसिलिटी की भी जमकर तारीफ की। रायपुर और दुर्ग जंक्शन में वंदे भारत एक्सप्रेस के यात्रियों का ढोल-नगाड़े के साथ स्वागत किया गया। दूसरी ओर ट्रेन के लोको पायलट केबिन में पहले नींबू मिर्ची बांधा गया। उसके बाद लाल कपड़े में नारियल लपेटकर रखा गया। जिसके बाद लोको पायलट ने ट्रेन का हार्न बजाकर सफर का आगाज किया।

नार्मल ट्रेन से दोगुना किराया
दुर्ग से विशाखापट्टनम तक एग्जीक्यूटिव का किराया 2410, चेयर कार का 1205 रुपए तय किया गया है। वहीं रायपुर से एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 2300 रुपए और चेयर कार का 1150 रुपए है। जबकि दुर्ग से विशाखापट्टनम जाने के लिए सामान्य ट्रेन से करीब 16 घंटे लगते हैं। जनरल का किराया 170 रुपए, स्लीपर का 320 रुपए, 3्रष्ट का 812 और 2्रष्ट का किराया 1169 रुपए है।

जानिए वंदे भारत ट्रेन की खासियत और सुविधा
वंदे भारत ट्रेन भारत में सबसे तेज चलनी वाली ट्रेन है। यह ट्रेन सिर्फ 52 सेकेंड में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पकड़ लेती है। फिलहाल इसे रेलवे 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चला रही हैं, जिसे 200 किमी प्रति घंटे तक ले जाने का प्लान है।

government भारत सरकार ने 273 किलोमीटर की कुल दूरी तक 74 नई सुरंगें बनाने की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। लगभग 1 लाख करोड़ रुपए की लागत वाली यह परियोजना भारत के राजमार्ग नेटवर्क को मजबूत करने के उद्देश्य से एक बड़ी पहल का हिस्सा है। यह घोषणा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) द्वारा आयोजित टनलिंग इंडिया सम्मेलन के दूसरे संस्करण में की है।

सुरंग निर्माण के लिए विदेशी भागीदारी के पक्ष में हैं गडकरी

गडकरी ने Modi government सुरंग निर्माण के लिए संयुक्त उद्यमों में विदेशी भागीदारों को 51 प्रतिशत हिस्सेदारी देने का समर्थन किया है। उनका मानना है कि इस दृष्टिकोण से यह सुनिश्चित होगा कि केवल गंभीर और तकनीकी रूप से योग्य भागीदार ही सुरंग परियोजनाओं के लिए बोली लगाएंगे।मंत्री ने उच्च गुणवत्ता मानकों को बनाए रखते हुए भारत में चुनौतियों का सामना करने के लिए तकनीकी प्रगति और लागत प्रभावी समाधानों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

बन चुकी हैं 35 सुरंगे

गडकरी ने Modi government बताया कि केंद्र सरकार ने 15,000 करोड़ रुपए की लागत से 49 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली कुल 35 सुरंगों का निर्माण पूरा कर लिया है।इसके अलावा, 134 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली 69 और सुरंगें वर्तमान में निर्माणाधीन हैं, जिनकी अनुमानित लागत लगभग 40,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने प्रारंभिक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) चरण से लेकर कार्यान्वयन तक परियोजनाओं के व्यापक मूल्यांकन की वकालत भी की।

पटना। Chirag Paswan latest news: बिहार एलजेपी के अध्यक्ष व मोदी कैबिनेट के खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan latest news) की गाड़ी का टोल प्लाजा में ऑटोमैटिक चालान कट गया। यह वाक्या बिहार के एक टोल प्लाजा में हुआ। इससे पटना से लेकर दिल्ली तक खलबली मच गई। जानकारी लगते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले को संभाला।

गौरतलब है कि सांसद (Chirag Paswan latest news) व विधायकों को टोल टैक्स नहीं लगता है। उन्हें इस टैक्स से छूट मिली होती है। इस संबंध में आरटीओ विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि किसी भी गाड़ी का यात्रा के दौरान बीमा, परमिट व प्रदूषण प्रमाण पत्र सहित अन्य कागजात होना जरूरी है।

Chirag Paswan latest news

यदि आप बिहार में किसी चारपहिया वाहन से सफर कर रहे हैं तो सतर्क हो जाएं। हो सके तो अपने साथ वाहन के पूरे दस्तावेज रखें, अन्यथा चालान कट सकता है। बिहार सरकार द्वारा ई-डिटेक्शन सिस्टम से ई-फाइन चालू किया गया है। इसमें किसी गाड़ी का पुख्ता कागजात न होने पर अपने आप चालान (Chirag Paswan latest news) कट जाएगा।

नए सिस्टम के तहत बिहार सरकार (Chirag Paswan latest news) ने अब प्रदेश के सभी टोल प्लाजा पर ई-डिटेक्शन सिस्टम चालू कर दिया है। पिछले 19 दिनों की बात करें तो टोल प्लाजा से गुजरने वाली करीब 15 हजार गोडिय़ों का चालान कट चुका है। चालान कटते ही वाहन मालिक को मैसेज आ जाता है।

विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर BJP आज एक नई फजीहत में फस गई। पार्टी ने सोमवार को पहली लिस्ट सुबह 10 बजे जारी की, जिसमें कुछ दिग्गज नेताओं के नाम नहीं थे।

इसे वापस लेने के बाद पार्टी ने 15 प्रत्याशियों के नाम वाली नई लिस्ट रिलीज की। इसमें बाद में एक और नाम जोड़ा गया। कुल 16 प्रत्याशी (Jammu-Kashmir Election) घोषित होने के बाद टिकट की दावेदारी करने वाले कई बीजेपी नेताओं के समर्थकों ने पार्टी ऑफिस के बाद अपने नेता को टिकट न मिलने पर बवाल मचा दिया।

जम्मू स्थित बीजेपी के पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं ने अपना नाराजगी जाहिर की। ये सभी लोग बीजेपी की टिकट लिस्ट का विरोध कर रहे हैं। (Jammu-Kashmir Election) पार्टी कार्यकर्ता अलग-अलग दलों से आए नेताओं को पार्टी द्वारा टिकट मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं, जिसके चलते अपने करीबी नेता को टिकट न मिलने पर उन्होंने पार्टी मुख्यालय में ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

Jammu-Kashmir Election पूरी सूची वापस

इस मामले में जम्मू-कश्मीर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन पर कहा कि पहली सूची को वापस लिया गया है, दूसरी सूची जारी की गई है। (Jammu-Kashmir Election) प्रथम चरण के लिए 15 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा में किसी का टिकट नहीं काटा जाता है। हम सब मिलकर चुनाव लड़ते हैं। रैना ने कहा कि दूसरी सूची भी जल्द जारी की जाएगी।

वहीं पहले वाली लिस्ट जारी करने को लेकर बीजेपी के सूत्रों ने कहा है कि पार्टी को पहले (Jammu-Kashmir Election) पूरी सूची वापस लेनी पड़ गई। वहीं बीजेपी द्वारा सोमवार की सुबह जारी 44 उम्मीदवारों की लिस्ट वापस लेने के मामले पर सूत्रों ने कहा कि पार्टी को पहले चरण की लिस्ट जारी करनी थी लेकिन गलती से बाकी दोनों चरणों की लिस्ट जारी हो गई।

केंद्र सरकार ने लेटरल lateral entry भर्ती पर रोक लगाने का फैसला किया है। असल में कुछ दिन पहले ही यूपीएसी ने एक विज्ञापन जारी कर लेटरल भर्ती की बात कही थी। लेटरल एंट्री में किसी भी शख्स को यूपीएसी परीक्षा में बैठने की जरूरत नहीं होती और सीधे ही उसकी नियुक्ति बड़े पदों पर होती है। इसमें आरक्षण का लाभ किसी एक समुदाय को नहीं मिलता है। लेकिन इसी प्रक्रिया पर बवाल शुरू हुआ और अब पीएम मोदी ने उस पर रोक लगाने का फैसला किया।

Lateral entry पर लगेगी रोक

बताया जा रहा है कि कार्मिक विभाग की तरफ से यूपीएसी को एक विस्तृत चिट्ठी लिख दी गई है। उस चिट्ठी में माना जा रहा है कि लेटरल भर्ती पर रोक लगाने के लिए कहा गया है। बड़ी बात यह भी है कि पीएम मोदी के निर्देश के बाद ही यह चिट्ठी लिखी गई है। जानकार मानते हैं कि इस मुद्दे पर सरकार बैकफुट पर आ रही थी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने तो इसे ओबीसी विरोधी तक बता डाला था। इसी बीच अब लेटरल एंट्री पर रोक लगाने का फैसला हुआ है।

सोच समझ कर हुई वापसी

लेटरल एंट्री में क्योंकि आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है,इसी वजह से केंद्र ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। समझने वाली बात यह भी है कि इसी आरक्षण मुद्दे की वजह से लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा था। विपक्ष ने नेरेटिव सेट किया था कि बीजेपी आरक्षण खत्म कर देगी, संविधान को बदल देगी। लेकिन अब जब तीसरी बार सरकार बन गई है, पार्टी फूंक-फूंक कर हर कदम रखना चाहती है।

आखिर क्या है lateral entry

वैसे लेटरल एंट्री को लेकर यह बात समझना जरूरी है कि इस प्रक्रिया से आए हुए लोग केंद्रीय सचिवालय का हिस्सा होते हैं, जिसमें उस समय तक केवल अखिल भारतीय सेवाओं/केंद्रीय सिविल सेवाओं से आने वाले नौकरशाह ही सेवा दे रहे थे। लेटरल एंट्री से आने वाले लोगों को तीन साल के कांट्रेक्ट पर रखा जाएगा जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है। लेकिन अभी के लिए उस विज्ञापन पर भी रोक लगी है और सीधी भर्ती भी नहीं होने जा रही है।