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लाइफस्टाइल डेस्क ।डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म फोनपे ने दिवाली के अवसर पर एक नई बीमा पॉलिसी पेश की है। ‘फायरक्रैकर इंश्योरेंस’ नामक यह बीमा पॉलिसी पटाखों से होने वाली दुर्घटनाओं के खिलाफ कवरेज देती है। यह पॉलिसी केवल 9 रुपये में उपलब्ध है और 10 दिनों के लिए 25,000 रुपये तक की कवरेज राशि देती है। यह बीमा दिवाली के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक अभिनव तरीका है, जिससे यूजर्स सुरक्षित उत्सव का अनुभव कर सकते हैं।

चार सदस्यों को मिलता है कवरेज

पटाखा बीमा पॉलिसी 4 सदस्यों के परिवार को कवरेज प्रदान करती है, जिसमें पॉलिसीधारक, उनके जीवनसाथी और 2 बच्चे शामिल हैं। यह पॉलिसी पटाखों से होने वाली घटनाओं के कारण अस्पताल में भर्ती या आकस्मिक मृत्यु के खर्चों को कवर करेगी। पॉलिसी को फोनपे ऐप के माध्यम से खरीदा जा सकता है और इसका कवरेज 25 अक्टूबर, 2024 से शुरू होगा। अगर इसे इस तिथि के बाद खरीदा जाता है, तो कवरेज खरीद की तारीख से शुरू होगा।

ऐसे खरीद सकेंगे पॉलिसी

इस बीमा को फोनपे ऐप पर आसानी से खरीदा जा सकता है। यूजर्स ‘इंश्योरेंस’ सेक्शन में जाकर ‘फायरक्रैकर इंश्योरेंस’ का चयन करके इसके लिए भुगतान कर सकते हैं।
फोनपे ने दिवाली के दौरान पटाखों से होने वाली चोटों के बढ़ते मामलों के जवाब में इस बीमा पॉलिसी को लॉन्च किया है।
फोनपे इंश्योरेंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) विशाल गुप्ता ने कहा है कि यह बीमा परिवारों को दुर्घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करेगा, जिससे वे तनावमुक्त होकर जश्न मना सकेंगे।

भिलाई . छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय की यूटीडी सहित तमाम तकनीकी कॉलेजों के लिए नया सिलेबस तैयार किया जा रहा है। यह सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत होगा, जिसमें छत्तीसगढ़ रीजन लैंग्वेज से भी पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। सीएसवीटीयू ने सिलेबस तैयार करने टास्क फोर्स का गठन कर दिया है। इसमें तकनीकी शिक्षा संचालनालय के आला अफसरों के साथ अन्य विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर भी मदद करेंगे। इसको लेकर हाल ही में एक बैठक हुई है, जिसमें सीएसवीटीयू में इंडियन नॉलेज सेंटर बनाने का निर्णय लिया गया है।

बहरहाल, इस साल विद्यार्थियों को पुराना सिलेबस ही पढऩा होगा, लेकिन अगले सत्र के नव-प्रवेशित छात्रों को नया अपडेटेड सिलेबस मिलेगा। इस सिलेबस की खास बात यह है कि, इसमें थ्योरी को कम और प्रैक्टिकल को अधिक क्रेडिट दिए जाएंगे। जिससे विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग के साथ तमाम टेक्निकल कोर्स की बारीकियां भी सीखने को मिलेंगी। नए सिलेबस में इंडस्ट्रियल विजिट को तरजीह देते हुए ही कोर्स कंटेंट डिजाइन करने की जिम्मेदारी बांटी गई है।

इंजीनियरिंग में भी नहीं रहेगी ऐज लिमिट

कोर सिविल इंजीनियरिंग का छात्र कंप्यूटर साइंस के सब्जेक्ट भी पढ़ेगा। लिट्रेचर, म्युजिक, पोएट्री, ड्रामा, सामाजिक विज्ञान जैसे दर्जनों विषयों में से अपनी रुचि का विषय चुन सकेंगे। इसके साथ अब इंजीनियरिंग छात्रों को इंडियन नॉलेज सिस्टम के तहत कोर्स भी पढऩे को मिलेंगे। यह विषय छात्र इलेक्टिव सब्जेक्ट के तौर पर चुन सकेंगे, जिसके उनको क्रेडिट अंक भी दिए जाएंगे। तकनीकी शिक्षा संचालनालय ने अगले शैक्षणिक सत्र से तकनीकी पाठ्यक्रमों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-२०२० लागू करने का निर्णय ले लिया है। डीटीई में एनईपी लागू करने को लेकर अहम बैठक हुई, जिसमें छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय ने भी अपना मसैादा विभाग के सामने रखा।

उम्र का बंधन अब नहीं

राज्य में एनईपी लागू होने के बाद इंजीनियरिंग के साथ किसी भी टेक्निकल कोर्स में दाखिले के लिए आयु सीमा का बंधन नहीं रहेगा। पहले २५ वर्ष की अधिकतम आयु तक ही इंजीनियरिंग कॉलेजों में नियमित प्रवेश दिए जाते थे, लेकिन अब 80 वर्ष का व्यक्ति भी इंजीनियरिंग की नियमित पढ़ाई करेगा।

करिकूलम बदलेगा सीएसवीटीयू

एनईपी के तहत कोर्स कंटेंट में बड़ा बदलाव होना है। इसके लिए छात्रों का कोर्से करिकूलम पूरी तरह से बदल जाएगा। कोर्स को इंडस्ट्री ट्रेंड के हिसाब से तैयार करने की जिम्मेदारी सीएसवीटीयू की होगी। कुछ कोर्स सेंट्रल बॉडी से भी मिलेंगे जिसको सीएसवीटीयू अपने छात्रों के बीच लागू करेगा। इसके अलावा नए सेशन से थ्योरी कम और प्रैक्टिकल ज्यादा की नीति लागू होगी जिसमें रेश्यो 40-60 होगा। इसके अलावा इंटर्नशिप की अवधी भी बढ़ेगी।

मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स

अभी तक छात्र सिर्फ क्लासरूम तक ही सीमित थे, लेकिन अब पढ़ाई का तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा। वैल्युएडेड कोर्स की पढ़ाई मॉक यानी मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स के जरिए कराई जाएगी। इसके लिए छात्रों को सीएसवीटीयू कई सारे लर्निंग प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगा। कोर विषय के अतिरिक्त किसी भी अन्य विषय में भी मॉक कोर्स करने पर इसके अंक छात्र के मार्कशीट में जोड़ दिए जाएंगे। कोर्स का क्रेडिट ट्रांसफर होगा।

स्किल बेस्ड कोर्स का चयन करेंगे

अपने मुख्य विषयों के साथ-साथ विद्यार्थियों को स्किल बेस्ड विषय भी चुनने की आजादी होगी। इसमें ऐसे कोर्स रखे गए हैं, जिनका सीधा संबंध नौकरी हासिल करने से है। यानी जॉब मार्केट में चल रही स्किल को ध्यान में रखकर छात्र खुद को डेवलप करेंगे। इसमें कम्युनिकेटिव स्किल से लेकर कंप्यूटर एवं क्रिएटिव आर्ट एंड डिजाइन, पब्लिक स्पीकिंग, डिजिटल मार्केटिंग जैसा सबकुछ होगा। इसमें कई आधा सैकड़ा कोर्स ऑफर किए जाएंगे।

सभी कॉलेजों में होगा इन्क्यूबेटर

डीटीई में दिए गए प्रजेंटेशन में सीएसवीटीयू ने अपना पक्ष रखते हुए तमाम इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्टार्टअप इन्क्यूबेशन को अनिवार्य करने की बात रखी है। एनईपी के तहत इसकी निगरानी सीएसवीटीयू करेगा। इसके साथ सभी कॉलेजों को छात्रों के प्लेसमेंट के लिए भी विशेष सेल गठित बनाने के निर्देश दिए जाएंगे। तीसरे सेमेस्टर से आखिरी वर्ष की प्लेसमेंट में बेहतर तैयारी के लिए ट्रेनिंग शुरू होगी।

अगले सत्र से इंजीनियरिंग सहित तमाम तकनीकी कोर्स का सिलेबस बदल जाएगा। इसको लेकर संचालनालय से बैठक हुई है। कोर्स कंटेंट को तैयार करने के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन है। सिलेबस इस तरह से तैयार किया जाएगा कि इसमें स्किल बेस्ड एजुकेशन पर फोकस हो।
अंकित अरोरा, कुलसचिव, सीएसवीटीयू
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दुर्ग, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दुर्ग नगर के वार्ड नंबर 03 मठपारा में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने नगर निगम अंतर्गत 22 करोड़ 97 लाख 7 हजार रूपए लागत के विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। जिसमें 1 करोड़ 98 लाख 39 हजार रूपए लागत के उरला में खेल मैदान का विकास कार्य, 88 लाख 47 हजार रूपए लागत केेे सड़क सुरक्षा के लिए राजेन्द्र पार्क चौक में विकास कार्य, 1 करोड़ 66 लाख 2 हजार रूपए लागत के विभिन्न स्थानों में वृक्षारोपण कार्य, 1 करोड़ 35 लाख 41 हजार रूपए लागत के विभिन्न वार्डों में 8 स्थानों पर डामरीकरण जैसे विभिन्न कार्यों की सौगात दी।

दुर्ग को और क्या मिलेगा

मुख्यमंत्री ने 1 स्थान पर पेवर ब्लॉक, 1 करोड़ 99 लाख 43 हजार रूपए लागत के गया नगर 33 के.वी. पावर स्टेशन के पास डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन निर्माण कार्य, 49 लाख 98 हजार रूपए लागत के वार्ड क्रमांक 15 सतनाम भवन आयुर्वेदिक अस्पताल के पीछे सांस्कृतिक भवन निर्माण कार्य, 8 करोड़ 33 लाख रूपए लागत के शहर के विभिन्न वार्डों में कुल 59 कार्य (सड़क, नाली पुलिया निर्माण), 2 करोड़ 72 लाख 37 हजार रूपए लागत के वार्ड क्रमांक 32 शिक्षक नगर में वाटर सप्लाई पार्ट ए एवं बी, 25 लाख रूपए लागत के राजेन्द्र पार्क चौक पर भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापना का भी ऐलान किया।

जानिए कौन कौन रहा मौजूद

कार्यक्रम की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरूण साव ने की। सांसद विजय बघेल, विधायक गजेन्द्र यादव एवं विधायक रिकेश सेन विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे।

अंबिकापुर। दर्शन, दीक्षा एवं संगोष्ठी कार्यक्रम में 3 दिवसीय दौरे पर आए शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने शनिवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि गौ-रक्षा के लिए आए मोदी गौ-हत्या के एजेंट हो गए हैं। वे गौ-रक्षा के नाम पर प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री बनने के बाद वे गौ रक्षकों को गुंडा कहते हैं। प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे, लेकिन मर्यादा का ज्ञान नहीं रखते हैं।

अमर्यादित ढंग से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि पीएम मोदी ने अमर्यादित ढंग से रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की। इस कारण से वे गिर भी रहे हैं। जहां-जहां राम गए, वहां भाजपा साफ हो गई। जय श्री राम कहना भूल गए।

पहले मोदी की गारंटी कहते थे, अब नीतीश-नायडू की बैसाखी  पर हैं। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तो कहते थे कि मनमोहन सिंह सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

निश्चलानंद ने कहा कि शिक्षित व्यक्ति नौकर ही बनेगा, चाहे वह राज्यपाल हो या राष्ट्रपति। युवाओं की नौकरी नहीं लगेगी, जमीन पर पांव नहीं जमा पाएगा तो खुदकुशी के रास्ते को चुनेगा। उन्होंने कहा गरीबी सरकार ही पालती है, इसका फायदा धर्म विशेष के लोग उठाते हैं।

राजा कौन इसका पता नहीं

उन्होंने कहा कि भारत में मंत्री तो बहुत हैं परंतु राजा कौन है,  इसका पता ही नहीं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार के नेता भारत को चाहिए उस प्रकार के नेता प्राप्त नहीं हुए। चुनाव की प्रक्रिया ही ऐसी है जिसमें स्वच्छ शासन तंत्र का मिलना ही कठिन है।

डोंगरगढ़ । पहाड़ी पर विराजित विश्व प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी (बमलई) मंदिर में डेढ़ क्विंटल वजनी चांदी का दरवाजा लगेगा। नवरात्र पर्व के पहले पुराने को निकालकर नया दरवाजा लगा दिया जाएगा। इसकी लागत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये होगी।

दरवाजे पर लगाए जाने वाली चांदी की चादर की मोटाई 22 गेज की होगी, जिसे रायपुर में तैयार कराया गया है। इसे लकड़ी के ऊपर नई डिजाइन के साथ चढ़ाया जाएगा। इसके लिए महाराष्ट्र के नासिक से छह कारीगरों की टीम डोंगरगढ़ पहुंच गई है।

एक-दो दिन में काम शुरू करा दिया जाएगा। ऊपर मंदिर में लगभग 17 वर्ष पहले करीब 60 किलो वजनी चांदी का दरवाजा लगवाया गया था, जो पुराना होने के कारण टूट-फूट गया है। उसी दरवाजे को बदला जाना है। पुराने दरवाजे की चांदी का उपयोग उसे गलाकर अन्य जगह किया जाएगा।

दिया जा रहा प्राचीनतम स्वरूप

  • नए दरवाजे में आकर्षक डिजाइन बनवाई जा रही। इसमें धार्मिक चिन्हों के अतिरिक्त अन्य तरह की कलाकारी भी रहेगी। चांदी की चादर शनिवार को रायपुर से पहुंच गई। अब उसे प्रेस कर साइज से काटी जाएगी।
  • दूसरी तरफ नीचे वाले बम्लेश्वरी मंदिर को प्राचीनतम स्वरूप दिया जा रहा है। मंदिर के सामने वाले भाग में बिछाए गए गुलाबी पत्थर की पालिश भी कराई जा रही है। उसे केमिकल से लेमीनेट कर चमकाया जाएगा।
  • पिलरों में नक्काशी कर देवी-देवताओं की आकृति भी उकेरी जा रही है। साथ ही गुंबज वाले हिस्से में जीर्णोद्धार का जो काम शेष रह गया था, उसे भी पूरा कराया जा रहा है। पत्थरों वाला काम ओडिशा के 20 कलाकार कर रहे हैं।

बिलासपुर। गर्भवती दुष्कर्म पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करने के लिए शाम छह बजे दोबारा हाई कोर्ट खुला। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल ने स्पेशल बेंच का गठन किया। नियमानुसार स्पेशल बेंच में सुनवाई के लिए अर्जेंट हियरिंग के मामले के लिए काजलिस्ट जारी किया गया।

शाम छह बजे से स्पेशल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। दुष्कर्म पीड़िता ने 27 हफ्ते के गर्भ को गिराने की गुहार लगाई। पीड़िता के शारीरिक व मानसिक दिक्कतों को कोर्ट ने गंभीरता के साथ सुना और मेडिकल बोर्ड से जांच रिपोर्ट मांगी। इस मामले की दोबारा सुनवाई आज सोमवार को होगी।

को स्पेशल बेंच का गठन

हाई कोर्ट की संवेदनशीलता समय-समय पर प्रदेशवासियों के सामने आती ही रहती है। कुछ इसी तरह का मामला छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के सामने आया। दुष्कर्म पीड़िता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अर्जेंट हियरिंग के तहत सुनवाई की गुहार लगाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस ने रजिस्ट्रार जनरल को स्पेशल बेंच का गठन करने और अर्जेंट हियरिंग के तहत प्रकरण की सुनवाई की व्यवस्था करने का निर्देश जारी किया।

उसके पेट में बच्चा पल रहा

काजलिस्ट जारी होते ही स्पेशल बेंच बैठी और सुनवाई प्रारंभ की गई। याचिकाकर्ता पीड़िता के अधिवक्ता ने स्पेशल बेंच को बताया कि दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता को गर्भ ठहर गया है। उसे 27 सप्ताह का गर्भ है। उसके पेट में बच्चा पल रहा है। वह इस अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाना चाहती है। पीड़िता की ओर से अधिवक्ता ने अनचाहे गर्भ को गिराने (गर्भपात) की अनुमति मांगी है।

ओडिशा। यहां के बालासोर जिले में एक महिला को ग्रामीणों ने तालीबानी सजा दी है। दरअसल बच्चे को मिड-डे-मिल में अंडा न देने पर ग्रामीणों ने आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता को पेड़ से बांधकर उसकी जमकर पिटाई की। ग्रामीण घायल अवस्था में महिला को छोड़कर वापस घर चले गए। जैसे-तैसे महिला ने सिलांग पुलिस को सूचना दी।

नबाड़ी कार्यकर्ता को गांव की महिलाओं ने पीटा

मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता उर्मिला सामल की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। जानकारी में बताया गया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को गांव की महिलाओं ने पीटा है। आरोप लगाया कि सरकार मिड-डे-मिल का पैसा दे रही है लेकिन आगंवाड़ी कार्यकर्ता हमारे बच्चों को नियमित अंडा नहीं दे रही थी।

टना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल

इसका विरोध किया तो वो धमकाने लगी। इसीलिए उनकी मारपीट की। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। बता दें कि जब सामल आंगनवाड़ी केंद्र में कागजी काम कर रही थी, तभी कुछ महिलाएं वहां पहुंच गईं। पहले गांव की महिलाओं ने गाली-ग्लोज की। फिर उसको पेड़ से बांधकर मारपीट की।

बस्ता अस्पताल में भर्ती कराया गया

सूचना मिलने पर बलियापाल सीडीपीओ पार्वती मुर्मू और कुछ अन्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और स्थानीय लोगों को शांत कराया। सामल को बचाया गया और इलाज के लिए बस्ता अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है, लेकिन अभी तक इस मामले में किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है।

नई दिल्ली। दिल्ली की अदालत ने स्वयंभू बाबा दाती महाराज और उनके दो भाइयों अशोक और अर्जुन के खिलाफ रेप, अननैचुरल सेक्स और आपराधिक तरीके से धमकी देने के आरोप तय कर दिए हैं। यह मामला एक महिला द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से जुड़ा है, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि दाती महाराज और उनके भाइयों ने आश्रम में उसके साथ बलात्कार किया। अदालत ने जांच के बाद दाती महाराज और उनके भाइयों अशोक व अर्जुन के खिलाफ आरोप तय किए हैं, जबकि उनके एक अन्य भाई अनिल को आरोपों से मुक्त कर दिया गया है। इस फैसले से दाती महाराज और उनके भाइयों की कानूनी समस्याएं बढ़ने की संभावना है, और उन्हें आगे अदालत में मुकदमे का सामना करना होगा।

कई धाराओं में दर्ज किया गया केस

दिल्ली की एडिशनल सेशन जज (स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट) नेहा की अदालत ने दाती महाराज उर्फ मदन लाल राजस्थानी और उनके भाइयों अशोक और अर्जुन के खिलाफ गंभीर आरोप तय किए हैं। इनमें धारा 376 (बलात्कार), धारा 377 (अननैचुरल सेक्स), और धारा 506 (आपराधिक धमकी) सहित अन्य धाराएं शामिल हैं। आरोपियों ने अदालत में खुद को निर्दोष बताया है। अब अभियोजन पक्ष को अदालत में सबूत पेश करने के लिए 18 अक्टूबर की तारीख दी गई है। पीड़िता के वकील प्रदीप तिवारी ने जानकारी दी है कि अदालत ने इन आरोपों को गंभीर मानते हुए मामला आगे बढ़ाया है, और अभियोजन की ओर से सबूत पेश करने के बाद सुनवाई की जाएगी।

6 साल पहले दी थी शिकायत

दाती महाराज के खिलाफ यह मामला 7 जून 2018 को तब दर्ज हुआ, जब उनकी एक शिष्या ने दक्षिण दिल्ली के फतेहपुर बेरी पुलिस थाने में उनके और उनके तीन भाइयों (अशोक, अनिल, और अर्जुन) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिष्या ने आरोप लगाया कि दाती महाराज ने दिल्ली और राजस्थान में स्थित अपने आश्रमों में उसके साथ बलात्कार किया था। इस शिकायत के आधार पर 11 जून 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद, 22 जून को पुलिस ने दाती महाराज से पूछताछ की थी। बाद में यह मामला क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया था, जिसने 1 अक्टूबर 2018 को मामले की जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल की थी।

CBI को सौंपा गया मामला

दिल्ली हाईकोर्ट ने 3 अक्टूबर 2018 को दाती महाराज के खिलाफ मामले की जांच को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था। अदालत ने यह निर्णय लिया क्योंकि उसे लगा कि जिस तरीके से दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच की, उससे जांच की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है। इससे पहले, दिल्ली पुलिस की छानबीन पर सवाल उठाए गए थे, जिसके चलते मामला सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई ने इस मामले में 9 जनवरी 2016 को फतेहपुर बेरी स्थित आश्रम में 25 वर्षीय महिला से बलात्कार और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के आरोपों के तहत दाती महाराज और उनके तीन भाइयों के खिलाफ 26 अक्टूबर 2018 को प्राथमिकी दर्ज की थी।

भिलाई . छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में अगले साल से यूटीडी में बी.फार्मेसी के साथ मास्टर ऑफ फार्मेसी की पढ़ाई भी शुरू होगी। सीएसवीटीयू ने इसकी तैयारी कर ली है। प्रस्ताव फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजा गया है। ये प्रस्ताव जल्द ही कार्यपरिषद में रखा जाएगा। यूटीडी भवन का नया ब्लॉक निर्माण पूरा होने के साथ ही इसमें कक्षाएं शुरू होंगी। इस साल से यूटीडी भवन में बी.फार्मेसी का आगाज हो जाएगा। रायपुर फार्मेसी कॉलेज को सीएसवीटीयू ने यूटीडी में शिफ्ट कर लिया है।

इस बार की काउंसलिंग में तकनीकी शिक्षा संचालनालय सीएसवीटीयू फार्मेसी को भी जोड़ेगा। अभी जहां बी.फार्मेसी की ६० सीटों का इनटेक दिया गया है, वहीं अगले साल से शुरू होने वाले एम.फार्मेसी में ३० सीटों का शुरुआती इनटेक रखने की तैयारी है। इस संस्थान का नाम सीएसवीटीयू कॉलेज ऑफ फार्मेसी होगा।

बचे थे आखिरी दो कॉलेज

पहले आयुष विश्वविद्यालय की संबद्धता से संचालित रायपुर और राजनांदगांव के यूनिवर्सिटी फार्मेसी कॉलेज अब छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय चला रहा है। ये दोनों ही कॉलेज आखिरी थे, जिनका संचालन आयुष विवि कर रहा था। इस तरह इन दोनों कॉलेजों को चलाने के लिए आयुष विवि में अलग से पूरा सेटअप काम करता था, जबकि प्रदेश के तमाम फार्मेसी कॉलेजों को सीएसवीटीयू संबद्धता देता था। इस संबंध में आयुष विवि ने सीएसवीटीयू से पत्राचार किया, जिसमें कॉलेजों को अपनी टेरीट्ररी में लेने का आग्रह किया गया। सीएसवीटीयू ने एनओसी दे दिया, जिसके बाद फार्मेसी के दोनों कॉलेज सीएसवीटीयू के संघटक बन गए।

अगले साल बढ़ेगी सीटें

सीएसवीटीयू के पास रायपुर और राजनांदगांव को मिलाकर दो संघटक फार्मेसी कॉलेज हैं। इनमें से इस साल सिर्फ रायपुर को ही शामिल किया जा रहा है। इसलिए सीट इनटेक ६० रखा है। वहीं अगले साल से यूटीडी फार्मेसी में राजनांदगांव का कॉलेज भी शामिल हो जाएगी। इस तरह सीएसवीटीयू कैंपस में चलाए जा रहे बीफार्मा कोर्स की सीटें बढक़र १२० हो जाएगी। इसके बाद दो साल में सीएसवीटीयू यहां पीजी कोर्स भी शुरू कराएगा।

अगले सत्र से सीएसवीटीयू यूटीडी में एम.फार्मेसी की शुरुआत होगी। नए यूटीडी भवन में कक्षाएं लगाई जाएगी। प्रस्ताव भेजा गया है। शासन से इनके लिए जरूरी पद भी मांगे जाएंगे।
डॉ. एमके वर्मा, कुलपति, सीएसवीटीयू

प्रदेशभर के उच्च अधिकारियों की बैठक में कंपनी अध्यक्ष के तीखे तेवर

रायपुर. ऊर्जा सचिव एवं छत्तीसगढ़ पावर कंपनीज के अध्यक्ष  पी. दयानंद ने बिजली विभाग के मैदानी अमले को त्वरित गति से उपभोक्ताओं की समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्युत उत्पादन के साथ ही वितरण में कुशलता लाकर उपभोक्ताओं को निरंतर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसमें किसी लापरवाही होने पर नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

पी. दयानंद ने छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के डंगनिया स्थित मुख्यालय सेवाभवन में आयोजित बैठक में कहा कि प्रदेश में 64 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं। निरंतर और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति हर किसी की जरूरत बन गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशाअनुरूप शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में बिना किसी व्यवधान के बिजली आपूर्ति होनी चाहिए, ताकि उनके विकास में किसी तरह की रूकावट न आए। इस बैठक में ऊर्जा विभाग के विशेष सचिव सुनील कुमार जैन सहित पावर कंपनी के प्रबंध निदेशकगण भीमसिंह कंवर (वितरण), एसके कटियार (उत्पादन) एवं आरके शुक्ला (पारेषण) उपस्थित थे।

उपभोक्ताओं के साथ विनम्र व्यवहार करें

बैठक में नए कनेक्शन, ब्रेक डाउन एवं शिकायतों की निवारण प्रणाली की समीक्षा की गई। इसमें श्री दयानंद ने कहा कि उपभोक्ताओं के फोन आने पर अधिकारियों को अच्छे लोकसेवक की तरह बर्ताव करना चाहिए। उनकी समस्या को ध्यान से सुनकर यथोचित संतोषपूर्ण उत्तर देना चाहिए एवं उनकी समस्याओं के निकारण के लिए त्वरित गति से मैदानी अमले को सक्रिय करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंधी-तूफान और बारिश के कारण जो समस्याएं आईं, उनका त्वरित निदान मैदानी अमले ने बखूबी किया है। आने वाले समय में धान पकने की अवस्था में कृषि पंपों को अधिक बिजली की जरूरत पड़ेगी। त्यौहार के सीजन में भी मांग बढ़ेगी। इसके लिए विद्युत प्रणाली में एकतरफा भार न आए और वितरण प्रणाली बेहतर तरीके से काम करे, इसे सुनिश्चित किया जाए।

उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित गति से करें समाधान

ऊर्जा विभाग के विशेष सचिव सुनील कुमार जैन ने कहा कि बिजली की उपलब्धता पर्याप्त है, इसे सही प्रबंधन करके उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाए। इसके लिए नई तकनीक का प्रयोग करते हुए त्वरित गति से समाधान किया जाए। शिकायत प्रणाली को मुस्तैद किया जाए, ताकि एकसाथ शिकायतें आने पर सभी की शिकायत दर्ज करके उनका निराकरण किया जा सके। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक वीके साय, संदीप वर्मा, एम. जामुलकर, शिरीष शैलेट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

भिलाई . छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ की अंडर-19 अंतर जिला क्रिकेट स्पर्धा जल्द ही अनाउंट होगी। इसमें भिलाई क्रिकेट एसोसिएशन बीसीए की टीम भी हिस्सा लेगी। इसी कड़ी में बीसीए ने 40 खिलाडिय़ों के लिए 15 दिवसीय कोचिंग कैंप का आगाज बुधवार को किया। कोचिंग कैंप के कोच टुमन लाल देवांगन एवं सोमेश्वर हैं। इस कोचिंग कैंप के बाद खिलाडिय़ों की तीन टीमें बनाई जाएंगी। जो आपस में मैच खेलेगी। मैच में प्रदर्शन के आधार पर 15 खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा। यह टीम बीसीए का अंतर जिला क्रिकेट प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व करेगी।

जम्मू और हरियाणा में राष्ट्रीय स्पर्धा

जम्मू एवं कश्मीर टेनिस बॉल क्रिकेट संघ द्वारा 35वीं सीनियर राष्ट्रीय टेनिस बॉल क्रिकेट चैंपियनशिप का आयोजन (पुरुष एवं महिला) 18 से 21 नवंबर तक भारतीय टेनिस बॉल क्रिकेट महासंघ के तत्वाधान में किया जा रहा है। चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ की महिला टीम भी भाग लेगी। इसके लिए चयन स्पर्धा कराई गई। जिसमें खिलाडिय़ों के प्रदर्शन के आधार खिलाडिय़ों का चयन किया गया।

इसमें जे सुधा, विद्या माहेश्वरी, संगीता पटेल, सोनम महम, आरा गायत्री, पूनम, मेघा, गीतांजलि, हेमा लिसा, देविका मोनिका शमिल हुईं। इसके अलावा स्टैंडबाई के तौर पर ज्योति गुप्ता, पलक जोशी, आलिया, ज्ञान मंजरी का चयन किया गया। चयनकर्ता जेपी आर्य, संतोष प्रसाद एवं कुदरत दास थे।

वहीं चेयरमैन सलेक्शन कमेटी वंश बहादुर सिंह (सचिव बीएसपी टेनिस बॉल क्रिकेट क्लब एवं सदस्य एनजेसीएस) के साथ संघ के सचिव आजाद अहमद खान मौजूद रहे। इसके साथ ही 17 से 20 अक्टूबर तक हरियाणा में आयोजित की जा रही 32वीं जूनियर (अंडर-19 बालिका वर्ग) राष्ट्रीय टेनिस बॉल क्रिकेट चैंपियनशिप के लिए भी चयन स्पर्धा कराई गई। जिसमें संध्या राव, भूमिका, जागृति, ज्ञान मंजरी, तान्या तनीषा, पलक जोशी, सत्या निषाद, गायत्री, लमीका, तुलसी, नमिता एवं तुमेश्वरी का चयन हुआ।

    भिलाई . छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिहाज से सेक्शन-8 कंपनी सीएसवीटीयू फोर्टे की स्थापना की गई है। बुधवार को सीएसवीटीयू के प्रतिनिधियों ने प्रदेश के राज्यपाल रमेन डेका से मुलाकात की। इस मुलाकात में सीएसवीटीयू फोर्टे के सीईओ अग्रांशु द्विवेदी शामिल रहे और उन्होंने राज्यपाल को इस कंपनी की जानकारी दी। बताया कि, 6 प्रमुख स्टार्टअप्स ने फोर्टे से जुड़े हुए हैं।

    स्टार्टअप की प्रस्तुतियां दीं

    यहां सभी ने अपने-अपने स्टार्टअप की प्रस्तुतियां दीं। पहली प्रस्तुति में विनिता पटेल के नेतृत्व में ‘आरुगÓ नामक स्टार्टअप सामने आया और बताया कि उन्होंने एक विशेष वॉशेबल सेनेटरी पैड तैयार किया है। राज्यपाल महिला-केंद्रित स्टार्टअप के प्रभाव रिपोर्ट और उपलब्धियों से प्रभावित हुए और भविष्य में विनिता पटेल के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का दौरा करने की इच्छा जताई।

    दूसरा स्टार्टअप ‘आत्मनिर्भर गांवÓ था, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए सौर ऊर्जा आधारित उपकरण विकसित कर रहा है। इस स्टार्टअप का नेतृत्व डॉ. आरएन पटेल और राहुल बघेल कर रहे हैं। राज्यपाल ने इस विचार को बहुत रोचक पाया और समाधान की लागत प्रभावशीलता और विस्तार क्षमता पर ध्यान देने का सुझाव दिया।

    राज्यपाल ने दिए कई सुझाव

    तीसरी प्रस्तुति करण चंद्राकर द्वारा दी गई, जो केले के अपशिष्ट का उपयोग कर कपड़ा, उर्वरक और ईंटें बना रहे हैं। राज्यपाल ने ईंटों की मजबूती के बारे में जानकारी ली और प्रोटोटाइप परिणामों से संतुष्ट हुए। चौथा स्टार्टअप ‘वॉबल लैब्सÓ था, जो ड्रोन तकनीक पर आधारित है। राज्यपाल और उनके एडीसी सुनील शर्मा ने संस्थापकों को उनके स्टार्टअप के विस्तार के लिए कई सुझाव और समर्थन का भरोसा दिलाया। राज्यपाल ने यह भी सुझाव दिया कि तकनीकी विश्वविद्यालय ड्रोन क्लब स्थापित करे, ताकि छात्रों को ड्रोन तकनीक से सुसज्जित किया जा सके।

    पांचवां स्टार्टअप ‘कोशल आट्र्सÓ था, जिसका संचालन अंकित बंजारे कर रहे हैं। यह स्टार्टअप छत्तीसगढ़ की जनजातीय कला को पुनर्जीवित करने और इसे वैश्विक बाजार तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है। राज्यपाल ने इसे ग्रामीण आजीविका सुधारने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण पाया और किफायती उत्पादों के लिए फाइबर ग्लास का उपयोग करने का सुझाव दिया।

    रेडी टू ईट उत्पादों को सराहा गया

    अंतिम प्रस्तुति ‘छत्तीसगढ़ इंस्टेंट मिलेट फूड प्राइवेट लिमिटेडÓ द्वारा की गई, जो एनीमिया और कुपोषण से लडऩे वाले रेडी-टू-ईट उत्पाद विकसित कर रही है। राज्यपाल इस स्टार्टअप से बहुत प्रभावित हुए। राज्यपाल महोदय ने सीएसवीटीयू फोर्टे फाउंडेशन के इन होनहार उद्यमियों के साथ पर्याप्त समय बिताया और उन्हें आश्वस्त किया कि, राजभवन से हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। सहकार भारती के अध्यक्ष, डॉ. लक्ष्मीकांत द्विवेदी भी इस दौरान उपस्थित थे।