भिलाई . छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग और फार्मेसी के तीसरे और पांचवे सेमेस्टर और डिप्लोमा इंजीनियरिंग के तीसरे सेमेस्टर में कॉलेज बदलने की चाह रखने वाले विद्यार्थियों के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। ऐसे छात्रों को कॉलेज स्थानांतरण के लिए अनापत्ति पत्र टी-१ व टी-२ फार्म ३१ अगस्त तक जमा करना होगा। इसके बाद सीएसवीटीयू इंटरनल काउंसलिंग की व्यवस्था बनाएगा। ३१ अगस्त के बाद आवेदन जमा नहीं होंगे। इसी तरह सीएसवीटीयू ने विश्वविद्यालय बदलने वाले विद्यार्थियों को भी इसी तिथि में आवेदन करने को कहा है। दरअसल, कई बार छात्र जिस कॉलेज में प्रवेश लेते हैं उनकी पढ़ाई और सुविधाओं से खुश नहीं होते। कई बार विद्यार्थी निजी कारणों के चलते भी संस्था या सीधे विश्वविद्यालय ही बदल देते हैं। सभी विद्यार्थियों के आवेदन जमा होने के बाद किसी भी एक तिथि पर सीएसवीटीयू सभी विद्यार्थियों को परिसर में बुलाएगा। इससे पहले छात्र जिस संस्था में स्थानांतरण चाहता है उसकी मंजूरी भी पूछी जाएगी। खास बात यह है कि छात्र ने जिस फीस स्ट्रक्चर से पुराने कॉलेज में प्रवेश लिया था, उसी फीस के साथ नए कॉलेज में स्थानांतरण करना होगा।
पहली बार चुकाना होगा स्थानांतरण शुल्क
पहले तक कॉलेज चेंज और विश्वविद्यालय स्थानांतरण के लिए सीएसवीटीयू कोई भी शुल्क नहीं लिया करता था। पूरी प्रक्रिया नि:शुल्क होती थी, जिसे सीएसवीटीयू ने हाल ही में कार्यपरिषद की बैठक बुलाकर बदल दिया। सीएसवीटीयू ने तर्क दिया कि कॉलेज ट्रांसफर या विश्वविद्यालय स्थानांतरण के कार्य के लिए सीएसवीटीयू स्टाफ का इस्तेमाल होता है। इसके साथ ही कई सारी व्यवस्थाएं भी करनी होती है। इसके एवज में स्थानांतरण शुल्क लिए जाने का निर्णय लिया गया। अहम बात यह है कि सीएसवीटीयू स्थानांतरण के लिए शुल्क को बंपर अमाउंट में बदल दिया। कॉलेज स्थानांतरण के लिए भारी भरकम दो हजार रुपए का शुल्क लगाया। इसी तरह विवि बदलने की स्थिति में स्थानांतरण की राशि ५ हजार रुपए कर दी। पिछले साल इस नय नियम से स्थानांतरण नहीं किए गए, लेकिन इस बार सीएसवीटीयू ने प्रक्रिया को पूरी करने के लिए शुल्क अनिर्वाय कर दिया है। इसको लेकर सर्कुलर भी जारी कर दिए गए हैं।
हर साल होते हैं कई ट्रांसफर
सीएसवीटीयू हमेशा से ही ब्रांच, संस्थान और विश्वविद्यालय स्थानांतरण करने का विकल्प देता आया है। इसके कारण हर साल तीसरे और पांचवे सेमेस्टर में छात्रों के पास ऑप्शन होता है कि अपना संस्था बदल सकते हैं। हर साल सैकड़ों छात्रों के आवेदन इसके लिए आते हैं। हालांकि विश्वविद्यालय बदलने के मामले कई ही होते हैं। सीएसवीटीयू का कहना है कि विश्वविद्यालय बदलने की स्थिति में छात्रों को ट्रांसस्किप्ट जैसी कई चीजें सौंपनी होती है, जिसे वे नए विश्वविद्यालय में पहुंच कर दिखाते हैं। इसी से नए विश्वविद्यालय को उनकी पढ़ाई का अंदाजा लगता है। टी-१, टी-२ के सबसे अधिक प्रकरण सरकारी कॉलेजों के साथ होते हैं। ब्रांच चेंज भी छात्रों द्वारा सबसे अधिक किया जाता है।
पीएचडी भी हो गई महंगी
सीएसवीटीयू से पीएचडी करना दिनोदिन महंगा साबित हो रहा है। प्लगरिज्म सॉफ्टवेयर से थीसीस की जांच के लिए पहले जहां दो हजार रुपए शुल्क अदा करना होता था, वहीं अब इसके लिए शोधार्थियों को चार हजार रुपए चुकाने होंगे। थीसीस की जांच के दौरान नकल चेक करने के हर अटेंप्ट में इसका शुल्क दोगुना होता जाएगा। पहले अटेंप्ट में दो की जगह चार हजार रुपए और दूसरे अटेंप्ट में तीन के बजाए ५ हजार रुपए चुकाने होंगे। तीसरा अटेंप्ट लेने पर शुल्क की राशि ८ हजार रुपए हो जाएगी। सीएसवीटीयू ने अधिसूचना निकालकर शुल्क में बढ़ोतरी करने का निर्णय शोधार्थियों के सामने रखा है।
कॉलेज और विश्वविद्यालय स्थानांतरण के लिए टी-१ और टी-२ अनापत्ति पत्र जमा करने ३१ अगस्त तक की मियाद दी गई है। इसके बाद काउंसलिंग कराएंगे। इस साल से स्थानांतरण के लिए शुल्क भी देना होगा।अंकित अरोरा, कुलसचिव, सीएसवीटीयू
