आरबीआई ने आईआईटी भिलाई में दिया डिजिटल करेंसी का डेमो, इसे चुरा या हैक नहीं कर पाएंगे, यूपीआई से 8 गुना होगी अधिक सुरक्षित, ठगी की वारदात भी रोकी जा सकेगी

भिलाई . जिस तरह अभी आप यूपीआई के जरिए फंड ट्रांसफर करते हैं ठीक वैसे ही अब भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरसबीआई की डिजिटल करेंसी का भी उपयोग कर सकेंगे। आरबीआई के निर्देश पर तमाम बैंकों ने अपना डिजिटल कैंपस ऐप्स जारी कर दिया है। यह डिजिटल करेंसी बिल्कुल वैसे ही दिखेगी जैसी असल नोट दिखाई पड़ती है। फर्क सिर्फ इतना होगा कि आप इसे छू नहीं पाएंगे, लेकिन पैसा काम वैसे ही करेगा, जैसे अभी करता है। शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक के दो अधिकारी सहायक प्रबंधक स्वप्निल शानू और अदीति दुबे ने आईआईटी भिलाई पहुंचकर आरबीआई की इस डिजिटल करेंसी का डेमो दिया।

ब्लॉकचेन में रहेगा सारा डाटा

एक्सपर्ट ने कहा कि डिजिटल करेंसी यूपीआई की तुलना में और भी अधिक सुरक्षित है। आरबीआई ने डिजिटल करेंसी के पूरे सेटअप को ब्लॉकचेन (खास कंप्यूटर कोडिंग) के जरिए  तैयार किया है। ब्लॉकचेन की वजह से डिजिटल करेंसी को हैक नहीं करना संभव नहीं है। हर ग्राहक का डाटा ब्लॉकचेन में सुरक्षित रहता है, जिससे यदि कभी कोई हैकर्स डाटा चोरी करने की कोशिश करता है तो सभी गुप्त सामाग्रियां अपने आप ही क्लाउड के लाखों चेन में विभाजित हो जाती है। जिसे एक्सेस नहीं किया जा सकता। इस तरह ग्राहक के रुपए और डाटा दोनों ही सुरक्षित रहेंगे।

डिजिटल करेंसी पूरी तरह लीगल टेंडर

आरबीआई से आए सहायक प्रबंधकों ने बताया कि, आरबीआई से जारी होने वाला डिजिटल रुपया पूरी तरह से लीगल टेंडर है। इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट के बराबर ही होगी। आरबीआई की डिजिटल करेंसी आने से आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। धीरे-धीरे देश से नोट वाली करेंसी खत्म करने की योजना है। आप अपना पूरा पूरा ई-वॉलेट में रख सकेंगे। इसके अलावा यूजर्स इसे बैंक मनी और कैश में कन्वर्ट कर सकेंगे।  सबसे बड़ी बात यह है कि डिजिटल करेंसी का सर्कुलेशन पूरी तरह से आरबीआई के नियंत्रण में होगा। जिस तरह अभी आरबीआई नोट छांपती है, वैसे ही डिजिटल करेंसी भी तैयार करना आरबीआई की जिम्मेदारी होगी। जिस तरह अभी नोटों को तैयार करने तमाम तरह के फीचर्स दिए जाते हैं, वैसे ही डिजिटल करेंसी में होंगे।

बैंकों ने जारी किया एप्लीकेशन

आरबीआई के निर्देश पर सभी निजी और शासकीय बैंकों ने अपने डिजिटल करेंसी मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च कर दिए हैं, जिन्हें गूगल प्ले स्टोर और आईओएस से  जाकर डाउनलोड किया जा सकता है। प्ले स्टोर पर आपको हर बैंक के अलग ऐप मिलेंगे। जिस बैंक में आपका खाता मौजूद है, वह ऐप डाउनलोड करके डिजिटल करेंसी का उपयोग तुरंत किया जा सकता है। ऐप डाउनलोड करने के बाद आपको टू स्टेप वेरीफिकेशन करना होगा। सभी दस्तावेजों की जांच के बाद बैंक आपको डिजिटल करेंसी उपलब्ध करा देगी। जिसे आप किसी भी देनदेन में यूज कर पाएंगे।

क्यों हो रही कोशिश

भारत में डिजिटल रुपया वित्तीय समावेशन को बढ़ाने, औपचारिक वित्तीय सेवाओं तक अधिक पहुंच बनाने  के लिए शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य तेज और अधिक सुरक्षित डिजिटल भुगतान विधियों के माध्यम से लेन-देन में दक्षता को बढ़ावा देना है। देश की तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल बिठाना, डिजिटल-प्रथम अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना भी इसका मकसद है। भौतिक मुद्रा पर निर्भरता को कम करना और संभावित अवैध गतिविधियों को रोकने में भी इससे मदद मिलेगी।

ई-रुपी कैसे लोड करें?

उपयोगकर्ता अपने लिंक किए गए बैंक खाते के माध्यम से आवश्यक टोकन राशि लोड कर सकते हैं या डिजिटल रुपए के विभिन्न मूल्यवर्ग का चयन कर सकते हैं। इसके लिए आपको ऐप की जरूरत पड़ेगी, जिसके वॉलेट में आप अपना डिजिटल कैश लोड करेंगे। इसके लिए भी आपको बैंक पिन की जरूरत पड़ेगी। राशि सीधे बैंक खाते से डेबिट होकर वॉलेट में क्रेडिट हो जाएगी।