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CG Prime News@भिलाई/जांजगीर. जांजगीर-चाम्पा में कोरोना संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। नैला में कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बाद रात को फिर से जिले के हसौद में एक दो नहीं बल्कि 16 नए मरीज मिले। इसके बाद से लोगों में दहशत और जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

गुरुवार को रिपोर्ट आई कि हसौद में 16 लोग को कोरोना संक्रमित मिले। हसौद कोरोना हाट स्पॉट बनने लगा है। बड़ी बात यह है कि यहां कोरोना संक्रमित एक युवक की मौत भी हो चुकी है। इसके बाद से लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीजो की संख्या यहां बढ़ती जा रहा रही है। बीती रात एक बार फिर हसौद में 16 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजो की पहचान होने से हड़कंप मचा हुआ है। पॉजिटिव आए लोगों में 1 नाबालिग, 8 पुरुष व 7 महिलाएं शामिल हैं। अब तक यहां कुल 120 मरीज कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जा चुके हैं। सभी मरीजों को कोविड हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।

CG Prime News@भिलाई. चरोदा निवासी कोरोना संक्रमित युवक की मंगलवार-बुधवार दरम्यानी रात एम्स रायपुर में मौत हो गई। भिलाई3-चरोदा नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मृतक के निवास क्षेत्र को बुधवार को सैनिटाइज्ड किया। इसे कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार 38 वर्षीय मृतक चरोदा के वार्ड 23 जीई रोड का निवासी है। इससे पहले शुरुआती दिनों में चरोदा के हाउसिंग बोर्ड कालोनी निवासी एक बजुर्ग महिला की भी कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई थी। कोरोना के चलते दूसरी मौत ने चरोदावासियों में खौफ पैदा कर दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार जिस युवक की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हुई है उसे 23 जुलाई से बुखार की शिकायत थी। स्थानीय स्तर पर इलाज के बाद भी जब बुखार कम नहीं हुआ तो 26 जुलाई को उसे एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल रायपुर में भर्ती कराया गया। जहां उसका रैपिड टेस्ट किया गया तो कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। उसे उपचार के लिए एम्स में भर्ती किया गया। जहां 28 जुलाई की देर रात उसकी मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही नगर निगम की टीम ने इलाके को सैनिटाइज करते हुए कलेक्टर के निर्देश पर कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है।

मृतक की मां निकली कोरोना पॉजिटिव

भिलाई-3 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी डॉ. पीयम सिंह ने बताया कि मृतक की पत्नी व बेटा सहित भाई के परिवार के कुल 9 सदस्यों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। लेकिन दूसरे भाई के घर में रहने वाली मां की रिपोर्ट पॉजिटिव है और उसे एम्स में भर्ती कराया गया है। वहीं मृतक के घर के पड़ोस में रहने वाले एक युवक में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम अधिकारी सैय्यद असलम ने बताया कि युवक की मौत के बाद चरोदा और उरला में कोविड जांच शिविर लगाया गया है। निगम आयुक्त कीर्तिमान सिंह राठौर ने लोगों से जागरूकता बरतने की अपील करते हुए बुखार, सर्दी जुकाम होते ही नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाने की सलाह दी है।

CG Prime News@भिलाई. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच में प्रदेश में रेड, ऑरेंज जोन की नई सूची जारी की गई है। जिसके मुताबिक दुर्ग संभाग के 28 क्षेत्र कोरोना के रेड में है। मंगलवार को राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग ने रेड, ऑरेंज जोन वाले विकासखंडों की नई सूची अधिसूचित की है। संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने 6 अगस्त तक लॉकडाउन बढ़ा दिया। ऐसे में रेड जोन एरिया की खास निगरानी के लिए भी जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाने के निर्देश भी स्थानीय कलेक्टरों को दिया गया है। दुर्ग जिले में पांच क्षेत्रों को रेड जोन में रखा गया है। जिसमें सबसे ज्यादा कोरोना से प्रभावित दुर्ग शहरी और भिलाई शहरी क्षेत्र है। इन दोनों ही क्षेत्रों से रोजाना 50 से ज्यादा कोरेाना संक्रमित मिल रहे हैं।

दुर्ग संभाग ये क्षेत्र हैं कोविड रेड जोन में
दुर्ग जिला- धमधा, निकुम, पाटन, दुर्ग शहरी, भिलाई शहरी,
राजनांदगांव जिला- राजनांदगांव शहरी, मानपुर, मोहला, अंबागढ़ चौकी, छुरिया, डोंगरगढ़, घुमका, खैरागढ़, डोंगरगांव, छुईखदान
कबीरधाम जिला- कवर्धा, बोड़ला, सहसपुर-लोहारा, पंडरिया
बेमेतरा जिला- बेमेतरा, नवागढ़, साजा, बेरला
बालोद जिला- बालोद, डौंडीलोहारा, डोंडी, गुण्डरदेही, गुरुर|

प्रति एक लाख जनसंख्या पर सैंपल जांच

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक प्रदेश के सभी विकासखंडों और शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या, इनके दोगुने होने की दर तथा प्रति एक लाख जनसंख्या पर सैंपल जांच की ताजा स्थिति के आधार पर उन्हें रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में पुन: वर्गीकृत किया गया है।

CG Prime news@भिलाई. कोरोना संकट के बीच जिले की पुलिस का एक नयाब चेहरा भी सामने आया। कोबिड-19 के बढ़ते संक्रमण को लेकर जनता भयभीत है। इधर कानून की पाठ पाने वाले वर्दीधारी कोरोना गीत के साथ जनता के बीच सड़क पर उतर आए। जब वे अपनी सूरमयी गीत सुनाने लगे। तब राहगिरों को खुद ब खुद रोकना पड़ा। फिर क्या लोगों से रहा नहीं गया। कोई उनकी वीडियो तो कोई उनकी फोटो अपने-अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया।

आपको बता दें लोगों ने जो वीडियो नया। वह सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में टीआई गोपाल वैश्य सुपेला क्षेत्र में सरेआम सड़क पर गाना गाकर लोगों को कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने जागरुक कर रहे हैं। वहीं वायरल वीडियो में पुराने गीत की नगमें के धुन में गाना गाते दिखाई दे रहे हैं। इस अंदाज में टीआई गोपाल वैश्य ने गीत सुनाए कि कभी सुख कभी दुख यही जिंदगी है। यह पतझड़ का मौसम घड़ी दो घड़ी है, नये फूल जब भी डगर में खिलेंगे उदासी भरे दिन कभी तो ढलेंगे। राहगीर भावविभोर हो गए। उन्हें इतना प्यार दिया कि सराउडिंग में घेर लिया और तीलियों की गड़गड़ाहट से उनका हौसलाफजाई करते रहे।

जमकर मिल रही सराहना

निरीक्षक गोपाल वैश्य के इस गाने की जमकर तारीफ शहर में हो रही है। लॉकडाउन के दौरान आम लोगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से गाया गाना आम लोगों को पसंद आ रहा है। टीआई गोपाल वैश्य ने सीजी प्राइम न्यूज डाट काम से चर्चा में कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर लोगों के मन में उदासी सी आने लगी है। कानून का पाठ तो जनता को अक्सर पढ़ाता रहता हूं। अपने गीत के माध्यम से उनकी उदासी को दूर करने का एक प्रयास किया है।

cgprimenew@नई दिल्ली. एक तरफ पूरे विश्व की निगाहें कोविड-19 वायरस (covid-19 virus) की दवा पर टिकी हैं, वहीं दूसरी तरफ सभी बड़े देश अपने यहां दवा तैयार करने पर जुटे हुए हैं। इस तारतम्य में भारतियों के लिए सबसे अच्छी खबर यह है की यहां कोरोना वैक्सीन बन चुकी (ready to covid-19 vaccine) है। यह कितनी कारगर है इसके लिए दिल्ली एम्स (AIIMS New Delhi) में इसका क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है।

एम्स में सामुदायिक चिकित्सा केंद्र के प्रोफेसर और मुख्य अध्ययनकर्ता डॉ. संजय राय (professor doctor Sanjay Rai) ने बताया कि भारत में निर्मित पहले स्वदेश निर्मित टीके ‘कोवेक्सिन’ (qwinix) के मनुष्य पर क्लीनिकल ट्रायल (clinical trial) का पहला चरण शुक्रवार को एम्स में शुरू हो गया है। इसमे 30 से 40 साल के बीच की उम्र के एक व्यक्ति को पहला इंजेक्शन लगाया गया और उसे ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। इसके साथ ही एम्स में परीक्षण के लिए पिछले शनिवार से 3 हजार 500 से अधिक लोग अपना पंजीकरण करा चुके हैं, जिनमें से कम से कम 22 की स्क्रीनिंग चल रही है। डॉ. संजय रॉय ने बताया की ‘‘दिल्ली निवासी एक व्यक्ति को यह इंजेक्शन दिया गया। इसके बाद दो दिन बाद जांच में उसके सभी स्वास्थ्य मानदंड सामान्य स्तर पर पाये गये थे। उसे कोई अन्य बीमारी भी नहीं है। इंजेक्शन से 0.5 मिलीलीटर की पहली डोज उसे दोपहर 1.30 बजे के आसपास दी गयी, अभी तक कोई दुष्प्रभाव नहीं (no side effect) दिखाई दिया है, वह दो घंटे तक देखरेख में था और अगले सात दिन उस पर निगरानी रखी जाएगी।

दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए एम्स समेत 12 संस्थानों को चुना

क्लीनिकल परीक्षण में शामिल कुछ और प्रतिभागियों की स्क्रीनिंग रिपोर्ट आने के बाद शनिवार को उन्हें टीका लगाया जाएगा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने ‘कोवेक्सिन’ (covid vaccine) के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए एम्स समेत 12 संस्थानों को चुना है। पहले चरण में 375 लोगों पर परीक्षण होगा और इनमें से अधिकतम 100 एम्स से होंगे, राय के अनुसार दूसरे चरण में सभी 12 संस्थानों से मिलाकर कुल करीब 750 लोग शामिल होंगे, पहले चरण में टीके का परीक्षण 18 से 55 साल के ऐसे स्वस्थ लोगों पर किया जाएगा जिन्हें अन्य कोई बीमारी नहीं है।

12 से 65 वर्ष के व्यक्त पर परीक्षण
एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि दूसरे चरण में 12 से 65 के 750 लोगों पर यह परीक्षण किया जाएगा। एम्स पटना और अन्य संस्थानों में भी पहले चरण का मानव परीक्षण शुरू हो चुका है। ‘‘पहले चरण में संबंधित टीके की सुरक्षा देखी जाती है। यह किसी भी क्लीनिकल ट्रायल (clinical trial) का सबसे महत्वपूर्ण चरण है। इसमें दी जाने वाली खुराक की रेंज भी मापी जाती है।

cgprimenew@bigbreaking.भिलाई. लॉकडाउन के बीच शुक्रवार को जिले में 24 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले से प्रशासन में खलबली मच गई है। बीएसएफ के 15 जवान संक्रमित हुए है। वहीं 9 मरीज अलग-अलग क्षेत्र से शामिल है। स्वास्थ्य विभाग की टीम उन्हें अस्पताल पहुंचाने और उनकी ट्रेवेल हिस्ट्री की खगासन की तैयारी में जुट गई है।

जिला स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीएसएफ के 15 जवानों की पॉजिटिव रिपोर्ट आने से विभाग में हड़कंप मच गया। साथ में ड्यूटी करने वाले जवानों की खोजबीन शुरू कर दी गई है। इधर जिले के धमधा ब्लाक में पहली बार दो मरीज मिले है। भिलाई कैंप एक-1, कैंप-दो-3, अहिवारा-1 जेवरा-1 और जामुल में 1 मरीज पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के जवान कोरोना के पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों व इनकी ट्रेवहल हिस्ट्री का पता लगाने में जुटी हुई है।

Cgprimenews.com@बीजापुर. प्रसव पीढ़ा से कराहती गर्भवती महिला को परिवार के 4 लोगों ने बर्तन ( गंज ) से चिंतावागु नदी पार कराया. नदी के इस तरफ गोरला से गर्भवती को भोपालपट्टनम हॉस्पिटल लाया गया। नवजात के आने की खुशी उस वक्त मातम में बदल गई जब नर्से ने उन्हें बच्चे के गर्भ में ही मृत होने की खबर सुनाई. अब परिजन डॉक्टर्स और स्टाफ नर्स पर लापरवाही बरतने और बच्चे की मौत के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं. ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर को लिखित शिकायत कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

मिनकापल्ली निवासी हरीश यालम की पत्नी लक्ष्मी यालम गर्भधारण के बाद अपने मायके मीनुर गई हुई थी.13 जुलाई को प्रसव पीढ़ा बढ़ने से जान जोखिम में डालकर परिवार और गांव के 4 लोगों ने भोजन पकाने वाली गंज ( बर्तन) में बैठाकर उफ़नती चिंतावागु नदी को पार कराया. चिंतावागु नदी की धारा और फैलाव ज्यादा होने कारण जान का खतरा ज्यादा था. बावजूद प्रसव पीढ़ा से कराहती महिला को ग्रामीणों की मद्दत से नदी पार गोरला लाया गया. गोरला से भोपालपट्टनम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।

परिजनों की खुशी उस वक्त मातम में बदल गई जब उन्हें स्वास्थ्य विभाग के नर्स ने गर्भ में ही बच्चे के मृत होने की सूचना दी. अब परिजनों ने बच्चे की मौत के लिए उस वक्त ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर गोपी किशन और सहयोगी स्टाफ नर्स को जिम्मेदार बताया है. परिजनों के मुताबकि नर्स और डॉक्टर्स डिलीवरी कराने में देरी कर रहे थे. स्टाफ नर्स और स्टाफ लगातार उन्हें जच्चा- बच्चा के स्वास्थ्य होने की सूचना दे रहे थे। छुट्टी के बाद नए स्टाफ नर्स को आने में देरी हुई. वहीं प्रसूता को देखभाल भी नियमित नहीं किया जा रहा था. जहां डॉक्टर और नर्स जच्चा- बच्चा के स्वस्थ होने की बात कह रहे थे. वहीं रात 8 बजे के करीब गर्भ में ही बच्चे के मरने की खबर दी गई।

लापरवाही से परिजनों में आक्रोश पूरे मामले में अब परिजन डॉक्टर और नर्स पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. परिजनों के मुताबिक डॉक्टर और स्टाफ नर्स की लापरवाही से बच्चे की जान गई है. ऐसे लापरवाह कर्मचारियों को सरकारी सेवा से बेदखल करने की मांग आक्रोशित परिजन कर रहे हैं।

शिकायत मिली है, जवाब के बाद करेंगे कार्रवाई ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ.रामटेके ने कहा कि परिजनों ने लिखित शिकायत डॉक्टर गोपी किशन और नर्स के खिलाफ की है. परिजनों के शिकायत के आधार पर सभी को शो-काज नोटिस दे दिया गया है. उनके जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे।

बता दें मीनुर से भोपालपट्टनम की दूरी 15 किमी है, मगर मीनुर और गोरला के बीच चिंतावागु नदी में पुल नहीं बना है. जिस वजह से बारिश के समय यहां स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच पाती. वहीं छोटे से भोजन पकाने वाली बर्तन में गर्भवती महिला को जान जोखिम में डालकर लाना साबित करता है कि देश और प्रदेश में विकास और तरक्की के दावे खोखले हैं. आज भी मां बहन बेटियां बर्तन में बैठकर प्रसव के लिए हॉस्पिटल तक जाने मजबूर है।

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