धमतरी वन से घोषित 87 ग्रामों में राजस्व सर्वेक्षण कार्य पूर्ण, तैयार किया जा रहा अभिलेख

– सर्वेक्षित 5 ग्रामों में ग्रामवासियों को नक्शा, खसरा एवं बी-1 का वितरण कंप्लीट

– ग्रामों का सर्वे कर शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने जिला प्रशासन कृत संकल्पित

CG Prime News@धमतरी. वन से घोषित राजस्व ग्रामो के निवासियों को शासकीय योजनाओं से लाभान्वित करने जिला प्रशासन कृत संकल्पित है। जिले के असर्वेक्षित ग्रामों का सर्वेक्षण करने कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने जिला स्तरीय सर्वे दल का गठन किया। अलग अलग ग्रामों में लगभग 40-50 सदस्यीय सर्वे टीम द्वारा सर्वे कार्य जारी है। 87 ग्रामों का सर्वेक्षण कर लिया। 31 ग्रामों का अभिलेख भी तैयार हो गया।

कलेक्टर द्वारा सर्वेक्षण के लिए कार्ययोजना तैयार कर सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा। अब तक 87 ग्रामों का सर्वेक्षण हो गया। अब अभिलेख तैयार किया जा रहा। तीव्र गति से सर्वे करने टीम को प्रशिक्षित करने विषय विशेषज्ञ और जिला मास्टर ट्रेनर दीपचंद भारती, राजस्व निरीक्षक भू अभिलेख शाखा मौके पर जाकर प्रशिक्षण भी कर रहे। संयुक्त प्रयास से अब तक 31 ग्रामों का राजस्व अभिलेख तैयार किया जा रहा, 9 ग्रामों के अभिलेख को भुंईया पोर्टल मे अपलोड करने आयुक्त कार्यालय भेजा जा चुका। 5 ग्रामो का भुईया पोर्टल में अपलोड किया जा चुका है और ग्रामीणों को नक्शा, खसरा और बी 1 दिया जा चुका है। इस सप्ताह 9 ग्रामो का अभिलेख तैयार कर शासन को प्रेषित कर दी जाएगी। खरीफ मौसम के शुरू होने के पूर्व 57 ग्रामो का अभिलेख तैयार कर अपलोड करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया, शेष 30 ग्रामो का अभिलेख तैयार कार्य प्रगतिरत है।

प्रक्रिया पर एक नजर

पहले राज्य में बंदोबस्त विभाग द्वारा नवीन ग्रामो का बंदोबस्त किया जाकर सर्वेक्षण कर राजस्व अभिलेख तैयार किया जाता था। एक ग्राम का बंदोबस्त करने में औसतन 3-4 वर्ष लगते थे। यह कार्य बेहद जटील ,तकनीकी कार्य है, जो राजस्व सर्वेक्षण कार्यो में दक्ष व पारंगत अनुभवी कर्मचारियों के द्वारा संपादित किया जाता है। सर्वे कार्य मे जरा सी चूक से बरसों तक संबंधित कृषक परेशान होते है। राजस्व सर्वेक्षण का कार्य जल्दबाजी में करने से अभिलेंखों में शुद्धता नहीं रहती। इसे विभिन्न चरणों से गुजरना पड़ता है। अब शासन द्वारा बंदोबस्त को खत्म कर दी गई है।

राजस्व सर्वेक्षण कार्य की ड्रोन से निगरानी

राजस्व सर्वेक्षण अब सेटेलाईट इमेजिंग प्रणाली या ड्रोन से एरियल फोटोग्राफी कर किया जा रहा। इससे सर्वे कार्य मे परिशुद्धता बनी रहती है और कम समय मे अधिक कार्य होता है। यह सर्वेक्षण पांच चरणों मे संपादित होता है। ग्राम की अधिसूचना, आईआईटी रुढ़की द्वारा गांव में कोआर्डीनेट लेकर बाऊंड़्री फिकेशन हेतु सेटेलाइट से नक्शा उपलब्ध कराता है। उसका भौतिक सत्यापन कर विसंगतियों को दूर कर रूड़की भेजा जाता है। वहाँ से नक्शा मिलने पर ग्राम पंचायत में प्रथम प्रकाशन कर दावा आपत्ति आहूत की जाती है। दावा आपत्ति के निराकरण कर पुनः रुढ़की भेजी जाती है। रूड़की से संशोधित नक्शा आते ही अंतिम प्रकाशन कर दावा आपत्ति मंगाकर उसका निराकरण किया जाता है।

भुंईया साफ्टवेयर में किया जाएगा अपलोड

कलेक्टर के आदेश से इसके बाद भू राजस्व संहिता 1959 की धार ा107, 108, 235, 236, 237, 242, 248 मे दिये गये नियमों व उपबंधो के तहत क्षेत्र नक्शा, खसरा, बी वन, अधिकार अभिलेख, निस्तार पत्रक, मिशल अभिलेख, रीनंबरिंग सूची और अन्य सहायक क्षेत्र अभिलेख तैयार कर की जाती है। तैयार अभिलेंखों का त्रिस्तरीय जांच भू-अभिलेख शाखा में की जाती है। परिष्कृत अभिलेख तैयार हो जाने के बाद सर्वेक्षण समाप्ति की अधिसूचना जारी करते हुये भुंईया साफ्टवेयर में अपलोड कराने की कार्यवाही की जाती है। उसके बाद नवीन राजस्व ग्राम के संबंधित पटवारी द्वारा आनलाईन अभिलेख प्रविष्टि की जाती है। पूरे राज्य मे 1043 वनग्राम का सर्वेक्षण जारी है, जिसमें धमतरी के 87 वनग्राम से घोषित राजस्व ग्राम सम्मिलित है।